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राजस्थान रा जिला रो नक्शो
(आभार राजस्थान पत्रिका)

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प्रतापगढ
दिलीप सिंह चौहान
ठि. मोटा गांव
मो
. 9950124424

प्रतापगढ जिला रो गठन 26 जनवरी 2008 रे दन राजस्‍थान रा 33वां जिला का रूप में व्‍यो। अणा जिला मा प्रतापगढ, अरनोद, छोटी सादड़ी, धरियावद उपखण्‍ड है और प्रतापगढ, अरनोद, छोटी सादड़ी, धरियावद और पीपलखूंट या पांच तहसीला है।

इतिहास-
प्रतापगढ ना शासक सूर्यवंशी हा जे मेवाड़ रा  गुहिल वंश री सिसोदिया वंश री शाखा सूं है। बणी वाते इने महा रावत कये । महाराणा कुंभा थकी नाराज व्‍ह ने एनो भाई क्षेमकरण  चिम्‍मोड़ सोड़ी ने सऩ़ 1437 ईस्‍वी मा हादड़ी पर कब्‍जो किदौ। वणा बाद रावत सूरजमल 1473 ईस्‍वी मा गादी हम्‍भारी नी 1508 मा देवलिया (देवगढ) बसायौ। अणी पाछै बड़ी सीदडी मा सूरसागर तालाब बंधायौ।  1552 ईस्‍वी मा महारावम विक्रमसिंह (बिका) कांठल नी सादड़ी  नी गादी हम्‍भारी। एणै देवलिया (देवगढ़) ने राजधानी वणाई। एणा रा वंशज हरिसिंह रो पुत्र महारावत प्रतापसिंह सन 1673 मा देवलिया रा स्‍वामी वण्‍या। अणी वेरा मेवाड़ मा महाराणा राजसिंह रो शासन थो। सन 1699 मा डोडेरिया खेड़ा मा प्रतापगढ कस्‍बो बसायो। अने देवलिया मा प्रतापवाव नाम री वावड़ी खुदाई।  अणी री मां मनमावती  देवलिया मा मानसरोवर नाम रो तालाव खुदायो। कल्‍याण कवि प्रतापप्रशस्ति नाम री किताब नी रख्‍ना कीदी।

प्रतापगढ रा महारावत दलपत सिंह देवलिया मा सोनेलाव तालाव वणायो नी दलपत निवास नाम रो महल वणायौ। देवलिया रा शासक उदयासिंह सन 1867 मा प्रतापगढ  ने आपणी राजधानी बणाई नी उदयनिवास महल रो निर्माण किदौ। 25 मार्च 1948 मा महारावत सर रामािंहजी प्रतापगढ रियासत नी राजस्‍थान संघ में मलाई।

त्‍योहार एवं मेरा-

  • गोतमेश्‍वर महादेव रो मेरो- अरनोद मा यो स्‍थान गौतम ऋषि रो हो। वेसाक पूर्णिमा तकी दो दन अठे मेरो लागे अणी मा आदिवासी समाज भेगो व्‍हे। गोतमेश्‍वर आदिवासी भीलां रा पूजनीय है।
  • सीतामाता रो मेरो- तीर्थस्‍थल सीतामाता मा यो मेरो प्रतिवर्ष जेठ मास री अमावस रे दन भराय। भगवान राम ना दोई पुत्र लव-कुश रो जणम अरि ने व्‍यौ है। अठे लव-कुश कुण्‍ड और वाल्मिकी आश्रम भी है।
  • दीपनाथ महादेव रो मेरो- अना मंदिर रो निर्माण महारावत सामंतासिंह रे कुंवर दीपसिंह करायौ। अठे कार्तिक पूर्णिमा रे दन मेरो भराय।

दर्शनीय स्‍थान

सालिमशाही सिक्‍के री टकसाल- महारावल सालिमसिंह (1756-1774) बादशाह शाह-आलम द्वीतिय रा नाम थकी चांदी रा सिक्‍का वणावा री टकसाल बणाई। ये सिक्‍का सालिमशाही सिक्‍का केवाया।

जानागढ- प्रतापगढ रे दक्षिण-पश्चिम मायो किलों वणयौ थको है।

वागदरी सिंचाई परियोजना- छोटी सादड़ी तहसील मा वागदरी सिंचाई पहरयोजना रो निर्माण करवा री योजना है।
प्रतापगढ आपणी प्राकृतिक दृश्‍यावली, थेवा कला नी तरल हींगड़ी रा वाते आखा राजस्‍थान मा प्रसिद्ध है।

दूजा दर्शनीय स्‍थान
प्रतापवाव वावड़ी, मानसरोवर तालाव, सोनेलाव तालाव, दलपत निवास महल- देवलिया
उदयनिवास महल- प्रतापगढ़
सूरसागर- बड़ी सादड़ी

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