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राजस्थान रा जिला रो नक्शो
(आभार राजस्थान पत्रिका)

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रवि पुरोहितजी

मारवाड़ी विवाह गीत

संकलन- श्रीमती सुगनीबाई बोहरा, श्रीमती कंचनबाई गादिया

223 फेरा खावे जद
पेले तो फेरे बनडी बाबोसा री बेठी
दूजे ती फेरे बनडी काकारी भतीजी
इग्ण्ये तो फेरे बनडी मामारी भाणीजी
चौथे तो फेर बनडी हुई रे पराई

224 हथ लेवा रो गीत
छोडो जमाई सा बाई सा से हतलेवो
छोडो जमाई बाई रो हतलेवो
इण रे हतलेवे हेत लगावाजा
इण रे हतलेवे हेत लगावजो

225 डेरे पहुंचाने रो गीत
आलो लीलो मरवोने नब छजा छायो
अपना ओ बेबी बाई की घरे देसा
अपानी जोडी रो सगो जोयने देसा
राय उमरावां री होड मती करजो
सोलह वर्ष मारी बनडी गूथी हे ढोरी
जीन सुख मीलायां मारा नेनडीया जमाई
थे सुख जोवजो मारा कोडीला जमाई
थाने परणावू मारी अखण्ड कवांरी
अखण्ड कवांरी ओ बनडा सदा ही सवागण

226 बीन्द राजा दूसरे दीन कलेवो करने आवोजो रे
थे आया बीन्द राजा आया
थे पेची मांगी लाया ओ शाला
।।थाने टेरको वायो।। मारी माता रान्धयो लपठो
थारो सेस कडूम्बो नकठो शाला ।थाने।
थारी माता रान्धी लापसी
थारो शेश कडुम्बो तपसी ओ शाला ।थाने।

227
पान नहीं लाया शाला बीडला नहीं लाया
तो नाम (नाम) बाई पीहरीये क्यू आया हो
ननदोईसा थारो रंगीली शाल्य कोडकरे
कोड करे छे अरज करे छे उबी उबी मार्गीया
बतावे हो जगाई सा थारी रंगीली शाडया कोड करे

बधावी पाछा आवे झदे
228 डेरे पहुंचाय ने पाछा आवे जरे बधावो
आ तो ऊंची जी मेडी कल रही
ए मतो दिवलो बल रे मजाजो जी
।।लसूम्बल वीर बधामणा।।
जठे हीगलू जो ढोज्यो ढल रहयो
ातो फूला छाई सेजो ।कसूम्बल।
ये तो मांय नाम बोढीयां
ये तो मांय (काकोसा) पोढीयां
आरी आयवण ढोल वायो
डोल ढोलन्ता यू कहयो
सायब कीण सूख आई थाने आई थाने नीन्द।कसूम्बल।
बाई लीक्ष्मी परजाई मेली सासरे
आनन्द री रा झेल्या नालेरो ।।कसूम्बल।

229 बधावो
ये मोती समदरीया में नीपजे
ये मोती दादोसा रे कानो बधावो राआ राम रो
ये मोती बाबोसा रे कानो बधावो राजा राम रो
ये मोती काकोसना रे लानो बधावो राजा राम रो
भाग भलो जी मारा सासूजी
जा जाय सासूजी रा पूतो बधावो राजा राम रो
जा जाया बाईसा रा वीरा बधावो राजा राप रो

230 करे भी श्याणा रा घरे जावे जद गावे
(जात का नाम) रो आयो रे घडीन्दो
री छाती डडके डर पो मती
वव डर पो मती वेवाया वाली पे
लोंजासा डर पो मती
घर घर री में एक एक आयी
थारी छती क्यू डरपे डर पों मती व डर पो मती
आल पाल री भाजी रान्धी
आलण घाल्यों मण्वा री बल हठ गयो
बल बल हठ गये (नाम) रसीया रोबल हठ गयो
खरी खाण्ड रा भोजन रान्धया
आलण घाल्यो मीश्री रो बल हठ गयों
जीम चूठ मारा घर सू आया
चलू लों में जाय करसा उर पों मती
व व डर पो मती

231 बेठी सासरे जावे जद रावे
मारी खर खरीयां री बीठी जी
मे तो दूध पायने मोठी कोधी जी
मे तो खाजा सू खेलाई जी
मे तो पापड सू पढाई जी
में तो लाडू सू लडाई जी
मोडी उठे वेगी उठे हेला मती करजो
होले बोले आंचे बोले हेला मती करजो
मीठो पीसे मयो पीसे हेला मती करजो
जाडो पोवे पतली पोवे हेला मती करजो
होले हाले आंचे हाले हेला मती करजो
धीमे जीमे आचे जीमे हेला मती करजो
टी.वी. देखे रेडीयो सूने हेला मती करजो

232
ये आम्बा पाका ने आम्बेली
ये आम्बेलीया री ढाल। कोयल बाई सौद चाली।
मे थाने पूँछू मारी (नाम) बाई
इतरो बाबोसा सू हेत
मे थाने पूछ मारी (नाम) बाई
इतरो माताजी सू हेत छोड़ने बाई सौद्ध चलो
इतरो भुजइ सा उ हेत छोडने बई सीद्ध चाली
ए आयो सगारो सूगठो
ये लो गयो टोली मांसू टाल गायगउ मल ले मयी
ये रमती सहेंल्यां रे साथ गायड मल ले गयो

232 बिनाई रा गीत
मां बाप का छोड़ दुलार भाई का प्यार लाडली
जाओ अपना घर म्बर्ग बनाओ।टेर जी।
दूखता आता रोतना ह घर से जा रहा खिलौना है
मेरी बिटाय मत रोवो चूप ही जारों।1। कन्या
परधन कहलाती है ससुराल एक दिन जाती है

233 बिदाई रा गीत
आनन्द निकेतन की कोकील बन जाओ।2।
जितना ही दूर स्वप्न जाता।
स्नेह सूत्र भी उतना बढ जाता।
राजा बेठी पीहर की याद भूलाओ।3।
सबहसे अच्छा व्यवहार रहे सन्मान रहे सत्यार रहे।
जो दीक्षा देवे प्रेम से शीस चढ़ाओ
प्रति दिन नवकार मंत्र पढ़ना। इसपे ही दृढ़ निश्चय करना
प्रभू भजन किये बिन कभी न भोजन खाबो।5।
मत करना अपनी मनमानी।
बनकर रहना घर की राणी।
पति सेवा में सीता मेना बन जावो।6।
सखियों से नन्द जठाणी से।
सासू या देवराणी से मत करो लड़ाई
चुगली कभी न खाओ।7।
जाती का नाम बड़ा करके।
स्वदेश की आन बचा करके।
भारत माता की वीर पुत्री कहलावो।8।

234 मां से आशीश मांगे
मां देदे शूभ आशीष। चढ़ा कर शीश सुखी हो जाऊं।।
अपना कर्तव्य निभाऊं।ढेर।
गोदी में सर्व्ग का सुख पायी नहीं कभी भी गर्म हवा आयो।
माँ इस ममता को केसे भलाऊँ।1।
अपना सुख सारा बार किया।
प्राणओं से बढ़कर प्यार किया।
उपकार का बदला कैसे चुकाऊं।2।
किस प्रेम से मुझे पढ़ाती थी।
तू कितना लाड लडाती थी।
मां बोल आज क्या विदा दे रही जाओ।3।
माँ तेरी याद जब आवेगी।
रो रो हिचकी बंध जाएगी।
प्यारे पीहर को छोड़ कैसे जाऊँ।4।
रूठी को कौन मनावेगा। मनुहार से कौन खिलावेगा।
अपनी सुख दुख की बातें किसे सुनाऊं।5।
माँ मुझको नही भूला देनां।
भैया को भेज बुला लेना।
उत्तर देना जब तुझे पत्र पडाऊं।
ऊंचा आदर्श दिखाऊगी।
जीवन में ज्योति जगाऊगी।
सुगहिणी बनकर सेवा सदा बजाऊं।
।।अपना कर्तव्य निभाऊँ।।

234 नेत बेटे व पेरावणी देव जद गावे
मारे आँगण राय जवत्री री रूखो मारा मरूजी
सजणा रे आंगण एलची जी
बरसण लागो सावण्यो रो मेलो मारा पीवजी
झबुकन लागी एलची जी (बीजली जी)
सोने रूपे ईट पडावो मारा मरूजी
जीणरा जणावो मीन्दर मलीयां जी
ऊंचा नीचा मेल चुणावो मारा मरूजी
चारो दिशा में राखो जालीया जी
मेला दिवलो उजालो मारा मरूजी
चारू दिशा में वेशी चांदणो जी
मेला मे जाजम डालो मारा मरूजी
व्याही व्याही चोपड खेलसी जो
खेल्या खेल्या सारोडी रातो मारा मरूजी
कूण हारीयां कूण जीत्याई हार्या हार्या राज
कंवर रा बापो मारा मरूजी पोटण व्याही जीत्या जी
हम्ती मायला छोका हक्ती हारो मारा हीवजी
राज कंवर मती हराजो जी
घूडला मायला धोला घूडला हारो मारा पीवजी
राज कंवर मती हारजो जी
घेणा मायला छोको घेणो हारो मारा पी।राज।
बूगचा मायला छोको कपडो हारो लारा पीवजी।राज।
हारयां हारयां जूग ने संसारो मारी गोरी
पछे मेही  हारयां जी पेली हारय थारोडा बापो मारी गोरी
पछे मेही हारीयां जी
धावर धियो करे जद गावे
धावर धिंगो ठीको काढसी
राय जांदी जांवर चेढसी
धाबड धिंगो ठीको काढसी चेढसी

236 बीन्द बीन्दाणी ने बदावे जद गावे
आज आनन्द बधाणणा जी
लारोडी बेनड घर माये सपंज राखयोये।
सूसरना ने पीता समान मानजो ए
सूसाजी रे पाय लागजो ए।सारोडी।
जेयठ साने भाई मानजो ए
भाभीसा ने बहन मानोजो ए।सारोडी।
देवर साने लौडया वीरा मानजो ए
देवरानी ने बहन मानजो ए।सारोडी।
ननदल ने बेनड मानजो ए
आज सोना नो सूरज उगीयो ए
सारोढी बेना घर मांय सापंज राखजो ये

237 थाली चूगे जणे
यु खडकावे ने यू लडकावे तो
मांवड वेसी झूठा जीं
झुठा होसी मारो कावण लेसी तो
ले बनडी न्यारी जी
यु खडकावे ने यू भडकावे तो
भांवड बेसी सूधा जी
सूधा होसी मारो कावण तो सी तो
ले बनडो भेली रेसी जी

238 थाली चूगे जणए गावे
थू तो ओ घर ओ वर मान ये
थू (नाम) बाबोसा जान ए
थू सायर बाई सासूजी मान ए
थू बीदाम बाई जेठाणी मान ए
थू नाम देवर सा जान
थू चम्पाबाई ननदल मान ए

230 जमाई ने तालो देव जद गावे
ताला के गीत
जमाई सा तो सेर सीधाव्या रे लाल
धोरी आरी धान नहीं खाय रे
।रंगीली आरी बादली रे लाल
गोरी आरी खावे खारक खोपरा रे लाल
पीवे कचोल्या रो दूध रे।।रगीली।।
जमाई सा तो केवे धोरी फूठरा रे लाल
धोरी आरी (नेणा) नीचार रो रूप रे।।रंगीली।।
चमाई सा तो केवे धोरी दूबला रे लाल
दोरी आरी मेला रो सीणगार रे।।रंगीली।।
जमाई सा ता केवे गोरी वीरा घणा रे लाल
गोरी वारी सेजा रो सीणगार रे।।रंगीली।।

240 दूसरो गीत
तालो जी कूण खटकावीयो जी
मारे रेण पाछलडी जी रात
तालो जमा ी सा खटकावीयो जी
मारे रेण बाछलडी जी रात
थे ओ माताजी भले आवजो जी
मारे ताला रो नेग चुकाय
ताला रो नेग चुकावीयांजी
मारा भुजईसा बेग बुलाय
थे ओ भूजईसा भले आवोज जी
मारे ताला रा गीत गवाय
थे ओ सहेलीयां भले आवजोजी
मारा ताला री गीत गवाय

241 तीसरा गीत
जमाई सा कन्दोई रे जाय
लाडु मोटा मोटा सांध वेलू रेत रा रे लाल
माये सकर न घाल वेसलू रेत रा रे लाल
माये खो ोपरा न घाल काची ठीकरी रे लाल
माये फूल न घाल सूखी पानडी रे लाल
माये पीक्ता न धाक कांची नींबोल्या रे लाल
माये इलायची न धाल कोरी माख्या रे लाल

242 ताला रे गीत
धोरी दिललो उजाल लाडु जीमसा रे लाल
लाडु जडीम्या सारी रात छोटा मीठा देख्या रे लाल
बाईसा थोडो सो चकावो नहीं नहीं तर भाण्डसा रे लाल
भुजईसा उगणदो प्रभात आडो खोलसा रे लाल
भूजईसा उगणदो प्रभात जडाको लेवसा रे लाल

243 चोथो गीत
जमाई सारी आख्या रे सादर बान्दर लागाजी
मून्डे नहीं बोले साला आख्या नहीं खोले जी
आगरा रो गागरो पेरावती ही सोमे जी
उगीया पुर री चून्दडी ओडावता ही सोमेजी
सूरमारी कांचली पेरावता ही सोमेजी
सूसरोसा री पोल जागे दे दे ताली नाचे जी
दे दे तालो नाचे नाला जी बडो जूगत सू नाचे जी
पेररू लंगीठो साला नेवां उतर नाखो जी

244 जमाई सासरे आवे जद गावे
मालीयां
धोया धोया थाल परोरीयां भात दे
आवो गीरा (घर रा नाम (थे थाणे थे ताले हाथ में
भाणए घालो हाथ बतावो थारी जात रे
बाप मारा राजवी ने माय सूजाण रे
हारो री भाई विणज करे मारी  बेन सावण री तीज रे
वासी कूसी थाल परोसीयां भात बे
आवो गीरा (जमाई का नाम) थे भाणे घालो हाथ बे 3
भाणए घालो हाथ बताओ थारी जात
बाप मारा ढोकरा ने माय चोनाल रे
चारो ही भई चोरठा मारी बेन उद्धाल रे
जावूला जेपर लाबूजा काच रे
देख मारी जामण जारी उतर जारी पार रे
पुस्कर जी री पीडीयां में पडीत सरायो रे
(टावर का नाम) मूत माये बेनोईसा नाबे रे
उव उब (टाबर का नाम) खांख पदावे रे
हेर हेर मारा बेगोसा गंगा नावेरे
गंगा नाय गोदावरी नावे रे

245 खरबूजा ककाडी री गाल
रखडी तो पेर सूपज सामी जपती
ननदोईसा ने देख दांनन करती मीठो खरबूजो
कडवी काकडी बाईसा ननदोइसा लाया कववी काकडी
काकडी री फांक बाईजा कूशी पडे तो देईजो
खरबूजा री फांक बराबर देइजो थारा वीरा लाय
मीठो खरबूजो
घडीयां तो पेर सूरज सामी जपती
ननदोइसा ने देख कलेवो करति मीठो करबूजो
कडवी काकडी बाईसा डनदोईसा लाना कडवी काकडी
काकडीरी फांक बाईसा दाय पडे तो देईजो
खरबूजा री फांक बराबर देि जो थारा वीरा लाया मीठा खरबुजो
नकलीश पेर सूरज सामी जपती
ननदोईसा ने देख भोजन करती मीठो खरबूजो
अडवी कांकडी बाईसा ननदोईसा लाया कडवी काकडी
काकडी फांक कूशी पडे तो देईजो
खरबूजा री फांक बराबर देईजो थारां वीरा लाया मीठो

246 बांस री गाल
बांस बडावो रा बगडी रा माण्ट घाघर घूमेला
बांस ज लाबोरा गाडा मे गाल ।।घाघर।।
बांस ज रोवोरा (जातक) पोल।।
बांस ज चढसोरा (जमाई का नाम) भाण्ड।।घाघर।।
टीमकी वजावेला (घररा नाम) भाण्ड।।घाघर।।
गान उगावेला (जमाई) भाण्ड।।घाघर।।
मदक्या नाचेला (जमाई) भाण्ड।।घाघर।।
उबा देखेला सूसरीसा रो साथ।।घाघर।।
उबा देखेला सासूजी रो साथ।।घाघर।।
उबा देखेला साला जी रो साथ।।घाघर।।
हस्तीयां बगसेला सूसूरो लोग।।घाघर।।
साडीयां बगसेला सासूजी रो साथ।।घाघर।।
मोरा बगसे ेला सासाजी रो साथ।।घाघ।।
नया पैसा बगेसाल सेहल्यांरी साथ।।घाघर
रूपया बगेसला सालीजो री।।घाघर।।
भलाई ज टूढ्यां ओ (भूरण जात) गीत।।घाघर।।
भलाई जे नाच्या ओ भण्डारी सा।।घाघर।।
फेर भूलासा बेबी बाई रे ब्याब।।
राजी करसा (बच्चों का नाम)
बाडो देसा (बच्चों का नाम)
चढीयां फीरजो रा थारी माता रे ब्याव।।घाघर।।

248 बींजणो
धारा नगरो रे चोवटे जो आई बीणजारा री जोड
भंवर लेघो बींजणो जी आय उतारोय चोकमेजी
सदा घर फौर फीर जाय भंबर लाया बीअणोजो
सूसरोजो वोजणो मोलवे जी साला जी धरजे लाल दान
भंवर लाया बोजणोजी
(नाम) वीमल चन्दसा घर आव्या जी टाक्यो हे समली
साल भवरे लाया विजणोजी आया जमाई सा पावणा
जी ले गया बिजणो चोर चोर ले गला बिजणी जी
खोपरा रा खोमा ढलावसो जी लूँगा री मेक दिराग
चोर ले गया विजणोजी रेशम डोर मंगावसाजी
चोर मरूकीयां बन्दाय चोर लेगा विंजणो जी
बाईसा ने दीन दस राखसा जी चोरा ने सींख दिराय
चोर लेगा विजणो जी ताईसा ने चून्दड ओडावसा
चोरा ने पीचरंग पाम चोर लेगा बिंजणो जी
उबा बाईसा वीनवे जी छोडो बाबोसा मारा कन्द भोले
ओ लेगा बिंजणो जी जे घर तीतण बान्धीयो जी
जा घर चोर नही होय भोले ओ लेगा विजणोजी

248 माखी री गाल
आज जमा ी सा वागा में आया तो
उड माखो फूलडा तोडे जमाई सा
।।आज मारवी जूग बाला ने मोयो।।
माखी जी माखी कोई मति केईजो
माखी बाई सा री टासी जी ढोलो।।आ।।
आज जमा ी सा रा फीणबर आयां तो
उड माखी कूरला छांटे जमाईसा ।।आ माखी।।
माखी जी माखी कोई मती केईजो
माखी वाईसा री दासी जी ढोटा ।।आ माखी।
आज जमा ीसा चोबटा में आया तो
उल माखी चबर ढूलावे जमाई सा। आ माखी।
माखी जी साखी कोई मती केई जो
माखी बाईसा री दासी जी ढोला।आ माली।
आज जमाई सा रसोडा में आया तो
उड माखी थाखी थाल परोसे जमाईसा।।आ।।
माखी जी माखी कोई केईजी
माखी बाईसा री दासी जी ढोला।आ माखी।
आज जमाईसा मेल में आया तो
स्ड माखी सेज वीचावे जमाईसा । आ माखी।
माखी जी माखी केई मती केयजो
माखी बाईसा री दासी जी ढोला।आ माखी।

249 वीजणो
रातो डानम्डी रो विजणओ ओ तो घडीमो चूतर सा जाण
।रसीलो विजणो। घडीयो घडीयो जडीयो
जडायो बनयो है रेशम डोर ।रंगीलो बिजणो।
ये कूणसा वीजणो मोलवे ये कूण सा खरचे ला दाम। रंगीलो।
सूसरोसा विजणो मोलवे ये तो सालाजी खरचे ला दाम ।रंगीलो।
ओ तो आण उतार्यो चोकमे मारो चोक पसावा लेय।रंगीलो।
जमा ी सा पोडीयां पालणे मारा बाईसा ढोले वायर।रंगीलो।
क्ोज ढालता यू कयो सायब लाल चूडो पेराय।रंगीलो।
चूडलो है मारी वेन की घोडी थांरे गडावू चन्दन।रंगीलो।
इतरो तो क्यो रूसीमां वे तो दोडीया पीयर जाय।रंगीलो।
लारे देवर सांचर्या भावज थे ी पाछा चाल।रंगीलो।
थारी मनाई देवर नही मनू थारा बडोडा बीरोस मेल।रंगीलो।
ऋपट बान्धी पगडी वे तो घोडे असवार।रंगीली।
पलो मरोढी कामडी वे तो सर सर मोडया मोर।रंगीलो।
कदीयण करू रूसणो पीया कदयण जावू पीर ।रंगीलो।
नीत नीत करो घोरी रूसणो थे तो नीतका जावो पीर

250 पाणी री गाल
माणी नेरे गई छी जी मारे लारे आया। पावजां जी मारा राज।
पाणी ले आई जी मारे गालीयारे आया। पावणां जी मारा।
वेवडलो उतारयो जी मारे गोखा देठा।पातणा जी मारा।
सूसरोजी तें कहीजो जी दरवाजे जाजम ढालम जी जी मारा राज
सासूजी ने कहीजो जनवा सा भोजन रान्ध जो जी मारा राज
सालाज जी ने कहीजो जी बेनोया भेला जीम जो जी मारा राज
सहेल्या ने कहीजो जी छीको सी गाल गवायां जो जी मारा राज
सूसरोसा ने कहीजो जी नव खण्डो मल चुनावजीजी जीरा राज
दासी जी ने कहीजो जी मेला में ढोल्यो ढाल जो री मारा राज
सहेल्या ने कहीजो जी मखण ने मेल खंन्धाये जो जी मारा

 

आगे रा गीत 1 2 3 4 5 6 7 8 9

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आप भला तो जगभलो नीतरं भलो न कोय ।

आस रे थांबे आसमान टिक्योडो ।

आपाणो राजस्थान
अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ अं अ: क ख ग घ च छ  ज झ ञ ट ठ ड ढ़ ण त थ द ध न प फ ब भ म य र ल वश ष स ह ळ क्ष त्र ज्ञ

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