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राजस्थान रा जिला रो नक्शो
(आभार राजस्थान पत्रिका)

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नागौर जिले रो सामान्य परिचय

 

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क्षेत्रफल

17,718 वर्ग कि.मी.

साक्षरता

 

समुद्र तल सु ऊँचाई

 

आदमियां री साक्षरता

 

बिरखा रो औसत

38.86 से.मी.

लुगाया री साक्षरता

 

उच्चतम तापक्रम

 

नगरपालिका

10

न्युनतम तापक्रम

 

पंचायत समितियाँ

11

कुल जनसंख्या

27,73,894

गांव पंचायता

461

आदमियां री संख्या

1421455

राजस्व गांव

1512

लुगाया री संख्या

1352439

तहसील

10

ग्रामीण जनसंख्या

22,96,735

 

 

शहरी जनसंख्या

4,77,159

 

 


सहयोगकर्ता
सिया चौधरी
भाकर भवन, इंदिरा कॉलोनी
नागौर रोड़, डिडवाना
जिला नागौर (राज.) 341303
918trek.jpg
नागौर

 

 

 

जिला री सामान्य जाणकारी
नागौर राजस्थान रो एक प्रमुख शहर अ'र लोकसभा क्षेत्र है। ओ जिला रो मुख्यालय है। नागौर राजस्थान को एक छोटो सो सैर है। ऐतिहासिक रूप सूं भी आ जगां भोत महत्वपूर्ण है। नागौर बलबन की जागीर ही, जिण ने शेरशाह सूरी 1542 माय कोस लियो हो। इण रै अलावा महान मुगल सम्राट अकबर अठै मस्जिद को निर्माण करवायो हो । ई मस्जिद(मेजीद) माय मोइनुद्दीन चिश्ती रा शिष्य की मजार है। नागौर विशेष रूप सूं आई साल लागबा आळा पशु मेळा रै वास्ते भी भोत प्रसिद्ध है। इण मेळे माय आइ साल काफी संख्या माय पर्यटक आवे हैं। इ'के पछे अठा रा कई महत्वपूर्ण मंदिर अ'र स्मारक भी है।
जोधपुर सूं कोई 137 कि.मी. उत्तर माय स्थित है नागौर। नागौर को किलो दूर-दूर तांई फैलेड़ी रेत रै बीचाळे एक प्रकाशस्तंभ री तरियां दिखे है। चौथी शताब्दी माय अस्तित्व माय आयेड़ो ओ किलो राजस्थान का दूजा किलां की जियां  ही ऊँची पहाड़ी री चोटी पर बणीयोड़ो है।
नागौर की सुंदरता अठ्ठै रा पुराणा किला'र छतरियां माय है, जिण रो उत्कृष्ट उदाहरण आपां ने नागौर माय बड़तां पाण  ही देखबा नैं मिले है। इण नगरी माय बड़बा ताण तीन बारा(दरुजा) है, जिका रा नांव दिल्ली दरवाजो, त्रिपोलिया द्वार अ'र नाकाश द्वार है। नागौर अ'र ई'रे आरे-सारे रा पर्यटनस्थलां माय प्रमुख नागौर को किलो, तारकिन की दरगाह, वीर अमर सिंह राठौड़ की छतरी, मीरा बाई की जन्मस्थली मेड़ता, खींवसर किला, कुचामन किला आद है।
किला के मांय भी छोटा-बड़ा सुंदर म्हेल'र छतरियाँ हैं, जीकी आपां ने राजस्थान रा गौरवशाली इतिहास माय खींच ले जावे हैं। किला के मांय तीन सुंदर पैलेस हाडी रानी म्हेल, शीश म्हेल अ'र बादल म्हेल हैं, जका आपरा सुंदर भित्ति चित्रां रै कारण प्रसिद्ध हैं। इणरै कन्ने ही एक मस्जिद है, जिण ने मुगल शासक अकबर बणवायो हो।
अठ्ठै सूफी संत मोइनुद्दीन चिश्ती की एक दरगाह भी है। इ'के सागे ही किला के मांय राजपूताना शैली माय बनेड़ी सैनिकां की सुंदर छतरियाँ भी हैं।
नागौर को मुख्य आकर्षण अठ्ठा रो पशु-मेळो है, जको अठ्ठै आइ साल मोकळा स्तर पर आयोजित करियो जावे है। ई  मेळे माय हुबाली मुरगां की लड़ाई, ऊँट की दौड़, कठपुतली को खेल, राजस्थानी नृत्य आद भी पर्यटकां खातर आकरसण रो प्रमुख केंद्र हुवे हैं। ई मेला माय खासतौर सू ऊँट, भेड़, घोड़े, गाय आद पसूआं को खरीद-बेच हुवे है। सूरजी रे ढलियाँ पछे रै सागे ही नागौर का इ पशु मेला माय अठ्ठै का पारंपरिक लोकनृत्य की गूँज एक सोवाणु उच्छाव बणावे है।
सदा सू पर्यटकां रे आकरसण को केंद्र रियो राजस्थान सांच्याणी आपरै मांय किला अ'र म्हेलां रै रूप माय घणु ही मनमोवणु रूप सामट राख्यो है। एक बर थे भी इण धरती की सैर जरूर करीज्यो ।
नागौर है विभूतियां री भूमि 
मारवाड़ रो नागौर एक इस्यो खेतर है, जीको कई इसी इसी विभुतियां री जलमस्थली है, जिका आखी दुनियां माय मारवाड़ की माटी रो नांव रोशन कर दियो। डिंगल अ'र पिंगल भाषा माय कई ग्रंथां री रचना करण आळा प्रसिद्ध कवि वृंद रो जलम नागौर रै मेड़ता माय हुयो। मेड़ता कृष्ण भक्त मीराबाई री भी जन्मस्थली है। अकबर रा नौ रतना मांय सू अबुल फैज अ'र अबुल फजल दोन्यूं भाईयां रो जलम नागौर माय ही हुयो। ओ ही कोनी अकबर रा दरबारी बुद्धिमान बीरबल भी नागौर जिला रा ही रेबा आळा हा।
पर्यटन स्थल
नागौर दुर्ग
N-fort1.jpgमारवाड़ के स्थल दुर्गां माय नागौर दुर्ग बड़ो महत्वपूर्ण है। मारवाड़ के दूजा विशाल दुर्ग पहाडि़यां री ऊँचाई माथै  बणीयोड़ा है। भूमि माथै बणीयोड़ो इस्यो दूजो कोई दुर्ग कोनी है, जीको दृढ़ता माय नागौर रो मुकाबलो कर सके। केन्द्रीय स्थान माथै स्थित होवण के कारण इ दुरग माथै निरंतर हमला हुवंता रिया है। इण कारणे इ'की सूरक्षा व्यवस्था भी समै-समै पर दृढ़तर करी जावंती रेई है।
नागौर को प्राचीन नाव अहिछत्रपुर बतायो जावे है, जि'ने जांगळ जनपद की राजधानी मान्यो जावंतो। अठ्ठै रा  नागवंशीय क्षत्रिय कोई दो हजार बरसां ताण शासन करियो। बे पछे आगे परमारा ने काढ़ दिया।
पृथ्वीराज चैहान रा पिता सोमेश्वर का एक सामंत वि०सं० १२११ की वैशाख सुदी २ नै नागौर दुर्ग री नींव म्हेली। राजस्थान रा दूजा दुरगां री जियां इन्ने पहाड़ी पर नीं बणा'र, साधारण ऊँचाई का स्थल भाग पर बणायो गयो। ई'के  निर्माण की एक विशेषता है कि बा'रे सू छोड़ींयोड़ो तोप को गोळो प्राचीर नै पार कर किला का म्हेल ने कोई नुकसान नी पुगा सके, जद के म्हेल प्राचीर सू ऊंचा उठियोड़ा हैं।
नागौर रो मुख्य द्वार बड़ो भव्य है। इण द्वार पर विशाल लोह को सीखचां वाळो फाटक लागीयोड़ो हैं। दरुजा रै दोंयूं  कानी विशाल बुर्ज अ'र धनुषाकार शीर्ष भाग माथै तीन द्वारां आळो झरोखो बनियोड़ो हैं। इजां सू आगे किला को दूजो विशाल दरवाजो है। बी'के पछे ६० डिग्री रा कोण बणातो तीसरो विशाल दरवाजो है। आं दोंयूं दरवाजां रै बीचाळे को भाग धूधस केह्लावे। नागौर दुर्ग को धूधस वस्तु निर्माण रो उत्कृष्ट नमूनो है। पे'लो प्राचीर पंक्ति किला रे पैलड़ा दरुजा सू ही दोन्या ठोड़ घूम जावे है। बेजां मोटी अ'र ऊँची इ ५००० फुट लांबी दीवार माय २८ विशाल बुर्ज बनेड़ा हैं। प्राचीरां के चारों खुणा माय बणी बुजाप्र की ऊँचाई १५० फुट है। तीसरे परकोटा ने पार करां जद किले रो अन्तरू भाग आ ज्यावे है। किले रा ६ दरवाजा है जिका सिराई पोळ, बिचली पोळ, कचहरी पोळ, सूरज पोळ, धूषी पोळ ह'र राज पोळ रा नांव सू जाणिजे। किले रै दखण माय एक मस्जिद है। ई मस्जिद पर एक शिलालेख है अ'र आ मस्जिद शाँहजहां बणवाइ ही।
केन्द्रीय स्थल माथै होवण रै कारण इण दुर्ग ने बार-बार मुगलां रै आक्रमण रो शिकार होवणु पडियो। सन् १३९९ ई० माय मण्डोर रा राव चूंड़ा इण माथै अधिकार कर लियो। महाराणा कुंभा भी दो'बर नागौर पर भोत जबरदस्त आक्रमण करियो हो। कुम्भा रा आक्रमण सफल रिया अ'र इण दुर्ग माथै इणा रो अधिकार होग्यो। मारवाड़ रा शासक बख्तसिंह रा समै ई दुर्ग को पुननिर्माण करवायो। बे किला की सुरक्षा व्यवस्था भी मजबूत करी। मराठा भी ई दुर्ग माथै कई आक्रमण करिया। महाराणा विजयसिंह नैं मराठा का हमला सू बचाबा खातर केई म्हीना ताणी दुर्ग माय रेवणु पड्यो।
खिंवसर किलो
ओ किलो नागौर रा राष्ट्रीय राजमार्ग नं. 65 सूं 42 किलोमीटर की दूरी माथै स्थित है। ओ किलो लगभग 500 साल पुराणु है। ओ किलो थार मरूस्थल रै बिचाळे स्थित है। इण किले रो निर्माण ठाकुर करम सिंह जी सोहळहवीं शताब्दी माय करवायो। खिंवसर किलो नागौर को प्रमुख दर्शनीय थाना मांय सू एक है। पण थोड़ा समै पछे इ किला ने हैरिटेज होटल माय बदळ दियो। ई होटल माय सगळी आधुनिक सुविधावां घुमण आळा नै दी ज्यावे है। मानीजे है के मुग़ल सम्राट औरंगजेब कदे-कदास इण माय रेह्बा ने आवंता हा।
कुचामन किलो
ओ किलो राजस्थान का सैंसू पुराणा किलां मांय सू एक है। ओ किलो परबत रै सेंसू उपरला थान माथै स्थित है। इण किला नै अब होटल माय बदळ दियो गयो है, जिण कारण भोत संख्या माय पर्यटक अठ्ठै आवणु पसंद करै हैं।
वीर तेजाजी की जन्म स्थली खरनाल
vlcsnap-33287.jpgखरनाल नागौर राष्ट्रीय राजमार्ग नं. 65 सू १६ किलोमीटर री दूरी माथै स्थित है। अठ्ठे मेळो भादवा म्हीना माय लागे है। ई मेळा को आयोजन भोत बडा स्तर पर करियो जावे है।

कुड़की
02219.jpgकुड़की नागौर जिले को एक छोटो सो गांव है। ओ थान मीरा बाई रै जलम स्थान रै रूप माय जाणयो जावे है।

 

अचित्रागढ़ किलो
इण किले रो निर्माण चौथी सदी माय हुयो हो। ई किला माय तीन दरवाजा हैं। पेलड़ो दरवाजो सिरहे , दूजो बीच को पोळ अ'र तीजा ने कचेहरी पोळ केवे। इ किले माय कुछ प्रमुख महल जियां - हाडी रानी म्हेल, दीपक म्हेल, भक्त सिंह म्हेल, अमर सिंह म्हेल, अकबरी म्हेल अ'र राणी म्हेल रै अलावा दो मिंदर कृष्णा मिंदर अ'र गणेश मिंदर नं शाह जहानी रो स्मारक भी है!
हमीद्दीउदीन नागौरी रो मकबरो 
ओ भोत प्रसिद्ध मकबरो है। ई जगां काजी हमीद्दीउदीन नागौरी रो स्मारक है। ऐ एक सूफी संत हा। आ जगां पश्चिमी राजस्थान री सबसू बेहतरीन स्मारकां मांय सू एक है। ई मकबरां माय जावण नैं जो गेलो है बो भोत सुरूप है। संत हमीद्दीउदीन नागौरी बगदाद सू राजपूताना आया हा। इण परिसर रै मांय मस्जिद भी है। उर्स को त्युंहार भी अठ्ठै मनायो जावे है। उर्स का अवसर माथै इण दरगाह माय देश भर सू मोकळी संख्या माय मानेतण अठ्ठै आवे हैं।
जैन मिंदर
ई मिंदर की बणावट भोत भव्य है। ई मिंदर माय करियोडी चित्रकारी भगवान महावीर अ'र पार्श्व नाथ रै जीवण सू जुड़ीयोड़ी है।
नागौर पशु मेळो
2.JPGओ मेळो जनवरी-फरवरी म्हीना माय भरिजे है। ई मेळा को आयोजन भोत बडा स्तर पर करियो जावे है। ओ भोत  चोखो औसर हुवे है जद पूरे राज्य सूं लोग अठ्ठै आपरा पशु बेचणने अ'र खरीदण खातर एकठा हुवे हें। इण रै अलावा मेळे माय रस्सा-कशी, ऊंटा की दौड़ अ'र सांड की लड़ाई को आनन्द भी उठायो जाय सके है। ई मेळा माय होवण आळी मुरगां की लड़ाई, ऊँट की दौड़, कठपुतली को खेल, राजस्थानी नाच आद भी पर्यटकां वास्ते आकर्षण रो प्रमुख केंद्र हुवे हैं, सुरजी रै अस्त होवण रै सागे ही नागौर रै ई पशु मेळा माय अठ्ठै रा पारंपरिक लोकनृत्य री गूँज एक सोवाणु उच्छाव बणावे है।
बड़ी खाटू की जामा मस्जिद
पेलोड़ा वर्ग रा स्मारकां माय दिल्ली सूं बारे केवल २ स्मारक है । पेलो अजमेर माय अढाई दिन को झोंपड़ो, नं दूजो नागौर माय बड़ी खाटू की जामा मस्जिद है।
कुणसी रुत माय जावां
बिंया तो सारीसाल माय कदे भी आप नागौर जा सको हो, पण बठ्ठे जावण रो अनुकूल समै फरवरी सूं मई अ'र अगस्त सूं नवंबर महिना रै बीच को समै है।
कियां पूगां नागौर
भारत री राजधानी नई दिल्ली अ'र राजस्थान री राजधानी जयपुर सू मेड़ता रोड़ रै वास्ते कई बसां मिले है। मेड़ता रोड़ सूं नागौर की दूरी 82 किमी है, जिण नैं आप बस कै टैक्सी सूं तै कर सको हो।
आवागमन रा साधन
हवाई अड्डो
सबसूं कनेलो हवाई अड्डो जोधपुर विमानक्षेत्र है। आ जगां नागौर सूं 135 किलोमीटर की दूरी माथै स्थित है। दिल्ली, मुम्बई, उदयपुर अ'र जयपुर सूं जोधपुर रै वास्ते हवाई यात्रा करी जाय सके है।
रेल मार्ग
सबसूं कनेलो रेलवे टेशण नागौर माय है। आ जगां दिल्ली, मुम्बई, जयपुर, चैन्नई, गुव्हाटी अ'र कलकत्ता सूं रेल मारग द्वारा जुडियोड़ी है।
सड़क मार्ग
नागौर रै वास्ते सीधी बस-सेवा है। दिल्ली, अहमदाबाद, अजमेर, आगरा, जयपुर, जैसलमैर अ'र उदयपुर सूं बस-सेवा की सुविधा उपलब्ध है।

 

 

 

 

 

 

 
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फ़ोन न.-26925850, मोबाईल- 09825646519, ई-मेल--sspokharna15@yahoo.com

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