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राजस्थान रा जिला रो नक्शो
(आभार राजस्थान पत्रिका)

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जयमल अर पत्ता
जोरावर सिंह बारहठ
महाराणा कुम्भा
कमलावती
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महाराणा लाखा
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राव प्रतापसिंह जी
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राव बीकाजी
चित्रांगद मौर्यजी
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राव जोधाजी
सवाई जयसिंहजी
भाटी जैसलजी
खिज्र खां जी
किशनसिंह जी राठौड
महारावल प्रतापसिंहजी
रतनसिंहजी
सूरतसिंहजी
सरदार सिंह जी
सुजानसिंहजी
उम्मेदसिंह जी
उदयसिंह जी
मेजर शैतानसिंह
सागरमल गोपा
अर्जुनलाल सेठी
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देव कोठारी
सत्यनारायण सोनी
पद्मचंदजी मेहता
भवनलालजी
रवि पुरोहितजी

राजस्थानी व्याकरण
(रचनाकार- राजेन्द्र बारा)


राजस्थानी गद्य रो रूप निर्धारण

लिपि
1. ए-ऐरी जगां अे-अै लिखणा।
2. मूर्धन्य 'ल' नै 'ल'लिख्यो जावै।
3. चंद्रबिन्द अर बिन्दु दोनां री जगां '.' लगायो जावै।
4. व अर्धस्वर रो प्रयोग नईं कर्यो जावै।
5. सानुनासिक ध्वनियां रा पैलड़ा आखरां पर विंदी नीं लगाई जावै, जियां-राम, राजस्थानी नीं लिखर राम राजस्थान ई लिख्यो जावै।
6. 'औ' रीजगां 'ओ' लिख्यो जावै, जियां-गयौ, घोड़ौ, सीधौ, औखद, मौड़ौ री जगां गयो, घोडो, सीधो, ओखद, मोड़ो लिखणो चाईजै।
7. अनुप्राणित उच्चारण रा सबदां में बल प्रयोग रो निसास नीं लगायो जावै, जियां सारो-सा'रो, दोनां नै सारा ही लिखणो। प्रसंग सूं अरथ साफ हो जासी।
8. जिका तत्सम सबददेसी रूप मे नीं ढल्या है, वां नै सुद्ध रूप में ई लिखणा, जियां-श्रम, विशिष्ट,समाविष्ट आदजि। इसा सबदां नै फालतू तोडण री चेष्टा नीं करणी, जियां-सरम, समाविसट आदि। पम जिकां रा देसी रूप ठलग्या है वां नै देसी रूप में ई लिखणा, जियां आश्चर्य री जगां अचरज, दर्शन री जगां दरसम, कृष्ण री जगां क्रिसण आदि।
9. कुरी जगां क्रि रो प्रयोग करणो। यिां ई दूजी जगावां भी करणो।
10. आधा सानुनासिक सबदां नै बिंदी सूं दरसाणा, जियां रङ्क, अङ्ग, पन्त नै रक, अंग अर पंत लिखणो।
उच्चारम री कुछक दूजी समस्यावां-
हिंदी-में राजस्थानी में, मांय-घर में कु,ण घर मांय सूं आपो।
तू तुमको (आको)तूं, तनै, थानै आपनै-थांनै आवणी है।
(थारी अर थांरी में थारी न चै दरजै अर थांरी ऊंचै दरजै रो सबद है)
सिंह, क्यासिंध, काईं-सिंध थांरो काई करै
कन्हैया, हीकनइयो, ई-कनइयो ई चोखो लागै।
उठाकरउठार-पोथी, उठार पढण लागग्यो
तरह, कि, नहींतरै, क, कै, नईं (नी)-चोखी तरै जावै है क नईं (नी) कैयो कै
जावूं।
थोड़ा सा, रूपया, मुझेथोड़ा सा (थोड़ासाक, रूपिया मनै चाईजै।
आई, आया, जानेवालाआई, आया, जावणाला (जावण-आला) ाया जिका जावमाका है।
सबद भेद- (वचन) छोरी, पोथी  छोर्यां, पोथ्यां-छोर्यां पोथ्यां पढै।
विभक्ति-राजा रा घोड़ा पर, किला रा माथा पर, रावला
में-नी लिखर-राजा रै घडोै पर, किलै रै माथै पर,
रावलै में लिखणो। हिंदी अरे री जगां अरै लिखणो। सर्वनाम हिंदी - मैं, मैंने, मेरे से, मेरा, मेरे में। राजस्थानी-
हूं, म्है, म्हारै सूं म्हांसू, म्हारो, म्हां में, म्हारै में।
हिन्दी -तूं, तुझे, तेरे से, तूने तुझ में।
राज. तूं, तनै थानै,तैसूं, थारै सूं, तैमें थारै में।
हिंदी -ापका, आप में आपको।
राज.-आपरो (थांरो), आप में (थां में) आप नै (थांनै)।
हिंदी- यह, ये, सि, इसने, इसको, उस, उसने, इनमें इन्होंने
राज.-ओ (आ, ऐ, ई, (इण), इण नै, उण (बीं), इणां में इणां।
हिंदी.- कोन, किसको, कई, जो, जिस, उस।
राज. -कुण, किणनै, कई (केई), जो,जिको, जिण, तिण।
क्रियाविसेसण-
हिंदी- यहां, वहां, जहां, कहां, तहां, इधर, उधर, जिधर।
राज.- अठै-बठै काईं धर्यो है ? जठै-कठै मिलसी। अठी नै बैठ, उठी नै कांई मेल्यो है। जठी नै जासी, उठी नै
जासी, बैठी नै ईं मिलसी।
हिंदी-अब, जब, कब, किस समय, जिस समय अभी।
राज.-अबार मत जा, अवै कांई पड्‌यो है। कद अर कणै जासी ? जत अर जणै ई आसूं। हणैईं काईं करूं ?
हिंदी-आगै, पीछै बाद में, सामनै, बाहर, परसों, फिर, परलेदिन।
राज.-आगै, (अगाड़ी), पछै संसार बारै, परसूं, फेर, परलैदिन, तापरलैदिन।
हिंदी-ऐसै, वैसै, कैसै,जैसै तैसै,ज्यों-त्यों।
राज-प्रियां, बियां, क्रियां, जियां,तियां ज्यूं-त्यूं।
क्रिया-
हिंदी-आना, जाना, कहना, आता।
राज. आवणो, जावणो, कैवणो, आवतो।
हिंदी-करना (आज्ञा) रहूंगा, जाऊंगा, होगा, हुआ, था थी।
राज- करजो, रहसूं, (रहूंला), जासू (जाऊंला) हुसी, हुयी हो, ही।
हिंदी- रहा, रहता हूं, किया है।
राज- रैयो, रैवूं हूं कर्यो है।
विशेषण-
हिंदी-अधिक, ज्यादा, बहुत, सब।
राज.-अधिक, जादा, बौत, सै (सगला)।
हिंदी-ऐसा, वैसा, कैसा, जैसा, जितना उतना।
राज-इसो, बिसो, किसो, जिसो, जित्ता, बिता।
संयोजक-
हिंदी-और, या, पर।
राज.-अर, और (नै) या, पण।
विविध-
हिंदी-दे दो, ले लो, मोहर, कहानी महल।
राज.-दे दो, ले लो मो'र, का'णी मै'ल। (बल प्रयोग इसा सबदां में फिलहाल लगाणो ई तै राख्यो)
हिंदी-क्या जानै, दूहना, चाय, पत्थर, सूखा।
राज.-कांई ठा, हूवणो, चाय, पथ्थर सूका।
        कई सबद गलतलिख्या जावै जिणां नै नीचै मजुबसहीलिखणा-(गलत सबद कोठै में मांड्या है)- कनै (खनै) आधो (आगो) खायो (खातो) ऊतावल (उतावल) चोखो (छोको चोको) माझल, (मांझल) पीवल, (पीथल) पातल (पातल), बगत (बख्त) किनारो (किनारो) निजर (नजर) आणंद (आनंद) नवी (नई), जे (जो), पडनो (पडणो),जचै (जंचै) नदी (नंदी नद्दी) सारू (सारूं) आवतो (आंवतो) कीं (कुछ) सवाल (सुवाल) काल (कालै) मसखरी (मसकरी) मूधै (मूंगै) साच (सांच) बो बा (वो वां),सूं (स्यूं) बिरछ (बरछ) भाजै (भागै) अुमर (अुमर), पकड़ (कपड़ अपड़), मस्त (मसत) रैया (रिया) मणिया (मिणिया)।
सबद कीकर लिखो

('ही') भूतकाल रो सबद है।
(ई) हिंदी रै 'ही' रै री जगां।
कनै, बींनै, अठी नै, उठी नै, अठै, बठै, उठै।
कद, तद, जद,क्यूं।
क्युं (कुछ)
ईं, इणनै, उणनै
अर (और सारू जोधपुर कानी नै भी लगावै।)
नीं, (नहीं) नईं
नुवीं (नई)
ना'र(नाहर), गादडी, गादड़ी, लूंकड़़ी
ओ, वो
स्हो, स्है, सै सो कीं
आंनै, वांनै, किणनै, कुणनै
काम, कमतर
राम, नांव, गांव, गावेतरो
सरी
कालो, पीलो, धोलो
काल (कल) काल (दुरभिख)
तनै, मनै, बीनै, उणनै
आछ्यो, सूगलो, न्यावू, ताजो, बासी
मा (माता)
में, मां (मांय) मांकर
हुवोत, सुवतो
नैं (ने)
आ'र, जा'र, खा'र, पी'र
कीकर, कैयां,इयां, बियां, जियां, तियां, कियां.
जावै (जा रैयो है), खावै (खा रैयो है)
मतना, मती, नईं नीं, न
स्योला, उन्यालो
हूंकारो, कलायण, बादली
उपजै, नीपजै
है, हां, हामी, सामीं, सामै, आमै-सामै, आसमै-सामनै
उजलो, उजालो
म्हैं, मैं
में (अंदर)मांकर, मांय
वै (वह) बो, वांनै
जगां (जगह), जात्रा (यात्रा)
वातां (बातां)
थांन-थान
ऊंट, गाय, भैंस, पाडो, बाछड़ियो
का'णी ऊ कहाणी (कहानी)
संग्रै (संग्रह)
गोधम अधूम, कुचमाद कुचमादी, अचपलो इतर्योडो
आवेजावैखावै
पीवैरोबैहांसै
आवोजावोखावो
पीवोरोवोहांसो
आसीजासीखासी
पीसीरोसीहांससी
आवैलोजावैलोखावैलो
पीवैलोरोवैलोहांसैलो
आस्योजास्योखास्यो
पीस्योरोस्योहांसस्यो
आयोड़ोजायोड़ोखायोड़ो
पीयोड़ोरोयोड़ोहांस्योड़ो
आयग्योजायग्योखायग्यो
पीयग्योरोयग्योहांसग्यो
आयीजसीजायीसजीखायीजसी
पीयीजसीरोयीजसीहांसजसी
उडैपकड़ैपूछैतूठैबूझै
उड्योपक्ड्योपूछ्योतूठ्योबूझ्यो
उड्योडोपकड्योडोपूछ्योडोतूठ्योडोबूझ्योडो
उडग्योपकड़ग्योपूछग्योतूठग्योबूझग्यो
उडीजगीपकड़ीजगीपूछीजगीतूठीजगीबूझीजगी
उडसीपकड़सीपूछसीतूठसीबूझसी
उडीजैपकडोजैपूछजैतूठीजैबूझीजै
बोलीजैसुणीजैतोलीजैमोलीजैनिभीजै
बोलस्यांसुणस्यांतोलस्यां मोलस्यानिभास्या
जीस्यां खास्यांपीस्यांआस्यांमरस्यां
थे म्हेआप
थारलोम्हारलोआपांलोआपरलो
आगलोलारलोपाछलोऊपरलो
इकेलडोदोलड़ोतेलड़ोचोलड़ोचौथो
एकलोदोकलोतीसरोचोथलोपांचवों
इयांईबियांईजियांईकियांई
तत्सम सबदां न बिगाड़ना नहीं चाहिजै। भासा में अठै तत्सम अर तद्भव दोनूं रूप प्रचलण में हुवै तोदोनूं स्वीकारण चाहिजै।


पद परिचय

वाक्यमांय आयोड़ै हरेक सबद रो व्याकरम रै रूप में परिचय करणोपद परिचय कहीजै; जियां-
मैं लारैल साल बीं नै दिल्ली मांय मिल्यो हो।
सबद आठतरै राहुवै है-संग्या, सरवनांव, विसेसण, क्रिया, क्रिया विसेसण, संबंध बोधक, समुच्चय बोधक, विस्मय बोधक।
ऊपरलै वाक्यो रो पद परिचय नीचै मुजब है-
मैं सरवनांव
सालसमै (संग्या)
बीं नैसरवनांव
दिल्ली में स्थान (संग्या)
मिल्योकर्म (क्रिया)
पद परिचय तद हुयसकै जद व्याकरण रो पूरो ग्यान हुवै। पद परिचय रो अभ्यास हुवणै सूं व्याकरण री सही जाणकारी री पतो लागै।


सबद बणावणो

सबद सूं सबद बणै; जियां क्रियां सूं संग्या, क्रिया सूं विसेसण, संग्या सूं विसेसण, संग्या सूं क्रिया, संग्यासूं भाव वाचक, संग्या ्‌र विसेसण सूं संगक्या तरै-तरै रा प्रत्यय सबद रै आगै जुड़़णैसूं ेक सबद सूं अनेक सबद बणै अर वां रा अरथी भी न्यारा-न्यारा हुवै।
क्रिया सूं संग्या बणावण रा नियम
लिखणोलिखास (आस)
लिखावट  (आवट)
लेख (अ)
लिखाई (आ)
लिखंत (अंत)
लिखोती (ओती)
लेखण, लेखणी (ण, ई)
लिखाड़ (आड़)
लिखारो (आड़)
लिखारो (आरो)
लिखार (आर)
लिखत (त)
पूजणोपुजारी  (आरी)
लेवणो लेवाली (आली)
जड़णी जड़ियो (इयो)
खावणो  खावकी (अकी)
चालणो चलगत (गत)
चालणोचाल(अ)
धमकणो धमक (अक)
धमकणो धमाको(आको)
धमकाणो धमकी (ई)
धबराणोधबराहट(हट)
सुणनो सुणवाई(वाई)
समझणोसमझोतो(ओतो)
करणोकरणी (णी)
घटणोघटती(ती)
जगेरणीजगरो(रो)
बिकणोबिकरी(अरी)
जागणो जागरण(रण)
जागणोजागरणो(रणो)
जागणोजाग(अ)
जगाणीजगरो(अरो)
बालणोबलीतो(ईतो)
धीजणोधीज(ईज)
धमणोधमीड़(ईड़)
सप सप कहणोसपाट(आट)
रूखवाणोरखवाल(वाल)
जोड़णोजोड़(अूं.)
चाटणोचटोकडो(टोकड़़ो)
डरणोडरणियो(ईयो)
पालणोपालक(अक)
डरणोडरावणो (आवणो)
अड़णो अड़़यिल(इयल)
लड़णोलड़ियाल(इयाल)
टलणीटालेड़(एड़)
पढणोपढियोड़ो(ओड़ो)
घुटणोधोट(अ)
बधावणीबधापूडो(अूड़ो)
रोवणोरूपांखो(आंखो)
क्रिया सूं विसेसण बणावण रो नियम
खावणोखावक्यो(कियो)
कमाणओकमापू(आपू)
पढणोपढाक(आक)
लड़़णोलड़ाकू(आकू)
कातणीकेतरी(एरो)
लेबणोलेवाल(आल)
झगड़़णोझग़डालू(आलू)
झगड़णोझगड़ाली(आली)
खाबोखाबलो(आलो)
खाबणोखावणालो(आलो)
लूटणोलुटेरो(एरो)
चाटणोचटोरो(ओरो)
अकड़णोअकड़़ैल(एल)
चाटणोचटोर(ओर)
लिखणोलिखणहार(हार)
करणोकरंदो(अंदो)
संग्या सूं विसेसण
कामकामल(ल)
चमकचमकणो(णो)
खेलखिलाडी(आड़ी)
आड़तआड़तियो(इयो)
पग पागी(ई)
धाड़धाड़ैतीौ(ऐती)
सौदो सौदागर(गर)
अमलअमलदार(दार)
नकलनकलनवीस (नवीस)
तिसतिसायो(आयो)
तिरसतिरसो(ओ)
जानजानेती(एती)
बरस बरसोद(ओद)
बलबलवंत(अंत)
धनधनवंतो(वंतो)
गाड़़ीगाड़ीवान(वान)
हांसीहंसोड़(ओड़)
बातबातूनो(अूनो)
जरूरतजरूतमंद(मंद)
तीनतीजाण(आण)
तीनतीजूणी(अूणी)
मांदगीमांदो(ओ)
वादवादी(ई)
रामगढ़रामगढ़िया(इया)
मानमानेतण(एतण)
जोसजोसेल(एल)
गुणगुणकारी(कारी)
लाडलाड़की(की)
लाडलाडी(ई)
बाडलाडेसर(एसर)
कामकामगार (गार)
छंदछंदगारी(गारी)
आंगणआंगणआरी(आरी)
दुखदुखियारी(यारी)
गुणगुणवान(वान)
उनालूउनालू(लू)
बंटबंटायत(आयत)
पाटपाटवी(वी)
चालचालबाज(बाज)
गांवगांवाऊ(आऊ)
सींगड़ीसिगड़ियाल(इयाल)
घाड़ोघाड़ायत(आयत)
दूध दूधाल(आल)
उत्तरउत्तरायण(उयण)
सिरसिरांतिया(आंतिया)
जंगल जंगंली(ई)
भावभावीक(ईक)
लाखलाखीणो(ईणो)
सरमसरमीली(ईली)
घरधरू(पू)
तीजतीजण(ण)
दसदसूंध(पूंदी)
दस दस्सा(पा)
कामकामेड़(एड़)
मेवाड़मेवाड़ो(आड़ो)
पहलपैलाण(आण)
दूधदूधार(आर)
चुगलीचुगलखोर(खोर)
रोरोवूं(वूं)
सोनीसोनैरी(ऐरी)
रंगरंगील(ईल)
दोदोनूं(नूं)
ढंगढंगसर(सर)
पांचपांचवों(वों)
एकएकलो(लो)
दूधदूधिया(इया)
नकलनकलची(ची)
धंधोधंधालू(आलू)
बातबातपीस(पोस)
जिसमजिसमफरोस(फरोस)
संग्या सूं क्रिया
दुखदुखणो
गुणगुणनो
रंगरंगणो
सुस्तीसुस्ताणो
कसककसकणो
गंधगिंधाणो
हेड़ोहेड़़णो
तृष्टितूठणो (टूठणो)
थपकीथपकणो (थापणो)
डबरडबरणो
चूंधचूंधणो
आडीआडणो
खांसीखांसणो
हांसीहंसावणो (हांसणो)
संग्या सूं भाववाचक संग्या
मेलमिलाप (आप)
मेलमेलावो(आवो)
निजरनिजराणो(आणो)
चोरचोरी(ई)
बापबापोती(ओती)
भाईभाईचारो(चारो)
मिनखमिनखपणो(पणो)
भाईभाईपो(पो)
भेलभेलवाड़ी(आड़ी)
भायलोभायलाचारी(चारी)
नानाकारी(आरी)
विसेसण सूं संग्या
भलाभलाई(ई)
फूटरीफूटरापो (आपो)
घणीघणीयाप(याप)
स्याणोस्याणप(अप)
सादीसादगी(गी)
पंचपंचायती(आयती)
राजौराजीपो(ईपो)
तेजतेजी(ई)
अजबअजूबो(उपो)
पीलोपीलास(आस)
कालोकालूंस(उंस)
हर्योहरियाली(इयाली)
बिगड़योड़ोबिगाड़(आड़)



सबद-संग्रै

(क) जोड़ला सबद
खातो-पीतो
चाबा-बूरो
छोरा-छोरी
रोटी-बाटी
पीणो-खाणो
जीवतो-जागतो
रोतो-पीटतो
ठाती-कूटो
राम-रहीम
गाणो-बजाणो
जीम-जूंठ
सगा-संबंधी
गीत-नात
जात-पांत
ढाडी-डूम
चोरी-चकारी
रात-बिरात
सुबै-स्याम
रैण-रावलै
भेड़-बकरी
गाय-भैंस
टाबर-टिंगर, टीकर, टोली
(ख) उल्टो अरथ देवणिया (विलोम) सबद
अपणो-परायो
आलस-फुरती
सरू-अन्त
भलाई-बुराई
वीर-कायर
छोटो-बड़़ो
चतर-मुरख
हाण-लाभ
इमरत-जै'र
खारो-मीठो
जीवण-मरण
त्याग-सुवारथ
सोवणो-जागणो
जीत-हार
ऊंचो-नीचो
मोटो-पतलो
गुण-ओगुण
डांवो-जीवणो
राजा-रंक
देवता-राखस
अंधारो-उजालो
नफो-नुकसान
सोवणो-सूगलो
गरी-ठंड़
सून-सुलबुलाट


एकार अनेक सबद (पर्यायवाची) सबद

परबत-डूंगर, भाखर, पहाड़, मगरो
धरती-धरा, अवनी, इला, भोम, मही
लुगाई-घण,क्रिया, औरत, आदमण
हवा-पून, बायरो, भाल
तरवार-खांडो, खड़ग, बीजल, दुधार
ऊंट-मैयो, खोतो, हाडो
घण अरथावूं सबद घणा सबदां खातर एक सबद

जिको पढ्योड़ो नीं हुवै-अणपढ़
पीसालो ादमी-भागवान
कदे नीं मरबालो-अमर
दिन में एर होवणियो-रोजनदार
साल मांय ेकर होवणियो-सालीणो
जिको करड़ो काम हुवै-दोरो
जिणरो घणी खतम हुग्यो-रांड़
काम सूंजी चुराणियो-कामचोर
जिकै मांय अकल नीं हुवै-मूरख
लाज नीं करणियो-बैसरम
गंदो रैवणियो-सूगलो
सांची बात कैवणो-सांचोट
जिकी जगां नीपजै नीं-बंजड़
जिको फल ई खावै-फलाहारी
दूजां सूं इसको राखै-फलोकड़ो
जिको छोरछड़यांपणा करै-टिंगर


एक अरथवाला सबद

अस्तर-सस्तर
अस्तर-हथियार दूर सूं फैकबालो
सस्तर-हथियार हाथ में लेयर लड़वालो
दया-महरबानी
दया-दूजै रै दुख मांय उणरी हिमायत करणी
महरबानी-गरीब री मदद करणी
पाप-अपराध
पाप-धरम रो नियम तोड़णो
अपराध-राज रो नियम तोड़णो
हाली-गुवाल
हाली-हल चलावणियो
गुवाल-गायां चरावणियो
खेत-क्यार
खेत-पूरी जगां जठै खेती हुवै
क्यार-छोडी क्यारी (खेत रो हिस्सो)
नूंत-पांत
नूंत-नूंतो देय'र बुलाणो
पांत-बिठा'र जीमावणो
ईसको-ईरखा
ईसको-दूजै रो बढ़णो देखर जलणो
ईरखा-दुसमणी राखणो
एवालियो-गुवालियो
एवालियो-रेवड़ (लरड्‌यां-बकर्यां) चरावणियो
गुवालियो-गायां चरावणियो
(शेखावटाी में दोनुंवां सारू भगत गुवालियो ई सबद काम में लायीजे)


एकसा दिखणिया सबद

कपटछल
कपाटकिंवाड़
तुरंबघोड़ो
तरंबलहर
कटकसेना
प्रसादमहरबानी
परसादमिंदर रो चढ़ावो
प्रणामनमस्कार
परणामनतीजो
खालचामड़ी
खालनालो
कालसमै, बीत्योड़ो
कालदुरभिख, मौत
गालचरै रोऐ कभाग
गालगाली
गेलीपगदंडी
गैलीबावली
तोड़ोकमी
तोड़ोतोड़णो
बाबलबाप
बावलपागलपण
थामोढामणो
थाम्बोखम्भो
आल कीं गीली
आलोफुहड़ बोलणियो, बिना किरयोड़ो, मकान में ताक
लालएक रंग
लालजीमभ सूं निकलियो तरल पदार्थ
बकारचैलेन्ज, चुणौति
बधारमसाला आद (सब्जी में बधार) बढ़-बढ़ बोलणो
जिनावरां री बोली रा सबद
गडकभौं-भौं (भूंकणो)
कोयलकूंह-कूंह(कूकणो)
मोरपीहू-पीहू(कुरालणो)
कबूतरगुटरगू(गूटरगूं)
ऊंटबलबला(बलबलाणो)
भैंसभांआं
बकरीमीं-मीं(मिमियाणो)
माखीभणभणा(भिणभिणाणो)
चिड़ीचीं-चींचैचाणो
मींडकटरै-टरै(टरणो)
सांपफूंह(सुंसाड़ करणो)
पपीयोपी-पी(पीं-पीं)
कमेड़ीटमरकटूं(बोलणो)
कुरजांकुर-कुर(करलांणो)
कागलोकुरांय-कुरांय(बोलणो)


   
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आस रे थांबे आसमान टिक्योडो ।

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