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(आभार राजस्थान पत्रिका)

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बांसवाडा जिले रो सामान्य परिचय

सहयोग कर्ता रो नाम अने ठिकाणो
सहयोग कर्त्ता - प्रो.सरला पांडिया,
राजकीय महाविधालय (हिन्दी विभाग), बांसवाडा

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क्षेत्रफल

506511 हैक्टर

साक्षरता

44.22 प्रतिशत

समुद्र तल सु ऊँचाई

350 मी

आदमियो री साक्षरता

60.24 प्रतिशत

बिरखा रो औसत

922.4 मि.मी.

लुगाया री साक्षरता

27.86 प्रतिशत

उच्चतम तापक्रम

46 ं से.ग्रे.

नगरपालिका

2

न्युनतम तापक्रम

7 ं से.ग्रे.

पंचायत समितियाँ

8

कुल जनसंख्या

15,00420

गांव पंचायता

325

आदमियां री संख्या

7,58,379

राजस्व गांव

1462

लुगाया री संख्या

7,42,041

तहसील

5

ग्रामीण जनसंख्या

13,93,104

 

 

शहरी जनसंख्या

 

 

 

आदिवासियों नो आ जिलो आपडी पूराणी संस्कृति रे कारण भरयो पूरयो है। इतिहास ने वास्तु शिल्प ना स्मारक बल्ले गणायलो आणा जिला नी हरियाली पण लोगों ने घणी गमे है। माही बजाज सागर परियोजना ने कारण आय नी जमी वदारे हरी-भरी थई गई है।
वावारा जिला में आजादी ने पेले नी बे रियासते वावारु ने कुशलगढ भेग है। ऐम केवाय के वावरा राज्य ने बणाववा वारा जगमाल ने बांसना के बांसना नाम नो भील ने मारी ने आना नगर ने थापित करी ने ऐने नाम थकी आणा नगर नू नाम वावारू पडयु। जगमाल ने पेले नु एक शिलालेख मय वावारा गाम नु नाम आईवू है। ऐम लोग के है कि बांस (वाडा) वदारे ओवा थकी आणा इलाका ने वावारू केहवा लाग्या।
ऐम तो गुहिलोतो ने वक्ते वागड नी थापना न घण वरणन मले है पण खरा मय तो ऐनी थापना सामंतसिंह ए करी ती जेणे 1179 ई. ने लगभग वागड प्रदेश ने अधिकार आलयो तो। सामंतसिंह नो सुरोसिंह देव ने पोतो वीरसिंह देव (वि.सं.1343-1349) हुदी वागड ना गुहिल वंश ने राजाअ नी राजधानी बडौदा (डूंगरपुर) अती। जारे वीरसिंह ना पोता डूंगरसिंहे डूंगरपुर शेर बसावी ने अने आपडी राजधानी बणावी तारे वागड ना राज जु नाम एनी नवी राजधानी ने नाम 'डूंगरपुर' थकी प्रसिद्ध थयु। आय नो राजा रावल उदय सिंह मेवाड ना राजा सांगा ने हाते लडाई में मरी गया ता। एणे आपडे जीवते डूंगरपुर राज्य ना बे भाग करी ने पश्चिम नो भाग भूटा सूरा पृथ्वीराज ने आल्यो ने पूरब नो भाग आपडा सुरा जगमाल ने आल्यु। पृथ्वीराज नी राजधानी डूंगरपुर ने जगमाल नी वावारा राकी।

आण भाग ने ऊपर पेले क्षत्रयो, गुप्त ने हुणों नु राज्य रयु। मालवा ना यशोधर्म राजा ने इण शासक मिहिर कुल ने अरावी ने थोडा दाडा आ भाग मेवाड ना गुहिलत ने दबल में रयो। ऐम लागे के 10वीं शती में आय परमार राजाओ नु राज अतु। परमारअ नी राजधानी उत्थुनका ने अर्थुना अती जिणा मय मंदिर शोभा आली रयत। बारवी शती ने उत्तरार्ध मय गुहिलत राजाए आणा भाग ऊपर अधिकार जमावी लीदू तू जिणा ऊपर अधिकार 19वीं शती हुदी अंग्रेजअ ने आबवा बाद भी रयु। अंग्रेज हाती थयेली संधि ने कारण राजस्थान नी शक्ति थूडी कम थई ने 1949 मय वावारू ने कुशलगढ भारत गणराज्य नो भाग बण्य।
1945 मय वावारा में प्रजामंडल बणाइवूं ऐनु कारण के सरकार नी जवाबदारी वदारे थाय ने सरकारी काम में कय हुदारो थाय।
भारत में हित्ती ये रियासतें जारे मली रई अती तारे वावारू ने कुशलगढ बे भाग 1949 में राजस्थान नो भाग मय मलीग़्या ने जागीर ने मालावी ने वावारू जिलो बणावी दीदो। एटले आणा जिला मय पूराणा वावारां ने कुशलगढ ना भाग भेगा है।
अरावली ना डूंगरा थकी पूरो ढकायलो आणा वावारा जिला नु क्षेत्रफल 5,076,99 वर्ग किलोमीटर है। आ जिलो 23 डिग्री 56 उत्तर अक्षांश ने 74 डिग्री 4 थकी 74 डिग्री 47 पूर्वी देशान्तर ने वेस है। ऐना उत्तर मय उदयपुर जिला नी घरियावाद तेहसील ने चित्तौड नी प्रतापगढ तेहसील है। पूरब में मध्यप्रदेश नो रतलाम जिलों, पश्चिम में डूंगरपुर जिला नी सागवाडा ने आसपुर तेहसीले है। दक्षिण में मध्यप्रदेश नो झाबुआ जिलो हैै। दक्षिण पश्चिम मय आ गुजरात राज्य नु पंचमहल जिला नी सीमा ने अडे है। वावारा ने पशिचम में नानी-नानी डूंगरिये है। जिला ने पूर्वी भाग मय जमीन ऊबड-खाबड है ने वेस-वेस डेकन ट्रेप नी डूंगरिये है। हामी जमीन भली ली काटन भारी है। आ जिलो शार कोण वारो है ने पशिचम भाग मय खेती थाय। पूर्वी भाग मय अरावली नी डूंगरिये है। जिला नी ऊंचाई समुद्र नी जमी थकी 350 मीटर है। आम-आम गर्मी नु तापमान 46 डिग्री ने एकदम कम 7 डिग्री रे है। हमेशा नु तापमान 26 डिग्री सेंटिग्रेट है। आय वर्षाद 922.4 मि.मि. थाय है ने ठंडक 62.6% है।


देकवा लायक जगाएँ:

 

वावारा जिला ने बारा में ऐम केवाय के ऐनी रियासता नो पेला राजा जगमाल के भील नो सरदार बांसिया ए वसायवू है। आ शार शताब्दीये हुदी रियासत नी राजधानी रयु। शेर ने पूरब में बाई तलाब करी ने एक तराव है जिणे महारावल जगमाल नी राणी ए बणावाडयु तु। एक किलोमीटर ने करीब आणी रियासत ना राजा नी सतरीये है। शेर में हिन्दु ने जैन धर्म णा मंदिर ने पुाराणी मस्जित है। भवानपुरा में एक मुसलमान संत अब्दुल्ला पीर नो मकबरो है। ऐणी जगा ऊपर उर्स मे वोर मुसलमान भेग थाय। आयनु कागदी पिकअप वियर जे के माही परियोजना बांध नी नेरे भय पाणी मुकलवा ब्ल्ले बणाईवू है अनो बगीसो सबने गमे एवो स है। शेर में मदारेश्वर मंदिर, द्वारकाधीर मंदिर, लक्ष्मीनारायण मंदिर, वनेश्वर महादेव मंदिर ने काली कल्याणी धाम भी देकवा लायक है।

त्रिपुरा सुंदरी
तलवाडा ग़ाम थकी पास किलोमीटर नी दूरी थकी पुराणु त्रिपुरा सुन्दरी नु मंदिर है एवा मय शेर अनी सवारी करती भगवती नी 8 भुजा वारी मूर्ति है। एणी मूर्ति ने आत में अडार परकार न हथियार है। पोग ने नीसे पुराणी काई यंत्र बणेलू है। ऐने 'त्रिपुरा सुन्दरी' तरतई माता ने 'त्रिपुरा महालक्ष्मी ऐम ए कय है। आनी गणतरी पुराण शक्तिपीठ मय थाय है।

त्रिपुरा सुन्दरी नु आ मंदिर क्यारे बण्य एनु कय पूराणो इतिहास तो नती पण मंदिर भगवती ने उत्तर भाग मय सम्राट कनिष्क ने समय नु एक शिवलिंग आजे भी है। एव शिवलिंग नीलकंठ महादेव नु मंदिर (विट्ठलदेव) भय ने बीज शिव मंदिर मय है। एटले ऐम लागे के त्रिप्पुरा सुन्दरी नु आ शक्ति पीठ सम्राट कनिष्क ने पेले बण्यु है। आणा मंदिर नु नवु काम कराब्बा बल्ले 6 लाख रूपया खरस थया। ऐणा मय ऐनी स्थापत्य कला ने करी राकी है। मंदिर में खांडी थई ली मूर्तिय नो संग्रह करयो है। ऐनी शिल्पकला सुन्दर है।

त्रिपुरा सुन्दरी मंदिर मय रोज भगत नी भीड लागे है। आ मंदिर सडक थकी जुडयाल है। नवरात्र में हर वार मेरो लागे है जिणा मय अजारों भगत बईरे ने आदमी डेवी न दर्शन करे है। आ मंदिर देकवा वार ने आपडी आडी खेसे है।

पाराहेडा
गढी तेहसील में इतिहास नी वात मय खुबस महत्व वारू पाराहेडा जिला थकी 22 किलोमीटर वेगरू है। आय एक डूंगरी ऊपर नगेला तराव ने कनारे मंडलेश्वर शिव मंदिर है। पंचायतन प्रकार नु आ मंदिर पुरब आडी मुडू राकेलू है। ऐणामय पंचरथ गर्भगृह, अंतराल, सभा मंडप, ने अर्द्द्दमंडप है। मंदिर मय जावा हारू सिडिये बणी है। मंदिर ना सभा मंडप मय 'शिलालेख' है। ऐने अनुसार परमार रआजा मंडन देवे 1059 ई. मय एणे बणावी ने ऐणणो ईष्टदेव शिव ने हुपी दीदू तू। आणा लेक में नग्न तराव ने खुतरवानी वात लकीली है। भगतू लागे एणा तराव मय नाई ने सीडिये सडी ने हिद मंदिर मय जई शके है।

घोटियाआम्बा
घोटिया आम्बा नी जगा महाभारत समय नी याद अलावे है ई बागीदोरा पंचायत समिति मय आवे है। आ जगा वावारा थकी 30 किलोमीटर वेगरू है। महाभारत नी कता ऐम अती के पांडवअ वनवास ने समय थूडो समय घोटिया आम्बा नी जगा केला पानी मय काडयो तो। कृष्ण भगवान नी मदद थकी 88 अजार ऋ षिय नीे मीटु खवानु खवडाई तू। इन्द्र राजा ये जे केरी नी गुहली आली ती इ पांडवअ ए आय रूपी दीदी ती। ए ठेकणे आजे भी केरी नु रूकडू लाग्यु तु। आय पांडव ना पांस कुण्ड बणेल है ने घोटेश्वर महादेव ना मंदिर मय कुंती ने द्रोपदी ने हाते पांडव नी मूर्तिया है।
घोटेश्वर थकी एक किलोमीटर वेगरू थूडीक हामी जगा बाद केला पानी नी जगा आवे है एनो महत्व वदारे है। आय एक झरणा नु पाणी गाय ने मुडे थकी पाणी शिवलिंग ऊपर पडतु रे है। घोटिया आम्बा ऊपर हरवर चैत्र महिना नी अमावस्या थकी दूज हुदी मुटो मेरो भराय है जिणा मय सब गाम ना लुग आवे है। मेरा मय खूब आदिवासी लुग आवे है ने पांडव कुंड मय नई नी घोटेश्वर महादेव ने केरी ना रूकडा न दर्शन करे है।

छींचरोब्रह्ममंदिर
बारवी सदी मय छींच गाम मय बणेळू ब्रह्माजी ने मंदिर नी गणतरी अच्छ मंदिर मय थाय है। ब्रह्माजी नी आटली मुटी मूर्ति वारू मंदिर आय पाय क्याये ने मले। मंदिर नु सभा मंडप मुटु है। 6 फीट ऊंसी रूपारी शार मुड वारी मूर्ति ने सिसोदिया वंश ना महारावल जगमाले बणावाडी ती। आणा मंदिर ने 1495 में कल्ला सुरे देवदत्ते फिरी बणावाड्यु तू। मंदिर ने बाण्णे संगमरमर नी 6 पाण ऊपर बणीली नवग्रह नी मूर्तिया घणी सुन्दर है। मंदिर ने थकी अडीलू एक तराव है ने एनो एक घाट बणेलो है जिणे ब्रह्माजी नो घाट केवाय है।
कलिंजरानुजैनमंदिर
वावारा थकी 30 किलोमीटर वेगरू दक्षिण पशिचम मय हिरन नदी ने किनारे बसेलू कलिंजरा गाम मय जैनीय नु मंदिर प्रसिद्ध है। ऐने बे भाग मय ने आच एक-एक शिखर बंद मंदिर बणेलू है। अने शारी आडी देव प्रतिमाए है। आ मंदिर दिगम्बर वाणीय नु है। ऐने ऋ षभदेव ने नाम थकी ए जणाय है। एणा मय नानी मुटी घणी मूर्तिये है। एक मंदिर मय पार्श्वनाथ नी ऊबी मूर्ति है जिणे आसन ऊपर वि.स.1578 नो लेख है।

अर्थूना
वावारा ने दक्षिण पशिचम मय 55 किलोमीटर वेगरू एक पूराणों कस्बो 'अथूना' है। आ वावारा थकी गलियाकोट गाम ने रस्ता ऊपर है। ऐने कने अमरावती नगर न पूराणी टूटीली सीजे जिणा मय मंदिरअ, मकान ने बाकी सीजे मली है इतिहास ने संस्कृति नी कारण थकी महत्व राके है। पूराणी झोपडीये मय एनु नाम उत्थूनक मले है। शिल्पकला मय आबू ने आय मंदिर नी कला एक जैवी मले है। आणा गाम मय डूंगरा खुतरी तो एणा मय मंदिर मले है। आय नु पुरातत्व विभाग एनी रकवारी हारू हमेशा काम करतु रे है। खुदाई मय मली ल शैव, वैष्णव ने जैन मंदिर नी टूटी मूरित नू संग्रहालय हनुमानगढी ने कने बणावाडयु है। एणी मूर्तिय नी स्थापत्य कला वदारे अच्छी है। आय न खेतर मय होरअ नाकवा थकी दबीली ईंट बान्ने आवी जाय है। एटले खबर पडे के ऐने नेस केटलए मंदिर ने मेहल दबील पडय है।
पेले जमाना मय अर्थूना वागड राजा परमारअ नी राजधानी अतु। आय ना मंदिर मय सब थकी पुराण मंदिर मय मण्डलेश्वर नु मंदिर है जे गमेला तराव कने है। आ मंदिर पूर्वाभिमुख ने सप्तायतन प्रकार नु है। एना सभा मंडप मय एक शिलालेख है। जिणे थकी खबर पडे है के वागड राजा चामुण्ड राजे आपडा बाप नी स्मृति मय आ मंदिर विक्रमी संवत 1136 मय बणावाडयु तू। अर्थूना ना बस टेशन थकी 5 किलोमीटर वेगरू मंदिर ने हनुमानगढी केहवाय है। आय विजयराज परमारे हनुमानजी नी एक मुटी मूर्ति बणावाडी ती। बाद मय एक मंदिर बणावी नी एनी मूर्ति ने थापित करी दीदी ती। तार थकी एना मंदिर ने हनुमानगढी मंदिर कय है। आय न वदारे मंदिर भगवान शिवजी न है जेम के नीलकंठ महादेव नू मंदिर, कुंभेश्वर मंदिर, सोमनाथ मंदिर ने कनफटा साधु नु मंदिर।

तलवाडा
वावारा थकी लगभग 15 किलोमीटर पशिचम आडी तलवाडा गाम ने बाण्णे 11वीं शती नु बणीलू खराब दशा वारू सूर्य मंदिर है जिणा मय सूर्य नी मूर्ति है। ऐने बाण्णे सबुतरा ऊपर सूर्य ना रथ नो एक चक्र टुटीलो पडयो है। ऐने कने नौ ग्रह नी मूर्तिय है। सूर्य मंदिर ने कने 12वीं शती ने आय पाय बणीलू लक्ष्मीनारायणजी भगवान नू मंदिर है जैने नेस नो भाग पूराणी ने ऊपर नो भाग नवो है। मूर्ति सभा मंडप मय पडी है। एना एक भाग मय ब्रह्मा जी नी मूर्ति है।
सूर्य मंदिर ने कने एक जैन मंदिर है जे थोडूकस देकाय है। बाळो खेतर मय बे दिगम्बर मूर्तिय है जे कारीगरी में खूब अच्छी है। एना मय एक ने नेस वि.स. 1123 नो लेख है। एना मंदिर ने हामे थोडूक वेगरू गदाधर नु पुराणो मंदिर है जेनी छत ऊपर आबू ना प्रसिद्ध विमलशाह नु मंदिर जैवी रूपादी कारीगरी है। ने कारीगरी नी दृष्टि थकी आय नी शिल्पकला सुंदर है।

बीजदेकवालायकजगाएं
संगमेश्वर, त्रयम्बकेश्वर, कपालेश्वर, रामेश्वर, घुडी-रणछोड, जगपुरा, जगमेश्वर, सूरतगढ ने मानगढ ना पठार, जीराकोट गदरिया फाटीखान, बोरेश्वर, अलोपेश्वर, सलाखेश्वर, परसोलिया अंदेश्वर, मंगलेश्वर, ने बीजी घडी आकी जगाए है ने सुन्दर जगाए है जे नदी नाल ने कनारे के डूंगर ने वेस है। ऐने अलावा पण माही परियोजना कवारा थकी 16 किलोमीटर नी दूरी ऊपर है। माही बजाज सागर ना बांध बणवा थकी आवारू पर्यटक नीजगा बणी गई है।

 


कला ने संस्कृति

 

एना मेरा जे लोग है एणा मय घोटिया आम्बा नो मेरो हर वार चैत्र वदी अमावस्या ऊपर बुडवा गाम ने आय घोटिया आम्बा ऊपर मेरो भराय ह। घुडी रणछोड नो मेरो मोटा गाम मय लागे है। कल्लाजी नो मेरो गोपीनाथ जी नो गढो गाम मय आसोज नवरात्र ना पहेला रविवार मय लागे है। कार्तिक पूनम ऊपर अंदेश्वर पार्श्वनाथ अतिशय वाणीयनु तीरथ ऊपर मेरो लागे है। भादरवा नी एकम थकी चौथ हुदी हेत्तय तहसील मुख्यालय ने मुट गाम मय लाकडा नी कलाकारी थकी बणेल रथ न शोभायात्रा निकारे है। कार्तिक पूनम ऊपर घाटोला गाम ने कने गोपेश्वर मेरो भराय है। मानगढ धाम ऊपर शरद पूनम नो मेतो भराय है।

वावारा नी पूरी जनसंख्या नु 70% भाग आदिवासी नु है। बांसवाडा डूंगरपुर नी सीमा ऊपर बेणेश्वर में माध मईना में जे मेरो लागे है एणा मय आदिवासी लोग भाग लय है ने नासते गाते ने लोकगीत ने हाते मौजमस्ती करे है। बइर आपड शरीर ने माते रूपा न गेहण पेरे है। इ लोग खुबस नासे है ने 'गवरी नास' एणनो प्रिय नास है।
 


वावारे हरते पुगाय

 

1. वायु मारग - पाय नो अवाई अड्डो उदयपुर (160×Ûú´Öß.) है।

2. रेल नो मारग - पाय नु रेलवे टेशण मध्यप्रदेश ने रतलाम (80 किमी.) शेर मय है जे देश ना मुट शेर थकी जुडायलू है।

3. सडक नो मारग - आणा शेर ²Ö»»Öê ÃÖ²Ö जिल मय ²ÖÃÖ सेवा ²Ö¸üÖ²Ö¸ü मले है।

 

के रूकवानु

 

होटल Ûãú¿Ö»Ö²ÖÖÝÖ पैलेस, प्लाजा होटल, ²ÖêÆü¸üß®Ö होटल मेघदूत, ³ÖÓµÖÛú ने मयूर होटल। सरकारी आवास सुविधाओ में माही रेस्ट हाउस, सर्किट हाउस ने ¯Öß.›Ëü²»µÖæ.›üß. नो डाक ²ÖÓÝÖ»ÖÖê है।

सर्किट हाउस फोन न.- 240 625, 243 625,
ट्‌यूरिस्ट डाक ²ÖÓÝÖ»ÖÖ- 241808
रोडवेज पूछताछ न. - 242825
वदारे जाणकारी हारू मलवानु - ट्‌यूरिस्ट ऑफिस ²ÖÃÖ स्टेण्ड ने कने ¾ÖÖ¾ÖÖ¹ý फोन न. -02962-202962, 241081… एस.टी.डी. कोड न. 02962

 

 

 
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साइट रा सर्जन कर्ता:

ज्ञान गंगा ऑनलाइन
डा. सुरेन्द्र सिंह पोखरणा, बी-71 पृथ्वी टावर, जोधपुर चार रास्ता, अहमदाबाद-380015,
फ़ोन न.-26925850, मोबाईल- 09825646519, ई-मेल--sspokharna15@yahoo.com

हाई-टेक आऊट सोर्सिंग सर्विसेज
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