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राजस्थान रा जिला रो नक्शो
(आभार राजस्थान पत्रिका)

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हनुमानगढ़ जिले रो सामान्य परिचय

सहयोग कर्ता रो नाम अने ठिकाणो
अविनाश माथुर

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क्षेत्रफ़ल

9656.09 वर्गकिमी

साक्षरता

65.72 प्रतिशत

समुद्र तल सु ऊँचाई

 

आदमियो री साक्षरता

77.41 प्रतिशत

बारिश रो औंसत

225-300 मि.मी.

लुगाया री साक्षरता

52.71 प्रतिशत

उच्चतम तापक्रम

18-48 ं से.ग्रे.

नगरपालिका

6

न्युनतम तापक्रम

2-28 ं से.ग्रे.

पंचायत समितियाँ

3

कुल जनसंख्या

15,17,390

गांव पंचायते

251

आदमियो री संख्या

800826

राजस्व गांव

1906

लुगाया री संख्या

716594

तहसील

7

ग्रामीण जनसंख्या

1213766

 

 

शहरी जनसंख्या

303624

 

 


इ क्षेत्र रे माइने हुयोडी खुदाइ सु युगा रे परिवर्तन ने बताण वाली पुरानी सभ्यताओ रो पतो लागे हैं,पुराणे काल मे अठे री हजारा साल पुरानी समृद्ध संस्कृति री महिमा मंडित करे । पुराने काल मे अठे शिवालिक पहाडिया सु निकली सरस्वती व हषद्‌ध्ती नदिया बह्ती थी।जिले री जलवायु शुष्क हैं। अठे भाखडा व इंदिरा गांधी नहर सु सिंचाई होवे हैं। शिवालिक पहाडिया सु निकलन वाली गघर नदी बरसात रे दिनो मे बहवे।अठे जिप्सम रा घणा भण्डार रावतसर,नोहर,भादरा तहसील मे घणा हैं। अठे रा जिप्सम कई हद तक शुद्ध हैं।

दर्शनीय स्थल


भटनेर दुर्ग-

घग्घर नदी रे तट पर बणियोडो ओ किलो आपरी खास छवी राखे हैं। ओ आपरे साथे इतिहास री घणी मुख्य घटनाओ ने समेटियोडो हैं।इ किले रो निर्माण श्री कृष्ण री 60 पीढी माय जन्मियोडा जैसलमेर रा राजा भाटी रा सपूत ने ईसवी सन माय करवायो।इरो नाम भूपत आपरे पिता री याद मे भटनेर राखियो। भटनेर रो सर्वाधिक महत्व दिल्ली मुल्तान मार्ग माथे स्थित होणे सु हैं। मध्य एशिया,सिंध ,काबुल रा व्यापारी मुल्तान भटनेक होता हुवा दिल्ली व आगरा आता जाता था।घग्घर रे पाणी री खोज भटनेक रे महत्व ने बणाय राख्यो।जांगल प्रदेश री आ ही एक मात्र एडी जागिया ही इ कारण खुद रे खजाने ने भरण री लाल्सा माय बीकानेर व अन्य राज्या रा शासका की नजरा सदा भटनेर माथे लागियोडी रही भटनेर माय कालान्तर मा जलालुद्दीन बुखारी रा सपुत कुतुबुद्दीन ऐबक ,तैंमुर व अकबर रो भी शासन रहयो ।तैंमुर ने आपरी आत्मकथा तुजुक-ए-तैंमुरी माय इण तक लिख्यो की बो इतो मजबुत व सुरक्षित किलो सग्ले हिन्दुस्तान माय कठेइ कोनी देखियो ।सन 1805 माय बीकानेर रा राजा सुरत सिह ने भाटिया ने हरार पाछो भटनेर माथे आप रो राज कायम करियो ।जीत रा दिन मंगलवार हो इरे वास्ते भटनेर रो नाम हनुमान जी रे नाम माथे हनुमान गढ़ राख दियो।

गोगा मेडी -

आशा पूर्ण करण वाळा मंगलकारी संत गोगो जी री पूजा इया तो राजस्थान रे गांव गांव माय होवे हैं। ओ कहयो भी गयो हैं कि गांव गांव खेजडी ने गांव गांव गोगो लेकिन इरोमंदिर जिने गोगो जी री मेडी कहयो जावे, हनुमानगढ़ जिला माय हैं। गोगोजी ददरेवा रा शासक जैंवर रा सपूत हा। इणरा वक्त गुरु गोरखनाथ रा अर्थात दसवी शदी माय हा।पशुधन री रक्षा करतागोगाजी शहिद हुई गया। खुद रे जीवन काल माय इण रो नाम सर्पदंश रे बचाव वास्तेजुडगयो,जिको आज भी चाले हैं।गोगो जी जाहर पीर रे नाम सु सर्पदंश रो बचाव करता हा ।गोगा मेडी माय गोगाजी री पूजा भालो लियोडा यौंद्धा रे रूप मे होवे ।हिन्दुआ माय गोगा जी व मुसलमाना माय ए गोगा पीर रे नाम सु जाणा जावैं।

संगरिया संग्रहालय

हनुमानग़ढ जिले सु तकरीबन 25 किलोमीटर दूरी माथे हरियाणा प्रान्त री सीमा सू सटियोडो कस्बा माय स्थित सर छोटू राम स्मारक संग्रहालय जिले रो प्रमुख संग्रहालय हैं।जिको शिक्षा संत स्वामी केशवानंद री देण हैं। इ संग्रहालय माय मिट्टी , धातु, पत्थर ,मुर्तीया , पुराणा सिक्का, शिलालेख,शास्त्र ,ताम्र पत्र, दुलर्भ ताम्रचित्र आदि वस्तुआ दिखायोडी हैं।संग्रहालय माय पुराणे समय री पार्वती री मूर्ति ,15वी शताब्दी री एक तोरण, 16 वी शताब्दी ड़ी साढे पांच फ़ीट ऊंची पीतल री कमण्ड्ल भी देखण आली हैं।

काली बंगा

पुरानी सरस्वती घाटी माय अनूपगढ़ कने तारखाने वाला व कालीबंगा नाम रे स्थान माथे हड्प्पा रे जेडी ही एक विकसित सभ्यता रा अवशेष मिलिया । कालीबंगा नाम री जगिया पहला रा समय घग्घ्रर नदी रे किनारा माथैं हो। अबे वर्तमान माय घग्घर नदी कालीबंगा सू घणो दूर हैं। भारत सरकार रे पुरात्तव विभाग द्वारा कियोडा खुदाई कार्य सु कालीबंगा सभ्यता री जानकारी मिले हैं। इ उत्खन्न सू ज्ञात होयो की विश्‍व माय जिके समय महान सभ्यता रो उदय होरियो हो वी समय राजस्थान रे भू भाग माय एक बंटयोडी सभ्यता विधमान ही । पीलीबंगा तहसील रा छोटा सा गांव कालीबंगा माय खुदाई सू भारतीय पुरातत्व, सर्वेक्षण विभाग ने मिलिया अवशेष सू हड्प्पा री पुराणी सभ्यता देखण वास्ते मिले काळीबंगा पुरातत्विद संग्रहालय विश्‍व रे पर्यटन पुरातत्व मानचित्र माथे आपरी अलग जगिया राखे। आज भी विदेशी पर्यटकई सभ्यता ने देखण वास्ते आवे हैं। पुरातत्व विभाग ने करीब 10 साल पेला काळीबंगा गांव माय इ संग्रहालय रो निर्माण करवायो हो।

कला औंर संस्कृति

हनुमानगढ जिले रो गोगामेडी मेलो समूचा देश माय प्रसिद्ध हैं। यो मेलो वर्ष माय भादवा बदी एकम सू भादवा सूदी ग्यारस ताई लागे हैं।सांपा रा देवता मानण वाला गोगोजी रो गोगोजी चौंहान ,गुग्गा, जाहिर पीर आदि घणा नामा सु जाणा जावे। अठे सग्ला धर्मा रा लोग बिना भेद भाव रा आवे हैं। हनुमानगढ शहर सु 7 किलो मीटर दूर मां भद्रकाली रो एतिहासिक मंदिर अठे हर साल चैंत्र सुदी आठयू व नवमी रा मोटो मेलो भरिजे हैं। हजारो लोग भद्रकाली रे दर्शनार्थ आवे हैं। रेतीला धोरो माथे बसियोडा गांव वल्लूआय लागण वालो माता ब्रहाम्णी रो मेलो भी इ क्षेत्र माय खासी मान्यता राखे हैं। अठे हर साल री शुक्ला आठम रा विशेष पूजा खातिर दुर दराज सू सैंकडो श्रद्धालु आवे हैं। चैंत्र शुक्ला आठयू व नवरात्रा माथैं अठे मोटो मेलो लागे हैं । हनुमानगढ शहर माय बस स्टैंण्ड रे कने शिलामाता रो मेलो हर गुरूवार रा लागे हैं। महत्वपूर्ण फ़ोन न. रोडवेज पूछताछ 01552-250475 ,222008 रेल्वे पूछताछ 250131 , सर्किट हाउस 252116
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