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(आभार राजस्थान पत्रिका)

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डा. विमला भंडारी

C-147, गोकुल पथ
वैशाली नगर, जयपुर (राज.) 302021
फोन नं :- 0141 2352344
0744 23867261


वात करामात

एक राजा हो वणी आपरे राज में हूंडी पिटवाई क जो भी कोई एक अच्छी बात केगा और वन्डो कई अरथ निकालेगा तो वो वीने एक मोहर देगा। ज्यादा अच्छी बात करेगा तो एक ऊँ ज्यादा मोहर देगा। सब जणा सोचवा लागा। वणी शहर ऊं थोड़ी दूर एक गाँव में चार दोस्त रहता हा। वी भी वात ढूंढणा चाल्या। घर कूंचा धर मंजला चालता चालता एक जंगल में पहुंचा एक जणो देख्यो कि हिरण वण्डा पंजाऊँ जमीन खोद रह्यो है वो चिल्लायो ओर केवा ल्गोय कि वीने वात मिल गई। सब पूछीयो का कई बात है? वणी कियो का - खोद खरड् खरड्। ज्यों दी वो जोर ऊँ बोल्या हिरण अढी वढी देखवा लाग्यो। दूसरो दोस्त बोल्यो कि वण्डे भी वात मिलगी सब पूछियो का कई वात मिली। वो केवा लाग्यो क चोगे टगर मगर वणी री आवाज सुण हिरण भागवा लाग्यो जदी तीसरो वीने देखर बोल्यो तीने भी वात मिलगी। सब रे पूछवा पे वो बोल्यो कि मात्रे अलाम दलाम। तीन ही जणा राजा रे दरबार में गया और केवा लाग्या कि वणाने वात मिल गी। राजा वणाने पूछीयो कि कई वात मिली। एक बोल्यो खोदे खरड़ - खरड़ दूजो बोल्यो चोगे टगर मगर तीजो बोल्यो भाग अलाम छलाम राजा सोचियो कि जाणे अन्डो कई अरथ है अणी वास्े वणी आपरा मंत्रीने कियो का अणा तीनारी वात लिख लो और वणा तीने के किया का जगी थाी वात सही वेगा जदी इनाम मिलेगा। अब चोथो दोस्त वात ढूंढवा लाग्यो। वणी देख्यो का एक कागलो वन्डी चोंच धिस रह्यो है और गड़ी गड़ी पाणी लावे और फेर चौंच ने जिसे। वणी कियो कि वीने भी वात मिलगी। सब रे पूछवा पे वणी बातयो कि ‘धिसे धिसावे गडी गडी पाणी लावे ओर फेर जिसे जिसाने जाणी रे की लेया थारी गत न्यारी’ राजा रे अठे गया और वात वटाई या वात भी मंत्री लिख ली दी। अबे राजा रात में वणा चार ही वाता ने पढवा लाग्यो और सोचना लाग्यो कि अणा रो कई अरथ है। वो जोर जोर ऊमण रहीयो हो। एक चोर आयो और सोचियो का राजा रे अठे चोरी करवाऊँ आछो माल मिलेगा। वो सेदा लगान मीत खोदवा लाग्यो उतना में राजा मणियो का खोदे खरड़ खरड़ चोर समापियो क राजा खोदवा री आवाज सुण ली दी है वो अढी वढीने देखवा लाग्यो अतना में राजा माणीयो का चोगे टगर टगर चोर वहा ऊँ माणीयो राजा वणी वगर माणीयो क भागे अलाम-छलाम भागवा री आवाज सुण सिपाही वीने पकड़ न राजा रे पासा लाया। चोर राजा रे पाँव में पड़ न माफी मांगवा लाग्यो। वो खोद रीदियो हो तो हुकम आप बोल्या का ‘खोदे खरड़ खरड़ मूं अठी वठी देखना लाग्यो तो आपा फरमायो क चोगे टगर मगर मूं भागवा लाग्यो तो आप फरमायो का भागे अलम-छलाम हजुर आपे मने माफ करें आपने तो सब पतो लाग गयो। राजा वन्डी वात सुण म वीने तो सजा दीदी और तीन ही दोस्त ने बुलाय न एक एक मोहर इनाम में दी दी। दिन राजा जी चौथी बात भणवा लाग्या, घिसे घिसावे जिस जिस पाणी लावे ओर फेर धिसे धिसावे जाणी रे काटलिया थारी गत न्यारी। वणी वगत एक नाई जन्डो नाम कहलियो हो पाणी लाला न उस्तरां ने जिस वन्डी धार तेज थर रहीयो हो। राजा रा भाई वणी कतलिया ने रुपया दीदा क राजा री हजामत करता वगत गला पे छुरी फेर राजाने मार दीजेतार्थ वो राज राजा रे भाई रे हाथ में आ जाय। राजा जदीरौथी वात भणी हो कालियो जबराई गयो कि राजा जी तो सब वात मसझ गया और अबे वीने बड़ी 3 कड़ी सजा या फाँसी मिलेगा। अणी व्साते वीने माफी मांग लेणी चाहवे। वह दौड़न राजा जी रे पाँव में गिर माफी मांगता दवा सारी वात बता दी दी। अणी तरह उं राजा जी री जान बचगी वात करामता वेईगी और सुबह वेता इन चौथा जणा ने बुलायो और वीने दो मोहरां इनाम में दी दी।


आलसी कुँवर दशामाता की कृपा

एक सेठ जी हा वणा रे सात बेटा है छः तो कमावता और एक नी कामवतो हो। दशामाता रा दना में छः बहुओं पूजा करती और बची दकी पूजा मू सातवी बहू पूजा करती। वा दशामाता मांगती :-
खोला में कीको, माथे टीकौ, गले मोतियाँ रो हार।
धूध रो जड़ो मारियो रे, बालक मारे लात,
देराणियाँ जेठाणियाँ खम्मा-खम्मा करे
पावे मोत्या रो हार।
देराणियाँ जेठाणियाँ आपस में बात कर दी कि वींद तो आलसी है। कई कमावे कोनी और दशामाता ऊँ असी वातामांगरी है। दातवी बहू ने सुण न गणो दूःख वेतो। एक दान वणी आपरे वींद ने कहियो कि वो कुछ काम करे। उसने दूसर शहर में जाय ने आप करवा री सोची और सोचयो क वण्डे पास तो कई मीनी है। सातवीं बहू गोबर रा छाणा छेप री ही वणी पाँच छाणा व गला में पेरी दकी दशामाता बेल आपरा वींद ने दीदी वो दूसरा शहर में गयो पण रात घणी वेवाऊँ, दरवाजां बन्द वेई गया और वो दरवाजे बानेह ही रोई गयो। वणी रात में वटारो राजा मर गयो। वन्डे कोई सन्तान नी ही। राजगद्दी रे वास्ते आपमें झगड़ो वेवा लाग्यो जदी तय करिदो कि परमाटे दरवाजों खोलता ही जो सबाऊँ पेली मिलेगा वीने ही राजगद्दी पर बिठा दागा। दरवाजो खोलता ही वेठ आलसी कुंवर दतेत्दव्यो मिलियो। वीने पकड ले जावा लागा तो वो जबराय ने बोल्य माई मने क्यो पकड़ रीहया हो में तो कोई चौरी नी कीही। वणा सब जणा वीने पूरी बात बताई और कियो कि वी वीने राजा बणावेगा। जब वो राजा वण गयो वणी खूब आछी तरह राज सम्मलियो। जगा जगा धरमशाला कुआ बावड़ी बणवाया और वणा पे नाम खुदवाया आलसी कुंवर व सरदार बाई (उसकी पत्नी का नाम) वन्डे जर ऊँ निकलपत्र ही पार री दशा बिगड़गी और मांगता खादा सूवाड़ा चाणनी बेचवा वाला वे गया। कुण जाणे कन्हा मात्र ऊँ खावा ने मिले है। घर वाला सोचियो कि देश चोरी परदेश भीख ढीकरेवे। की घूमता जामता वणी ज शहर में पहुँच गया और आलसी कुँवर राजा हो। जदी वी सूपड़ा तारणा बेचता राजां रे महल रे नीचे निकलीयिा राजा वणां ने पदचाण लिया, नौकरां ने दोड़ायया और कहीयो का अमा जावा बाला ने काम पे राख लो। माईयाँ ने तो कमढाणा व भोजाया ने रसोड़ा में काम लगाया। मों ने रसोड़ा में खाणा रो सामन निकाल देवा रो काम सोपियों पिताजी ने कबूतहराने दाणे पटकवा रो दाम दीये। राजा आपरी वीनणी जिने खुद ही रसोड़ा में लगाय राखी ही कहलायो कि वा राजाने नहाने ने आवे। वणी आप री सास ने पूधियो। सासने आपणी दशा देखन विने जावे री आज्ञा दे दी दी। नदी ना राजाने नहलावा लागी माथा पे दशामाता री वेल देख न कुध रा वींदरी याद आई राजा रे मोरा में आँसु पड़ गया। राजा तो नीने पहचाण तो हो वणी कियो कमने नबावे में जोर आई रीयो है का मन में कुछ दुःख वेई रीयो है। वा बोली वेल देख वीने वन्हे वींद री याद आई। राजा बोल्यो का वो इज बन्डो वींद है। सब घर था राजा ने पहचाणियो और आछी तरह रेवा लाग्या। फेर दशामाता रा दिन आया। सरदारबाई री गोत में बालक हो पूजा करही करती समय वणी दशामाता ऊँ मांगियो :-
खोला में कीलो, माथे टीको, गले मोतियाँ रो हार, दूध धी रो जड़ो मारियो बालक मारे लात, दूध जीरो जड़ो ढूल्यो, टूटियों मोतियाँ रो हात, देराणियाँ जेठाणिया खम्मा, खम्मा करे पोवे मोत्या रो हार।

गोद को लड़के की लात से घी दुध को घड़ो ढुल गयो और मोती रा हार भी टूट गयो। देराणियाँ जिठाणियाँ मोती रो हार पिरोवा लागी और खम्मा खम्मा करवा लागी। बेटो बेवारी खुशी में राजा जीमण थी दो। रसोई में नीम री चटनी वणाई और खुद रे हाथ ऊँ परस न कहयो क सबू पेली या चटनी कणी दन मूं भी पार परिवार में असो ही कड़वो लागतो हो। सब जणा माफी मांगी। फेर सब आराम ऊँ रेवा लागत हे दशामाता जसी बाद में ढूढीवसी हगला ने म्हाने बी टूढ जे।


सूरज ने अर्थ देती समय बोलणो

सूरज उग्यो सही बाट घूमे मही चड़खलियाँ चेंचें करे, ग्वालिया बेचे दही, बाड़ी को फूले दे गांठ, खोलो म्हारा धरम कुमार बाहर उभा सकल संसार, जाड़ी रोटी मिश्री खांड अरोगो म्हारा दीनदयाल काशीराजा का पुत्र, रणादेव जी का मरहार, कीडीने कण हाथीने मण खट् चरण तीन तंत्र सूरज उगा शेष किरण जै राम जी की।

चन्द्रमा ने ऊर्जा देता समय बोलणो

  1. आगे देखूं नीर मारियो पाछे देखू जर मारियो
  2. सोना की मूंदडी मोत्या सो हार चांद ने अर्ध देऊँ जीवेम्हारा पूत मरहात
  3. आम नीचे पीयर नीम नीचे सासरो (पोत्र का नाम) अरडा देऊँ चन्द्रमा ने मरदो रारवो म्हारो सुहाग।

तुलसी में जल चढ़ाते समय बोलणो

जो का खेत कदम की व्यारी सवा माशा सोना रो दान तुलसी माता करे स्नान ।

पार्श्वनाथ के 5 स्तवन गर्भ चिंतनी

भेरुजी, सतीमाता, पूर्वज, शीतलामाता, व्याव शादी रा, सपना, बतीसी, डिलेवरी, जमाई री, वैवाई री गार्या, खेल तमाशा, साधा, तापस्या रा, चौवीस्यां, दशामाता की कहानियां, गणेश, पतवारी, तुलसी जी, सभी प्रकार की, वधावा, कमलाश, वीरा, सेवरा कामण, गोड़ी, वरद्ध, वन्याग, चूड़ा रा गीत, पूरा पूरा गीत, पूरी कहानियां, सब पूरा लिखा हुआ, जतन बाई पितलिया।

आरती 1

चालो पीया तीरत चालां चालां, सूरज कुंड में दोई मील नावां केसर ने कस्तूरी गोटा, अगड़चंदन री वाटकड़ी, दिजो माता मोरा देरे हाथ, करो रिषभनाथरी आरती करो रिषभनाथ री आरती।

आरती 2

जाजमरारो अणी चौक में रे आवासी माता मोरा देरानंदरे थार कटोरो रण जण दिवलोरे अगड़ चूनण रो पूर्यो तेलरे, ओढो चूंदडी करलो आरती पैरो पीताम्बर करलो आरती रे (सभी देवता का नाम लेना इसी प्रकार कहना)

सपना-1

केसर भर कस्तूरी भर, फूंला भरियो वाटको जी, दीजो अणां मोरा देजी रे हाथ, दीजो अणां सेवा देजी रे हाथ, भगवंत री करलो आरती जी, आसण-वासण हीरा जड़िया, मातारी रखड़ी रतना ज़ी, मातारी झूमरक्यां हीरा जड़ी, इसी प्रकरा सब माताजी का नाम लें। (अचला देवी, त्रिशला देवी,वरमा देवी, पृथ्वी देवी)

सपना-2

डूंगरिया पर डूंगरियों ने अधवीच वाग, जहे माता मोरा देजी तप करे, जठे माता सेवो देजी तप करें, मूं अपने पूंछू मारा मोरादेजी मांय, मूँ यपने पूंछू मारा सेवा देजी मांय, अणीं तप कांई फल निपजे, पेट पियरीया रो घणों सुख होय, मातारी रखड़ी हीरां जड़ी, मातारी टीलड़ी हीरां जड़ी, इसी प्रकार सब गहने का नाम लेना, जुम्ड़ां, तमण्यों, चूड़ला, पाईजब, चूंदड़ा, केसर्या। (अचला देवी, त्रिशला देवी, वरमा देवी, पृथ्वी देवी)

सपना-3

सूती ने सपनों जो आयो मोरी सईंया, जागसांतो धूरेवा में जांसा मोरी सईंया, जाहगसां तो गिरनार्या में जांसा मोरी सईंया, धूलेवा में रिशभनाथ विराज्या मोरी सईया, गिरनारर्या मैं नेमीनाथ विराज्या मोरी सीईंया, रिषभ नाथे मोटाई देव मोरी सईंया, धरम चलावण जोग मोरी सईंया, नेमी नाथे मोटा ई देव मोरी सईंया, पशुए घोड़ानय जोग मोरी सईंया, सूती ने सपनों जो आयो, हतनापुरी में शान्तीनाथ-शान्ती वरताथण, जो करेड़ा में पारप्तनाथ-मेरकावण जोग, पावापुरी में महावीर स्वामी-मेरु धूजावणजोग, आबूजी में गोतस्वामी-प्रश्न पूछण जोग।


सपना-4

सूती ने ओ राजा सपनों जो आयो, तो मारे मन घूरेवा मां जाई लागो, हर लागी नेमसूं, घूरेवा में स्वामी रिषभनाथ विराज्या, तो गिरनारर्या में स्वामी नेमीनाथ विराज्या, तो मोहे दर्शनरी जगीश ओ, हर लागी नेमू सूं, धूलेवा में राणी गयो नहीं जावे, गिरनारर्या में राणी गयो नहीं जावे, तो आपणें मायां भैंसा अती घणी, हर लागी नेमसूं, भैंसा ने ओ राजा ठाणं बंधावों, गायां अपारी लारां ले चालों, (हर लागी) आपारे बेटा पोता अति घणां, ...... बेटा ने ओर राजा दूकाना खंधावो, तो पोता आपारी लारां ले चालों...... आपारे अन धन अति घणों, अना ने ओ राणा दान करावों, तो धन आपारी लार ले चालों, (हर लागी नेमसूं) आपारे बेट्या पोत्सा अदि घणीं.... बेटया ने ओ राजा सासरे पोचावो, तो पोत्या आपारे लारां लेई चालों,..... आपारे वऊआं पोत्या अति घणीं, वऊआं ने राजा घर बार सोंपो तो पोत्या आपांरी लारां लेई चालों....... आपारे सोनो रुपो अति घणीं, सोना में ओ राजा भण्डार नखवो, तो रूपो आपारी लाजं ले चालों हर लागी।

सपना-5
(शील समन्दरीओं)


माता रतन तराई जठे, माता मोरा देजी घाटो जो रुंदयो, जउ माता सेवा दे जी, घाटो जो रुंदयो, घाटो जो रुंदयो माता मातो जो नायो, लेहंगों जो पेरर्यो माता साडी जो ओडी, मेंदी जो दीदी, ओ माता पहीया जो पाड़ी, टलड़ी जो दीदी ओ माता सूरमो जो सारयो तवदस अमावस राण्या महल पदार्या, जणां माता रिषभ नाते जाया, जणां माता नेमी नाते जाया, (अचला देवी, त्रिशला देवी, वरमा देवी, पृथ्वी) (शान्तीनाथ, महावीर स्वामी पारसनाथ, गोतम स्वामी)

सपना-6

ऊंची पिंपरड़ी ने, तर वर छाया-2, जडे रा बेठावो गाता वनभंई रमरया, गिरनाड्या में नेमीनाथ पशुए घोड़ावणरो चाव, सेर हतानुपुरी में रेवणों, शान्तीनाथ शान्ती वरतावण रो चाव, पावापुरी वं महावीर मेरु धूजावण रो चाव, करेड़ा में पारसनाथ भेर करावण रो चाव, बक्षीगढ़ में गोतम स्वामी प्रश्न पूछण रो यो छाव, राजाने राणीं।

सपना-11

केसर वरणीं जी रजी उड़े, कंकू वरणी रजी उड़े, मूं यपने पूंछू रिषभनाथजी, मूंयणने पूंछूं नेमीनाथाजी, कठे अपरे रेवण रो स्थान, हथणीं आवेजी घूमती, हथणीं आवेजी मलकती, गावां नगरा रे मांय, मोटा नगरां रे मांय, सेर हतनापुरी में मारो रेवणों, सेर पावापुरी में मारो रेवणों, सेर करेड़ा में मारा रेवणों, सेर बक्षीगढ़ में मारो रेवणों, शान्ती वरतावण रो वेपार, मेरू घूजावणरो वे पार, मेरा करावणरो वे पार, प्रश्न पूछण।

सपना-12

चांदा थारी चांदणी सी रात के रात के नणंद भोजाई ओ मंदिर निसरी, जी कांई सोना केरी डाबीया हाथ के, राय रुपा राओ चांवल भरलियाजी कांई, हरफर देख्यो यो मंदिर, दरसण किदाओ रिषभनाथरा, जी कांई दरसण किदाओ नेमीनाथरा जी कांई चांदा थारी चांदणी री रात के, सासू वऊआ ओ, मंदिर निसरीजी कांई, माता ने दियेड़ी ओ मंदिर निसरी, जी कांई, रिषभनाते मोटाई देवके, नेमीनाथ मोटाई देव के, धरम चलावण जोग के, पशुए छोड़ावण जोग के....
(शान्तीनाथ, महावीर स्वामी, पारसनाथ, गोतम स्वामी)

सपना-13

ईँट पड़े ओ गढ़ निपजे, सूरज सामीया पोल ओ, पोड्या जागो जी रिषभनाथजी, दुनियां दर्शन जोग ओ अपरा दर्शन री म्हूं साबली, दर्शन दो दिनानाथों, पोड्या जागोजी नेमीनाथजी, दुनियां दर्शन जोगो अपरा दरसनरी मूं सबली, दर्शन दो दीनानाथो, इसी प्रकार पांचो देवता का नाम लेना।

सपना-14

खाण्ड चणांरो धोर्यो भर्यो, इन्द्र इन्द्राणिओं दोई मिल रमेरया, चांदे समरिका रिषभनाथे जनमिया, चांद सरिकाओ नेमीनाथ जनामिया, भूल जाया भल जनमिया, धरम चलावण देवां जनमिया, कांई पशुए घोड़ावण देवा जनमिया, खाण्ड चणां रो गोर्यो भर्यो, शान्तीनाथ, शान्ती वरतावण देवां जनमियां, महावीर स्वामी मेरु धूजावण, पारसनाथ मेरकतरावण, गोतम स्वामी प्रश्न पूछण, देवा जनमिया।

सपना-15

चवदा सपना कहकर फिर कहना कि, अस्या सपना माता मोरा दे ने लादा, माता सेवा दे ने लादा, तो लाभ राजा घर धोरड़ीजी, तो समन्द विजय घर गोरड़ी, जी वणां माता रिषभनाथे जाया, नेमीनाथे जाया, तो जणां देवां धरम चलावियो जी, तो जणां देवा पशुए छोड़ावियाजी, (अचला देवी, शान्तीनाथ, शान्ती वरताई, त्रिशला देवी, महावीर, स्वामी मेरु धूजाविया, वरमा देवी पारसनाथ मेर कराविया, पृथ्वी देवी, गोतम स्वामी, प्रश्न पूछिया जी, ऊपर टेर इस प्रकार कहना)
मोरा देरा जाग, जठे रा बेसाड़ो माता, सेवा दे रा जाया माता मोरा देजी, बायर आवो-2, आवो बायर दोई दोई केसर रा झाड़ो, बायर दोई दोई नारेलां रा झाड़ो, केसर सूं केसर, उतराई मंगावों, घोटाई मंगावों रिषभनाथ स्वामी रे, आंगी रचावों, नारेलां सूं नारेला, उतराई मंगावो, छंटाई मंगावो, नेमीनाथ स्वामी रे पाट चढ़ावो, ...... माता अचला देवी रा जाया, फूलडा सूं फूलड़ा, उतराई मंगावो-2 शान्तीनाथ स्वामी रे अंग चढ़ावो, माता त्रिशला देवी रा जाया, महावीर स्वामी -2 चांवल सूं चांवल उतराई मंगावो, महावीर स्वामी रे गोरी करावो, ....... ऊंची पींपरड़ी ने.......... माता वरमा देवी राजाया, सो पारी सूं सोपारी उतराई मंगावो, पारसनाथ रे पूरण पूरावो, माता पृथ्वी देवी रा जाया, केवड़ा सूं केवड़ा, उतराई मंगावो, गोतम स्वामी रे पाठ चढ़ावो।

सपना-7

स्वामी कदकी ऊबी, ने कदकी खड़ी, रिषभनाथ रे दरबारों, स्वामी केसर, घोटी-घोटी भरीरे कटोरी, तोई यन खोल्या दरवाजा, स्वामी पांव पूजण दो, नों मुखड़ों देखन दो, में रे दूरासूं आया, स्वामी कदकी ऊबी, ने कदकी खड़ी, नेमीनाथ ने दरबारों, स्वामी नारेलां वींणी वींणी भरीरे चंगेड़ी, तोईयन खोल्या दरवाजा, शान्तीनाथ-फूलड़ा चढ़े, महावीर रे चांवल, पारसनाथ रे सोपारी, गोतम स्वारी रे केवड़ा, (इस प्रकार सब देवता का नाम लेना)

सपना-8

परबात री वेरां, आंगण मोर मोती, चूंगेजी, परबात री वेरां आंगण मोर लीला करोगी, धूलेवा रा वासी रिषभनाथ स्वामी पधारियाजी, गिरनारयारावासी नेमीनाथ स्वामी पधारियाजी, हतनापुरीवासी शान्तीनाथ, पावापुरी रा वासी महावीर स्वामी, करेड़ा रा वासी पारसनाथ, बक्षीगढ़ रा वासी गोतम स्वामी पधारियाजी, स्वामी भलारे पधारिया, ओछब आयो मारे बारणे जी, लाडूने पेड़ा, सरस जलेबारां जीमणांजी, जाली ने कुंजा ठंडा जलरा पीवणांजी, चंनण रूंक कटावो, ज्यांरों घड़ावो रूड़ो ढोलियो जी, चारी पाया पदम जड़ावो, इस ढोरावो जांचा हिंगरुजी, रेशम वाणावो दमण देवालिला सूतरी जी गेंद मसूंदारापोढ़णाजी, स्वामी 80 कलीरो अपरे वीजणों जी।

सपना-9 सूरज

जागो जागो रिषभनाथे, हुआ रे सवेरो, हुओ रे परबातो, आपरा मंदिर पर वाजा वाजिया जी, वाज्या वाज्या ढोल नंगारां, वाजी ए सरणाई, सोनारी सरणाई ओ, नेमीनाथ जागीयाजी, रूपारी सरणाई ओ शान्तीनाथ जाहियाजी, रिषभ नाते जाग्या बड़ा फल, पाया बड़ा सुख पाया, तो जणां ने देवा धरम चलाविया जी, जणां ने देवां पशुए छोड़वियाजी, धरम चलाई देवां सिध हुआजी, शान्तीनाथ, शान्ती वरताई, महावीर स्वामी गेरु धूजावियाजी, पारसनाथ मेर करावियाजी, गोतम स्वामी प्रश्न पूछियाजी।

सपना-10

रतन जड़त रो, राजाजी रे गेड़ियो, राय रूपा री या गेंग, राजा नेराणी ओ बनमाई रमरया, रमता जो समताओ रिषभनाथ पधारिया, को कुंवर कठेड़े रे वास, कांई रो अपरेयो चाव, राजाने राणी ओ वन माई रमरया, सेर धूरेवा में मारो रेवेणां, धरम चलावण रो चाव, राजा ने राणी ओ।

सपना-16

हरि हरि दोब, राजा में पण देखी, तो भरियो समुन्द्र देखीयो, सपना रो राजा अरथ बतावो, हरि हरि दोब राणी पीयर तुम्हारो, तो भरियो समुन्दर सासरो, सपनारो राजा अरब वतायो, रूपारा कमाड्या, राजा में पण देख्या, तो सोनरी सांकल देखीया, सपनारो राजा अरत, रूपारा कमाड्या राणी माता तुम्हारी, तो सोनारी सांकल सासूजी, (सपना) आर्गण क्यारी, राजा में पण देखी, तो उगड़ता फूलड़ा देखिया, सपना आगणं क्यारी राणी दीयेड़ी तुम्हारी तो उगड़ता फूलड़ा जमाई, (सपना रो) छोड़ला सिनगारया, राजा में पण देख्या तो, घोड़लारी चाबूक देखीया, (सपनारों) घोडलासिन गारया, राणी वीर तुम्हारा, तो घोड़लारी चाबुक भोजाई, (सपनारों) ओवस में दीवो, राजा में पण देख्यो, तो दिवलारी जोत दिखया, ओवरा में दिवलो राणी कुंवर तुम्हारा, तो दिवलारी जोत कुलवऊ, (सपनारों) मोत्या रा चोक राजा में पण देख्या, तो कुंभ कलश देखिया, (सपनारों) मोत्या रा चौक राणी गौरी हमारी, तो कुंभ कलश खारां घरधणीं, (सपनारों) केसूमल कांचली, राजा में पण देखी, तो सोनारा छोटा देखिया, (सपनारों) कसूमल कांचली, राणी नणंद तुम्हारी तो, सोनारा छोगा नांगदोईसा।

सपना-17 सूरज

सूरज ऊगौ ओ, मंदरा री खिड़की, सूरज भल उगियो, सूता जागो ओ रिषभनाथे, ओ देव नेमीनाथे ओ देव, सूरज भल उगियो, अपरे आंगण ओ स्वामी, दूनियारों व्याब, सूरज भल उगियो, अपरो आंगण ओ, स्वामी चारण भात, सूरज भल उगियो, (इसी प्रकार सब देवता का नाम लेना)

सपना-18 सांडड़ली

सांडड़ली झूकावो, मान्डा रेट, नीरावो नागर वेलड़ी, जी, सांडड़ली रे घरे घुंघरमारे, वा रिमझिम चाले सांडड़ली, जी अणीं मान्डे कंकु रो घाव, पलाणों मोती लालसा, सांडड़ली जी, इस प्रकार सब घर वालों के नाम लेना, और लछा, मेंदी, पतासी, बेन्दा वीरा, मायरो, जमाई, पागा, वाजा, गोड़ी, बन्दोरी, डायचों, सब का नाम लेना, बाजरा बुवारो, कूता ताड़ो।

सपना-19

समन्द विजय जीरा, श्री नेमजी तो, मांगे मजू मेला मोती जी, इलो नेमजी ठंडीसी रोटी, तो ऊपरी दही मेलूंजी, कंई करांओ माता, ठंडीसी रोडी तो, लेसां मजू मेला मोतीजी, ईतो नेमजी ऊनीसी, रोटी तो ऊपर, लूंणी रोलचको जी, ई लो नेमजी, कुल्ली ने डंडा रे जायोसेयाँ माहीं रमजो, जी, ईलो नेमजी चक्री ने भंमरा तो जाय साथीड़ा में खेलो जी, ईलो नेमजी जगल्या ने टोपी, तो पेर पधारो भुवारे धरेजी ईलो नेमजी कूड़ाने, खुंगाली तो पेर गोट्या मांई जावो जी, इसी प्रकार नेमजी उतर देते है, कि कांई करांओमात, लेसां मंजू राम मोतीजी, माता सेवादेजी मेल पदार्या, तो मंजू रो तारो खोलयो जी, माता सेवा देने रीस जो लागी तो, मारा धमाधम कूट्या जी, कूट्या तो थोड़ा ने खेंचा घणां, तो डोयर लाय डचोक्या जी, अतरा में समन्द विजय जी, पदार्या तो, नान्या ने क्यूंरे रोवायो जी, अपरो नान्यो घणों रे हठिलो, तो मांगे मंजू मेला मोती जी, जो मांगे जो ही दो पटराणी, तो नानू ने मती ए सेवावो जी, बरता जलता मेलां जो चढ्या, ने मंजू रो तालो खोल्यो जी, हार मरोड़ी ने मोती जो दीदा, तो थारों कारो काटूंजी, मोती जो लेई ने वावण चाल्या तो, जाई पछोकड़े वाया जी, समीसांजे वाया, ने अधराते ऊगा तो, परबाते लड़लूम्बा लागाजी, गाड़ा जो भरिया ने, घोड़ा जो भरिया तो, भर-भर गाड़ा लाया जी, उणां जो भरियाने, खुणांजो भरिया, तो देयर ठेपो आयो जी, लालपाड़ो सण, झाकां झावों तो आधी पांती मारीजी, आधी नहीं पणू सगली थांरी, तो थारों नेक कटारो जी, जो थूं माने छोड़ावने आती, तो आधीपांती देताजी, माता सेवा देने हरख जो लागो, तो भर भर थालियां वांट्याजी, असी मूं नेमजी थाने जाणती तो, आको ही हार दे देतीजी, वेरा रा वाया, माता वेरांरा जाया, तो वेरा मांही निपजे जी, जोरे नेमजी रो मोती जो गावे, जारों वैकुठे वासो जी, कुंवारी गावे तो, आधा वर पावे, परणीं पुत्र खेलावे जी, जोलर्या गावे ने मुगत जावे, तो झोड़ण वारी झूलण पूतोजी, मेही गांवाने मेंही सुणां, तो मारो ही वैकुंठा वासो जो, सुणीया रो प्रायश्चित जावेजी, नहीं गावे ने नहीं सुणों तो, अजगररो वासोजी,
समाप्त

सपना-20

पेले सपने मैं घेवर देख्या-2, तो दुजे ओ रिषभ सुहामणों जी, अगन्ये सपने में सींह जो देख्यो-2, तो चोथे ओ लछमी देवता जी, पांचमें सपने वरण री ओमाल-2, तो छठे ओ चांज अमीजरे जी, सातमें सूरज, आठमड़ेओ ध्वजा, तो नवमें कलश रतना जाड्योजी, पद्सरोवर दसमाजो, देख्या-2 तोशील समन्द स्वामी ग्यारमाजी, देव वैवाण, बारमडेओ देख्या-2 तो रणजण धन्टा वाजता जी, रतना री रास, तेरमड़े ओ देखी-2 तो धूप देखी ओ स्वामी चलदग जी, अस्या सपना माता मारा देने लादा, माता सेवा देने लादा, तो लाभ राजा घर घोरड़ी, जी तो समन्दर विजयजी घर गोरड़ी जी, अस्या सपना माता अचला दे ने लादा, माता त्रिशला दे ने लादा, रो विश्वसेन राजा घर गोरड़ी जी, सिधरथराज घर गोरड़ीजी जणा माता रिषभनाथे जाया, नेमीनाथे जाया, तो जणां देवं धरम चलाविया जी, जणां देवां पशुए छोड़ावियाजी, जणा माता शान्तीनाथे जाया, महावीर स्वामी जाया, सो जपां देवां शान्ती वरताई जी, जणां देवा मेरु कंपावियो जी, जणां माता पारतनाथे जाया, गोतम स्वामी जाया, तो जणं देवा नाग वंचाविया जी, जणां दवों प्रश्न पूछियाजी, अस्था सपना माता वरमा देने लादा, माता पृथ्वी देने लादा, तो अश्वसेन राजा घर गोरड़ी जी, तो बाल गोपाल्या घर गोरड़ी जी।

सपना-21


चालो ए सहेल्या, आपा शत्रुज्यां में वाला, चालो ए सहेल्यां आपा, हस्तीनापुर चालां, मरू देवीन नंद वांदसा, अचला देवी रा नंद वादसां, आदिनाथ देव वांदसा, शान्तिनाथ देव वांदसा, म्हारा मनरा मनोरथ पूरिया, हारे हिवड़ा हर्ष पूरिया, चालो ए संहेल्या, आपां पावापुरी चाला, त्रिशला देवीरा नंद, वांदसा (इसी प्रकार सबको)।

सपना-22

म्हारे आंगण हरि हरि दूब, नितकी घूटू जी नित पांगरे, आया किजो मरुदेवी रा जोध, रिषभदेव स्वामी पधारिया, आया कीजो अचला देवीरा जोध, शान्तीनाथ स्वामी पधारिया, स्वामी भलाए पदार्या मोटा देव, अवसर आया मारे गारणें, थाकें सराणें अर्थ भण्डार, पंगातो छाया डोडा एलची, म्हाने दर्शन दो भगवान, वाणी सुनाई स्वामी नितनई, (इसी प्रकार माता सेवा देती, वामा देवी, त्रिशला देवी, पृथ्वी देवी का नाम लेकर नेमीनाथ, पारसनाथ, महावीर, गोतम को कहें)।

सपना-23

म्हाने सपना दिठी अरज सुन लीज्यो, म्हारा बालमां, पहले गजवर देखीया सरे, दूजे वृषभ सुलाख, तीजे सिंह सुलक्षणों, सरे, चौथे लक्ष्मी देवजी, मुगल माल फूल की सरे, छठे देखो प्रकाश, सातवें सूरज देखिया सरे, आठवीं ध्वजापतंग जी, नवमें कलश रत्ना जड्यो, सरे दशमें पदम सरोवर, क्षीर समंद, ग्यारवा सरे, बारवें देव विवाणजी, रत्नारी राशि तेरवां सरे, अग्निशिखा बहू तेज, नाभि राजा ने पूछतासरे अरथ दियो फरमायजी, समन्द विजयजी, सिधरथराय, अश्वसेनराय, विशवसेनराय, बालगोपाल्या, ने पूछता अरथ दिया फरमाय।

सपना-24

देवा समंद भर्रया जी, जांचा, हिंगरू, जटे रिषभ नाते धोवे पीताम्बर मगरा में सूरज अगियो, जठे नेमीनाथ धोवे पीताम्बर, मंगरा में सूरज उगियो, परभु धोवाता नीचोवतां दिनड़ो आतम्यो परभु कणीं घरे रेवोगां रात, मगरा में सूरज उगियो परभु आड़ा तो कन्यालालसा फरीरया परभु मारे घरे रेवीनी रात, रिषभ मारे घरे रे रेवोनी रात,

सपना-25

आजे कंकुरा पगल्या कुणं नाण्या, आजे केसर राओ पगल्या कुण माण्या, माण्या लाभ राजा री राण्या, माण्या समंद विजयरी राण्या, आवो कुल युग में रिषभनाथे पामेणा, आवो सतयुगरा ओ नेमीनाथे पामेणा, पारसनाथ, महावीर, शान्तीनाथ, गोतम स्वामी, विश्वसेन, सिद्धरथ, अश्वसेन, बालभूति जी रा, (पांचों देवता का नाम लेना)

सपना-26

चरवी तो पाणी ऊकरे, सेवा देजी ने सपनो जो आयो, वाटक तेल फूलेल, सेवादेजी ने सपनो जो आयो, मेण्यो तो मोथों गूथियो, सेवा..... मौतया सूमांग संवार, महाराणी ने सपनो जो आयो, लीली दराई से घाघरो, से बादेजी ने सपनो जो आयो, ओढ़ण दखणी रो चीर, सरक सफड़ाया साफड़या, (से वादेजी ने सप)पेरर्यो तेल फूलेल, महाराणी ने सपनो जो आयो, को यातो काजल रेख में, से वादेजी ने सपनों जो आयो, बींदली लाल गुलाब, (महाराणी) माता ने मेमदसोहता (सेवादेजी) रखड़ी रतन जड़ाय, (महाराणी) काना ने भाल सुहावणा, (सेवादेजी) जुटड़ा जोर देवाय, (महाराणी) इसी प्रकार सब गहना कहकर के, ऊंचीसी मेड़ी, लाल किवाड़ी, (सेवा) सिंगरू रा डोल्या ने फूलांछांई सेजा, (महाराणी) रमजम करतां मेल्यां चड्या (सेवा) सूता के जागो भवनरा ओ राजा, तो एक विनंती मारी सुणों, (सेव अस्या सपना, मोरा देने लादा, तो लाभ राजा घर नार, (सेवा) तो समन्द विजयजी घरनार, महाराणी ने सपना जी आओ (इसी प्रकार पांचों देवता का नाम लेना)।

सपना-27

धूलेवा रे उले पेले पार, रिषभनाथ रो मंदिरियों, गिड्नारर्या रे उले पेले पार, नेमीनाथ रो मंदरियो, मंड्यो मंड्यो रिषभनाथ रो वियाव, लगना सूं पाती उतरी, मंड्यो मंड्यो नेमीनाथ रे वियाव, लगना सूं पाती उतरी, किजो मारा पंचाने जाय, मंदिरियो चणायदो, नहिं मारा पंचारी पोश के, आपोई आप विराजजो, नहीं मारा पुजारी री पाश, के हाथों हाथ चणावजो, (इसी प्रकार सब मण्डावजो, आरती, आंगी, दीपक, चवर, चंवर, कलश, धजा), (पांचो देवता का नाम लेना)

सपना-28

धूले वारे मंदिर ऊपर, बैठी रे चरकली, चांचां चांचां दीवलो जोती, पाखां वाट बुवारती, रिषभनाथ री आरती उतारु, सौ सौ बारसा, गिड्नारयारे मंदिर, ऊपर बैठी रे चरकली, चांचां चांचां दीवलो जोती, पांखा वाट बुवारती, नेमीनाथ री आरती, उतारूं सौ सौ बारसा, (इसी प्रकार पांचो देवता के नाम लेना है)।

सपना-29

घोड़ी जाजे घूरेवा ने मंदिरिये, घोड़ी जाजे गिरनार्य रे देश, घोड़ी लाजे रिषभनाथ ने बैठाय, लीलाघर घोड़ी, हाएं रचनाधर घोड़ी, ब्याव मण्ड्यो ए, देवतां ने लावणां, ब्याव मण्ड्यो ने देवता पामेणां, ब्याव मण्ड्यो ए रिषभनाथे पामेणां, (इसी प्रकार सब कहे), (पांचों देवता के नाम लेना)

सपना-30

पांच का तो वचर चढाऊं, पांच मेलूं पाट सा, पांच का तो नारेल चढा़ऊं, पांच मेलूं पाटसा, दरसन करवा आईओ रिषभजी, द्वार अपरा खोलो, द्वारा अपरा खोलदो, मंदिर अपरा खोलदो, (दरसन) पांच को तो चांवत चढ़ाऊं, पांच मूलूं पाटसा, (दरसन) करवा आई नेमीश्वर मंदिर अपरा खोलदो, पांचों देवता का नाम लेकर इसी प्रकार कहना, कलश, धज्जा, चंवर, धूप, दीप, फूल, सोपारी, बादाम, केवड़ो,

सपना-31

धोरो तो घोड़ों हांसल्यों, मोत्या जड़ी रे लगाम, पुठ पलाणी रिषभनाथ चढ़ गया, दुनियां हो गई लार, आड़ा तो भावत राजा फरी गया, माता मोरा देजीरा लाल, आड़ा तो समन्द विजयजी फरिगया, कुंवर रूक जावो लाल, माता सेवा देजीरा लाल, (इसी प्रकार सबको कहना, पांचों देवता का नाम, सेवरो, कृष्ण, सपनों कोयल, पामरी, रथड़ो)।

चून्दड़ चूड़ो - 32

धन धन ओ माता मोरा दे थांरी कुखं, रिषभनाथ जनमलियों, जनमलियो बेटा माता, दलिचो बिछाय, व ऊ बेट्या बावा पड़े, माता ललवट उगो सूरज मोतीड़ा सूं मांग भरे, माता हिवड़े विराज्यो चंद्रहार, बापयां ओदांती चूड़ंतो, माता ओड़ण दखणीरोचीर, ऊपर बालाचूंदडी, (पांचों देवता का नाम लेना)

सपना-33

चालो केरेला, ओ धूलेवा चालसा ओ राज, धूरेवा में माता मोरा देरा रिषभनाथे वदिसा, वांदूं उंगते सूरज बादूं आतम ते चांद, वांदू वांजता ढोल, पाईजो शक्कर ने दूध, पाईजो अमरत ने दूध, निरो करेल ओ नागर वोलड़ी ओ राज,

चूंददी-1

इतो कुणीसा ओ रंगारो तेड़ावीयो, योतो कुणीसा गाल्यो रंगणो घाट, माने भमर रंगाई दो चूंदड़ी, ईतो लाभ राजा ओ रंगारो तेड़वियो, ईतो मोरादेजी गाल्यो रंगणों घाट, माने भमर रंगाईदो चूंदड़ी, थे तो ओड़ो ओ रिषभनाथ री माता चूंदडी, ईतो लाया थारां जामण जाया वीर माने भमर रंगाईदो चूंदडी, थें तो ओड़ो ओ भायां री बेना चूंदड़ी, इतो लाया थाणां माता जाया वीर, माने भमर (पांचों देवता का नाम लेना)

दांतण

लीली लीमड़ीजी राज, लीला नागर वेलरा पान, मारे आंगणिये नेमीश्वर दांताणि यां कर जाय, दांतण नहीं करांजी राज, जाणो राजुल रे दरबार, राजुल राणी एकला जोवे नेम कुंवर री बाट, (इसी प्रकार भोजन, तिलक, पोढण, चाबण)

चूंदड़ी-2

नानी दाणां री वादरी, मोटा दाणां री वादरी, झरमर बरसेला नीर, बटे ओ भींजी चूंदड़ी, गिया धूरे वारी जातरा, जातर वटे राच्या, ओ दोन्यू हाथ, वटे ओ भींजी चूंदड़ी, (सब देवता का नाम लेना इसी प्रकार कहना)

चूंदड़ी-3

सोनारी बूंद, वरसरया मेग, रूपारा वादर उलटयाजी, खेलण गई राजा, सांवणियां री तीज भींज गई ओ गरवा चूंदड़ी जी, हेर रंगावो राजा, पंचरंग पाग, फेर रंगावो गरवा चूंदड़ी जी, कसो रंग आयो पीया, पंच रंग पाग, कसो रंग आयो गरवा चूंदड़ी-आच्छो रंग आयो पिया पचरंग पाग, बहूरंग आयो गरवा चूंदड़ी जी, लाभ राजा री भींजी पचरंग पाग माता मोरा देरी चूंदड़ीजी, समन्दविजयजी री भींजी पंचरंग पाग माता मोरा देरी चूंदड़ीजी, समन्दविजयजी री भींजी पंचरंग पाग, माता सेवादेरी चूंदड़ीजी, (इसी प्रकार पांचों देवता का नाम लेना हैं)

चूंदड़ी-4

रातापिरा रेण गुलाबी, धोरा ओ चम्बेलीरा फूल, रातड़ली रंग चूंदड़ी, घर जातां समंद विजयजी पूछे, पांचों देवतां का नाम लेकर कहना, गोरी ए थाने वालो कुणं, बाल पणे मारी माता वाली पछे ओ मारा झरमर बाप ओ रातड़ली रंग चूंदड़ी, आणें गुणे बीरासा वाला भावज ओ मारे लागे पांव, रातड़ली रंग चूंदड़ी, भर जोवर केसरिया वाला, भर जोवन पातरिया वाला, गोध्या ओ जडूल्यो पूत, रातड़ली रंग चूंदड़ी,

दांतण

अणीं ने त्रिफला रो पाणी निरमलो, मोती वया वया जा, दांतण री वेरा लाड़ो सूईरयो, दांतण नाईड़ा रे हाथ, अमी ने त्रिफला से पाणी निरलो, मोती वया वया जाय, तीलक री वेरां लाड़ो सूईरयो, तीलक बेन्या बाई रे हाथ, कलेवा री वेरा लाड़ो सूईरयो, कलेवो भुवा बाई रे हाथ, भोजन रीवेरां लाड़ो सूई रयो, भोजन गाता बाई रे हाथ, पोढ़वा री वेरा लाड़ो सूईरयो ढोल्यो भावज बाई रे हाथ, परणवारी वेरा लाड़ोसूईरयो, बनड़ी साजनियारी पोल, अणी ने त्रिफला रो पाणी निरमलो मोती वया तया जाय,

तारो

पिताजी रा बेटा वागां जाय, तारो वणां खट कायोसा, तोड्या तोड्या ढाड़म दाख, बिजोरा री जोली भर लाया सा, मालीड़ो चड्यो पुकार, मालवदेसी ओरमा, माली थारा ओरमा पराए नवेड़, हम घर कुंवर लाड़ला, मालीड़ा रे पगरंग पाग मालण रे वाला चूंदड़ी, मालण ने खांड ने भात माली ने बचको भांगरो, कुणी रा बेटा वागा जाय, तारो कणीखटकांयोसा,

दांतण


उठो उठो गोरा ओ लाड़ा, दांतणियां समारो, सोनारा दांतण लाड़ा, रूपारी जाली, ऐसी ने छबी सूं अपने नाबीड़ो करावे, उठो उठो गोरा लाड़ा तीलक समारो, सोनारा तीलक लाड़ा मोतीयारां आका, ऐसी ने छबी सूं अपरी बेन्या बाई करावे, लाडूने पेड़ा ओलाड़ा सरस जलेबीयां, ऐसी ने छबीसूं अपरा भुवासा करावे, लचपच लापसी ओ लाड़ा तायासो धीय, असा ने भेजनियाअपरा माताबाई जिमावे, सीगरुंरा ढोल्या ओलाड़ा फूलां छाई सेजां, ऐसा ने पोढणिया अपरा भावज बाई पोढ़ावे,

दांतण

मूं अपने पूछूं कृष्ण मूरारी, आज राता दांतण कटे गाई कीदा मारा कृष्णन मूरारी, मानो तोई रूकमणा, नावीड़ा रे गया था, आज रा दांतण, वटे जाई कीदा, मारी राधा ए रूकमण, आजरा तीलक, कलेवा, भोजन, पोढ़ण, कटे जाई किदा, मारा कृष्ण मुरारी, मानो तोई रूकमण बेन्या, भुवासा, माताबाई, रे भावज, बाईरे गया था, आज रा तीलक, कलेवा, भोजन, पोढ़ण, वटे जाई कीदा, मारी राधा ए रूकमण, मूं अपने पूछूं मारा कृष्ण मुरारी,

नावणलो

नावणलो गोरा लाड़ा नावणलो,
नाई धोई आछा लाड़ा, पाटोल्ये ऊबा, जोवे बारां समरथ दादासारी वाटो, दादासावारा फलाणां लालसा, ने वेग तेड़ावो चंचल वरने पाटोल्या सूं जट के उतारो राईवर ने मोटे माण्डे परणावे, कुंवर बाई ने मोटे मोंडे परणावो,

पीटी

सुण सुण रे, उदीयापुर रा तेली, थारी घाणी केसर ने कस्तूरी, मांये रारू जांईफल ने जावत्री, यो तेल वनी रे अंग चढ़सी, दमड़ा वारा दादासा भर लेसी, लेको वारी माता बाई का लेसी, (इसी प्रकार सबका नाम लें)

पीटी

हल्दी गांठ गंठीली हल्दी, बहुत रसीली, निपजे ओ बारू रेत में, इतो सागरा कंथार्या गया गुजरातो, कुण थांरे हल्दी मोलवे, इतो दादासा कीजे लाड़ो रा शाय मांगीलाल सा, वी थांरे हल्दी मोलवे, ईतो माताबाई की जे लाड़ीरा रे जोड़मदे वी थांरे हल्दी केरवे, इसी प्रकार परिवार वालों के नाम लेकर, कहें, गेणला, चूड़ला, केसर्या, चूंदड़ा, पडरा घोड़ी, पागा, वंदोरी, मुसारा, पीलंग, बनड़ी, बनड़ो, बाजा,

पीची

नानासो बाजोट्यो ने, मोतीड़ा सूं जड़ियो, बालक लाड़ीने कागज मेल्यो, वेग पधारो ईडररा ओ राजा मेसूं ई आवा पाटण री ओ राणी दादासा आवे ने लगन लिखावे, काकासा आवेने घोड़ी सिणगारे, बेनोईसा आवे ने पागा बंधावे, मामासा आवेने मुसारो पेरावे, फोफासा आवेने रंगबटावे, वीरासा आवेने वदोरी कड़ावे, माताबाई रा प्यार थे, वेग पधारो, (इसी प्रकार सबको कहना काकी, मासी, भुवा)।

पीटी

कन्या कागज मोकल्यो ने, राईवर वेग पधारोसा, मेसूं आवा ऐ कला मारे दावासारे लारो सां, दादासा ने लारां लीजा, राईवर वेग पधारोसा, (इसी प्रकार सबका नाम लेवे काकासा, मामासा, फोफासा, बेनोईसा, वीरासा, माय),

चूंदड़ी-5

चूंदड़ली रंग राचणी,
या चूंदड़ माता मोरा देने सोवे, लाभ राजा घरनार, रंगारों चूंदड़ी रंग राचणीं, या चूंदड़ माता सेवा देने सोदे, समंद विजयजी घरनार, या चूंदड़ माता वामा देने सोवे, अश्वसेन राजा घरनार या चूंदड़ माता त्रिशला देवे सोवे, सिद्यरथ राजा घरनार, या चूंदड़ माता अचला देवे सोवे, विश्वसेन राज घरनार, या चूंदड़ माता पृथ्वी देवे सोवे, बालू भूतिनी घरनार, रंगारो चूंदड़ली रंग रांचणीं, ओड़ी जो पेरी माता चौक विराज्या, रिषभनाथ स्वामी री मांय, रंगारो चूंदड़ली रंग रचणीं,

कूकड़ा-1

मैं अपने कूकड़ासा वरजिया, मारे मंदिर मत बोल, कचरी वनराजी कूकड़ा, मंदिर मेती रिषभनाथ जागिया, मंदिर मेंसी नेमीनाथ जागिया, मंदिर मेती पारसनाथ जागिया, जाग्या शान्तीनाथ देव, जाग्या महावीर स्वामी देव, जाग्या गोतम स्वामी देव, जाग्यो देवता रो परिवार, कचरी वनरा जी कूकड़ा, (इसी प्रकार सब घर वालों के नाम बहू बेटियों को जमायों को कहे)

कूकड़ा-2

बारे बारे वरसाऊं पिउसां पदार्या, कांई वा धनवा धन करे रे वधावणां मारुजी, पेली पोयर माने नावत धोवत लागी रा मारुजी, कांई दूजी ने दूजी ओ, शीश गूंथावला मारुजी, अगनी पोयर माने रसोड़ो करतां लागीरा मारुजी, कांई चौथी ने चौथी ओ थार परुसतां मारुजी, पांचमी पोयर माने दिवलो संजोवत लागी रा मारुजी, कांई छटी ने छठी ओ सेज विधावता मारुजी, सातमी पोयर मारे बारुड़ोधवावत लागी रा मारुजी कांई आठमी ने आठमी ओ बोल्यो कूकड़ो मारुजी, केथने सोक सिकावियो मारुजी, केरे ने केथने गोटया पाटवो मारुजी, नहीं माने सोक सिकावियो, नानकड़ी, नहीं ने नहीं माने गोटयो पोटवो नानकड़ी, मारी वेरा मूई बोल्यो मानकड़ी, कांई पूंछे ने थूं नखराली नार, ए नानकड़ी डार डार मनकी फरे नानकड़ी, कांई माने ने पाने नारयो कुकड़ो नानकड़ी, डार टूटी मनकी पड़ी नानकड़ी, कांई कूकड़ो ने कूकड़ो करे रे किलोर, रा नानकड़ी थांरी चिंतवी थूंई पड़ी, नानकड़ी कांई मारो ने मारो रखारो राम रा नानकड़ी,

कूकड़ा-3

आज समत भाभा घरे ओसरो, बोल्योजी नारयो कूकड़े, सतभामा ऊना भोजन रारो तरवर जावा चाकरी, राणी जुमती ऊना भोजन रारो तरवर जावा चाकरी, राणी रुकमण ठंडी झाली भरो तरवर जावां चाकरी, राणी राधा मोलां चोपड़ रारो तरवर जावा चाकरी, राणी राधा मेलां ढोल्यो ढारो तरवर जावां चाकरी,

कूकड़ा-4

बोल्योजी नार्यो कूकड़ो आज सतभामा घरे ओसरो, सनान सपाटा राणीं नहीं कीदा, इते नहीं पेर्या तेल फुलेल बोल्योजी नारयो........ ऊना तो भोजन राणी नहीं कीदा, नहीं परोसी सोवन थाल, बोल्यो जी नारयो, कूकड़ो, मेलामें दिवलो नू संजोवियो, नहीं दीदो बारुड़ा ने थान, बोल्योजी नार्यो कूकड़ो, मेला में ढोल्यो राणी नहीं ठाल्यो, नहीं बिछाई फूलां छाई सेज, बोल्योजी...... आज राधाजी घरे ओसरो, नहीं बोल्यो नार्यो कूकड़ो, ऊना तो पाणी राणी मेलीया किदा से सोला सिंणगार, नहीं बोल्यो नार्यो कूकड़ो में योतोमा थो राणी गूथियों मोतीड़ा सूं मांग संवार, नहीं बोल्यो ऊनातो भोजन राणी कर लिया, परूस दीदी सोवन थाल, मेलां में राणी करलियो दीदो, बारूड़ा ने थान जाली ने कुंजाराणी भर लिया, भर्या से ठंडा जल, चोपड़ पासा राणी रारिया, फेक्या ईपास चार, मेला में ढोल्यो राणी ढालियो, बिछाई फूला छाई सेज, नहीं बोल्यो नार्यो कूकड़ों,

कूकड़ा-5

राय नेमीश्वर रा कुकड़ा, रे कुकड़ा मोतीड़ा वखेरू, चुगवा आवजे रे कूकड़ा मोतीड़ा वखेरु तुगवा आव, सोनारो घड़ाऊं थारे पिंजरो रे कुकड़ा, रूपारी तणिया में लाय, जी ओ कुकड़ा रूपारी तणियां मेलाय, सोना री चोंच मंडावसारे कुकड़ा, षखूड़या में हीरा हीरालाल, जीओ कुकड़ा पखुड्या में हीरा हीरालाल, रुपारी कुंड्या पाणीं पावसां रे कुकड़ा, सोना री कुंड्या सपड़ाय, जिओ कुकड़ा रुपारी कुंड्या सफड़ाय, पांवा में बाधू थारे गूगरा रे कुकड़ा, गले मोतीड़ा री मार, जीओ कुकड़ा गले मोतीड़ा री मार, जीणों तो जीणों कूकड़ा नाचजेरे कुकड़ा, देखेगा नगरीरा लोग, जीओ कुकड़ा देखेगा मोती परिवार, मीठो ते मीठो कुकड़ा बोलजेरे कुकड़ा, सुणेगा नगरी रा लोग गेरो तो गेरो कुकड़ा बोलजेरे कुकड़ा सुणेगा नगरी रा लोग गेरो तो गेरो कुकड़ा बोलजे रे कुकड़ा, सुणेगा पितिया रो परिवार, सगरा पंछी मैं लागे दीपतो, रे कूकड़ा हिवड़े लेऊंरे लगाय, जीओ कुकड़ा हिवड़े लेऊं रे लगाय,

कूकड़ा-6

श्रीने कृष्ण वणिया कूकड़ों, परभु बोल्यो मांजल रात, गोतमजी घरे गोरड़ी परभु वाछे चंदाके वणियार, ले बोल्यो कूकड़ो परभु बोल्यो..... सुता गोतमजी ओजक्या परभु, मारे ना वप रो यो नेम, के बोल्यो कूकड़ों परभु बोलत, नदियां रा नीर नहीं छूटियां, परभु नहीं जाग जाग्या पंथी रा लोग, के बोल्यों कूकड़ों....... घटियां रा राग नगीं सांभल्या, परभु नहीं जागी बारूड़ा री मांय, के बोल्यों कूकड़ों....... गायां गवाज़ा नहीं छोड़ीयां, परभु नहीं सुण्यों वछल्यां रो राग, के बोल्यों कूकड़ों...... मईया विलोवत नहीं सांभल्या, परभु नहीं जाग्या पंथी रा लोग, के बोल्यों कूकड़ों...... सेंजा रा फूल नहीं कमलाविया, प्रभु नहीं पड्या सा रूड़ा रे सल, के ........ हाथां री मेंदी नहीं राची परभु, दिवला सवाई जोत, के बोल्यों कूकड़ों..... तलवट री टीलड़ी नूं भागिया परभु नहीं राच्या मुखड़े तमोर, के बोल्ये खांदा पर लीदी धोवती परभु, गोतम नावण जाय, के बोल्यो,...... सुती गंगा माई आजेकी, परभु यो कुण आयो आधी रात के बोल्यो..... मूं छूं ए माता गोतमो, माता मारे नावण रो यो नेम, के बोल्यो...... एक वार पाछा फर जावो गोतम, घरमांय गुसरया चंद, के बोल्यो...... झरझरती धोती लीदी हाथ में परभु गोतम लीदी घर री वाट, के बोल्यो कूकड़ों ...... सुता माताजी मारा जागलो, ए माता घर मांय घुस गया कुंण, के बोल्यो...... मैन हीं जाणूं मारा गोतमा बेटा जाई पूछो दियेडीया ने जाय, के बोल्यो..... सुती दीयेड्या, मारी जागलो ए, दियेड़ी घरमांये घुस गया कुंण, के बोल्यो कुकड़ो परभु बोल्यो..... मैं नहीं जाणा मारा तातजी, तातजी जाई पूछो माताबाई ने जाय, के बोल्यो कूकड़ों प्रभु बोल्यो....... कमाड्या रे दीदी लात री प्रभु, चंदा निसरीने जाय, के बाल्यो कूकड़ों प्रभु बोल्यों मांजलरात, झरझरती धोती ठपकारिया परभु, चंदा रे लांसण लाग, के बोल्यो..... थाने सराप में देस्यां ओ चंदा, दिन दिन घट जो या जोतके, बोल्या........ थाने सराप में देसाएं गोरीवन माही सील्ला होय, के बोल्यों कूकड़ों, ...... माने सराप क्यूं देवो प्रभुजी मैं तो अपनी दौरी, के बोल्यो कूकड़ो परभु ...... थाने सराप मैं देजाएं दियेड़ी, कुंवारी जणजो ई पूत, के बोल्या कूकड़ों परभु बोल्यो,..... माने सराप क्यूं देवो तातजी मैं तो अपरी या धीय, के बोल्यो...... थाने सराप मैं देंसा माता, धोबीरो होजो घाट, लख आवेने लख जाय, के बोल्यो कूकडों परभु...... माने सराप क्यूं देवो लाला मूतो अपरी मांय..... के बोल्यों कूकड़ों परभु बोल्यों मांजल रात,

कूकड़ा-7

कूकड कुणीसा, जाय जगाविया, इतो कुणीसा मेली ठीली डोर, बोल्यो जी नार्यो, कूकड़ों माता मोरा देजी जाय जगपिया, ईतो रिषभनाथे मेली ढीली डोर, बोल्योजी नार्यो कूकड़ों, माता सेवादेजी जाय जगविया, इतो नेमीनाथे मेली ढीली डोर, बोल्यों जी नार्यो कूकड़ों, पांचों देवता का नाम लेना।

चूंदड़-6

डूंगरियातो हरियोदिसे नाचे दादर मोर, असड़ा शहर में शाने राम बुलावे जी, मारा कृष्णजी ओ राजलाइदो माने हरि कसूमल चूंदड़ी ओ राज, कटे गया था कटे देखी, क्यूं हट लागा नार, जल भरवाने में गई थी, जल जमनारी तीर, सब सखियां रे ओढ़ण चूंदड़ मारे दखणी रो चीर...... गढ़ गोकुल में ताणों तणीयों, मधुराजी में जाय, नानी नानी भांत पड़ावो लंका गढ़ में जाय...... मारा कृष्ण जीओ राज चूंदड़ी जो लाय प्रभु मेली मंदिर मांय, गेरी गेरी वास आवेने सुगंध मेलां मांय, मारा कृष्ण मूरार, नंदजीरा लाल लाईदो, चुंदड़ी मेलां मांय, मारा कृष्ण मूरार, नंदजीरा लाल लाईदो, चुंदड़ी जो ओड़ी राधा गया सखीयां रे साथ, सब सखियां मिलयूं कर बोली, बोली सूरज उग्यो आज....... चूंदड़ी जो गावे जारों वैकुंठा में वास, गावो ने सिखावो बेना परभु पुरावे आश, मारा ननंदजीरा लाल लाईदो माने,

कूकड़ा-8

घरावालों के नाम ले तो, हीरामोतीलाल, हीरों का हार, मोती का हार,
यो तो चार खूण्यां रो चौंतरो, जटे सूता सासूजी रा पूत जठे सूता बाईसारा वीर, हर लोगो दिवाकी राय को कूकड़ो, वारी सुंदर जाई जगाविया, वांरी गोरी ओ जाय जगाविया, साजी उठी ने पागां समरिया, वारी पागा में वसी मरी री पूंछ, वणां उठी ने मूंछा सवारियां, वारी मूंछा में टेगड़ा री पूंछ, हर लागो दिवानी रायरो कूकड़ों, वणी तही ने पेंट सहारियो, वारी पेता में बंधर री पूंछ, चित लागो दिवानी रायरो कूकड़ों (इसी प्रकार सब कहना, चेना, घड़ी, कंठी, धोगा)

राजुल राणी री चुंदड़ी-7

सूए सखी ने सहेली इम विनमें में थारां आया है भरतार, ओड़ोनी राजुल चुंदड़ी,
आतो रंग रे जारे घरे चूंदड़ी, मांये भरिया है, पचरंगी रंग, ओड़ोनी राजुल चुंदड़ी,
ए रंग गणां मीट गड़ा, मानेलोग है खारा जेर, सुणों नी सहेल्या बातड़ी, कोर, ओड़ानी राजुल चुंदड़ी,
आतो दरजीड़ा रे बेटे रंगरी चुंदड़ी, मांये भरिया है कसीदाने कोर, ओड़ोनी राजुल चुंदड़ी,
अणां कसीदां कोरो ती, दिलड़ो नहीं रे भरे, माने लागे है खारा जेर, ओड़ोनी राजुल चुंदड़ी,
आतो सोनीड़ा रे बेटे रंगरी चूंदड़ी, मांये भरिया है हीरा मोतीलाल, ओड़ोनी राजुल चुंदड़ी,
ए हीरा ने मोती तो मारा नेमजी, माने मिलवा दो ने कुंवार, ओडो़नी राजुल चुंदड़ी,
शिव गंडल थारा चरणों में, ओ प्रभु राखोजी थे, टाबरियारी लाज, ओड़ोनी राजुल चुंदड़ी,
माने लागे है खारा जेर, सुणोंजी सखीया बातड़ी,

सपना-33

सांवरियाजी, सांवरियाजी सूतची ने सपनों जो आयो, चूलां पर उफणें यो दूध, खीरां तो सीजे खीचड़ीजी, सांवरियाजी, सांवरियाजी, पीऊली सेजां रो मांय, बारुजों सींचे पालणे जी, सांवरियाजी, सावरियाजी, गायां गवाड़ा रे मांय, बछल्या धावता जी, सांवरियाजी, सावरियाजी, अरठांट मेली या नेज परगट बेवड़ों जी, सांवरियाजी, सांवरियाजी, खांडत मेली या हार, पीसत मेल्यों पीसणों जी, सांवरियाजी, सांवरियाजी, जाई धोक्या, रिषभनाथे देव, सूती ने सपनों जो आयो, (इसी प्रकार पांचों देवता का नाम लेना),

सपना-39

चितर चितरायो करेलड़ो, जाई मेल्यो, जाई मेल्यो, धूरे बारी पोर, जाई मेल्यो, जाई मेल्यो भिड़ नरयारी पोर पियाला ओ ररियायाणां, स्वामी मोहरे व्हाला मोहरे दर्शन री जगीत, पियाला ओ ररियामणा, चितर चितरायो करे लड़ो, जाई मेल्यो, जाई मेल्यो करेड़ा री पोर, जाई मेल्यो, जाई मेल्यो हतनापुरी री पोर पियाला ओ ररीयामालां स्वामी मोहरे व्हाला मोहरे (इसी प्रकार पांचों देवता को कहना)

सपना वधावो

सखी वधावो गावंतां, मैं सूण्यो जी, गायो गायो लाभ राजा रे घर, वधावो गायो मोरा देजी री कुंखा, अबर्दर्याजी, वधावो सखी जगी जाया रिषभनाथे देव वधावो गावत मैं सखी रिषभनाथे मोटा देव, धरम चलावण जोग (वधावे गांवता धरम चलाई स्वामी सिद्ध हुआ जी, वधावो गावत में सुण्योंजी)
(इसी प्रकार सब देवता का नाम लेना)

चूंदड़ी-8

मुक्ति मारग ती, आयो रे रंगारो, नवलख चूंदड़, लायो रे रंगारो, चूंदड़ली रंग राचणी, ओर्यु तो दोर्यु, माता कोंर देवाओं, अधवीच पूनम कोरो चांद रंगारो,..... या चूंदड़, माता मोरा देने सोवे लाभ राजा घरनार रंगारो, चूंदड़ी...... पेरि ओड़ीने माता, पाट विराज्या, रिषभनाथे रवासी री मांय, रंगारो......

चूंदड़ी-9

मारा सुसरासा लाया राती चूंदड़ीयां, मारा सासूजीरे राती मरचा लागी, ओ नीलाघर ओजू रंगदे, मारा चारी पल्ला पर पणिहारियां, मारे घूंघट पर बाईसा रा वीरा, ओ नीलघर ओजूरंगे, (इसी प्रकार सबको कहना)

चूंदड़ी-10

कोयल ए थारी, राती पीरी रेणं चालों घूरेवामों चालां वादवा, चालों गिरनारी में चालां वांदवा, घूरेवा में रिषभनाथ विराजिया, गिरनारया में नेमीनाथ विराजिया, रिषभनाथे मोटाई संत, जणाने देवाओ धरम चलावियो, धरम चलाईओ स्वामी सिध हुआ।

चूंदड़ी-11

स्वामी सुसरासा ने, चूंदड़ रंगाई रे, रंगारा गेरी रंगजे, मारा सासूजी ने, अटका मटका माड्या, रे रंगारा गेरी रंगजे, मा अल्ले जो पल्ले मोर्या मान्डो, रे रंगारा गेरी रंगजे, मारा घूंघट पर बाईसा रा वीरा रे, रंगारा गेरी रंगजे, मारा घूंघट पर, सासुजी रा जाया, रे रंगारा गेरी रंगजे, (जेठसा, देवरसा, शायब नणदोई)

चूंदड़ी-12

सात सहेल्यारे झूमके राधा पाणीड़ा जावे जीराज आने सगली सखियां रे चूंदड़ी मारे दखणी रोची-2 ओ राज धोई जंकोरी भर्यो बेवड़ो, लीदी या धररी बाठे, बेवड़ो उतर्यो चानंण चौक में लागा सासूजी रेपांवों, केतो रंगावो सासूजी चूंनड़ी, के माने पीयरीमें पोछावो, माने मति केवो राधा लाड़ला, जाई कृष्ण आगे केवो, केतो रंगावा प्रभु, चूंदड़ी, के माने पीयरीये पोछावो, मारी माता रे घणी लाड़की, दादासा रा भर्या रे भण्डारो, झूठ मती बोलो राधा लाड़ला, वी दन करलो नी याद, बालपणे राधा खेलती, रेती सखीयारे लारे, गलियां गलियां में हेलो पाड़ती, कोई लो या खाटी छाछों, झूठमती बोलो प्रभु मारा वी दिन करलो नी यादो, बाल पणे गायां चरावता, रेता ग्वाला रे मांय, माखण माखण आप जीमता, लेता माताबाई रो नाम, मल मठरी रंगाई प्रभु चूंदड़ी, नानीसी बंदण बंधाई, योलो नी राधा चूंदड़ी ओड़ी ने, माने वतावो, यूं क्यूं ओड़ा प्रभु चूंदड़ी, लावो चूंदड़ी रो नेक, सेर मिठाई बीड़ों पान रो, यो लो चूंदड़ी रो नेक, सेरा दो सेरा नहीं सरे, लावो धड़ा दोई चारों, बोरो परिवार मारो सासुरो, दली दली बंट जावे,

माईरारो रथड़ों

चारघोड़ा रो रथड़ों मारो, ज्यारों नखरो न्यारों, न्यारों रथड़ा री डोर ढीली हो जासी, धीरे धीरे हांकों अपरा रथड़ाने, माथा रो टीको मारो डीग डीग डावे, ललवट टिलड़ी बिगड़ जावे, मारे मोतीड़ा री मांग बिखरजासी, (धीरे धीरे) कानारी झूमक्यां मारी खुल खुल जावे, सरस चूंदड़ मारी उड़ उड़ जावे, मारे नथड़ीरा मोती बिखर जासी, (धीरे धीरे) हांको........ हाथारा कंगन मारा खुल खुल जावे, अंगुल्या रा छल्ला मारा खुल खुल जावे, मारा बाजूबंद री लूमा जूमा टूट जासी (धीरे धीरे) पांवारी पायल मारी खुल खुल जासी अंगूठा रा अणवट मारा गिर गिर जावे, मारा मोतीड़ा रा हार सूं फांसी लग जासी, (धीरे धीरे) श्याम सुंदर मारो केणों मानो, अबे अपरारथड़ा ने धीमों धीमों हांकों, रथड़ा रा पहिया बिखरजासी (धीरे धीरे) हांकों अपरा रथड़ा ने, राधा रूकमण केणों मानो, माने नगर अंजारा जानो, मारो नरसीलो रोयरोय भर जासी, के प्रेम भक्ति की टेम टल जासी, जासी श्याम सुंदर मारो केणों मानो, अब अपरा रथड़ाने वेगो वेगो हांकों, मारी नानीभाई रोयलेय मरजासी प्रेम भक्ती की टल जासी, हो टेम भक्ती की टल जासी आज मारो सांवल बीरो आयो, संगमें भावज लोश लायो, माने छप्पन करोड़ माइरो भरदेसी..... हो....... सांवल वीरो माईरो पेरावे, नरसिंलो ताल मृदंग वजावे, राधा रूकमण पांवा लागे, भक्ता री लाज प्रभु रख लेसी, पंचारी लाज प्रभु रख लेसी, हो टेम भक्ती की टल जासी, हो टेम प्रेम भक्ती की टल जासी, धीरे धीरे हांकों अपरा रथड़ा ने, ओ गोकुल रा वासी, ओ वृंदावन रा वासी, ओ मथुरा वासी, ओ बृजरा वासी, धीरे धीरे हांकों अपरा रथड़ा,

दांतण


मदन लालसा, वणज सिधाविया, सिधाविया कांई गया, उदेपुर सेर, सा नारंगी लो, उदयपुर रा राणीजी पूछियो, साजी सुमथरां कांई रो आधार, सा नारंगी लो, हम घर कुंवर परणसी, का कांई पडरा रो चाव, सा नारंगी लो (घोड़ी सबका कहना अंगर लड़की है तो डाईचो, मूसारो हथलेवा)

साद का घेवर


मैं किसको भेजूं बाजार, गेवर की मन में आवे,
सुसरासा नोकरी जावे, सौ सौ की गिडी लावे,
शायबसा मेल पधारे, रूमाल खाली लावे, मैं जलकर हो जाऊं राख, घेवर की मन में आवे,
शायबसा महल पधारे रूमाल में घेवर लावे, मैं खील जाऊं कमल का फूल, घेवर की मन में आवे,
(जेठसा, नंदोईसा, देवरसा, सबको कहना)

चूंदड़


ओड़ो ओड़ो ए सवागण प्रतिवृता चूंदडी़जी, मूल मूल विधा की मंगवावों, रंगत बूंदी को लगवावो, बूंटा सिधसिधांतर अणुसार, जगमै चमके चूंदड़ीजी, तुरमो शील वृतरो सारो, टीली सेवापति की दोनों, गच्ची मांग वचन उतारो भलाई की ओढ़ो चूंदड़ीजी, चंपा चतराई की देवो, मारां धीरज थाणें घेणों, तूसी खुमताईसको मत राख आशीश की ओड़ो चूंदड़ीजी, खांचा सूगताय की पेरो, बाजू दयाधर्म रो गेणों, झेला झूठ कभी मन मोले, भलाई की ओढो़ चूंदड़जी, चूण्ड्य चतुराई कीपेरो गजरा सबसे हिममिल रेणों कंकन करज़ा वचन न बोलो भलाई की ओढ़ो चूंदड़ीजी, हिवड़े हार ज्ञान रो पेरो, मारा धीरज थाणें गेणों, तमण्यो सासू ससरा रीसेवा, तूसी टस को मत राख आशीश की ओढ़ो।

चूंदड़


एक केसर पड्यो ए मंगावो, ख्याली रंगावो पीरी पामरी, पामर्या ओढ़े लाभ, राजारालाल रिषभनाथे ओढ़ेओ पीरी पामरी एक कंकु पड़ोए मंगाय खयाली रंगावोनी गरक चूंदड़ी चूंदड़ी ओढे ओ लाभ राजानीनार माता मोरादेवी ओढ़ेओ गरवा चूंदड़ी।

सपना-40

रिषभनाथे पगरण मांडिया, नेमीनाथे पगरण मांडिया, देव्यापेर्या पीरा चरणां, देव्यां पेर्या लालचरणा, पीरा चरणाने केसर वरणां, लाल चरणां ने कंकुवरणां, देव्या रिजो देव्या रिजो चतरसुजाण, तैतीस करोड़ देवता जोवा आव्या, नीला चरणां मेन्दी वरणां, लीला चरणां नागर वेल वरणां, काला चरणां काजल वरणां, धोरा चरणां ने रूई पेल वरणां, धोरा चरणां ने दही दूध वरणां, पारसनाथे पनारण मांडीयां, मावीर स्वामी पगरण मांडियां, शान्तीनाथे, गोतम स्वामी,

जमाइरीगार वाटकड़ा

वाटकड़ा रे वाटकड़ा, थने मेजूं बपारा चौबारां, आवेगा फलणां लालसा जमाई, अणीं वाटकड़े जीमेगा, जीमेहा भई जीमेगा, वी बाजड़ा बुवारवा लागेगा, जीमेगा भई जीमेगा, वी कुत्ता ताड़वा लागेगा, वी भांडवणने नाचेगा (इसी प्रकार जमाई का नाम लेना कहते रहे)

दांतण

गंगा नाई गोमती नाई, सब तीरथ कर आईसा, सासूजी कलेवो गालो, माने लागी भूखसा, ओछा धरां की ओछी बेटी, ओछी वाणी मत बोलोसा, घट्टी आगे घऊ पड्या से, नहीं चमटी नहीं चूनसा, चूला में तो राख पड़ी से, नहीं चोका नहीं बरतन सा, जमना जी में जल भर्यो से, नहीं परेन्डे पाणीसा, वाड़ा में तो वाई दो पड्यो से, नहीं कलेरी वेरासा, अतरी सुणता राधा जी रुसांणा, गया कृष्णरा मेलांसा, अतरी सुणता श्री कृष्ण पदार्या सुणलों मात, सुणलों यशोदा, माता राधाजी ने क्यूं ऐ रू सायाजी, थाणी राधा गणी लाड़ली माथा पर बेठावोजी, थाणी राधा गणी प्यारी धोगो कर बैठावोजीस, माथा पेलो मूग टघड़ावो, ऊपर राधा मंडावोजी, यालो दांतल यालो जानी, मूखड़ो परो सवारोसा, यालो काजल यालो जीली, बींवो परी संवारोजी, कोठा में तो, दही पड्यो से, छीकें ठंडी रोटीजी, अबे मारा सासूजी पेटभराणों, काम घणेरो करसांजी, राधारो कलेवो गावे, ज्यारों वैकुंटो दासो, ज्यारो मुगत में वासोजी,

स्तवन

प्यारो प्यारो लागे नवकार, हिवड़े में म्हारे ओ वसग्यो, टेर मंत्र घणों उपकारी है, वो गुणरो एक खजानों, दोरी बेला आड़ो आवे, पांच पदरो शरणों, चोको लागे नवकार, ।।1।। मन पंछी ने काबू राखे सगला दोष मिटावे, करमा रा भोगी श्री पालजी मन वांछित फल पावे, वालो वालो लागे नवकार,।।2।। क्रोधी पापी लोभ सुधरे मुर्ख ज्ञान पावे, महामंत्र री माला फेरन वालो तो तिर जावे, आछों....... गोतम मण्डल परमेष्ठी री महिमा मिलजुल गावे, अरिहंत, सिध, आचार्य, उपाध्याय साधूजी ने ध्यावे, अमृत घूटको लागे नवकार, हिवड़े में मारे बसग्यो, प्यारो प्यारो लागे नवकार हिवड़े में मारे बसग्यो।

श्रीने कृष्ण परणवापदार्या बड़ा सपना


श्रीने कसन ठाकर परणवा पदार्या-2 विक्रम राजा री डीकरीजी, श्रीने कनस ठाकर, काकड़ पदार्या-2, कांकज़ में खरीया जुकायाजी, श्रीने कसन ठाकर वांगा पदार्या 2 मालीड़े फूल बन्धायाजी, श्रीने कसन ठाकर वांगा पदार्या-2 गवारर्या रोनेके चुकायोलजी, श्रीने कसन ठाकर परगंट पदार्या-2 पणीयारी कलश बंधाया जी, श्री ओ कसन ठाकर चोईटे पदार्या-2 चौरास्यारा नारेल वंटायाजी, श्रीओ कसन ठाकर शेरया पदार्या-2 सहेल्या वींद वखयणया जी, श्रीओ कलन ठारप पोरयां पदार्या-2 पोरीड़े पोर उगाड़ी जी, श्रीओ कसन ठाकर, तोरण पदार्या-2 तोरीड़े तोरणे वंधायोजी, श्रीओ कसन ठाकर चंवरर्या पदार्या-2 चंवरर्या में चंवरे ढोरायाजी, श्रीओ कसन ठाकर माया पदार्या-2 माया में मंगल गवायाजी, बेन बेनोई ने वेग बुलावो, बुलावो वोरो सो रंग वंटावोजी, भणियों जो गणियो, जोशी तेडा़वो-2 हरखेसूं हथलेवो जोड़ावोजी, परणी जो हरणी प्रभु घरायें पदार्या -2 लागा माताबाई रे घोगोजी, माताबाई दीदी अमर आशीशो-2 अमर रीजो थारों राजोजी, मांगण वे जो मांगो ओ कुंवर-2 या तो वेरां थांरी जी, अन धन रामाता भरर्या रे भंडोरों-2 नहीं मारा हाथा में मूंदड़ी जी, परणी जो हरणी वउवड़ धराएं पदार्या-2 लागा सासूजीरे पांवोजी, सासूजी दीदी अमर आशीशों-2 अमर चूड़ों ने अमर चूनड़ी अमर केसरिया रो राजोजी, मांगण वे जोई मांगो ओ बहुवड़-2 या तो वेरां थांरी जी, गेणां तो सासूजी नखचरव जड़ियां-2 नहीं मारे हिवड़े हारोजी, सोजत सेरसूं सोनो मंहावों-2 उजलगढ़ सूं रुपोजी, जेपुर सेर सूं जड़ियों तेड़ावो02 मेड्या बैठ गड़ावोजी, अस्यो रे पस्यो रे वीरा मोयं न सुहावे-2 अथवीचे चून्या झड़जोजी, घड्या रे घडा़यो ने पाटे पोवायो-2 योलो वऊवड़ हारोजी यू क्यूं ओ सासूजी हार जो पेरां-2 हाररो नेक गणांरोजी, गाड़ा गाड़ा सासूजी गेहूंडा मंगावो-2 नानोसो खोए करावो जी, गोररी भेल्या ने घी या रा डाब्बा-2 लछपछ लापसी रंधावोजी, भाभीसा छाने जेठूता तेड़ावो-2 नगर वंटावो लापसी जी, वांटत वांटत सांझ पडी से-2 सासू रो घर भूली जी, पांच पराणी मोरा मांये फाड़ी-2 सासू जी चिंता आया जी, सेर मीठाई पानरो बीड़ो, सासू रे देवण चाली जी, देई तमोर वऊवड़ पावों जो लागा-2 नंणदल मुंह चमकोड्या जी, केओ भावजा थारां बाप घड़ायो-2 के थांरे मुसारा में आयोजी, नहीं ओ बाईसा मारा बाप घड़ायो-2 नहीं मारे मुसारा में आयो जी, सुसरासा कमायो ने सासूजी संगच्यो-2 सुगणा (शायब) सा गड़ायो जी, सांझ पड्या दिन आंतण लागो-2 रूकमण मेल पदार्या जी, कसन जी सूता सुखभर नींद-2 रूकमण चापेला पांवो जी, चांपत चापत नीन्द्रा जो आई-2 कृष्णजी हार छिपायोजी, सूरज उगता वऊवड़ उठीने आया-2 लागा सासूजी रे पांवों जी, सासूजी दीदी जलभर जानी-2 बऊवड़ सुरवड़ों छांटोजी, छांवत छटित हिवड़ो..... समाल्यो नहीं मारे हिवड़े हारोजी, थेओ वऊवड़ आमण दुमतां कांई थारे हुआरे उजाडे़जी, केतां ओ सासूजी लाज मरा से -2 मरा से नहीं रे केवांतो दोई कुल लाजे जी, केओ सासूजी मारे हार घड़ावो-2 के माने चोर वतावो जी, जोरे वऊवड़ थी मुंदड़ी छिपावो-2 वोई थांरो हार बतावे दी, सांझ पड्या दिन आंतण लागो-2 कृष्णजी मेल पदार्या जी, सीर पर जाली ने हाथ में दिवलो-2 रुकमण मेल पदार्या जी, कृष्ण जी सूता सुख भर नींद-2 रुकमण मूंदड़ी छिपाई जी, सूरज उगन्ता कुंवर सुता सूं जाग्या-2 लागा आता बाई रे धोगजी, माता बाई दीदी जल भर जाली-2 कुंवर थांरो मुखड़ों छांटोजी, छांटत छांटत अंगूली संभाली, संभाली नहीं-2 मारे हाथा में मुंदड़ी दी, केओ कुंवर थेंतों आमण दुमणां क्यूं थारों मुखड़ों उदासोजी, केताओ माताबाई लाल मरा से-2 नहीं रे केवां तो दोई कुल लाजे जी, कोतो माताबाई मुंदड़ी घड़ावो-2 के माने चोर वतावो जी, जो थेंई कुंवर हार वतावो-2 जोई थांरी मुंदड़ी वतावे जी, धमणें धमावो ने गोरा तपावो-2 झूठा वांगा तो दाजां जी, जेठ वैसाख री प्रभु अग्नि जो ताप्या-2 गोरा सूं कांई डरसी जी, गांठ बांधी ने माताबाई पर्वत सूं घड़ावो-2 झूठा वांगा तो लागे जी, पर्वत रा प्रभु पचेटा वणाया-2 डूंगरसूं कांई डरसी जी, गांठ बांधी ने माताबाई कुआं मांय नाखो-2 झूठ वागां तो डूबाजी, समुन्द्र रा प्रभु जीन चरू कीदा-2 नाडाल्यासूं कांई डरसीजी, नाग नागण ने माताबाई गलामांय नाखो-2 झूठा वांगा तो खावे जी, नाग नागण रा प्रभु नेत्रा वणाया-2 डींडूसूं कांई डरसी जी, जो रे कृष्ण जी रो सपनों जो गावे-2 जांरों वैकुंटा वासोजी, कुंवारी गावे तो आछा वर पावे-2, परणी पुत्र खेलावे जी, डोकरयां गावे तो मूगल जावे-2 जोड़ण वारी झूलण पूतोजी, नहीं गावेने नहीं जो सुणे-2 ज्यारों अजगर रो वासोजी,

चूंदड़ी-13

नाविका ने अरे ए बुलावो, कुन्डलपुर मेलणोंजी, नाविकों आपो ततकाल, बोले ओ अमृतवाणी जी, लीलड़ी सी घोड़ी पलाण सोकोसां सूरज उगोजी, पोरीड़ो पोर उगाड़ो बायर ऊबा पामणां जी, कुंणी सारा जाया नंदलाल कुंणी रा मेल्या आवियाजी, राणी रुकमण जाया नंदलाल, कसनजी मेया आवियाजी, नाविका ने अरे ए बुलाय, नाविका ने सीख देसाजी, कंकूरा तिलक करावो दोवड़ मरखया कान मेंजी, रातीं पीरी पागां बंधावों नाविका ने सीख देसा जी, आगे आगे पांचों ई वीर, पाछे ओ विक्रम व्याईजी, आया गढ़ मथुरा रे मांय, वेन्यारे चूंदड़ मोलवे जी, हटवाड़ा हाट उगड़ो बायर ऊबा ग्राहकजी, को थाणे चूंदड़ा रो मोल, बेन्यारे चूंदड़ मोलवांजी, रुपया तो लागे दस लाख मोरां तो लागे डोढ़सेजी, रुपया देसा दस लाख मोरा तो देसा डोढ़से जी, मांपू तो हाथ पचास, तो लूं तो तोला तीसरी जी मेलूं तो छांब भराय, ओढ़तो हीरा खरपड़े जी, ए उठो मारा सुभद्रा ओ बेन निरखो अपरा वीरने जी, आया मारा जामण जाया वीर, चूंदड़ लाया रेशमी जी, पांचभाईयां री लोड़ी बेन, चूंदड़ बेन्या नहीं ओढ़ी, एक भायां री लोड़ी बेन बेन्याओं चूंदड़ ओढ़सीजी, बाहर सूं कसण जी पदार्या जी, बेन्या ने देख्या विलखताजी, ओ मारी सुभद्राओ बेन, बेन्याओं विलखी क्यूं फिरोजी, एक मोड्या घर री नार भावज मुसला बोलसीजी, एक मोटाघर री नार भावज मूलसा बोलसीजी, पांच भाई री बेन, चूंदड़ तो बेन्या नहीं ओडे़दी, ओनखराली भावज उसो गर्वनकीजे, मारा में जाया नंदलाल, कसन मुन्डो नहीं देख्यो जी, ओमारा बाईसा ओसला जो मसूला मती वोल जो मारा घड़ाया सोनारुपारा मोर छाडा ओवेजी, दान देवोजी, आगे आगे पांचोंई वीर पाछे ओ विक्रम व्याईजी, आयागढ़ मखुरा रे मांय चूंदड़ तो व्याई ले गयाजी, रातपिरा पोमचा, ओढ़ावो चूंदड़ तो बेन्यार नहीं मीलीजी, बाहर सूकसन जी पदारियाजी, राणी रुकमण ने केवे थाणें गड़ावा नवसर्यो हार, चूंदड़ तो बेन्या ने परी देवोजी, पेरी ओड़ी सासरे पधारो पाछा तो मती आवजो जी, दादासारा भरर्या रे भण्डार लेणातो बांटू मन चायाजी, आवां मारे भाई भतीजारे ब्याव, आणों तो मेंही आवसांजी,

1 वीरा

वीरा चांनण जैसा पीलंग मारे लेता आजोसा, वीरा भाभज जैसी रखड़ी मारे लेता आईजो जी, वीरा भावज जैसी झूमक्यां मारे लेता आजोजी, के बेन पागल हो गई क्या, कि बेन वेन्डी हो गई क्या, किसकी लड़की बेचूं क्या, किसकी चोरी करूं क्या, किसके डाका डालू क्या, किसका लड़का बेचूं क्या, वीरा भावज जैसा कालर, लाकीट, कंगन, कड़ियां, पाईजब, बिछियां, आदि इसी प्रकार नाम लेना वेश, चूंदड़ा,

2

वीरा मारा माताने मेमंद लावो के, वीरा मारा रखड़ी रतन जड़ावो के, वीरा मारा काना ने जालधड़ावो के, वीरामारा जुटड़ा जोर देवावो के, वीरामारा रामलक्ष्मण मेरा भाई के, वीरा मारा सीतासी भोजाई के, वीरामारा दशरथ सरी का बाप, वीरामारी कौशल्या सी मांय, वीरामारा लवकुश भतिजा, के बेन्या वाई ने, भूवा बाई ने, चूंदड़ा ओढावो के, (वीर) मारा मुखराने वेसर, हिवड़ा ने हार, हाथाने हथफूल, पांवा ने पायल, आदि कहना)

3

वीरमारा रखड़ी लाजोसा, वीरामारा झूमक्यां लाजोसा, वीरामारे लाजो जरीरो वेश सलीपट लेता आजोसा, बेना थारे रखड़ी लायो ए, बेन्या झूमक्यां लायोए, बेन्या थारे लायो जरीरा वेश सैंडिल भूली आयोए वीरा थारी रखड़ी पाछी लेजा, वीरा थारी झूमक्यां पाछी लेजा, वीरा थारे लेजा जरी को वेश, सैंडिल मारे क्यूंनी लायो रे, (इसी प्रकार सब गहना का नाम लेना, पाछा लेना कहना)

4

माता ने मेंमद हो वीरासा, मारे लावजो जी रखड़ियां रतन जड़ाय, झाड़क्या में उलझीओ बेन्चा बाई अपरी चूंदड़ी जी माता वेती तो हो वीरासा आणे आवताजी, अबे तो भावल बाई रो राज, झांड़क्यां में उलझी ओ बेन्याबाई अपरी चूंदड़ी जी, पालव ररक्यों हो बेन्याबाई बालू रेत में जी, (इसी प्रकार सब गहना कहना गीत को बढ़ाना वापस टेर कहेता रहना)

5

वऊवड़ ऊबा ओवरियारे बार, सुसरासा मुसना बोलिया रे सायर वीरा, वऊवड़ पेरोनी घररा ई वेश, वीरारे घर री कांचली रे सायर वीरा, सुसरासा उसला मुसला मती बोलो, छोटोसो मारो वीर, बुढ़ा तो मारा बाप, बुढ़ी सी मारी मांय, रस्ता में रही ग्या रात, परबाते आवे गायरों रेसायर वीरा, (इसी प्रकार सब जेठजी, देवर, नंणदोईजी, सासूजी, भाभीजी, बाईसा),

6

मारा सुसरासारे आंगण कोटड़ी, मूतो ऊंची चढ़ी ने नीची उतरु, माने ढुलक ढुलक आवे रोज के, माईरारी वेरां वीरों टली रयो, ईतो माता बाई आया ने दादासा आविया, ईतो काकासा आयाने काक्यां आविया, यो तो नहीं आयो जामण जायो वीर, के माईरा री वेला वीरो टली रयो, (सब परिवार वालोंम के नाम ले कर बाद में कहया, कि वीरासा आयाने भावज आविया, यो तो तब आयो जामण जायो वीर, के माईरोरी वेलां वीरा आईगयो, ( इस प्रकार कहना)

7

कटासूं आई हींग, कटासूं आयो जीरो, कटासूं आया जी मारे जामण जाया वीरो, कोटासूं आई हींग, बूंदीसूं आयो जीरो, कानोड़ सूं आया जी मारे जामण जायो वीरो, कांई में आई हींग, कांई में आयो जीरो, कांय में आयाजी मारे जामण जाया वीरो, डब्बी में आई हींग, पुड़का में आया जीरो, रेलां में आयाजी मारे जामण जायो वीरो, कायन में सोवे हींग, कायन में सोवे जीरो, कायन में सोवे जी मारे जामन जायो वीरो, सागा में सोवे हींग, वगार में सोवे जीरों पंचा में सोवेजी मारे जामण जायो वीरो, ढुल गई हींग, बिखर गयो जीरो, ईरुस गया जी मारे जामण जायो वीरो, अवेर लेऊं हींग, अवरे लेऊं जीरो, मनाय लेऊं जी मारे जामन जायो वीरो, (सबको दो दो बार कह कर गीत को बड़ा बना लेना)

8

माताने मेंमद लावजो रे वीरा, रखड़ी रतन जड़ाय, काना ने जाल गड़ाव जोरे वीरा, जूंटड़ा जोर देवाय, चालो मारा वलदया उतावला जी, मारी जामण जाई जोवे वाट, बलदया रा चमक्यां सींगड़ा जी, मारा वीरासारी पचरंग पाग, भावज बाईर चमक्यों चूड़लो जी, मारा भतीजारो हरिया रुमाल, (इसी प्रकार हिवड़ा से हांस, मुखाड़ाने बेसर वहिंयाने चूड़ल, हाथा ने हथफूल, पगल्याने पायल, केसर्या कोर देवावजो, ने चूंदड़ा फैर छपाय),

9

मारा माता ने मेमंद लावजो, मारी रखड़ी रतन जड़ाय, झूक जाऊं नम जाऊं वीरा फूल गुलाबरो, मारा वीरासा फूल गुलाबरो, मारी अवज असल किरणे, रा झूक जाऊं नम जाऊं वीरा फूल गुलाबरो, मारा वीरासा दूध्या खोपरा, मारी भावज मीसरी खांड, झूक जाऊं नम जाऊं वीरा फूल गुलाबरोस (इसी प्रकार सब गहना का नाम लेना और गीत को बढ़ाना, बार-बार झूक जाऊं नम जाऊं वीरा फूल गुलाबरो)

10

सुसरसा मुजको वरंजे, मत नूतो वहूवड़ भैया, पंचों में निची दिखे, गरीब तेरा भाई, सुसरासा की वरजी नहीं रहूंगी, नूतूंगी मेरा भैया, पंचों में ओढुं चूंदड़ी, अमीर मेरा भैया, वो चंदा जैसा वीर अमीर मेरा भैया, (इसी प्रकार जेठसा, देवरसा, शायबसा, नणदोईसा, सबको नाम लेकर कहना)

11

रखड़ी भेजूं ओ बेन्या बाई, झूमक्यां भेजूं हो बेन्या बाई, अपतो पेरो जलदी, कैसे पेरूं ओ वीरासा, कैसे पेरुं ओ वीरासा, अपतो आवो जलदी अपतो आओ जलदी कैसे आऊं वो बेन्या बाई कैसे आऊं बेन्या बाई, अपरो दूर बंगलो अपरोदूर बंगलो मोटरां भेजूं हो वीरासा, रेलां भेजूं हो वीरासा, अपतो आवो जलदी, जलदी, (इसी प्रकार सब गहना का नाम लेना)

12

माकाने मेमग लावजो वीरा, रखड़ी रतन जड़ाय, कानाने जाल घड़ावजो रे वीरा, जुठड़ा जोर देवाय, बेंत भर्यारो कापड़ो रे वीरा, टलियो टलियो कांई जाय, जामण रा जाया मिलतो जाजोरे, मातारा जाया मीलतो जाजेरे, कसी वद मीलूं मारी बेनड़ी, मारी बालद सूनी जाय, मारा तो घर पाछे वाड़ो रे वीरा, मू डाबूं थूं बांध, जामणराजाया मूं डाबूं थूं बांध, जे रे वीरा, मीलतो जाजेरे, कसी वद मीलू मारी बेनड़ी, मारी बालद तीरसी जाय, जामण री जायी बालद तिरछी जाय, मारा तो घर पाछे वावड़ी रेवीरा, मूं खेंचू थूं पाय जमवरा जाया मूं खेचूं थूं पाय, कसी वद मीलूं मारी बेनड़ी, मारी बालद भूखी जाय, मातारी जाई वालद भूखी जाय, मारोत घर रे पाछे रचकों रे वीरा, मूं काटूं थूं नाख, जानण रा जाया मूं काटू खूं नाख, जागण राजाया मलतो जाजेरे, मातारा जाया गलतो जाजेरे, (इसी प्रकार सब गहना को कहते जाना)

13

पांची बगड़ावत उजरा निसरर्या, जी कांई कर गया पडरा रा मोल, कांई कर गया गेणलां रो मोल, लावजो लावजो पराणां रा ठाकर मायरो जी, कांई कर गया चूड़ला रो मोल, कांई कर गया मेवारो मोल, कांई कर गया सवेरा रो मोल, कांई कर गया पनियां रो मोल, कांई कर गया बिड़लारो मोल, लावजो लावजो पराणां राठाकर माइरो,

14

वीरा माता ने मेंमद लाजो, वीरा रखड़ी रतन जड़ावो, वीरा आप आजोने भावज लाजो उमराव भतीजा लारां लाजोरे, वीरा घणीं सबी सूं मारे आजो, (इसी प्रकार सब गहना की कहना) टेर कहें

15

वीरा रखड़ी लावो तो मारे नगीना वारी लावजो, वीरा जुमक्यां लावोतो मारे नगीना वारी लावजो, मारा वीरजी ओ वीरा। ओ हांजी वीरा मारा वीर जीओ,

घूघरी कलश लावे जदी घरे सपना में गांवे

बाई ओ ताम्बा केरी तुलडी मंगावो, मारे गारा केरी ढाकणीं, बाई ओ खा केरी लापसी रंधावो, मारे गेहूं केरी घूघरी, बाई ओ नावीड़ा री नावण तेड़ावो, मारे नगर वंटावो गूगरी, बाई ओ दीजो दीजो, अवरे ओ सवरे सेर, मारे नणदल रो घर पांकजो, बाई ओ दीदी दीदी, अपरे ओ सवरे सेर थारे नणदलरे दीदी गूगरी, बाई ओ शायब सा सूं लड़सा सारी रात, मारी पाछी मंगावो गूगरी,बाई ओ लीमड़ी सी गोड़ी पलाणं, दिनड़ो उगायो बेना बाईरा देश में, बाई ओ बेन्या ऊबी ओवरियारे बार, विरासारा लिदा वारना, बाई ओ वारना थारा पराय नेवड़, थारी भावज मांगी गूगरी, वीरा रे गूगरी दीदी बरुड़ारे हाथ कटासूं लावा गूगरी, बेन्या ए बारूड़ा ने गोर दे समझावो, थारी भावज मांगी गूगरी, वीरारे सुसरासरा भरर्या के भंडार, मूं नीतरी रांदू गूगरी, बाईओ सोना केरी तुलड़ी मंगावो, मारे रुपा केरी ढांकणी, बाईओ लाला केरी लापसी रंधावो, मारे मोत्यांकेरी गूगरी, बाई ओ थेतो मेली नाविड़ा रे हाथ, में मेलू मारा घर धणीं, वीरा रे बाईसारा वाज्या रे रमजोर, मारी भावज घर में घूसगी, थूं तो नीसर ए मारी भावज भूखा घररी घीय, मारी पाछी मंगाई गूगरी, वीरारे थे तो दीजो नगरी रा राज, मारी भावज नगरी दासी जी, वीरारे थे तो वीजो समदरियातो नीर, मारी भावद जल री माछली, वीरा रे वरसण लागो भादवो मास वा फदकण लागी माछली,

गर्भ चिंतवणी छोटी

1. पाणी में पन उपन्यो ने, घट मेल्यो नूं जाय ।
गर्भावास में डेरा दिदा, हर्षया मायन बाप।।
2. गर्भावास में ऊंदे मुख जूल्या, नौ महिना हांई ।
निसरवाने नहीं जहेगा, अब कंई करसा भाई ।।
3. तूंछे भाई खोटो आदमी, मूं जाणूं छूं तने ।
मनख जमारे चैन पाओगा, भूल जाओग मने ।।
4. श्री परमेश्वरजी कृपा कीदी, ने अरिहंत जीरी साख।
गर्भावास सूं वायर काड्या, सूता पेड्या आय ।।
5. जरक जरक सामूं जोवे ने, जोवे दुनिया सामो ।
कान तो वो सुणे सांभले, मुख बोल्या नूं जाय ।।
6. माय बाप हर्षित हुआने, होड़ करी सगाई ।
मैं परणाया गाजे वाजे, कमी न राखी कांई ।।
7. मांय बाप ने टल करे ने, करे जीवसूं वैर ।
वांळी टेड़ी पगड्या बांधे, राम भज्यो नी जाय ।।
8. टको पईसो वापरे ने, वात काने गाले।
हाथ पकड़ी ने आदर देसा, वात केसां थाने ।।
9. घणें दियाड़ो घटवा लागो, आऊको नेड़ो आयो ।
मरती वेरां धर्म करेजो, कुण्या देवा लागो ।।
10. आई रे धराणी सराणें बैठी, अब कई सामाने ।
मैं तो चाल्या हित परवाणे, घरसूं पिऊ जी थाने ।।
11. मापी करणी तो मां कींदी, ने खोटी कींदी कमाई ।
भजी तो भगवान भजलो, ढील मत करजो कांई ।।
12. गलियां गलियां घूसतो फिरे ने, लारां कोई नहीं, आवे ।
बुद्ध घरांरी मार पड़े जो माते खाट ठरावे ।।
13. छानी में घसको पड्यो ने, हुई कारका राख ।
चर कर चरफर क्यूं करें ने, क्यूं करम में खाय ।।
श्री धरमी राय जी रा मुन्डा आगे सीधो चल्योजाय तवन।

पार्श्वनाथ का स्तवन

1
तर्ज लाग्यो लाग्यो जेठ आषाढ़ श्रावण तेजारे......


काशी रे नगरी रा बारे, मोटो मेलो लागो रे,
धूणीं तो घदावी बेठो जोगीड़ो,
जोगीड़ो जलाये मोटा काष्ट ने,
मेलां रे झरोखे बैठा वामा जी रा जाया रे,
ढोला ने देखी ने नीचे उतरर्या........
घुड़ले चढ़ियां रा प्रभु पार्श्वनाथ पदार्या रे,
आसन ढालिने बैठो जोगीड़ो......
घूणीं रे धगती रे मांय नाग जलतो देख्यो रे,
हैययूरे भताणुं पार्श्वनाथ नु........
पूछे पार्श्व कुमार जोगी सांची बात बताओ रे,
किणरे कारण काष्ट जलावियु......
हमारा जप तप में बच्चा तू नहीं समझो रे,
घूड़ला फेरो नी बच्चा ठाठसूं,
दयारी धरम री बांता जोगिड़ो ने दीदी रे,
सांचा रे धरम रो मारग दिखावियो,
काष्टनेचिराय प्रभुजीनाग नागणी बचायारे,
जलती रे काया रो किदो छुटको......

2
तर्ज (देख तेरे संसार की हालत)


धन्य घड़ी धन्य आज की, सबको धन्य हे सकल
जहान, जय जय पार्श्वनाथ भगवान,
इन्द्र इन्द्राणीं देवी देवता, गाते मंगलगान....
पोष वदी दसमी दिन जायो, दिग कुमरी मिल हर्ष मनाये,
अश्वसेन राजा घर आयो, चांदसा मुखड़त्रा सन्मुखो पायो,
जय हो तेरी जय हो तेर, मंगलमय भगवान.....
माता का मन फूल रहा है, पलने में ललवा झूल रहा है
कोई चामर हुठाय रहा है, कोई तौरण बांध रहा है,
छवि न निसरी जाय हो तेरी अजब निरालीशान,.....
हम सब है प्रभु दास तुम्हारे, आजहरो सब कष्ट हमारे,
पारस पारस हमतो पुकारे, नाथ लगादो नाव किनारे,
दो ऐसा वरदान कि जिससे  हो जावे कल्याण,
जय जय पार्श्वनाथ भगवान 2

3
तर्ज (चिरमी रा डारा चार वारी)


हालो हालो मारा पारसनाथ मारे घरे हालोनी,
मैं तो घणीं रे घणीं रे करु मनवार, मारे घरे हालोनी
पोषवदी दशमी ने जन्म लियो, 2. कांई बनारस नगरी मांय,........ अश्वसेनरा लाड़ला कांई वामा देवीरा लाल, मारे, .......
नाम जगत में एकज मोटो, 2 कांई पार्श्व जिनेश्वर नाम, मारे बाजरीरा सोगरा, 2 कांई गवार फली रो शाग,.......दूनियां में थारो परचो रे भारी, 2 महिमा अपरंपार...... महिला मण्डल अरज करे छे, 2 कांई भवजल पार उतार,........

4
तर्ज (मारे हथे ल्यारे बीच राजस्थानी)


पारस प्यारो लागे, चकलेश्वर प्यारो लागे, थांकी बाकंड़ली झाड़यां में गेलो भूली रे मारा पारसजी, मै रास्तो कईयां पांवालां, हो अअ हो जी मेतो रस्तो कईयां,
अबर डर लागे छे माने, हर बार पुकारां थाने,
थारां पर्वत रा जंगल में सिंह घडू के हो चकलेश्वर,
मैं रस्तो कियां पावालां, हो जी मैं रस्तो कईया पावालां,
थै राग द्वेष ने त्यागां, मैं आया भाग्या भाग्या,
थारे पर्वत री भाठा री ठोकर लागी, हो चकलेश्वर मैं तो रस्तो,.....
मैं चैन पुरा सूं चाल्या, थांका ऊंचा देख्या माल्या,
माने पेड्या चढ़नो प्यारो लागे हो चकलेश्वर.......
थाकां विशाल दर्शन पाया, जद तनमन सूं हर्षाया,
थांकी छतरी री शोभा न्यारी लागे हो पारसजी,
हो अअ चकलेश्वर रस्तो कईयां पावालां,
पारस प्यारो लागे, चकलेश्वर प्यारो लागे छांकी बांकड़,

5 पार्श्वनाथ
तर्ज - (पिछम दिशा से म्हारा रागदेवजी)


शिप्रा किनारे मारा प्रभुजी विराजे नागेश्वर नाम
धराया जियो, खम्मा 3 म्हारा वामाजी रा लाड़ला,
गामतो उन्हेल राजस्थान में वस्या हो, 2
अरे फिर फिर 2 मेला भराया जी हो, खम्मा 3
काउसग्ग ध्यान में खड़ा है म्हारा प्रभुजी, 2
अरेन व हाथी ऊंची काया जी हों, 3 खम्मा खम्मा
कानों में कुण्डल, माथे मुकुट सोहे, देखी 2 ने
सब ललचाया जी हो, - खम्मा खम्मा खम्मा
जिनवरी की मूरत सबको लुभावे, निरख निरख
मन भयाजी हो, - खम्मा खम्मा खम्मा
दुखिया भी आवे ने, सुखिया भी आवे, सबका नाथ
कह या जी हो, - खम्मा खम्मा खम्मा
मोटी मेलो पोष दशमी को भरावे, 2
सिद्ध चक्र 2 मण्डल गाया जी हो......
खम्मा खम्मा खम्मा, मारा वामांजी रा लाड़ला

प्रश्न-उत्तर अन्तरा
तर्ज
(आने वाले कल की तुम तकदीर हो)


कौन सुनेगा आज यहां पर पीर को, भूल चुका है आज मनुन श्रीराम कृष्ण महावीर को,

कभी जरायु कि सेवामें, रामबलि जाते थे, घायल पक्षी को हाथों में ले आसूं टपकाते थे, आज खड़ा है भाई आगे भाई ले शमशीर को......

  • कभी सुदामा के चांवल खा, नटवर पुलकित होते है, दीन हीन ब्राह्मण के पगको, नयन नीर से धोते थे, आज दुखी को ठुकराते है धिक्कारे तकदीर को.....
  • कभी वीर चंदनबाला से, उड़द बाकुले पाते थे, चंडकोशिया विषके बदले, अमृत को बरसाते थे आज मनुष्य बरासेत है कदु वणी के नीर को.....
  • राम कृष्ण महावीर की माला, जपने वाले सुन लेना, उनके उत्तम जीवन से, कुछ शिक्षाएं तुम ले लेना, कुमुद मुमि कहे जीवन बदलो, पीयो प्रेम के जीरको, भूल चुका है आज मनुष्य श्रीराम कृष्ण महावीर को, कौन सुनेगा आज यहां पर पीर को, भूल चुका है। आज मनुष्य श्रीराम कृष्ण महावीर को,

तपस्या की चौवीसीया
1

पांचमां आरामें ओ तपसण जी तपस्या आदरी जी, कुणीसा दीदी ओ तपसण जी अपने आगन्या जी, कुंणी सा रा लागा उपदेश, पांचमा आरामें, जेठसा दीदी ओ बायां माने आगन्या जी, गुरुसां रा लागा उपदेश, पांचमा.........। पेला रिषभनाथे जीनजी कूंवांदसा जी दूजा अजितनाथे देव, अगन्या संभवनाथे, जिनजी कूंवांदसा, चौथा अभिनंदन देव पांचमा....... (इसी प्रकार चौवीस तीर्थंकरों के नाम लेते जाना है)।

2

जिनजी पांचमा सुवधि नाते वांदसा, जिनजी छठा प्रद्धम प्रभुदेव के तपस्या में केसर गूररही, कस्तूरी रो छेयन पार के तपस्या में केसर गूर रही, जिणजी घोरों तो घोड़ों हांसल्यों जिनकी मोत्यां राजरद पलाण, के तपस्या में केसर घूर रही, जिनजी अणी घोड़े नेमजी वीराजीया, जिनजी बेला तो बाजूबंद रा पेरणां, जिनजी तेलारा तील के लालड़, चोलो तो चौक्यारा बैसणां, पांच वास चढ्या गिरनार, के तपस्या में, जिनजी अठ्ठाईयां तो इन्द्रासण रा बैसणा, ई तो नववास चड्या निर्वाण के तपस्या (इसी प्रकार चौकसी कहते दोहा देते जावे)।

3

सातमा सू पारसनाथे, वांदसां तारा चमके, कांई आठमा चंदा प्रभु देव तपस्या पर रंग वरसेके, तपसण बाई ने देख्या मारो मन हरषे, नहीं रे देखूं तो मारो जीव तरसे के सदाई देखूं तो मारो मन हरषे, सेर सोनारो गूगरों रंगवरषे, कांई रणक्यो मांजल रात, तपस्या पर रंगवरषे, अणी रणके पूजी मा.सा. जागिया रंगवरषे, कांई करदिया गादी रा ठाठ, तपसण बाई पर रंग(ईसी प्रकार चौबीसी की कथा कहते जावे)

4

नमां सुवधीनाते वांदसा जिनराई जी, दसमां शीतल नाते देवरा, गोकड़लां जरोका तपस्या खूले रही जिनराई जी, ऊबा ऊबा तपसण बाई विनमें जिनराई जी. मा.सा. माने पचौला पचरवाय रा गोकड़ला, जरोखातपस्य खूले रही जिनराईजी, पचौला करो ए बायां अठ्ठायां करो, नव वास रा राखो चढ़ता भावरा गोकड़लां, जरोकां तपस्या व खूले रही जिनराई जी, (ऐसे ही करते रहे)

5

तपसण आया ओ हाथी रे हलकार, घोड़ा री खलदार, वाजारे जणकार; चौबीसों री लार, तपसण घरे आविया, तपसण आया ओ सुसरासारी पोर, सामु जीरी जोड़, तपसण घरे, आविया, थेंतो कीदा ओ वउपड़ अठ्ठाया राठाठ, तपस्या रा ठाठ, तपसण घरे........ (इसी प्रकार जेठसा, भाभीसा, देवर, देराणी, नणंद)

6

सतायां बैठतां सूसरासा बोलिया, गिद्या बैठतां सासूजी बौलिया, ईकुंण रोक्याजी वैवाण, तपसण ऊबाजी घररे बारणे, छोटी वऊ रोक्याजी वैवाण, तपसण बाई रोवयाजी वैवाण, तपसण उबाजी घरऐ, (इसी प्रकार सबका नाम लेना, घर वालों के और करना, है) 7

पेला रिषभनाते वादसां, तपस्या रो पंखों, कांई दूजा अजीतनाते देव, गुरुसा तपस्यारो पंखों, के हरो पीलो शोसन्या गुलाबी रंग को, ऊंचा मारासा रा बैठणां तपस्यारो पंखों, कांई निचा परगदा रा ठाठ, गुरुसा तपस्यारो पंखो के हरो पीलो शोसन्या गुलाबी रंग के, सुथर भगोत्यारां वांचणां तपस्यारो पंखों, कांई अरथां रो छयन पार, गुरुसा तपस्यारो पंखों, के हरो पीलो शोसन्या गुलाबी, रंग को, इसी प्रकार सब दोहा करे सेर सोनारो गूगरो और घोरो घोड़ा हांसल्यो।

8

घूरेवामें जाइजोरे वीरा जुगजीवो, गिरनार्यां में जाइजोरे वीरा जुगजीवो, घूरेवामें रिषभनाते देव, माताराजाचा गिरनायां में नेमनाथ देव जामण रा जाया, हिरा जड़लाइजो रे वीरा चूंदडी कानोड़ में जाइजो रे वीरा जुगजीवो, कानोड में कन्यलालसा वीर माताराजाया, हांओ जामणरा जाया, अरे जो मेरे वीरा कोर देवाजो, अधवीच पूनम के रो चांद जामण रा जाया, तपस्या री लांइजो रे वीरा चूंदडी हीरां जड़ जाइजो रे वीरा चूंदड़ी, ओड़े अपनी जामण जाई बेन जामणरो जाया।2

9

आदिनाथ रा वाज्या वाज्या जाणों के नही सा अपरी दुनियां तपस्या कीदी जाणों के नहीं सा, शान्तीनाथ, नेमीनाथ, पारसनाथ, महावीर स्वामी, गोतमस्वामी, रा वाजा वाज्या जाणों के नहीं सा, सुसरास ने, जेठासा, देवरसाने, शायबसाने शायबसाने जाणां करजो जाणों के नहींसा अपरी वऊवां तपस्या कीदी, अपरी भावज तपस्या कीदी, अपरी गोरी तपस्या कीदी, जाणों के नहींसा पंच बुलावणां पड़सी जाणों के नहीं सा, प्रभावना बंटावणी पड़सी जाणों के नहीं सा, देराणी, जेठाणी ने जाणी करजो, जाणों के नहींसा, अपरी वऊवा, अपरा भाभीसा तपस्या कीदी, जाणों के नहींसा लुगाया बुलावणी पड़सी, चौबीसां गवावणीपड़सी जाणों के नहींसा, पतास्या वंटावणी पड़ासी, बाईसाने जाणां करजो, जाणों नहींसा, अपरी भावज तपस्या कीदी, सपना गवावणा पेड़सी जाणों के नहींसा आपरी नणंदा तपस्या कीदी वेश पेरावणां पड़सी चूंदड़ा ओड़ावणी पड़सी, अपरी अपरी बेन्या तपस्या कीदी अपरी बेट्या त. माताबाई ने जाणा करजो, जाणो पारना कर वणांप इसी।

10

हो हो रे मारी तपस्या री मटकी, हां हां रे मारी तपस्या री मटकी, लेलो भाया लेलो तपस्या री मटकी, लेलो बहना लेलो तपस्या री मटकी, स्थानिक ने द्वारे अमें व्याख्यान में तपस्यारा गुण बहुला गाया था, तपसण बाई तो लेई लीदी तपस्यारी मटकी, तपसण बाई तो लेई लीदी अठ्ठाई री मटकी, मटकी जो लेई तपसण रिमझिम चाल्या, मांही भर्या तपस्या ना माखन अनमोला, आगा, रेवो आगा रेवो गिरजासी मटकी, दूरा रेवो दूरा रेवो फूट जासी मटकी, कर्मों ना बंधन टूट्या फूट गई मटकी, माखन तपसण खाई गया ने, सासूजी भाभांसा, देशणी, बाईसा, रहीग्यालटकी माखन तपसण खाई गया ने माताबाई, भावज, बेन्या, भुवासा, मासीसा, रहीग्या लटकी, तपस्वी तो लेई जासी तमे रहजो लटकी, इसी प्रकार सब कहना कि स्थान ने द्वार अमें दरसन करदा गया था, स्थानक ने द्वार अमें मंगलीक सुणवा गया था, स्थानक में तपस्या रा गुण बहुला गाया था, जतनबाई तो लेई लीदी अठ्ठाई री मटकी।

11

मारी तपस्या छे नखराली ए मांय, तपस्या पछकबा में जासयां, जाने व्याख्यान सुणतां ही रंग लाग्यो ए मांय, तपस्यापछकवामें जास्यां, माने बेटको पूंजणीमंगादे ए मांय, सामयिक करवा मैं जास्यां, माने अरिहंतारा बोल प्यारी लोग ए मांय, तपस्या पछकवा मैं जास्या, होमाने गुरुणिसा रा शास्त्र प्यारा लागे ओ मांय, हो मारे सासरिया रो नाम मत लिजो ए मांय, हो मारे स्थानक रो नाम भलाई लिजो ए मांय तपस्या पछकवा मैं जास्या।

12

मारा हाथ में नोकरवारी अरिहंत रो आघारजी, दोड़ी दोड़ी कुमार्या रे चाली, लाई मटका में सांपजी, उठो वऊवड़ पानी छाणों बन गयो नवसरों हारजी, चालो वऊवड़ देखण वालां नदियां आई पूरजी, सासू लेई ने धक्को दिदो वऊवड़ पेले तीरजी, वैकुंठ से वैषाण जो उतर्यो वऊवड़ बैठी जासजी, सासू लेई ने पल्लो पकड्यो मूं आऊं थारे लारजी, करणी ओ सासूजी पार उतरनी मारो कांई जोर जी, मारे तो नवकार मंत्र और नहीं कोयजी, मारा हाथ में नोकारंबारी भगवंत रो आधारजी, मारा हाथ में नोकर वारी अरिहंत रो आधारजी।

13

आंबूला री डाल पर बोले कोयलियां, आंख मिचौनी कौन खेले तपसण बाई, तपस्या री याद गणी आवे, दादासारे आंगण वाई चमेली, कलियां चूंटण कौन जावे, तपसण बाई गजरा गूंथी ने कौन लावे, तपसण बाई तपस्या री याद गणी आवे, (इसी प्रकार सब कहे)

14

तपसण बाईरा दादासा देशावर कमावे, वीतो नेशनोक सूंलाया ऊनी को बेटको, 2 दादासा बीछावे बांरी माता बाई विछावे, इतो तपसण बाई विछावे ऊनी को बेटको, इतो तपसण बाई विधावे ऊनी को बेटको, (वीरासा, मामासा, फोफासा, बेनोईसा, मामासा), (मूंपती, मोत्या की माला, पूंजणी अनुपूर्खी)
जोधपुर सुलाया मुंपती, जैपुर सुलाया मोत्या की माला, बीकानेर सूलाया, पूंजणी, उदीयापुरसू लाया अनुपूर्वी वीरासा फेरेवारी भावज बाई फेरे, इतो तपसण बाई फेरे मोत्या।

17

कांई पर लोसा कांई परलो, कमटी भर अणां तपसण बाई ने दो, के चमटी भर अणा माता बाई ने दो, के अपरो असको, टसको, सब मिट जाय, कांई परलो सा कांई पर लो, अपरी आदी वादी सब मिट जाय, कांई पर लोसा 2 अपने तपस्या पछकवारो जोश अपने सोई चढ़ जाय, कांई पर लोसा कांई पर लो, (इसी प्रकार गुरुसा, गुरुणी, परिवार में सबको चमटी भर दो,)

18

तपसण बाई तो पस्या की दी तपस्या कीदी जी, ओजी माता बाई तो रोट्या गटकाई, साता तो वपां नहीं पूछी नहीं पूछी जी, माता बाई रा हाथ बांधो पग बांधो जी, ओजी माता बाई ने थानक में लटकावो, राता तो वणा नहीं पूछी नहीं पूछी जी, (इस प्रकार परिवार वालों को कहना है, और बांधना है)

19

हठ मती पकड़ों तपसण बाई, थाने तपस्या लाड कराईदेसां, हटमती पकड़ो तपसण बाई, थाने आखा तीजसा पारना कराई देसां, थाने गुरूदेव रे लेई जास्या, थारां वीरासा ने अराये बुलायी लेसां, थाने तपस्यारी चूंदड़ा ओढ़ाई देसां, हठमती पकड़ो तपसणजी, अपरा गुरुणी सा ने अरापे बुलाई लेसा, अपने अठ्ठाई पर नववास पछ काई देसा, मासखमण पछकाई देसा, हठ मती पकड़ो तपसण जी, थारे तपस्यारी प्रभावना वंटाई देसा, तपस्यारी चौवीसा गाई देसा, सपना गवाई देसा, पलेटा वंटाई देसा, लूगायां बुलाई लेसां, पतास्या वंटाई देसा.......

20

कुणीं सारीदायेड़ी के वाया तपसण बाई ओ, कुणीं सारी कुल वऊ वाजिया, कुणी सा री बेन्या के वाया तपसण बाईओ, कुणीसा री भावज बाई के वावीस, थानक में ठाठ लगाया तपसण बाईओ, कानोड़ में ठाठ लगाविया सुसरासारी कुल वऊ के वाया तपसण बपाईआ, पिताजी री दियेड़ी के वावीया, वीरासा री बेन्या केवाया तपसण बाईओ शायब सारी सुंदर गोरी वाजिया, (इसी प्रकार सब परिवारवालों के नाम लेकर सबको कहे)

21

लेरीनो वेला सूं रंगीयो रे, लेरियो तेलासूं रंगीयो, चार ज्ञान सूं रंग्यो रे लेरियो तपस्या में खुलीयो, पेला रिषभनाते वांदसा जी कांई, दूजा अजितनाते देव, अगन्या संभवनाते वांदसा जी कांई, चौथा अभिनंदन देव, लेरिया बेला सूं रंगियो रे लेरियो सेर सोनारो गुणरो जी काई रणक्यों गांजल रात, अणीरणके तपसण बाई जागिया जी कांई कर दिया तपस्यारा ठाठ, लेरीयो बेला सूं रंगीयो रे लेरियो तेला सूं रंगीयो, चार ज्ञान सूं रंग्यो रे लेरिया तपस्या में.

22 चूंदडी

वीरोसा, बाईरी तपस्या ऊपर आवो हो जामण रा जाया, आवो हो मातारा जाया, अणी ने अवसिरिये ओ वेगा आवजो,
विरोसा जैन धर्म घणों दीपतो, वीरोसा दीपे तपस्या वारा लोग, माता रा जाया लोग जामण रा जाया अणी ने अवरारियो वेगा आवजो, वीरो सा बाई रे तपस्या री चूंदड़ा लावो हो माता रा जाया, लावो हो जामण रा जाया, अणीं ने अवसरिये वेगा आवजो।

एकासणो

देराणीया जेठाणिया थानक चाली, बहुवड़चाली साथ, नानी वऊआ रे एकासणों,
देराणी जेठाणी बेला तेला पछक्या, वऊवड़ने आई लाज, पछड़यो एकासणों, पछकी पछकांई ने घरे आया, चूल्हा बाल्या चार, नानी वऊरे एकासणों, तीजे चूल्हे लापसी रांधी चौथे खाजा खीर, नानी.... खड़ बड़ खड़ बड़ ख्वाजा काढ्या, पापड़ तर्या रे पचारा नानी वऊ.,.... आंसट बांसट सारणां चौंसठ पड्यो दगार...... पोरी पो बाडू नवगजी, कांई तेवन तीस बतीस..... बजारा सूं सूसराला आया लाडू लाया चार...... दुकाना सूं जेठसा आया खोपरा लाया चार, दड़ियां रमी देवरसा आया खोपरा लाया चार, भाभी रे एकासणों, अंदर सूं सासूजी बोल्या वऊ ने जल्दी जिमाय, नानी....... दांतल ले देराणी ऊबा, जल की जारी जेटूता लाया, भाभीसा (काकीसा) दांतल मोड़, नानी वऊ रे एकासणों, थाल परूसी भाभीसा लाया नानी वऊ एकासणों, खोल, नानी वऊ रे एकासणों, ताम्बा पीतल रा लोठीयां कांई भर्यो रे गंगाजल नीर...... जीमी चूंटी ने चरू भर्यो, कांई बऊ मारी मेलां जाई पोड़, नानी ऊंची सी मेड़ी लाल किवाड़ी, बऊ मारी लोटम लोट, नानी वऊरे..... सार रमी शायबसला आया, सूता लूंटी ताण, नानी पाछली रात रा पूछण लागा, गोरी कणीं री कीदी होड़, नानी वऊ रे एकासणों, देराणी जेठाणी बेला तेला पछक्या माने आई लाज पछक्यो एकासणों, देराण्या जेठाण्या धीमी घड़ी, देराण्या जेठाण्या माती मत वारी, गौरी थे पुतलियानार, गौरी थे अबलां नार नानी वऊरे एकासणों भौ फाटी दिन ऊगण लागो दूई लावो भूरी भैंस, बऊ रे पारणों सासरिया सूं बाईसा आया भाभी री साता पूछाया, नानी वऊ रे एकासणों, पीयरीया सूं वऊवां आई सासूजी री साता पूछाय, सासूजी रे एकासणों, सासरियासूं दियेड्यां आई माताबाई री साता ूछाय, माताबाई रे पारणों।

ज्ञानरो आम्बो मोड़ियो

यो तो ज्ञान रो आम्बो मोड़ियो, यो तो पसयो ए मंजल मेवाड़ के ज्ञानरो आम्बो मोड़ियो, ईतो मेलां सूं बहूवड़ निचे उतर्या, ईतो आयो पठसारा रे मांय, के तपस्या रो आम्बो मोड़ियो, ईतो सासूजी बहुवड़ ने इम केवे बहुवड़ थारां गेणलां पेरी बतावो के, तपस्या रो आम्बो मोडि़यो, ईतो बहुवड़ सासूजी ने इम केवे, सासूजी गेणलारो कांई देखणों, गेणलां मारो सोई परिवार, के ज्ञानरो मारा सुसराजा गढ़रा राजवी, मारा सासुजी गुण रत्ना री खान, के आम्बो मोड़ियो, मारा जेठसा बाजूबंद रा वांकड़ा, मारा भाभीसा बाजूबंद री लूम के.... देवरसा दांती रो चूड़लो, मारी देराणी चूड़ला री चूंप, के ज्ञानरो आम्बो मोड़ियो, मारी नणंदल कंसूमल कांचली, मार, नंणदोईसा सोनारा छोगा, के ज्ञानरो..... मारी दीयेड़ी हाथांरी मूंदड़ी, मारा जमाईसा हिवड़ोरो हार, कूंवार मारा कुलरो जीचानणों मारी कुलवऊ दिवला री जोत के, ज्ञानरो आम्बो मोड़ियो, मैं तो वारी ओ वऊवड़ थांरी जीभ ने, थेतो सरायो मारो सोई परिवार के, ज्ञान रो आम्बो मोड़ियो।

तपस्या शासन 1

धूलेवा रा चौक में यो पड्यो ज्ञानरो फूल, रायो पड्यो ज्ञान रो फूल, अतरा में ती आवीया तपसण बाई उठायो फूलरा, वणा उठायो फूल, रा......... अतरा में ती शासन देवी आविया, यो मारे चढ़ावो फूल, 2 फूल तो मैं जदी चढ़ावा मारी तपस्या में शक्ती लावजो, मारे पारणारी शक्ति लावजो।

शासन 2

कटे चाल्या ओ शासन, कटे चाल्या ओ ऐसी भरी नी दुपेरी शासन कटे चाल्या ओ. 2. थारे आई रे तपसण थारे आयाए, थारा सुसराजा बुलाया मेंतो थारे आया ए। कांई लाया ओ शासन कांई लायाओ, अपरा लाल दुपट्टा में कांई लायाओ अपरा हरिया दुपट्टा में कंई लायाओ, शक्ति लाया ए तपसण शक्ती लाया ए, थारी आया ए, (इसी प्रकार सबका नाम लेना)

शासन 3

शासन आवे अधिरात सावन की रतियां, सासन आवे, आधिरात भादव की रतियां, जिनके गोरे 2 हाथ हरिसी चूड़ियां, जिनके लंबे लंबे बाल सोने की लटियां, जिनके गोरे गोरे गाल होठों पर ललियां जिनके घोरे घोर पांव पांवो में जांजरिया, शासन आते आधि रात तपस्या की रतियां,

शासन 4

उड़जा हंस अकेला खबरां तोलादो मारे शासनरी, 2 गांव नू जांणू नामनुं जांणू कसी सूरत थारा शासन री, गांव धूलेवा, नाम रिषभजी, सांवली सूरतमारा शासनरी, इसी प्रकार पांचों देवता का नाम लेना।

सजनी 1

रिषभनाते नांदू 2 अजितनाथे वांदवा चाली दोहा थूं उगरे चंदा, शासन बाजरया डका, थूं ऊग ए हिरणी, शासन सूरजरी किरणां, थूं ऊगरे तारा, शासन प्राण सृ प्यारा।

(1)

भेरू बावजी रे चांदीरा किवाड़, सोनारा मेड़ी ओवरा, जटे पोडे़ देव नाराण, राण्याओ ढोरे बीजणां, ढोरत ढोरत आई वेरण नींद, राण्यां रा लेग्या वीजणां, षोड्या वोतो जागो मोटा देव, पाछा ओ लाओ बीजणां, खेवो भोपा बूघर धूप मंदारियो घुरणायदो, चढ़ो भोपा पिछोला री पाला, कतराक आया जातरी, जातरर्या रा उड़े रे रूमाल, बांया रा चमके चूड़ाना (सगस, खाकलदेव, सतीमाता, पूर्वज, सबके नाग ले)

(2)

भेरूजी आगे केवड़ों जो वायो, केवड़े जी केवड़े चाली नाग वेल, चाली नागर वेल,क वेलड़ी रे लागा, राता पीरा फूलड़ा, फूलड़े जी फूलड़े नाग झोला खाय, वासक झोला खाय, जामीघारां गूगरां घणां गेरां बाजे, जामी थारी सांखला घणी गेरी वाजे, भेक थांरी घाकलां घणी गेरी वाजे खाकल देवजी, आगे केवड़ो जो वायो, केवड़ो जी केवड़ों। सब देवता का नाम लेना।

(3)

मारा, पियरीया रे गेले धर्मी देवरो, मारा पीयरीयारे गेले खाकलजी रो देवरो, मूंतो आती ने जाती लागूं धोग, सायरा ऊदा मती ने केवाओं कुल में वांजड़ी, मारा सुसरासा केवे बऊ वांजड़ी, मारा सासूजी केवे ओरी लावा ओ, सायर ऊदा मती ने केवावो कूल में वांजड़ी, जामी एक जोर्या ओ दूजो बालणें, जामी तीजा री आस बंधावो, सायरऊदा मती ने केवाओ कुल में वांजड़ी।

(4)

भेरूजी आगे ऊबो सरसरो झाड़, कलियां आई डोढ़ से, ओ जानी फूलड़ा रो छेयन पार, वीणी चूंणी ने झोरी भरी, या लीदी घर री वाट, रा या लीदी घर री वाट, रा या लीदी घर री वाट, भेरूजी रा बेटा भायला थूं फूलड़ा री अंगीया सीवजे, असरो मसरो सीवदूं ओ जामी फूलड़ा सीया नूं जाय, हांओ जामी फूलड़ा सीयानू जाय, कागद वेतो वाचलूं ओ जामी, करमन वाच्यों जाय, कूवो वेतो थांकलूं ओ जामी, समुन्दर वाच्यो नूं जाय, बारक वेतो राखलूं ओ जामी, जोबन राख्यों नूं जाय।

(5)

भेरू बावजी रे हाथ में सोनारो कटोरो वांरे हाथ, में वांरे रूपारो कटोरो वांरे हाथ, रा वे फिरग्या चारों खूंटरा, वे फिरग्या चारों खूंट, कुणीं सा लागली खाटी राबड़ी, वाने कुंणी स गाल्यो दूध, 2 सुथारन वाली खाटी राबड़ी, चंद्रावन गाल्यो दूध रा चंद्रावन गाल्यो दूध, दूर गई खाटी राबड़ी, वो दूध गयो गुजरात, रा यो दूध गयो गुजरात !

(6)

भेरुजी कोटा पीयर बूंदी सासरो, भेरूजी अधवीय चाली अपरी धाम, बंधाईदो जामी पालणों, जामी ससुरासा केवे वऊवांजड़ा, मारा सासूजी केवे बारकवेसं, बधाईदों जामी पालगों, जामी अड़ियांजी दडि़यां हिन्दे कोयलां, जामी अधवीच हिन्दे कारो नाग, बंधाई दो जामी पालणों, मारा जे ठासा केवे वऊ वाजडा़ मारा भाभीसा के वे बारक वेष, बंधाई दो जामी, देराणी, बाईसा, सबका नाम लेना।

(7)

भेरूजी पांगां सोवे सवा लाख री, भेरूजी पेचां पर ऊगो सूरज चांदो, अंतरयामी अरीदो भेरूजी मारी चूमरी, भेरूजी थाकी नहीं जी थआका बापरी, मूंतो लाई पड़ौसीन सूं मांग, अंतरयामी अरी दो भेरूजी मारी चूमरी, इसी प्रकार सब गहनों का नाम लेकर केते रहना, कंठ्या, चैना, घड़िया, छोगा।

(8)

हाथ मायं चंटी ने पगां रामजोर, जाय उतर्या कलाशं री चोर, चरतारा भेरू, नखराला भेरू, छोड़ो मारी घाघर हां ढूर जाय नीर, फूट जाय घाघर, ढूर जाय नीर, ऊबा ऊबा देखे मारी बाईसा रा वीर, चरतारा भेरू, नखराला भेरू, छोड़ों मारी घाघर, ढूंर जायमारो नीर, लूहारिया, सुनारों, कंदोई, मालीड़ा, कुमारियां सुथार।

(9)

कणी बऊने गोरर्या केसर लीपणां जी, कणीं बाई ने माड्या माणक चौक भेरू खेले सोगटोजी, बऊ लाड्या ने गोर्या केसर लीपणां जी, बाई जेतू ने माण्डाय़ माणक चौक भेरूजी खेले सोगटो जी, खाकल देवजी, खेले सो गटोजी।

(10)

भेरूजी गंगाजी रे गेले वणियाणी मारग रोकियो, रे मारा धणीं हठीला भेरू, मारा घणां छबीला भेरू, भेरू सिरकी टोपी चमके, मूं जागी बिजली चमके, मारा घणांरे हठीला भेरू, मारा घणां रे छबीला भेरू, भेरू कमर में घूघरां बाजे, मूं जाणी इन्दर गाजे, मारा घणां हठीला भेरू, मारा घणां छबीला भेरू, भेरू पगारां नेवर वाजे, मूं जाणीं झालर वाजे, मारा घणांरे हठीला भेरूं, मारा घणां हठीला भेरू।

(11)

हां ओ भेरूजी, कुमार्या रे बारणें, कुमार्या रे बारणें, कलशा रा साबला वलमरयाजी, हां ओ भेरूजी लूहारया रे बारणे, लूहारिया रे बारणे, साकलां रा बाबला वलमरयाजी, हांए कुमारण घड़ीयक बायर आवजे, धूपाना लेती आवजे, हां ओ भेरूजी घड़ीयक बायर थोबजो, लीलाधर पाछा फेरदो, खुरीया तोड़ायो राई आंगणों जी, हांए मिजाजण पीरी थारे बारणें, गोबर थारे आगणें, आछा लिपाई दूं थारा आंगणां जी, कंदोई, माली।

(12)

इतो सुना रे मंदिर में धूपाना कणी छोड्या, यातो भोगजी री बेटी भेरूजी रे भायली, यातो कुमार्या री बेटी राजरी भायली, इतो सुना रे मंदिर में धूपाना वणीं छोड्या, देवर लागो ररियावणों, इतो लूहारिया री बेटी खाकल देव रे भायली, इतो सूना रे मंदिर में सांकला वणीं छोड्यीं, देवर लागे ररियावणों, यातो दर्जिड़ा री बेटी राजरी भायली, यातो कंदोई री बेटी सगसजी रे भायली, इतो सूनारे मंदिर में मेवा वणीं छोड्या, इतो सूना रे मंदिर में ध्वजा, गादी, वणीं छोड़ी, देवरलागे ररियावणों, इतो भोपाजी री बेटी भेरूजी रे भायली, इतो सुनारे मंदिर में पालणों वणीं बांध्यो, देवर लागे ररियावणों।

(13)

अतरी जो वेरां कटाई लगाई ओ देवता, कटे लगाई ओ भेरूजी, कटे थाने लागी या बार, कुमार्या री हाटां में गया ए सौंया 2 धूपाना मोलावता ए संया, खेवतां ए संया, वटे माने बागी या वार, लुहारिया री हाटां में गया ए सैंया सांखला मोलावता ए सैंया, वावतां ए सैंयां, वटे माने लागी या वार। सबका सुथारी, कंदोई, माली दर्जिड़ा, तंबोली, मोची, नाम लेना।

(14)

भेरू बावजी रे मंदिर मायां, लाला किसका रोया रे, मरा नहीं रोया, मारा सासूजी रा रोया रे, मारा नहीं रोया, मारा जेठाणी रा रोया रे, मारा नहीं रोया, मारा देराणी रा रोया रे, में तो रेग्या रे कोरा बांजड़ा, 2 मनड़ा में धीरज धरोनी बैन्या मारी ओ, भेरूजी बंधावलो रूड़ो पालणों, ऐसा ऐसा बोल मती बोलो बेन्या मारी ओ, खाकल जी बंधावे रूड़ो पालणों।

(15)

भेरूजी बावजी मालवे मती जावो जी, 2 मालवारी मार में बसे ला जेतू बाई रे, शेष किरणां में सूरज उगियो जी, सवामण रा मोटा देव, सूता में सूखभर नींद ओ, जागोनी मोटा देव सिंदूर रा प्याला लाईओ, शेष किरणां में सूरज उगियोजी, शेष किरणां में सूरज उगियो, नारेल, दूध, मारीपन्ना, धूपाना, सांकला, लड्डू बाटी।

(16)

भेरूजी बावजी राण्या निसर्या, वाने कुल मनावा जाय, रा बाने कुण मनावा जाय, भोपाजी ने हजूर्यो निसर्या, वाने उदल मनावा जाय, रा, वाने कसन मनावा जायरा, पाछा फरोनी वगड़ावता, अपरी जातरी जोवे वाट, रां 2 पाछा फरांतो कुल मारो लाजे, लाजे ओ जरणीं रो थान, रा कांई लाजे ओ जरणीं रो थान, मैं लड़ा मैं लड़साजी मैं जीती मे घरे आवरा, मैं जीती ने घरे आवरा, इसी तरह खाकलदेव, सती माता, पूर्वज, नागोर्या, भदेर्या, भेरूजी।

(17)

नागोर्या जी रा चौक में यो नव निदयांरो नीर, रा यो नवनदियां रो नीर, जामे भोपाजी सांपड़े, वी हजूर्या बुलावे दोई चार, रा वी हजूर्या बुलावे दोई चार, भोपाजी री बेटी एकली वा माईरा मंगावे दोई चार, रा, वा माईरा मंगावे दोई चार, भोपाजी रो बेटो एकलो वो माईरा मोलावे दोई चार, चार, रा वो माईरा मोलावे दोई चार, भोपाजी तो सूता उन्डे ओवरे, कांई बारणे आईपूकार, ऊंचा देवतारा बेवणां जी कांई, निची जातरी रा ठाठ, रा काई निजी.....

(18)

भेरू सासूजी पूछे पिपल देराणी, वहूवड़ सूना मेला में दिवलो क्यूं वरे, सासुजी उबा रिजोजी चानंण चौक में, 2, अपरा कसन आवेजी अधिरात, सासूजी मारा नर्नो लिदोजी सगा पूतरो, वहूवड़ सूनी, रसोई में भोजन क्यूं रार्या, वहूवड़ सूना मेला में डोल्या क्यूं डार्या, सासूजी अबा रिजोनी माणक चौक में, अपरा उदल आवेजी आधीरात, सासूजी मारा नर्नो लिदो जी सगापूतरो, (चौपड़ जाली, भोजन, पीलंग, बाग आदि..)

(19)

लंबी रे लंबी सड़कां अणां भेरूजो बांवजी री, लंबी रे लंबी सड़कां अणां खाकल देवजी री, नीम री छाया में मोटर ढाब दिजो रे, मारा भेरूजी बावजी, कूवा रा ढ़वा पर मोटर ढाब दिजो रे, मारा खाकल देवजी, धूप तो भेरूजी लेवे चूरमो भोपाजी, छोरा छोरी दोड्या आवे चटखा खावाने, मारा भेरूजी बावजी, लुगाया तो दौ़ड़ी आवे पतास्यां लेवाने, ओ मारा इसी प्रकार सब देवता का नाम लेना (सगस, सतीमाता, पूर्वज)

(20)

भेरहूजी बावजी रे नानपण पड़ीगी, मां मने नानेरे ले चाल रा मां मने नानेरे ले चाल, नानेरा में तो नानीमांई कोईनी, कुण लड़ावे अपरा लाड़, 2, भाणेजा ने पावे खाटी राबड़ी, वणा मामासाने पावे खड़ीया दूधरा, वणा मामासा ने पावे खड़ियां दूध रा, 2 (खाकलदेव, पूर्वज, सतीमाता, सगसजी, सबका नाम लेना)

(21)

चढ़ो भोपा पिछोला री पार, कतराक आया जातरी, खेवो भोपा घूघर धूप कड़वी ओ पाती नीम री जी, पाति दिओ पूरो नहीं पड़े, पगसो हजारी रो फूल, कड़वी ओ पाति नीमरी, आया कीजे मारा रा भाणेज, जडूल्या रे कारणे, आया किजे काका रा भतीजा, राती जगारे कारणे देवो भोपा आका भभूत, कड़वी ओ पाती नीम री, (सब परिवार वालों का नाम लेना)

(22)

भेरूजी निपीयोजी चूंपियो आगणों,  भेरूजी पगल्या माण्डण वारा दोनी, अंतरयामी पाति बगसो नी कड़वा नीमरी, भएरूजी सासू रा जाया मारा अंतगणां, भेरूजी काकासा केवण वारा दोनी, अंतरयामी पाती बगसोनी कड़वा नीमरी, भेरूजी सासूरी जाई मारे अंतगणी, भेरू भुवासा केवण वारा दोनी।

(23)

आज भेरूजी ने कन्या लालसा घर नूत्या तो, बहू लाडूया बूरा जिमाया, भेरूजी लेर्या लोजी लेर्या लो, आगलड़ी सूं बाता लागा पाछलड़ी सूं टल्लो, भेरवजी लेर्या लो जी 2,. आ़ड़ा जो डाक्या परवाड़ा जो डाक्या, तो नार पराई डाक्या, भेरवजी लेर्या लो जी 2, वणी रे सवागण भोजन रार्या, पवन करीने जिमाया भेरवजी,

(24)

हांए कलारण कंह्या गेणे राखले, डोरा गेणे राखले, एक प्यारो दारू रो पायदा, जी, हांओ भेरूजी कंण्या अपरे रूपरी, डोरा अपरे रूपरा, पीना पधारो प्यालों मारी गांठरोजी हां ओ भेरूजी घोड़लाबायर थोबदो, लगाम ढीली छोड़दो, खुरियां सूं तोड़े मारो आगणों जी, हां ए मिजाज पेरी थारे बारणें, गोबर थारे आंगणों, आछा लीपाई दूं थारां आंगणां जी, (गहने)

(25)

माते तो चरवी दूध री मूं जाऊँओ भेरूजी रे देवरे, मूं जाऊंओ खाकल देवरे देवरे (सब देवता का नाम लेना) रात अंधारी सेर्यार सांकड़ी, मूं दरपूं ओ वन मे अकेली, दरपे मती ए माना गुजरी, ढोलां रे ढमके आवजे, भदर रे ओ रणके आवजे, झालर रे ओ झबके आवजे, सासूजी रे छाने आवजे, छोटी नणंदल ने लारां लावजे, लोड्या देवर ने लारां लावजे, थारे जोर्या ज़डूल्यो पूत, चरवी तो मेलो पाट पे या परी ए रंधावो खीर, रा या परिये रंधावो खीर, अराए बुलाओ जातरी, या परी ए वपराओ खीर रा या, परी ए बपराओ खीर 2.

(26)

ऊंची सी पार तरावरी ओ भेरू बावजी, नीची ओ छायां खांकरी, जठे मारा सगस बावजी न्याव करे, बारी माता पूछे वातां जी, जठे मारा सगंस बावजी न्याव करे, वारी बेना पूछे वातां जी, काओ मारा भेरु बावजी आमण दुमणां, काओमारा सगस बावजी आमण दुमणां, को थारां मनड़ा री वातां जी, घूंघर री धूप लगावो मारी माता, खोपर रा होम करावोजी, कच्चा दूध पिलावो मारी बेन्या, धीरत रा होम करावोजी,

(27)

सताया बैठतां सुसरासा बोले बोल तो, घरमें ओवऊ वांजड़ी जी, गिद्या बैठतां सासूजी बोल्या बोल तो, घरमें ओवऊ वाजड़ी जी, अस्या अस्या बोल मती बोलो सुसरासा माने तो, सती बोलो सासूजी माने तो, जास्या भेरूजी रे देवरे जी, मायआं रा गवार्या थूंई धरम रो वीर तो, देवरा रो गेलों वदतायदोजी, दिसे ए बाई हरिया हरिया रूख तो, धोरी धजा रो देवरो जी, भोपाजी रा बेटा थूंई धरम रो वीर तो, बांज बंधावो पालणों जी, इसी प्रकार सब देवता का नाम लेना, घरमें सब परिवार वालों का नाम लेना।

(28)

भेरू बावजी रमें माणक चौक में, भदेर्या जी बावजी रमे चांदण चौक में, दौड़ी दौड़ी वायण भोपाजी ने धोग हजूर्या ने धोग, धीरा धीरा रमझो सांडू रा जाया, इसी प्रकार सब देवता का नाम लेना, नामोर्या जी, सगसजी, सतीमता, पूर्वज, खाकल देव, दियाड़ी माता,

(29)

भेरूजी बावजी कटे गया, मारो तेल बल्यो। सारी रात, रा मारो तेल बल्यो सारी रात, वागां गया ए बाई वावड्या मारी भायली रे रेग्या रात, रा 2 वणी जिमाया चूट्या चूरमा, वणीं पाया से कड़ीया दूधरा, वणी जतना सूंराख्या रात रा, पटसारा बांधोय पालणों, माने हिंचाया सारी रात रा, माने हिंचाया सारी रात रा, माने हिंचाया सारी रात, उठ सवेरा निसरर्या, मारी भायली ने चढ्ग्यो बुखार, रा 2 बांगा गया ए बाई बावलड्या, मारी भायली रे लाया डाड़म दाख, रा 2 आगी बारो जी अपरी भायली, अपरे घरे सरूपीनार, घोड़ला सिणगारी निसर्या, कांई सामी तो मिलग्यी भायली, 2 मनवार करीने घरां लेगई, माने जतना सू राख्या रातरा, धूपाना, धूप नारेल, होम, वाट, सब देवता का नाम लेना।

(30)

जाजम रारो रे अणी चौक में, कांई रमशी सगरा देव जां बीच रमशी ओ मोरा भेरूजी बावजी जांरी बारूं रेश, आंघा मांगे ओ जामी आंखड़ी, काई लूं लो मांगे पांव, वांच्य बंधावो ओ जामी पालणों कांई निर्धनी यां धन होय, आंधा ने देसां ओ सेवक आंखड़ी, कांई लूला ने देसा पांव, वांज बंधावां ओ सेवल पालणों कांई निर्धनियां धन होय, सतीमाता, खाकलदेव, पूर्वज, सगस, नागोर्या।

(31)

भेरूजी बावजी री गायां चरवा निसरी, वे तो उतरी ओ सूरज पोल रा, वेतो उतरी ओ हाथीपोल रा, गेले जावा रा मानवी मारी चालर ने पाछी फेरजे, मारी मोगर ने पाछी फेरजे, रूपयो तो देसां रोकड़ों, मारे नहीं है गायां रो गवार, 2 उदल झूले पालणें जी, कांई कसन भणवा जाय, रा कांई कसन भणवा जाय,

(32)

भेरूजी बावजी रा चौक में, या आई रे चूनडाल्यां री जोड़ 2, कुणी सा देखी कुण मोलवे, ई कुणीं सा, खरचे दाम, भोपाजी देखे हजूर्यो मोलवे, इतो उदल खरचे दाम, ओड़ी पेरी ने पाण्यो निसर्या, सारा देखे ओ नगरी रा लोग, भोपाजी रो बेटो लाड़लो, मारे बेवड़ा परवाई रे गिलोला, गिलोला मति वावो बारक डावड़ा, मे तो राय कसन री नार, रामे तो राय उदल री नार,

(33)

नागोर्या भेरू देईदो, थोड़ा नोट उधारा देईदो, थोड़ा पईसा उधारा देईदो, अपरे भर्या रे भण्डार अपने कांई री कमी, मारे रेवाने भेरूजी टूटी झूपड़ीयां, आप रेवोनी मंदिर मायं हो नागोर्या भेक, हो अलबेला भेरू, देई दो 2 मारे जिमवाने भेरू सूखी रोटी, आप जिमो लाडू बाटी, हो नागोर्या भेरू, छबीला भएरू 2 मारे पोड़वने भेरू, टूटी खाट, आप पोड़ोनी  फूलड़ारी सेज, हो नागोर्या भेरू, हो छबीला भेरू, देई दो 2 मारे ओड़वाने भेरू फाटा चादरा, आप ओड़ोनी साल घूसालां, हो नागोर्या भेरूजी देई, दो छनगारा भेरू,

(34)

भेरूजी बावजी यूं केवे मूं प्ररणूं ओ, गढ़री गुजरी, मूं परणूं ओ गढ़री, गूजरी, मूं परणूं ओ गढ़री गुजरी, मुख संभाली सीधा बोलजो, अप मुख संभाली ने बोलरा, अप मुख संभाली ने बोल जो, सुसरासा मारा राजवी, मारो बाप दिल्ली रो राज, रा मारो बाप दिल्ली रो राज, सासूजी मारा नर्मदा, मारी मांय गंगा रो नीर, रा मारी मायं गंगा रो नीर, जेठसा मारा बाजूबंद रो वांकड़ा, भाभीसा बाजूबंद री लूम, रा मारां भाभीसा बाजूबंद री लूम, देवर मारा दांती रो चूड़लो, देराणी चूड़लारी चूंप, रा मारी देराणी चूड़ला री चूंप, नणदल या बिजली, मारी बेन सांवणियां री तीज, रा मारी बेन सावणियां री तीज, रा दीयेड़ी हाथा री मूंदड़ी, मारा जमाईसा हिवड़ा रो हार, रा मारा जमाइसा हिवड़ा रो हार, कुंवर मारा कुल रो जी चानणों, कुल बऊ दीवलारी जोत, रा मारी कुल वऊ दिवलारी जोत, शायब सा मारा सिरराजी सेवरा, सुंदरवारी शीलवंती नीर रा कोई गोरी ओ गुणांवती नार, रा, भोजाईसा मारा लाड़ला, मारो वीर हजारी रो कूल, रा मारो वीर हजारी रो कूल रा।

(35)

या तो नागणीं पूछे ओ मोरपा नागर रो, अपतो कटे न लगाई अतरी वार वासक राजा फूलां री वाड़ी में गेदू रम्र्या, ईतो नाग केबे ओ सुणों नागणी, में तो गया था कन्या लालसा री पोल, नागण राणी, हांओ वासक राणीं, फूलां री वाड़ी में गेंदू रम्र्या, वासक लापसी रंदाडूली सोरमी, इतो माय वागड़िया नारेलो, वासक राजा फूलां री वाड़ी में गेदूं रमर्या, वासक चांवल रंदाडूली उजरा ईतो हरिया ढोराऊंली मृगो वासक राजा फूलारी वाड़ी में गेंदू रमर्या, वासक लाडू संघाडूली वाजण्या ईतो मायं डोढा़रो यो भेलो, (वासक) वासक घेवर छांटूली छांटमां ईतो ऊपर मिसरी या खाण्डो वासक वीज्या जी वनरो वीजणों, वासक भमर उतारूं वाजो को वासक, वासक आंसठ बांसठ सारणों, वासक चौसंठ पड्या रे वगार, वासक, वासक पोरी पोवाऊं ली नवगजी, वासक तेवन तीस बतीस वासक, वासक, ऊंचा रराऊं अपरे बेसणां वासक निची परूसूंली थार वासक राजा फूलांरी वाड़ी में गेंदू रमर्या, वासक ताम्बा पीतल राजी लोठीया, वासक भर्यो रे गंगाजल नीरों, नासक, वासक जीमी चूटी ने चूरू भर्यो वासक कांई करूं मनवार, वासक, लोग डोढ़ा ने एलची, वासक पाका से पान पचास, वासक राजा फूलां री वाड़ी में गेंदू रम्र्या।

1. सतीमाता

माता ने मेमंद लावरा मारा सतीमाता, रखड़ी रतन जड़ाय रा मारा सतीमाता, घुमर ले घोड़ले चड्या मारा सतीमाता देरे नगारो निसर्या, लिवड़ा ने हांस, गड़ाय रा मारा सतीमाता, तमण्यां पाट पोवाय रा मारा सतीमाता, टीलड़ी रतन जड़ाय रा मारा सतीमाता, मुखड़ा ने वेसर लाय रा मारी सतीमाता, काना ने जाल गड़ाय रा मारी सतीमाता, बहियां ने चुडूला चीराय, अंगिया फेर सिवाय।

2

लोलो सतीमाता रखड़ी जो पेरो, लोलो सतीमाता टीलड़ी जो देवो, रखड़ी पेरू तो लागे वार लोड्या देवर हांओ छोट्या देवर टीलड़ी देऊं तो लागे वार लोड़्या देवर आलिजा रा घोड़ला चंदण निचे ऊबा, चूणंण निचे ऊबा गोखां निचे ऊबा, केसरियां सूं छेटी मती पाड़ो हो लोड्या देवर हांओ छोट्या देवर, आलिजा रा गोड़ला छाजा निचे ऊबा, केसरिया रा घोड़ला चंदण निचे ऊबा, सब गहना कहें।

3.

अणां रे गामा रे गोर में मारा सतीमाता, चूड़ला आया बेचाऊ रा मारा सतीमाता ई चूड़ला कन्यालाल सा मोलवे मारी सतीमाता, मारी सतीमारा रे पेरण जोग, रा मारी सतीमाता, चढ़ती जवानी साता सत चड्यो, मेहन्दी, लच्छा, चूंदड़ा, केसर्या, लेंगा, कन्ह्या, झूमकी सभी गहनों के नाम लेना, और सभी परिवारवालों के नाम लेकर कहते जाना चढ़ती जवानी माता सत चड़्यो।

4

मारा पिताजी केवे जन्म फिकरी, मारी माता बाई केवे छाती पर हालो, सतीमाता सती ने सिरायो ठंडा वड़ थकी, लोड्या देवर सती ने सिरावो ठंडा वड़ थकी, इसी प्रकार परिवार वालों के नाम लेते जाओ और गाते जाओ, सती ने सिरावो ठंडा वड़ थकी, काकासा, भाई, फोफासा, मामासा, मामासा, बेनाईसा, सुसराजा, जेठसा, देवरसा, नणदोईसा ईतो भूमि पर आप विराजिया, ईतो मस्तक लीदा गोद्या मायं, अग्निमाता चेतन होईनेसत राखजो।

5

घोड़ी जाजे भेरू बावजी रे देवरे, घोड़ी जाजे पूर्वज जी रे देवरे, घोड़ी लायजे भेरूबावजी ने बैठाय, लीलागर घोड़ी, हांए रतना घर गोड़ी, देव बदल्या ओ पाछा वावड़े, घोड़ी नाम्बो वेतो तायलूं, घोड़ी पीतल लेऊं वदलाय, लीलीघर घोड़ी हांए, रतनाकर गोड़ी, 2 घोड़ी कपटी मनरा शायबा घोड़ी, कुंकर लेऊं समझाया 2,

6

वादर वरणीं ओरणीं, या नखभर नानी बूंटी, रा या नखभर नानी बूंटी रा, असा अकारा भेरूजी जाणती, मूं दो बड़ रात जगावती, मूं दोड़ी अपरे आवती, 2 कागज वेतो वाचलूं योकर्म नूं वाच्यो जाय रा 2 कुओं वे तो थाकलूं समुन्द्र थाक्यों नूं जाय बालक वे तो राखलूं यो जोबन राक्यों नूं जायरा, 2

7

कन्यालालसा ओ राज, वागा में जाय, चन्दण कटाय, सुधार्यो बुलाय, बाजोट्यो घड़ाय, थरपो देवी देवताओं राज, परिवार वालों के नाम लेना इसी प्रकार कहना, वऊ लाडूया ओ राज, रात जगाय, लापस्यां जिमाय, दिवलो संजोय, थरपो देवी देवता ओ राज, बेन बेट्या ओ राज, आरती उतार, थरपो देवी देवताओ राज,


चोतमाता 8

थेंतो चोत मनावो, मोरा कन्यालालसा ओ भोपरा, थेतो चोत मनावो, भोरा सुनील लालसा ओ भोपरा, थेतो चोत मनावो भोरी वऊ लाड़ियांएं भोपरी, इसी प्रकार सबका नाम लेना और कहते जाना।

दियाड़ीमाता 9

थें तो गजगति चालो एक दियाड़ीमाता, थांपर चंवर डुले, चंवर ढूरे मोरी मायं, उबा कन्यालालसा सेवा करे, मारा भायां री जोड़ी अमर राखो मोरी मायं, 2 राखो ए दियाणी माता थांपर चंवर ढूरे, माता उबी वऊ लाड्या पावा पड़े, मारा चूंदड़ अमर राखे मोरी गायं, राखो ए माता थांपर चंवह ज्यूं ज्यूं मारी वेल बढ़े।

45 कुकड़ो

राय उदल रा मोरीया रे, कुकड़ा मोतीड़ा वखेरूं चुगवा आवजे, रे कुकड़ा मोतीड़ा वखेरूं चुगवा आवजे, रे सोनारो घड़ाऊ थारे पिंजरों, कुकड़ा रूपारी तणियां मेलाय, हांरे कुकड़ा रूपारी तजियां मेलाय, सोनारी कुंड्यां पाणी पावसां रे कुकड़ा, रूपारी कुंड्या सफडाय हांरे, कुकड़ा रूपारी कुण्ड्या सफड़ाय पावं में बांधू थारे गूगरा रे कुकड़ा, गले मोती डारी मार, हारे कुकड़ा गले मोतीयां रो हार, सोनारी चोंच मंडाव सुरे कुकड़ा पखुंड्या में हीरा हीरालाल हारे, कुकड़ा पंखुड्या में हीरा हीरालाल, गेरो तो गेरो कुकड़ा बोल जे रे कुकड़ा, सुणेगा नगरी रा लोग हारे कुकड़ा सुनेगा नगरी रा लोग, जीणों तो जीणों तो जीणो कुकड़ा नाचजे रे कुकड़ा देखेगा नगरी रा लोग, हारे कुकड़ा देखेगा सारो परिवार, सगरा पंछी में लागे दीपतो रे, कुकड़ा हिवड़े लेऊं रे लगाय हारे कुकड़ा हिवड़े लेऊं रे लगाय,

46 बनासा

बनासाओ राज पडरा मौलायी, भजजी ने जाय, बनासाओ राज सोनीड़ारे जाय, गेणला मोलायी बेगा आवजो ओ राज, सासूजी ओ राज, ऊंची नजर्या चोक भल निची नजर्या चोक पूत पराया हो गया ओ राज, भाभीसाओ राज, ऊंचा चढ़ देख भल निची उतरी देख आधी पांती लेवसा ओ राज, देराणी ओ राज वेगी मोड़ी उठ, भल मोड़ी वेगी उठ, बाह्यदारी हेल नखावसा ओ राज, बाईसा ओ राज हाथ गज माय भल 10 दस गज माप हाथां रो दीदो लेवासों जी राज।

कुकड़ों

मारा घर कठे आमली जांरा सिसोद्या पान, ज्यानां नागोरी पान, कजरी बनरा जी कुकड़ा मैं अपने कुकड़ा सा वरणीया, मारे मंदिर मत बोल, 2 के कजरी वनराजी कुकड़ा, मंदिर मेती रिषभनाथे जागीया मंदिर में ती नेमीनाथे जागीया, मंदिर मेती पारसनाथे जागिया, जाग्या महावीर स्वामी देव, जाग्या शान्तीनाथ, देव, जाग्या गोतम स्वामी देव, (सब के नाम लें)

49 भेरूजी की आरती

घड़ी घड़ी री आरती, या सवा घड़ी री सेवा मोटा देव, करो भेरूजी री आरती, करो खाकल जी री आरती, गाय दुवाऊली चालरी या तो गुडरी रंधाऊंली खीर, मोटा देव, करा भेरूजी री आरती, भैसां दुवाऊंली बाखड़ी या तो दूधा पकाऊंली खीर मोटा देव करो खाकल देव री आरती, अपता दूधड़ा पीवो ने दुखड़ा काटो साकलदेव, लापसी रंधाडूली सोरमी, इतो मायं वागड़िया नारेल, चांवल रंधाडूली उजरा, इतो हरिया ढोराऊंली मूंग,
(इसी प्रकार सब का नाम लेना लाडू, भोजन, घेवर)

पूर्वजा रा गीत

कुंर्ण वऊ ने गोरया केसर लीपणां जी, कुणी बाई ने माण्डा माणक चोक, रोशनलालसा वऊ ने गोर्या केसर लीपणां जी, सुंदरबाई ने माण्डया माणक चौक, इसी प्रकार बऊओं का नाम ले गोर्या केसर लीपणां, वेन्या कुवास्यां का नाम ले माण्डया माणक चौक, हरिया बांसरों पालणों।

पूर्वजा रा गीत मूरत लेने जाते समय

पूर्वज आया मारे अरियां जी गरियां, तो फूल वखेरूं चंपा कलिंया ओ, पूर्वज भला रे पदार्या, पूर्वज आयां मारे गायां रे गवाड़े, तो गायां घोरा घोरी जाया ओ पूर्वज भला रे पदार्या, पूर्वज आया मारे भेस्यां रे ठाणें तो भेस्यां भूरी पाड़ी जाई, ओ पूर्ववाज भला रे पदार्या, पूर्वज आया मारे गोड़ीयां रे ठाणे, तो गोड्या लाखेणी तेजी जाया, ओ पूर्वज भला रे पदार्या, पूर्वज आया मारे हस्ती रे ठाणें, तो हस्ती धूम हाथी जाया, ओ पूर्वज भला रे पदार्या, पूर्वज आया मारे बऊवां रे ओवरे, तो वऊवां दीनड़ जाया, ओ पूर्वज भला रे पदार्या, पूर्वज आया मारे कुंवास्यां रे ओवरे, तो धरम भाणेंजा जाया, ओ पूर्वज भला रे पदार्या, पूर्वज आया मारे कोट मंण्डिडे, तो अन धन लछमी लाया, ओ पूर्वज भला रे पदार्या, पूर्वज आया मारे खेती रे खुणे, तो गाड़ा गाड़ा गेहूं निपजाया ओ पूर्वज भला रे पूर्वज आया मारे राम रसोड़े तो कड़ियां कड़ियां दूध ऊकणाया ओ पूर्वज भला रे पदार्या, पूर्वज आया मारे बारूड़ा रे पालणे, तो सुता बारूड़ा जगाया, ओ पूर्वज भला रे पदार्या, तथ नू पारा ओ बावजी अगता नूं पारां तो अमास दहीयों बिलोवा, ओ पूर्वज भला रे पदार्या, तथ जो पारां ओ बावजी अगतो जो पारां, तो अमावस दूध वपरावां ओ पूर्वज भला रे पदार्या।

मूरत को तोलाते समय 2

सोनारी डांडी, राजा रूपारा चेरा, तोले गांधी रो बेटो कसतूरी, गांधीड़ो जो तोले, राजा कन्यालालसा तोलावे, रोशनलालसा तोलावे, सुनीललालसा तोलावे, अनीललालसा तोलावे, जांसी ने तोलो रे गांधी कस्तूरी, नमती ने तोलोरे गांधी कस्तूरी, बारां पूर्वजारे छगे चढ़े, इसी प्रकार सब परिवारवालों के नाम लेते जाना।
3 बावजी केव केवड़ा सूं पदारजो, बावजी चंपा मोरारा सूं पदारजो, बावजी वाग वावड़ीया सूं पदारजो, बावजी फूल वखेरूं पदारजो, बावजी बावजी नारेल वघारूं पधारजो, बावजी रपट्या ओ पाट पधारजो, बावजी जपट्या ओ पाट पधारजो, बावजी घड़ी दोई शब्द सुणाव जो आज अपरी आणंत मारा रोशनलालसा रे अंतघणी, इसी प्रकार सब परिवार वालों के नाम लेना है।

4

अरड़ खरड़ तो नदियां वेवे, पूर्वज धोवत्या धोवे ओ राज, धोवत्या तो, कन्यालालसा धोवे, धोवत्या तो रोशनलालसा धोवे, पूर्वज पाट पधारे ओ राज, पाट पधारे ने नारेल वधारे, खोपरा रा होम करावे ओ राज, पाट पधारे ने नारेल वधारे लापस्या री धूप देवावे ओ राज, पाट पधारे ने नारेल वधारे, धीया रो होम करावे ओ राज, सबका नाम लेना।

5

धरम धजडा री रे रूड़ी पींपरी, जी जटे पूर्वज करे रे किलोर, कुणीसा रे जास्या पामणां जी, जास्यां जास्यां कन्यालालसा री पोर, एवऊ लाड्या री कुरवां अवसरों जी, वा सतवंती पावे खडियां दूध, पटसारां ओ वांध्यों पालणों, जी हरती फरती देवे रे मचोर थे, हिंचों मारा पूर्वज पालणे जी, इसी प्रकार सबका नाम लेवे।

6

पूर्वज मतो रे उपायों, मतो रे उपायों, आज कुणीं सागरे रेसाजी रातो, ओवरा में ओवरा रोशनलालसा रे रातो, कन्यालालसा रे रातो, वऊ रे जोड़म दे जगावोजी रातो, रात जगाई राण्या पावां जो लागी, पावां जो लागा, अप भला आया मारे पूर्वज आजो।

7

सोनारा चंटीयां ओ बावजी, रायरूपारी दड़ियां जी, खेलता ने रमता ओ बावजी, घरे कन्यालाला रे आया जी, घरे रोशनलालसा रे आया जी सगराई भायां री राण्या ओ बावजी, दूधड़लां सफड़ायाजी, दुदड़लां सफड़ाया ओ बावजी, ओछाड़ पेरायाजी, ओछाड़ पेरायाओ बावजी, कंकुसूं पूजाया जी, कंकुसूं पूजाया ओ बावजी, अंतर में गुरणाया जी, अंतर में गुरणाया ओ बावजी, केसर में लपटाया जी, केसर में लपटाया ओ बावजी, नारेला लछरायाजी, नारेला लछराया ओ बावजी लापसड़या जिमाया जी, लापसड़या जिमाया ओ बावजी फूलां में पोड़ायजी फूलां में पोड़ाया ओ बावजी, पालने ये पोढ़ाया जी पालणीये पोढ़ाया ओ बावजी, हालरीये हुलरायाजी, हालरिये हुलरायाओ बावजी, पूर्वज के बसरायाजी, पूर्वज के वतराया ओ बावजी, कान्हा के वतरायाजी, इस प्रकार सबका नाम लेना परिवार के,

8

इतो पूर्वज बावजी रे आंगण कुंवर जगमीयां, इतो जगमयां से घार धूतार अंतरयामी, अपरे मंदिर पर वाजा वारिया, इतो गढ़रा तो तोड़यां कांगरा, या तो मेला में वाजी सोन थाल, अंतरयामी, अपरां मंदिर पर वाजा वाजिया, इतो कर जनम्या ओ कुंवर केसरिया, इतो कटे जन्म्याओं कारोनास, अपरा मंदिर पर वाजा वाजिया, इतो मेलां में जन्म्यां कुंवर केसर्या, इतो बाम्बी जनम्या ओ कारो ना, (अपरा) इतो कंई अरोगे कुंवर केसरया, इतो कंई पिवे ओ कारो नाग, (अपरा) इतो कांई देवे जी कुंवर केसर्या, इतो कांई देवे जी कारो नाग, ईं तो कुंवर देवे जी कुंवर केसर्या, इतो पाणं बंधावे कारो नाग, आपरां मंदिर पर वाजा वाजिया, अंतरयामी अपरा।

9

अपतो पागां बाग्धी ने वायर आवो हो, मारा वारा पूर्वजं ढोल देवावों दांणी चोतरे, अपतो कंठ्या पेरी ने बायर आवो हो, मारा बारा पूर्वज, हो मारा बारा पूर्वज ढोल देवावं दाणी चोतरे, अपतो मोती पेरीने अपतो डोरा पेरीने, आपतो चेना पेरीने, अपतो घड़ीयां पेरीने, अपतो वागा पेरीने, अपतो तेजी चढ़ीने, बायर आवो हो, मारा बारा पूर्वज ढ़ोल देववे दाणी चोतरे, अपरा भाई ने भतीजा जाउवे अपरी वाटो, अपरी बेन कुवासल्या जोवे अपरी वाटो, हो मराा बारा पूर्वज ढोल देवावों दाणीं चोतरे, अपरी बऊ लाड्या जोवे अपरी वाटे, हं मारा पूर्वज ढोल देवावों माणक चौक में।

10

मारा तो घररे पाछे पूर्वजारी पिपरी, कुंण हलावे अपरी डालरा, खेले मारा बारा पूर्वज, अनारे वना में, मारा परिवार मायं, कन्या लालसा ओ राजवी, वीयो हलावे अपरी डालरा, खेले मार बारा पूर्वज अना रेवना में इसी प्रकार सबका नाम लेना, परिवार वालों का।

11

अपरा दाउसा तो जोवे वाट, पूर्वज क्यां रे गया, वेतो गया सोरभ जी रे घाट घऊवां चरावानों, वारे नावाने नीरमल जी निलावाने गुजर्या घणीं, वारे बैठवाने नारेला रा झाड़, रमवाने चौकगणां, इसी प्रकार सबका नाम लेना, अपरा वीरासा, मामासा, काकासा, बेनाईसा, अपरा परिवारवाला, जोवे वाट पूर्वज वयारे गया।

12

सतायां बैठता सुसरासा (दादासा) वरजिया, गीदया बैठतां सासुजी (माताबाई) वरजिया, कुंवरमती जावो नटे वार सुरा ओ रण में जूंजिया, दुकाना बैंठता जेठसा वरजिया, रसोड़ों करतां भाभीना वरजिया, देवर मती जावो जूटे वार सुराओ रण में जूंजीया, दड़ियां रमंता देवरसा वरजिया, वासीन्दो करतां देराणी दरजीया, फूतर्या रमंता बेन्या बाई वरजिया, वीरां मती जावो जूटे वार, सुराओ रण में जूंजिया, पाछा फरां तो मारो कुल लाजे लाजे मारी मातारो थान, सूराओ रण में, जूंजियां शीश कटे ओ घड़ जाई पड़े, रक्तदारां हुआ रे खेंगार सूराओ रण में जूंजिया, ढालां तलवारां री छां उड़े बरह्यां रा हगुए रे खेंगार सूराओं रण में।

13

पूर्वज बावजी मालवे मती जावो जी सेंस किरणां में सूरज उगियो जी, सवामण रा देव सुता ने सुख भर नींद ओ, जागोनी मोटा देव, लापस्या री थाल्या लाई ओ, जागो जी मोटा देव दूधारी थाली रूई ओ, जागो नी मोटा देव नारेला लेई ने आई ओ, जागो नी मोटा देव ओछाड़ लेई ने आई ओ, सबका नाम लेवे अंतर, कंकू, केसर, घी, धूप, दीवा, सब करते जावे और सेंस किरणा में सूरज आयोजी,।

14

पूर्वज बावजी रा ओवरा मांही, लाला किसका रोया रे, मारा मारा नहीं रोया मारा सासूजी रा रोया रे, मारा नहीं रोया मारा जेठसा रा रोया रे, मारा नहीं रोया मारा देवरसा रा रोया रे, मेतो रेग्या रे कोरा बांजड़ा, ऐसी कैसी मन में क्यूं लाओ वेन्या मारी लो पूर्वज बंधावे रूड़ों पालणों, दिलडा में धीरज धरो नी बेन्या मारी ए. पूर्वज जी बंधाते रूड़ो पालणों।

15

अतचरी तो वेरां कटे गया ओ पूर्वजा, 2 कठे थाने लागी या वार, भजाजी री हांठा में गया ए, संया 2 ओछाड़ मोलावता ए संया, पेरांता ए संया वटे माने लागी या वार, इसी प्रकार सबूको केना कि, जोशीडारी हाठा, तम्बोली, खेरोदी, कंदोई, माली।

16 दिवो

कुंणी बाई मेली रे दिवला वाट, कुंवीसा री राण्या धीपूर्यो जी, बाई आशा मेली रे दिवला वाट, कन्यालालसा री राण्या घी पूर्यो जी, बलो मारा दिवला माजलड़ी मजरात, ओ आज पूर्वजारो राजी जगोजी, इसी प्रकार से बहिनों के, नाम लेकर घरवालों की राण्या कहकर के गाते जावे।

17

सुसराजा राज थेई धरम रा बाप, सासुजी ओ राज थेई धरम मांय, ओजी स्थड़ा सनगारों पूर्वजी रे चालंसा ओ राज, गेली बऊ असल गंवार, कणी रे कारणे पूर्वजी रे चालणों राज, राज अनरा ओ राज, धनरा ओ राज मारे भर्या रे भण्डारत एक पूतां रे  कारणे ओराज, एक जडूल्या रे कारणे ओराज, (इसी प्रकार जेठसा, भाभीसा, देवरसा, देराणी, बईसा नणदोईसा)

18 विजासण

माता हरिया जवारा लेती उतरी, तुर्रा ढांको जी सुसराजी राजोध, आजं विजासण उतरी, माता कुंभ कलश लेती उतरी, झोल्या जेलो जी सासू बऊआरो साथ आज विजासण उतरी सूर्रा टाको जी जेठ सा रा जोध, तुर्रा टांको जी देवर सारा जोध, आज विजासण उतरी।

19 छींक

थांने थांने मांगीलाल जी छींक माता टूटी, टूटी तो टूटी मारी आद भवानी, मारी गाय, सोना में घड़ाऊ ए माता, रूपा में मंढ़ाऊ, थने राती पीली पाट पोवाऊं ए मारी राखूं राखूं मारा कालजा री कोर, ए मारी मां ऐ।

20. वड़ीजी

थें मारे आजो हो जीजी बाई पामणा, भरण भदवा री रात आजे लोईड़ी रे ओ वड़ वऊ पामणा जी, आमा तो सामा वड़ी वऊ ओवराजी, सूरत सामी गा पोल रा, आजे लोड़ी रे ओ वड़ी वऊ पामणा जो, गाय दुवाडू, लापसी रंधाऊं, चांवल रंधाऊं, उजरा हरिया घोराऊं मूंग,

21

रोशनलालसा ओ राज, सुनील लालसा ओ राज, अनिल कन्यालालसा ओ राज, वांगा में जाय, चनंण कटाय, सुधार्यो बुलाय, वाजोट्या गड़ाय, वाऊ लाड्या ओराज, रात जगाय लापसी, जीपाय धूप देवाय, बेनसा आरती उतार, थरपो देवी देवता ओ राज।

22 नीमडली शीतला माता को कमलाश

नीमड़ली ओ राणा राई देश, परी ने ओ परी ने मोरावो सिसोद्या निमड़ी, नीमड़ली राणी काटी नूं जाय, ओ जी वां में बदना रो वासो वसेरया, जी, माता सीस वागड़ियो नारेल चोटी ओटी, ओ चोटी वासक नाग री, माता ललवट सूरज उगियो, ओजी मिण्ड्या ओ चांद पूर्वार्यो माता आंख कमल रीया पांख, कोया ओकोया भमरा रमर्या, माता नाक सू्आरी या चोंच, होट ओ होट पनवाड्या छाई रया, माता दांत डाढ़म राई बीज, ओ जीभ लालबाई होइयरी माता हाथ आम्बा की या डाल ओजी अंगुल्या ओ मूंगफल्या, माता पेट पीपल रो यो पान, मोर ओ मोर नागर बेलड़ी माता, बंधा देवल रा ई थंब, ओ पिन्डया ओ वेलण फररया माता के थाने गड्या रे सुनार, के थाने हंस उतारिया सेवक नहीं माने गड्या रे सुनार, नहीं ओ नहीं माने संच उतारिया, सेवक जन्म दिया से मोरी मांय ओ जी ओ रूप दिया रूगनाथ ने, सर जिवजो शान्ता लालसा रा लाल, ओजी ओ वणां मारी रात जगावी या, सर जिवजो, गावा वारी रा लाल, वणां ओ वणां मारो रूप वखणियों, (सबका नाम लेना परिवार वालों के)

दशामाता रो वधावो

माता ने मेमंद लावजो मारी, रखड़ी रतन जड़ावा जी राज, काना ने जाल घड़ा व जो, मारा झू़ठड़ा जोर देवावो ओ राज, घेर घुमेरु घाघरो मारी एड्या लूर लूर जावे ओ राज, वरजो बाईसा अपरा वीर ने, मारी एड्या नजर लगावे राज, ए नखराली भावज मारा वीरासारी नजर्या नूं लागे ओ राज इसी प्रकार सब कहना कहना।

शीतलमाता रो वधावो

मोरे मांगीलालसा पातरा वऊ लाड्यचा रा भरतार, ए बाई ए सोने वधावो आई नाथ रो जी, (भेरू नाथरोजी) इसी प्रकार परिवार वालों के नाम लेते जाना गाते जाना।

वधावो

सखी पची वधावा मारे आबिया, सखी पांचा री न्यारी न्यारी रीत, मारी वेन वधावणा, सखी पेलो वधावो मारे आवीयो, सखी में मोकल्यों मारा दादासा री पोल मारी बंने वधावणा जी, सखी दादासी उठ जवारिया, सखी माता बाई ली दो खोस्या जेल, मारी वेणव धावणा इसी प्रकार सब कहना,

वधावो

सखी पची वधावा मारे आबिया जी, सखी पांचारी न्यारी न्यारी रीत, मारो वऊ ए वधावणा जी, सखी पेलो वधावो मारे आवीयो जी, सखी मोकल्यों मारा सुसरासारी पोर, मारी वऊए वधावणी जी, सखी सुसरासा उठ जवारिया, जी सखी सासूजी लीदो खोस्या जेल, मारी वऊए वधावणाजी,

वधावो

जस जित्या ए वऊए वधावणो, इतो कुंभ कलश रा जी बेवड़ा, ईतो भरया रा सूरज जी री पोर, ईतो भरया दरा चांदोल्या री पोर रा जस जीत्या ए वऊए वधावणां, ईतो सूरज बावजी भायां आगेला, ईतो चांद बावजी भायां आगेला, ईतो वऊने लाड्यारा भरतार, जंस जीत्या ए वऊंए वधावणा, यातो न चांवलीया री खीचड़ी, ईतो मोयरा रांधू उजरा भात, जस.....। ईतो नानी दीयेड़ी रो झूमको, मोटी ने सासरेपोंछाय जस..... ईतो नानी वऊवां रो झूमको, ईतो मोटी ने सोपों घरबार जस.... यातो नाना खारी लूची लापसी, या तो मोटी री करूं रसवधाई जस........ अगर लड़की है तो बेन वधावणा कहना,

वधावो

मोत्या रा लूंमक कस्तूरी, ओ राज वांदरवार वधावो जी मारे आवियो, जाया रा करूंरे वधावणा, परण्यारीओ राजा खरी से जगीस वधावो जी मारे आवियो, बाधो सूरजजी रे ओवरे, बांधों चोंदोल्या रे ओवरे, बांधों गणपतजी रे ओवरे वारी राण्या ओ राजा जायो से पूत, वधावोजी मारे आवियो, जाया रा कुरूं रे वधावणा परण्या री भरीरे जगीस वधावो जी मारे आवियो, सबका नाम लें घर वालों के, बतीसी का वधावो चणावो मेली री पचीत,

वधावो खिचड़ी पोंछाने का वधावा

भावज कटे थारो पीयर कटे थारो सासरो, भावज कटे थारो मायं मुंसार, जटे रा सोला गज साठो निपजे, जी बाईसा कोटपीयर बूंदी सासरो जी, बाईसा उदीयापुर मायं मुसार, जटे रासोला गज साठो निपजे जी, बाईसा साठो भागिने ओ पेड्या मैं कीदी जी बाईसा जटके सूं पडगई रेशम गांठ, जटेरा अणबोल्या ओ अपरा वीरा लेरयाजी,
आवज जो थूंई बोलवा री शाबली, भावज थाल परूसण जाय, जटेरा अण बोल्याओ मारा वीरां भागसी जी, बाईसा थाल परूसीने वाईरा में ढोर्यो जी बईसा तो यन बोल्या धनरालाल, धन सूं अणबोल्या ओ अपरा वीरा लेरयाजी, आवज जो थूंई बोलवारी साबली, जी भावज भैंस दूवा वण जाय, वठेरा वणबोल्याओं मारा वीरा भांगसी, बाईसा पाड़ा रे भरुसे ओ पाड़ो में छोड़्यों जी बाईसा तोईयन बोल्या आपरा वीर, धनसूं अंग बोला ओ अपरा वीरा लेरया जी भावज जो थूंई, बोलवारी साबली जी भावज सोज विछावो ने जाय, जठेरा अणबोल्या ओ माय वीरा मांगसी जी, बाईसा सेज बिछाई ने फूलड़ा में सर्या जी, बाईसा तोईयन बोल्या धनरालाल, धन सूं अण बोला ओ अपरा वीरा लेर्याजी, भावज जो थूंई बोलवारी सांभलि जी, भावज रथ जोतीने ओ पीयर जाय, जटेरा अणबोल्या ओ मारा वीरा भांगसी जी, बाईसा रथ जोतीने ओ पीयर निसर्यी, जी बाईसा जटके सूं पकड़ी ओ रंगभर कंय वटेरा अणबोल्या ओ अपरा वीरा भांगीया ी,

पांची वधावा

सखी पेलो वधावो मारे आवीयो, सखी मोक मारा सुसरासारी पोर, मारी वऊए वधावणां, सखी सुसरासा उठ जवारिया सखी सासूजी लियो खोर्या जेल मारी वउए वधावणाजी, (इसी प्रकार जेठ, जेठाणी, देवर, देराणी) श(नणदोई, नणंद) (शायब खोखड़ बाई,) लियो मुंह मचकोड़, मारी वऊए वधावणा, सखी पांची वधावा मारे आविया, पांचारी न्यारी न्यारी रीत, मारी ए वधावणा, मोकल मारा दादासारी पोर मारी बेन वधावणा, काकासा, बेनोईसा, फोफासा, वीरासारी पोर, वीरासा उठजवारियो, भावज लागे मारे पांव, मारी बेन वधावणा।

टीलो

मूं थाने पूछुं मारा बागां रा सोयटड़ा बांगारा सोयट कणीं थारी चौंच चगण सूं भरी मातारी जाई मारी बेन कोयड़ी बेन कोयड़ी, वणीं मारी चोंच चगण सूं भरी, मूं थाने पूछूं मारा राया रा मांगीलालसा, राया रा तेजसिंहसा, कणीं थारो तिलक मोत्यां सूं जड्यों, मातारी जाई मारे बेन शुशीला, बेन लालो बेन रूक्मणी, वणीं मारो तीलक मोत्यासू जड्यो, मूं आपने पूछूं मारी वऊ ने लाड़ीयां कणीं थारी गोद मेवासूं भरी, सासू रा जाया मारे सुगणा शायब सा, रसिया बालम जी, वणां मारी गोद मेवासूं भर, मूं थाने पूछूं मारा रायां रा कन्यालालसा, कणीं धारा तीलक मेत्या सूंजड्या माता री जाड मारी बेन आशाबाई, बेन संतोषबाई, वणा मारो तीलक मोत्या सूं जड्य.ो, मूं थाने पूछु मारी वऊने लाड़ली, कणीं थारी गूद मेवा सूं भरी, सासु राजाया मारा रसिया बालमजी, सुगणा मारुजी, वणा मारी गोद मेवासूं भरी।

टीलो

सरवरियारी पार शायबा आम्बो लारी डारे, वन फल लागा ई वनफल अणां कन्यालालसा ने लादा, ई वन फणअणा रोशनलालसा ने लादा, कन्यालालसाने लादा, वऊलाड्याने लादा, ईवन फल अणा वऊ लाड्याने लादा चूला ऊपर दूध राणी ऊफण मत दीजो ऊफण मत दीजो जमाई जस लीजो, विलोई जस लीजो, खीरां ऊपर खीचड़ी राणी ओजण मत दिजो, ओजण मत दिजो झिमी ने जस लीजो, जिमाई जस लीजो, डब्बाराई गेणला रांणी घसण मतदिजो घासगमत दिजो पेरी ने जस लिजो, पेराई जस लिजो, पेट्यार ई कपड़ा राणी काटणमत दिजो, फाटण मत दिजो ओड़ीने जस लिजो, ओडा़ई जस लिजो, गोद्या रा ललवा राणी रोवण मत दिजो, रोवण मत दिजो, खेलाई जरा लिजो, गाई जरा लिजो, सेजारा ई शायब राणी रूसणमत दिजो, रूसण मत दिजो मनाई जस लिजो, मनाई जस लिजो, ललवट रोयोटीलो राणी भागणमत दिजो, भांगण मत दिजो, लगाई जस लीजो लगाई जस लिजो।

टीलो

ऊंची मेडी जो चतर सार जी, मारे चौबारां दिवो बरे, मैं तो जणीं चढ जणंसाजी धीय, जी मारे धीय जण्या सुख उपजे, मारे दूरास्यूं आवे वरात, जी मारे वातर आवे नाचता, मारो घर रितो जी, मारो पेट, जी मारे दियेड्या जमाई ले गया, मूं तो रही मारा मन पछताय, जी मारे सफल बेट्यारो चूमको, ऊंची मेड़ीजी चतरसार, जी मारे चोबार्या दीवलो बरे, मूं तो जणी चढ़ जणसां जी परूत जी मारे पूत जण्या सुख उपजे, मारे दूसारूं जावे वरात जी मारे पातल लावे नाचता, मारो घर भर्योजी मारो पेट, जी मारे सफल बऊवारो झूमको, मूं तो रहो मारा मन पछताय, जी मारे पूत पूरणी ने जूदा हुआ, ई हुआ रे पाड़ोसी लोग जी माने टपको नूं गाले छाछरों, मूं तो रही मारा मन पछताय, जी मारा मन री मनोरथ पूरवो सर जीवजो सा जनियारी दीयजी, मारोटीलो गावियो सर जिवजो गावावारी रापूत रा वणा मारो वंश वधावियो सर जिवजो बाप रा बेटा वणीं मारा वंश चलावियो टीलो ठर्यो रे ललाड़जी मारे मन री मोरथ पूरवे,

1. पूर्वजारा खेलरा गीत मीणो

खरड़ खरड़ खोदे रे मीणां, कन्यालालसा वारीरे चांदे रे चांदो जे खोद्यो ने बारी जो पाड़ी, वणी गोरी ने बायर काढ़ी रे, दोड़ो दोड़ो धोरा रा बापू मने मीणों लेई ने जावेरे, लेजावे तो ले जावादे ने पाछी वेगी आजेरे, होली रिजे, दिवाली रिजे ने, तीजां वेगी आजेए,

2. पतासा

रोशनलालसा वारी रा पून पतासा मार्या देदे फटीक अधमर्या, घर जाए पटेलण दिन उगो, दिन उगो तो भगद उगो थां पेली तो मूं पूगो, देदे फटीका अदमार्या, वागारा पून पतासा मार्या, सबको कहना,

3. मेन्दी

अटकण मेन्दी पटकण पान, मेन्दी चाली राजद्वार, बाई मारी मेन्दी पाछी दो, मेन्दी दीजो अणां मांगी लालसा वारी रे हाथ, मेन्दी दो अणां तेजसिंगसा वारी रे हाथ, बाई मारी मेन्दी पाछी दो, तोल में अणीरा छोरा ने दो, के मोल मे अणारी छोरी ने दो, के गट्या वुद्दया में अणा छोटा मोटा ने दो, के बाई मारी मेन्दी पाछी दो, सबका नाम लेना और ऐसे कहना,

4. मोरियो

दादासरा रा घर ऊपरे भारी जीजी ए, शैली वारो ए, मोत्यां वारो ए करे रे किलोर मोर्यों माण्डयो, चांदा तो बारी राखजे मारी दादीए, रपट्यो ए जपट्यो आवूं थारी सेज मे, मार्यो माण्डयो, दादासा ने ठंडा दूकड़ा मारी जीजीए, मोर्यो ने खाण्ड भात मोर्या माण्डयो,

5 कूकड़ों

थूंतो घर मांगीलालसा रे बोल रे नचित बोल, बोल रे परबात बोल, कूकडू कूं, कूकडू कूं, बांकी गौरीा को रस कस लेय रे, नचित बोल, बोल रे परबात बोल, वंरि लामड़ रो रस कस लेय रे नचित बोल, बोल रे परबात बोल, तू तो राज दिवानी र कूकड़ा नचित बोल, बोल रे परबात बोल, तू तो राज दिवानी रा कूकड़ा नचित बोल, बोल रे परबात बोल कूकडूं कूं, कूकडूं कूं,

6 मेहन्दी

मेन्दी दीजो अणां मांगीलालसा वांरी रे हाथ प्रेमरस मेंदी राचणी, मांगीलालसा पूछे गोरी ने बत, कुणी माण्डया ए सवागण थारा हाथ, प्रेमरस मेंदी राचणी, बाई नणदलने माण्या बारूड़ारी मांय, झरझर तो रोवे वांजड़ी, हंस हंस खेलावो बारूड़ारी मांय, सीरी शीतला ए मांय, ठंडी बोदरी ए मायं हिन्दवण हिंचता घर आय.,

गीत 3

मारी ओ माता बाईने पडरारी हूंस जी, भजा जी तेड़ाऊ मारी माता उगतड़े प्रभातजी, उगतड़े परबात भवानी वाज्या ढोलजी वाज्या वाज्या ढोल नंगारा वाज्यी एश रणाई जी मारी ओ माता बाई ने गेंणला री हूंसजी, सोनीड़ो तेड़ाऊं मारी माता उगड़े प्रभातजी, इसी प्रकार सबका नाम लेना और सबको बुलाना कहकर, वाज्या वाज्या ढोल नंगारा बाजी ए सरणाई जी, चूड़लारी हूंस, खेरोदी, तेड़ाऊं मेवारी हूंस, कंदोई तेड़ाऊं, पनीया री हूंस, मोचीड़ो तेड़ाऊं, गजरा री हूंस, मालीड़ो तेड़ाऊं, चंदडारी हूंस, रंगरेजी तेड़ाऊं,

गीत 4

लाल लाल ओरणी ने मांय सोनारा तार, लालवजावे वंशली भवानी खेले फाग, जरणी रा मातारा नेवर वाजणां ए मांय भजाजी रा बेटो रज रे भायलो ए मांय, सोनीड़ा रो बेटो राज रे भायलो ए मांय, माता सारू पडरा लेई आवो, माता सारू गेणला लेई आवो, छनगारी माता रा नेवर वाजणां ए मांय, माली, खेरोदी, तंबोली, कंदोई, मोची, रंगरेजी, इसी प्रकार सबको कहना।

गीत 5

घोड़ला घोड्या दोड्या गढ़ ऊंठारा जाय, मारी ऊंठारारी राण्या पामेणी, घोड्ला दोड्या दोड्या गढ़ आवराजी जाय, गारी आवरा री राण्या पामेणी, सेवक कांई रा रोप्या ई थम्ब, कांई रो हिन्दो गालियो, माऊजी रूपा रा रोप्या ई थम्ब, रेशम रो हिन्दो गालीयो, माऊजी हरवे हरवे हिंचों मोरी मांय, हिन्द वाणी ओ हिन्दों गालीयो, सब मात का नाम लेना, चामुण्डी, कालका, हूल्ला, पान-फूल।

गीत 6

ऊंठारा माता री राण्या, बड़लो जो वायो, आवरा मातारी राण्या, वड़लो जो वायो, कलशा में कूंपर चाली ओ नानी बाई गणां ने प्यारो अपरो वड़लो, दूध से हींचे दहीं या सूं हींचे, घी गोर पार बंधावे ओ नानी बाई, गणांने पियारो अपरो वड़लो, लालबाई, फूलबाई हूलामाता, चामुंडामाता, कालकामाता, बोदरीमाता, भद्रकाली, सीतामाता, अंबामाता, पार्वती, लक्ष्मी, सरस्वती, शीतला।

गीत 7

जागो ओ राजाजी सेवक, तुम घर माताजी आयाजी माताजी आया मोरे मन भाया, दूध परेवा लाया जी, डावे हाथे चक्र चलाया जीमणें भाला रार्या, जी, सेवक ने सवायो राखूं तोई मूं आद भवानी जी, बारूंड़ा ने अमर्यो राखूं तोई मूं खरी भवानी जी, इसी प्रकार सब घरवालों के नाम लेते जावो।

गीत 8

रस्तो छोड़ दे भवानी मैं तो भरूं मटकी, भरूं मटकी ने ठंडा करू जल्दी, के रस्ता छोड़ दे भवानी में तो भरूं मटकी, सोनीड़ा रो बेटो राज रे लागे भायलों, मारा माता सारू गेणला लेई आवो जल्दी, केरस्तो छोड़दो भवानी में तो भरूं मटकी, भरूं मटकी ने ठंडा करूं जल्दी, इसी प्रकार सबको कहना।

गीत 9

आवो नी ए मारी आवरा री राणी, शीतला राणी, बोदरी राणी, थां बीना मंदरीयो सूनो लागसी, अणीं मंदरीया में जरणी काच केरावो, 2 ओर बेरावो जांचा हिंगरू, योतो कणीसूं जरणी पीयर वालो कणी सुवालो समदर सासरो, योतो वीरासूं जरणी पीयर वालो, 2 पूतासूं वालों समदर सासरो।

गीत 10

जाजम रारो रे अणी चौक में कांई रमशी सघली मैया, जां विचे रमशी ओ मारी शीतला माता, ज्यांविचे रमशी ओ मारी आवरा री माता, ज्यांरी बारूं वेश, आन्धो मांगे ए जरणीं आंखड़ी कांई लूलो मांगे पाय, वांज वंधावों ए जरणी पालणों कई निर धनीया धन होय, आंधा ने देसां ओ आंखड़ी कांई लूला ने देसां पावं, वांज वधावा वो सेवक पालणों कई निर धनीया धन होय, इसी प्रकार सबका नाम लेना, बोदरी, लाल फूल, हुल्ला, चामुन्डा, नाम लेना।

गीत 11

माता खोली दो किवाड़ी दर्शन दीवोए मांय, दरसन कर घर जास्या, माता सोनीड़ा री बेटी गेणला लाई ए मांय, माता खेरोदी री बेटी चूड़ला लाई ए मांय, माता केदोई री बेटी मेवा लाई ए मांय, माता तंबोली री बेटी बीडुला लाई ए मांय, माता दरसन कर घर जास्या, इसी प्रकार सबका नाम लेना।

डिलेवरी के गीत अजमो

अधमण सूंठ सवामण अजमो, आवोरापिया या आपी दोई मिल खाण्डा, धमको रे कोई लोग सुणेगा, सासूजी सुनेगा तो वी दोड्या आवेगा, भाभीसा सुणेगा तो वी दोड्या आवेगा, बाईसा सुणेगा तो वी दोड्या आवेगा, देवाणी सुणेगा तो वी दोड्या आवेगा, पाड़ोसी सुणेगा तो वी दोड्या आवेगा, वी दोड्या आवेगा ने दिन दस रेवेगा, दिन दस रेवेगा ने दस मण खावेगा, जापो वगाड़ी घरे जावे रा पियासा, बेसपेरी ने घर जावे रो पियासा, धमको रे कोई लोग सुणेगा, माता बाई सुणेगा तो वी दोड्या आवेगा, बेन्याबाई सुणेगा तो वी दोड्या आवेगा, भावज बाई सुणेगा तो वी दोड्या आवेगा, वी दोड्या आवेगा ने दस दिन रेवेगा, दस दिन रेवेगा ने दस कण खावेगा, जापो सुधारी घर जावेरा पियासा, वेष पेराई घरे आवे रा पियासा धमका रे कोई लोग सुणेगा, अधमण सूंठ सवामण अजमे। आवोरा पियासा आपी दोई मिल खान्डा धमको रे कोई लोग सुणेगा।

सिंगाड़ो 2

सुसरासा आगे विनती सिंगाड़ो भावे, जेठसा आगे तारी बिनती सिंगाड़ो भावे, देवरसा आगे मारी विनती सिंगाड़ो भावे, शायनसा आगे बिनती सिंगाड़ो भावे, कोनी बऊवड़ मारा लाडली वो कटे निपजे, समुदर रे उले पेले पार वो पाणी में निपजे, कोवोनी बऊ वड़ मारा लाड़ली वो कैसे होवे उपर सूं हरियो ने कच ओ अंदर सूं धोरोधोरो, खावण में बडो़रे स्वादहो सिंगाड़ो भावे।

सूआपंखी बोर 3

आमूड़ानी भावे माने जामूड़ानी भावे, माने सुआपंखी बोर मंगादिजो, आड़े विकेसे मारे पाड़े विकेसे मारे रूपया रा सेर मंगाई दिजो, सासूजी रे छाने भोरा बाईसा रे छाने, माने थोड़ी थोड़ीसाद पुराई दिजो, सतैया बैठता सुसरासा बोल्यावऊ वड़ साद आवे तो फूरमायीदिलो, गोड़ला फेरजां जेठसा बोल्या बाऊवड़ साद आवे तो फूरमायी दीजो, दड़ीया रंगता देवरसा बोल्या भावज साद आवे तो फूरमायी दीजो, सारसंमजा शयब सा बोल्या गोरी साद आपे तो फूरमायी दिजो, इसी प्रकार सबको बाईसा, सासूजी, भाभी, देराणी।

साद 15

जचा के बिखरे बाल, पड़ी बे हाल दर्द को मारी, तुम आवो कृष्ण मुरारी, जचा की दाई आएगी वो नालो कटाई नेक मांगेगी, नाले का नेक दिलावो जचाराणी तुम आवो कृष्ण मुरारी, (सासूजी लड्डू, भाभीसा पीलंग,) देराणी बिजली चेताई, (नणंद आरती, सबका नेक दिलावो जचा राणी, तुम आके कृष्ण मुरारी)

16 दाई, नाई, भुवा बाई

कठासूं आयो दाई, कटासूं आयो नाई, कटासूं आयो जी नान्या थारा भुवा बाई, 2
गलीयारा सूं आई दाई, बाजारां सूं आयो नाई,
उदयापुरआया रे नान्या थारा भुवाबाई,
कांई करसी दाईने कांई करसी नाई, कांई करसी रे नान्या थारा भुवाबाई
नालो काटे दाई, बधाई देवे नाई, आरती उतारेरे नान्या थारा भुवाबाई 2
वेशमांगे दाई, यो पागां मांगे नाई, नो तोला को हार मांगे नान्या थारा भुवा बाई, 2
राजी वेगी दाई, ने राजी वेग्यो नाई, रूस गया रे नान्या थारा भुवाबाई, 2, सुसरासाने अरा बुलावो वारी तिजोर्या पले खोलावो, सासूजी ने अरा बुलावो वारी पेट्या परी खोलावा, हार परो घड़ावो, ने वेश परो कड़ावो, अबे राजी करस्या ने नान्या थारा भुवाबाई, 2

साद 17

कलकती के झाड़ियों के वेर, जचा का दील बेरनमें, जचा के सुसरा बडे नटखट है, पार्सल से भेजदिये बेर, जचा का ढील बेरन में, जचा की सासू बड़ी हुसीयार है, उसने मुठी से छीन लीये बेर, जचा का दील बेरन में, (इसी प्रकार सबका नाम लेना)

नारंगी 18

आओ कंवरा बैठो जाजमराल, कांई तो कारण आविया जी, माली कारे खीड़की तो खोल, साजन उबाबारणे मारी गोरी ने पेलोदूजो ... नारंगी नारंगी करें नारंगीरा पूरा पचास कलियारा लागे ढोड़सो , नारंगी रादेसां पचास कलियारां देसां ढोड़सो, पहली खाई खाटी लागी, दूसरी खटमीठी लागी, तीसरी स्वाद लागी चौथो चतरभुज जनमीया जी,

नजर 19

जचा सज धज के महल खड़ी, नजाने नजर किसकी लगी, जचा ने हँसकर फरमाया, नजर सासू रानी की लगी, कोई सांभर जाजो सा वटासूं लाजो लूण की दड़ी, कोई जयपुर जाजोसा जयपुर सूं लाजो लाल मीरची, कोई कोटा बूंदी जाजो सा वटासू लाजो कालो डोरो, कोई नजर उतारो सा, नजर बड़ी जोर की लगी, कोई धोरो भाटो वांरो सा, नजर बड़ी जोर की लगी कोई काले धागो बांधो सा नजर बड़ी जोर की लगी। (जेठानी, देवरानी, नणदल, पाड़ोसन, भावज, आदि)

बतीसी

बेन्या आई वागां में, वीरो गारो दोड़्यो परगट जाय, बतीसी कुंण जेले, बेन्या आई परगंट पर, बेन्या आई शेर्या वीरों मारे दोड्यो शेरया, जाय, वीरो मारो दोड्या पोर्या जाय बतीसी कुंण जेले, माता जाया कुंणी पर करूं गुमान, बतीसी कुंण जेलो, जामण जाया कुंणी परकरूं रे गुमान। (इस प्रकार सब कहते जाना गाते जाना)
बतीसी कानोड़ बीचला लाल बाग में, वीरा मारा गेंदू खेले ओ राज, लाल भतीजा बुलावे ने गया, घरे भुवासा आया ओ राज, हाथामें तो नींबू लीदा, की लोरां करतां आया ओ राज, सुण सुण ए मारी मातारी जाई, कणीरे कारण आई ओ राज, अपरे भाणेजां रो व्याव रचायों, बतीसी ले आईओ राज, (पीला चांवल) घड़ी दोई वेन्या ऊबी रीजो, मेलां जाई पाछा आवां ओ राज, सुण सुण ए मारी सुंदर गोरी, बेना बतीसी लाई ओ राज, इलो रखड़ी पतरी, इलो मारी भूरमवया बाल्या, बेन्यारी बतीसी जेलोराज, सुंदर बोरी री बातां सुण ने वीरा सातो मूंछ मरोड़ी ओ राज, सुण सुण ए मारी माता री जाई कतरोकला वामाइरो राज, सुसरासारे पागा लावजो सासूजी रे वेश ओ राज, अपरा बेनोई सारे, सेलूलाजो, बेन्यारे बाला चूंदड़ राज, (इसी प्रकार, देवर, जेठ, भाणेज, सबको कहना।)

बतीसी

यातो छाब भरीरे चांवल नारेरां, यातो आई रे बतीसी मारा दादासा घर दीजो, मारी सईयां जांभण रो जायो उलट्यो यातो छाब भरीरे खारक खोपरा, यातो आई रे बतीसी मारा काकासा घर दिजो। मारी सईयां जामण रो जायो उलट्यो मारा दादासा मलता हिवड़ां उलट्यो, मारा माताबाई मलता मारा नेण जरा मल लागा, मारी सैंया जामण रो जायो उलट्यो। (इसी प्रकार सब कहना)

लाल बतीसी

जेलो वीरा लाल बतीसी तो, मारे घरे आई वरदड़ी जी, मारे बेन्या ओफीसां रो काम तो, काका रो जायो जेलसी जी, काकारा बेटा वीरा तो जेलो लाल बतीसी तो, मारे घरे आई वरदड़ीजी, मारे बेन्या वकीलादो कामेतो मामारो बेटो जेलसीजी,(इसी प्रकार सब कहना) फिर मातारो जायो जेलीसी जी, मातारा जाया जेला लाल बतीसी तो, मारे घरे आई वरदड़ी जी, लाओ बेन्यालाल बतीसी तो, मेही बतीसी जेलसांजी जटके सूं जेलां लाल बतीसी तो, लटके सूं भरदां मायरो जी,

चूड़ो

कुंणी सारा जाया जी राज, कुंणी सा चुड़ला मोलवे, जी कन्यालाल सारा जाया जी राज, मांगी लालसा चुड़ला मोलवे जी प्रतापसिंह सारा जायाजी राज, तेजसिंहसा चूड़ला मोलवे, छोटी छोटी बहियां जी राज, गोरी गोरी बहियां जी राज, चमके ओ गौरी रो चूड़लो, मेला निचे ऊबाजी राज, गोकां निचे ऊबाजी राज, निरखे ओ गोरी रो चूड़लो, गणों मती निरखो जी राज, थोड़ो थोड़ो निरखे जी राज, नजर अपरी लागसी जी, धोरो भाटोवारो जी राज, कालो डोरो बांधो जी राज, गुरुवाणी करी पावो जी राज, गौरी जी थाने घणी खम्मा। 2

चूड़ो

चूड़ो चंदरी रो, राज, टीप सोनारी, पेरन वारी नखरा गारी ओ राज, चूड़ो चंदरी रो, माता ने मेमंद राज, रखड़ी री जोड़ी, काना ने झाल ओ राज, झूठड़ारी जोड़ी, पेरन वारी नखरा गारी ओ राज, चुड़ो चंदरी रो। (इस प्रकार सब गहना का नाम लेना गीत बढ़ाना)

चूड़ो

आपणे पछवाड़े पिया सोनीड़ो वसाई देऊं, रखड़ी गड़ावो पिया असी घड़ी ओ पिया तुरत घड़ी, गढ़ लावरे सोनार का वाजणींसी बंगड़ी, वजणीं सी बगड़ी ने उदीयापुर री चलणी सासूजी रे पावां लागूं वाजे घणीं, ओ पिया खनके गणी, गड़लावरे सोना रुका बाजणीं सी बंगडी, सुसरासा मोलावे पिया अती घड़ी ओ पिया, तुरत घड़ी मेलां चढूं पिया बाजे घणीं आ पिया चमके घणीं, घड़ लावरे सुनारका वाजणी सी,

माईरो परीने वीरारो बधावो

पेलो बधावो ए सैया मारे आवीयो, मोकल्यो मारा दादासारी पारे अमर वधावो ए सैयां मारा वीररो, दादासा उठ जवारियो माताबाई लियो खोर्यां जेल, अमर बधावो ए जामण जाया वीररो, (इसी प्रकार सब का नाम लेना, पांचों ....दावा कहकर पूरा करना)

व्याई से मिलणी

आमातो सामा ओबरा ओ व्याई, सूरज सामीय पोल, जवार मारो जेली लिलोजी राज, आशीष मारी मानी लिजोजी राज, व्याई सूं व्याई ररमल्या ओ व्याई, रूपया शूं करे रे जवार, जवार मारो जेली लिजोजी, राज, आशीष मारी मानी लीजोजी,
सच्ची जीवन घुटकी लो
सच्चाई की हरडे, बंधुत्व के बहेडे़, आत्मीयता के आंवले, ईमानदारी की जड़, प्रेम के पत्ते, सत्संग के बीज, परिश्रम के फल, राष्ट्रीयता का अर्क, सहयोग का सर्बत, वाणी का शहद निर्माण विधि, सब द्रव्यों को सद्भावना की खरल में, परोपकार की भावना देकर प्रेम से घुटाई करें, सबको संगठन के रस में मिलाकर, शुद्ध हृदय की हंडि़यां में, स्नेह का घी डालकर, इस मिश्रण को तप की अग्नि में पकाएं, इन पर देश प्रेम का बर्क लगालें, और मस्तिष्क की बरणी में भरलें, और इस प्रकार सेवन करें, सेवन विधि इस औषधि को संतोष की मात्रा में, इंसाफ के चमच से, समाज सेवा के अनुपात के साथ, प्रतिदिन सुबह शाम लेवें, और देवें, सच्ची जीवन घुटकी लो, जतनदेवी पितलिया

वर फूंकण

रूपासूंवर फूंकीया वररूप वलंता होसीरे, नथ सूं वर फूंकीया एवातण रो पेरण होसीरे, खाई सूं वर फूंकीया मैयो विलोवण होसी रे, लछमी सूंवर फूंकीया वर धनवंता होसीरे, कुलकी सूं वर फूंकीया, खाजा, सूं वर फूंकीया राजारो जीमण होसी रे, थोब सूं वर फूंकीया वर धनवता होसी रे, चूंदड़ सूं वर फूंकीया राव्या रो पेरन होसी रे, चूड़ी सूं वर फूंकीया राण्या रो पेरन होसी रे, गाल घला मांय चूंदड़ी वर माया आगे लेचालो रे, 2

खेलना

रायांरा जीत्या ओ रायारा हार गया, लाड़ो खेलनूं जाणे ओ मारी कुंवरी सूं, रायारा जीत्या ओ रायारा हार गया, लाड़ी खेलीनूं जावे ओ मारा कुंवरा सूं,

फेरारी चूंदड़

ओड़ो सवागण लाड़ी चूंदड़ी, मारा दादासादेखे माने लाज आवे, कसीवद ओढ़ाओ राईवर चूंदड़ी, यातो सेर भर्या री चूंदड़ी पांवभर्या री पचीत थारां दादासा तोड्या में आविया थाणी माता रा गुण गाव लाड़ी ओड़ो, सवागण लाड़ी चूंद़डी़,

लाड़ी वधावणां

लाड़ी यो घर यो वर मांगजे, लाड़ी वऊवह हेलो पाड़जे, लाड़ी अणा सरीका सुसरासा मांगजे, लाड़ी कमलाबाई सासूजी मांगजे, लाड़ी सीताबाई बाईसा मांगजे, लाड़ी सूरजमलसा नंणदोईसा मांगजे, लाड़ी हीरालालसा देवरसा मांगजे, लाड़ी लेरीबाई देराणी मांगजे, लाड़ी ऊंची मेड़ी नीचा ओवरा मांगजे, लाड़ी वऊवह,

भैरू पूजंणां

घड़ी दोई घड़ी जजम करो तो, मेवारी छा लांबाऊं ओराज, सिंदूर राप्याला लाऊं ओ राज, मारीपन्ना लाऊं ओ राज, दारू रा प्याला लाऊं ओ राज, नारेलां लेई ने आऊं ओ राज, लटका करती आऊं ओ राज, लटिया वाट वुवारूं ओ राज, (इसी प्रकार गेणला, सांकला, धूपाना, घूघरा, दीवा)

भेरू पूजंणां

भेरू एक अण वटियारे कारणे, भेरू सुसरासा बोले माने बोल, ओ सरतारा ओ भेरू अपवट लेर्या, (भेरू जेठसा, देवरसा, नणदोईसा, शायबसा),

शादी के वक्त

नाई धोई आछी लाड़ी पाटोल्या जो ऊबी, जोवेवारां समस्या दादासारी वाटो, दादासा वारा फलाणां लालसा ने वेग तोड़ावो, चंचल बाई ने मोटा मांडे परणाके, राईवरने मोटा मांडे परणावो, नावण लो गोरा लाड़ा नावण लो,

फेरा

इसी में से फेरा गीत छांटना है इसी में है, काली सी कलगारी लाड़ी कतरा तीरथ नाई ए, भरी सभा में सांपड़ती, मूं फलाणा लालसा सुसरासापाई ए, फलाणीं बाई सासूजी पाई ए, भरी सभा में सांपड़ती (सभी परिवार वालों के नाम लेना गीत बढ़ाना),

फेरा

आजे फलाणा लालसा रे मुन्डे लूरे घणों रे लाल, आज वारां कुंवर परण्या गोरड़ी रे लाल, आजे सोना रो सूरज उगीया रे लाल, आज रतनारो चांद कूवासियोरे लाल, आज नवगज धरतीदर चढ्यो रे लाल, (सब परिवार को कहें)

सतीमाता का गीत 1

माता समंद भर्याजी जाचा हिगरूं, जटे सतीमाता धोवेला चीर मंगरा में सूरज उगीयो, जटे वरोट माता धोवेला चीर मंगरा...... जटे भूत बावजी धोवेला चीर, मंगरा में, ......माता धोवता निचोवतां दिनड़ो आंतम्यो, जरणीं कसे घरे रेवोला रात, मंगरा में सूरज उगियो माता आड़ा तो रोशन लालसा फरेर्या, माता मारे घरे रेवोनी रात, जरणीं मारे घरे रेवोनी रात, मंगरा में सूरज उगियो, (इसी प्रकार सबका नाम लें),

सतीमाता 2

मारा माता ने मेंमद लाय जवाल्यारी राणी, 2 मारी रखड़ी रतन जड़ाय, कुंभलगढ़ री राणी, थारी मेंमा गणीं ए मारी मांय, जवाल्या री, 2 थारी मेमा जगत में जाणी, कुंभलगढ़ री राणी, माता बैठी अबूटी डाल घोड़े असवारी, 2 थारो परचो गणों ए मोरी मांय कुंभलगढ़ री राणी, थारी मेमा जगत में जाणीं, जवाल्यारी राणी, (इसी प्रकार सब गहना कहें)

सतीमाता 3

आज कंकुरा पगल्या कुंण माण्डया, आज केसर रा ओ पगल्या कुंण माण्डाय, माण्डया रोशनलालसा री सण्या, माण्डया कन्यालालसा री राण्या, आवो कुल युग में ओ सतीमाता पामेणा, आवो रातयुग रा ओ सतीमाता पामेणा, (इसी प्रकार घरवालों का नाम लेना सबका)

सतीमाता 4

जवाल्याजी रे उले पेले पार, सतीमाता रो देवरो सतीमाता रो माण्डयो रे वियाव लगना सूं पाती उतरी, किजो मारा भोपाजी ने जाय मंदिरीयों चणावदो, किजो मारा हजूर्यआ ने जाय मंदिरीयो मण्डाय दो, नहीं मारा भोपाजी री पोस के हाथोई हाथ चणावजो, होम्या होम्या नारेल पचास, सोपारी होमी डोढ़से, (इसी प्रकार धूप, धूपाना, दिवा, भरेण, छत्तर, जह्लाया)

सतीमाता 5

घोड़ी जाजे सती मातारे देवरे, घोड़ी लाजे सतीमाता ने बैठाय लिलागर घोड़ी, हांए रतनागर घोड़ी, कुंभलगढ़ रे देवरे, घोड़ी लाजे वरोट माता ने बैठाय, घोड़ी रपट आवे ने रपट जाय, रूस्या ओ देव मनावजे, (इसी प्रकार पुता, माताजी, ज्वाल्यारी, राणी, भूतना)

सतीमाता 6

घोरो तो घोड़ो हांसल्यो, मोत्यां जड़ी रे लगाम, पुठ पलाणीं सतीमाता चढ़ गया, दुनियां हो गई लार, आड़ा तो दादासा (काकासा) फर्या, सतीमाता रूक जावो रात, रात कैसे रेऊं भोरा दादासा, जाणों सयीयां रे लार, रात कैसे रेऊं भोरा मानवी दुनियां जोवे जी वाट, रात रेवोतो रात जगाय दो, कुंवास्यां जिमावाजी राज, आड़ा तो वीरासा, (इसी प्रकार सबका नाम लेना और कहना)

सतीमाता 7

जवाल्यारी पाल सुहामणी जी, रलियावणी जी ओ सतीमाता, माताजी रा बोल सुहावणणाजी, रोशनलालसा लच्छा मोलवे, सुनील लालसा मेंदी मोलवे, कन्यालालसा कंकु मोलवे, अनील लालसां केरार्या, मोलवे, मारी सती मातारे पेरण जोग, सती मातारे ओढ़ जोग, वसेट माता रे जीमण जोग, भूत बावजी रे, पेरण जोग, पूर्वजजीरे पेरण जोग, (इसी प्रकार सब गहना, चूंदड़, पागा चैन, अंगूठी)

सतीमाता 8

सतीमाता आया रोशनलालसा री पोर, सतीमाता आया कन्यालालसा री पोर, भवानी माता गेरा वाजाए जरणी गुगरा, माता भाई भाई रार्या अपरे बेसणां, माता वऊ लाड्या लागे लूललूलपाय भवानी माता, गेरा वाज्या ए जरणीं घूघरा,

सतीमाता 9

जवाल्यारी राण्या वड़लो जो वायो, कलसा गें कूंवर चाली ओ सतीमाता घणां ने प्यारे अपरो वड़लो, दहीया सूं हीचे दूधां सूं हिचे, घी गोर पार बछावे ओ सतीमाता घणीं ने पियारी अपरी पिपरड़ी, (इसी प्रकार कुंभलगढ़, लांबोड़ी, सतीमाता, वरोटमाता)

सतीमाता 10

सतीमाता रोशनलाल, ढोरे वीजंणों, माता सुनील लालसा ढोरे वीजणों, सतीमाता ऐसी करीरो वीजणों, माता नवलख जड्यारे जड़ाव, माताजी जोगो वीजणो, माता भाई भाई ढोर अपरे वीजणों, माता वऊ लाड्या लागे अपरे पांव, माताजी जोगां वीजणों, बाई रे ऐसी करो रो वीजणों, माता नवलख जड्या रे जड़ाव,

सतीमाता 11

पांच कातो चतर चढ़ाऊं, पांच मेलूं पाटसा, पांच का तो नारेल चढ़ाऊं पांच मेलूं पाटसा, दरसन करवा आईओ माताजी द्वार अपरा खोल द्वार अपरा खोल दो, मंदिर अपरा खोलदो, जडूल्यो उतारन आई ओ, माताजी द्वार अपराखो मोटर लेकर आई ओ सतीमाता मंदिर अपरा, (इसी प्रकार मेंदी, कापड़ा, ध्वजा, गादी, कंकु)

सतीमाता 12

सतीमाता रे मंदिर पाछए केवड़ो ए मांय, केंवड़ा रा लांब तीखा पान, घणों ने सवायो लागे केवड़ो ए मांय, घणो ने रूपारो लागे केवड़ो ए मांय, उबा उबा मांगीलालसा विनमें ए मांय, मांगे मांगे पुतड़लारी जोड़, मारा माजीओ राज, मांगे मारा जरणीं ओ राज, सवायो लागे केवड़ो ए मांय, रूपारो लागे केवड़ो ए मांय, उबी उबी वऊ लाड्या विनमें ए मांय, मांगे मांगे चूड़ला री जोड़, (चूंदड़ा री जो़ड़) मारा माजीओराज, मारा जरणी ओ राज, सवायो लागे केवड़ो,

सतीमाता 13

माता ने मेंमद लावजो ए मांय, रखड़ी घड़ाऊं तोरा तीस री ए मांय, पेर पधारो पछे मालवे ए मोरी मांय, पेली मारो कारज सारो ए मांय, पछे पधारो रहूड़े मालावे ए मोरी मायं, हांए जरणी कसी थारी अकराणी धाम, सरौक सौ कौसां सूं आया जातरी ए मोरी मांय, (इसी प्रकार सब गहना कहना और गाते रहना),

सतीमाता 14

सरवरीया री पार आम्बो री डारे, जटेरा सतीमाता करे रे किलोरा, आवो ओ मारा सतीमाता थांरी रात जगावां, रात जगावाने कुवास्यां जिमावां, तो आशीर्वाद लेई घरे जावां रा माताजी थांरी रात जगावां, आवो ओ वरोट माता थांरी रात जगावां, आवोओ जवाल्या री राणीं थांरी रात जगावां, आवोओ कुंभलगढ़ री राणीं, थांरी रात जगावां रात जगावा, ने (दीवलो संजोवां, धूप जो देवा, भोग लगावा), (इसी प्रकार सब कहना, सूरमों करावा),

सतीमाता 15

लंबी रे लंबी सड़कां अणा सतीमातारी, लंबी रे लंबी सड़का अणी जवाल्या राणी री, पीपल की छाया में मोटर ढाब दीजो ए मारी सतीजी माता, धूप तो माताजी लेवे, चूरमों भोपाजी, छोरा छोरी दोड्या आवे चटखां खावाने, मारा सतीजी माता, लोग लुगाया दोड्या आवे दरसन करवाने, ओ मारा सतीजी माता, परण्या परण्या दोड्या आवे धोग लगवाने, ओ मारा सती ओ माता, छोरा छोरी लारां लावे, जडूल्या उतारन ने, ओ मारा (सतीजी माता, इसी प्रकारन सबको कहना)

सतीमाती री आरती 16

सतीमाता रे मदिर ऊपर उड़े रे चिरकली, पांखा पांखा दिवलो संजोती, चोंचा मेरूवाट सा सतीमाता री आरती ऊतारूं सौ सौ बार सा, वरोट माता रे मंदिर ऊपर बैठी रे चिरकली, भूत बावजी रा मंदिर ऊपर उड़े रे चिरकंली, पांखा दिवलो संजोदूं, चोंचा मेरू वाटसा, वरोट माताजी री, (मत बावजी) आरती उतारूं सौ,

सतीमाता 16

पांचमा आरामें ओ मारा सतीमाता पामेणा, आमा तो सामा ओ मारा सतीमाता ओवेराजी, सूरज सामी या पेल, (पांचमां आरामें, ओमारा कुंकर छोड्या ओ मारा सतीमाता मेड़ी ओवेरा जी, कूंकर छोड़ी सूरजपोल, (पांचमा....हंस हंस छो़ड्या ओमोरा मानवी मेड़ी ओवराजी मलकत छोड़ी सूरजपोल, (पांचमां.... कूंकर छोड्या ओमारा सतीमाता पीयर सासराजी, कूंकर छोड्या मांय मूसार, (पांचमा.... हंस हंस छोड्या भोरा मानवी पीयर सासराजी, मलकरा छोड्या मांय मूंसार, (पांचमां..... (इसी प्रकार देराणी जेठाणीने, सहेल्या रो साथ), (कूंकर छोड्या देवर जेठने जी, मलकत लीदा लारे भरतार, पांचमा....कुंकर ओ सतीमाता लकड़ी में घसी रया जी, कूंकर दिया अगन्ी स्थान, हंस हंस ओ भोरा जातरी लकड़ी में घसीरया, मलकत किया अगिन स्नान, (पांचमा...)

सतीमाता 17

रखड़ी घडावो देवर जट करो, झूक्यां गड़ावो देवर जट करो, मेतो जास्या मारा केसरियारी लारो, लोड्या देवर, हांओ छोटा देवर, सतीने सिरावो ठण्डा वड़ थकी, (इसी प्रकार सब गहना कहना गीत बढ़ाना)

सतीमाता 18

लोलो सतीमाता रखड़ी जो पेरो, लो लो सतीमाता झूमक्या जो पेरों, रखडी पेरू तो लागे वार, लोड्या देवर आलीजारा घोड़ला चदन निचे ऊबा, चंदन निचे ऊंबा छाजा निचे ऊबा, केसरिया चूं छेटी मती पाड़ो हो छोट्या देवर, हांओ लोड्या देवर आलीजारा घोड़ला छाजर निचे ऊबा, (इसी प्रकार सब गहना कहना)

सतीमाता 19

माता ने मेमद लाव रा मारा सतीमाता, रखड़ी रतन ज़ड़ाव रा मारा सतीमाता, देरे नंगारो निसर्या मारा सतीमाता, घूमरत्ने घोड़ले चढ्या मारा सतीमाता, चढ़ती जवानी माता सती हुआ,

सतीमाता 20

डूंगरिया रे डुंगरिया रे तूं धन्यो कोदोड़ो होयरे, थूं थोड़ो से तिरछो होन रे, मारा आवता सतीमाता रो दीसे मुखड़ो, सूरजीयारे सूरजीयारे तूं थोड़ो सो मदरो उगरे मारा आवता सतीमाताने लागे तावड़े, वाईरारे वाईरारे तूं तो धन्योक धीमो चालरे, थूं थोड़ो से मदरो चाल रे, मारा आपता सतीमाता रो उड़े केसर्या, उड़े चूंदड़ा बादलिया रे इन्द्रिरायारे तूं तो थोड़ाकते मदरोवरस रे तूं थोड़ो सो जीणों बरस रे, मारा आवता सतीमाता रा  भीजे केसर्सया (भीजे दुपट्टा)

सतीमाता 21

आओ नी ए मारी जवालियारी राणी, कुंभलगढ़री राणी लालाओ, बाई वरोटमाता, थां बिना मंदिर सूनो लागसी, अणि मंदिरयां में जरम काच कोरावो कोरावो, ओर ढोरावो जाचा हिंगरू पोतो कणीरे कारण माता पीयर वालो पीयरवालो, कुणी सूं वालो समंदर सासरो, पोतो वीरासूं बालो मारे पूयर वालो वालो पूंतासूं वालो समदर सासरे, (इसी प्रकार सबको कहना)

1 बेटी को सासरे पोछाते वक्त

लिपयो जी चूप्यो आंगणों लाडू गढ़गढ़ जाय थांणीरी दादीसा पोतियां साजन जीत्या जी जाय, जीत जिताई निसर्या, जीत्या रा ढोल देवाय, थाणीं रा साजन दीयेड्या साजन जित्याजी जाय, थाणींरा वीरासा बेनीया साजन जीत्या जी जाय, थाणीं  रा फोफासा भतीजा, थाणीं रा मामासा भाणेजा, थाणीं रा बेनोईसा सालीया, थाणीं रा मामासा भाणेज, सब कहे,

2

आगे जाईने पाछो नारियो, दादसा उबा माण्डपारेट, थे घर जावो दादसा आपणें, मेतो चाल्या परदेश, संपत वेता लावजो, नितर भला मारे देश, संपत नहीं बाई रीण घणों काले लावां मारे देश, (इसी प्रकार परिवार वालों के नाम लेते जाना गीत बढ़ाना)

3

घड़ीयक वायण थोबदो सायर बनड़ा, दादासा सूं मीलवा दोनी हठीला बनड़ा, मिलना जो हिलना क्या करो ए सायर बनड़ी, धरतो पालकड़े हेत घरे चालो आपणों., (इसी प्रकार परिवार वालों के नाम लेते जाना गीत बढ़ाना)

4

छोड़ो दादासारी, अंगूली अंगूली, छोड़ो माताबाई रो हेत, नहीं छूटे पापाजी री, अंगूली अंगूली, नहीं छूटे मम्मी जी रो हेत, (इसी प्रकार सब परिवार वालों को कहना सबके नाम लेते गीत बढ़ाना)

5

ओ सासू गार मति दीजो, ओ मारे बेणी बाई सादर बेटी, ओ में तो दूध पाईने मोटी की दी, ओमारेताला मेली कूंची, ओमेतो सगलां सूंराखी ऊंची, ओमेतो खाजा सूं खेलाया, ओमेतो पापड़ सूं पढ़ाया, ओ मारे कूरकूरीया वींटी, ओ मारे दीयेड़ी सादर बेटी,

6

मेंतो आया रा वैवाईसा वारारे पामणांजी, माने जाजमदो बिछवाय माने सतरंज दो बिछवाय, मारी बहुत करो मनुवार के प्यारा चाय का जी, मारी बहुत करो मनवार के बीड़िया पान कीजी, अतरी लूयां रो आयो रे घड़ेलो, तो व्याईसा वारा री छाती फाटी, दरपो मती हां दरपो मतीजी मारे घरे जासां दरपो मती, रोटी तो मैं जीमीने आया, पाणी तो मारे घरे पीवसां दरपो मती, हां दरपो मती जी मारे घरे जासां, दरपो मती, घर घर की मैं एक लूगाई, आप बुलाय मैं जब आया,

7

ई वैवाईसा लाया साड़ी, थूं ओड़ए वैनाईसारी औरत साड़ी अणी साड़ी रे लरागा अरण्या, थने लाईग्या मारा परण्या, अणी साड़ी रे आया आंका, थने लेईग्या मारा काका, अणीं साड़ी रे लागा हीरा, थने लेईग्या मारा वीरा, ए नाचण मन की मोरी,

8

मैं करां वैवाईसा वैवाईसा, वैवाईसा हुके ने हामरे गाल गला में गोदड़ी ने घटी फेरे घमड़ घमड़, अपने पीसणन दिन चार घटी में देसां, अपरे पोवण रादिन चार चूल्हो मैं देस्या, अपपीसो टांग पसार, अप पोवो टांग पसार, तमास्यो मैं देखा,

9 दोहा

ऊंची मेडी बिजली रो खटको, मारा मन में असी आवे अणां वैवायां ने ऊंचार सूंनिचापटको, कांच की कतनी जडाव को लेखो, मैं वैवाईसा आपने गाल्या गाई वेतो रामजी आगे लेखो।

10

ओ सा वैवाईसा अपने बुलावे ईली, कांई केसे ईली, वात करे से ईली, मतो करे से ईली, अरमा पदारो आपरे बंदू काजल ने टील, (इसी प्रकार आपने बुलावे आगरो अरमा पधारो आपने पेराऊं अस्सी कली रो घाघरो) इसी प्रकार आपने बुलावे आंचली, अरमा पधारो ापने पेराऊं बारे टूक कांचली, इसी प्रकार आपने बुलावे वाडी अरमा पदारो आपने ओढाऊं सीतारा वाली साड़ी,

1. दोहा

ओसा वैधाईसा ग्वार की फली, तेल में तली मूं आपने यूं पूछूं आपकी मूंछा कायं से बली, बली तो कमने जली ज्यादा,

2

ई वैवाईसा मोटी मोटी पांगा बांधे, मांय भरीया गाबा, खरचवाने कोड़ीनी ने बेटो परणावां आगा,

3

ई वैवाईसा पागा बांधे ऊपर पछेवड्या ऊपर लगाया जोर, दीखत का तो लखपति ने जूत्यां का चोर,

4

ए लूगायां करो लो के ढांकणों, ढांकणों ए ढांकणों, वैवाईसारो मुन्डो करो डाकणों,


गुणघर महावीर गोतम के प्रश्न उत्तर
दोहा

तणी का... ने तणी समये मायण पुर नगर मांजार, श्री वीरजी नंदजी समोसर्या घणा साध साधवी परिवार,

  1. रिषभदत्त ने देवा नंदा, सदरथ सिंगार, रथ बैठी वंदन गया थे सुणजो चित्त लगाय,
  2. श्री जीन राज पदार्या सुण ने रोम राय हुलसाणां, रिशभदत्त ने देवा नदाजी, दर्शन करवा आया ओं गोतम, अंबेरी अंबाओ गुणधर 3 बेरी अंबाओ...
  3. समो सरण में सनमुख ऊबा, वेणा प्रभुजी ने निरख्या रोभराय अब हुआ हुलासो, दर्शन कर कर हरस्याओ,....
  4. श्री जिन रूप देख मन हर्षीया, आंचल दूध जराणो, जब गोतमजी हुआ अचम्बे, प्रश्न पूछन लगाओ, गोतम अम्बेरी अम्बाओ गुणधर अम्बेरी अमाब.....
  5. यांसे सगपण क्यूं ए ओ प्रभुजी, मारा मन में सांस्यो, यांसे सगपण यूं से ओ गोतम मात तात चंदैयो....
  6. सिधरथ राय त्रिशला देराणी, अणी भव मात ने तातो अपतो माने केता प्रभुजी, मारो मन अचरज वाते....
  7. ब्यांसी रात र्यो अणीं कुखां, हरण गमेशी आया, ऊंच जात त्रिशला देराणी जो कुंखा पदराया ओ गोतम, अम्बेरी अम्बाओ गुणधर अम्बेरी अम्बा....
  8. यांरी कुंख क्यूं नही जन्म्या कूण कीया ई कामो, नाम गोत्र दोई निचा केटाया जनम लियो से जाणे शो, गोतम अम्बेरी अम्बाओ गुणधर अम्बेरी अम्बा.,.....
  9. आप सरिखा उत्तन प्रभुजी, मायण कुल कीम आया, पूरब भाव अंतराय करम से जनम लियो जो जाणे,
  10. त्रिशला दे देराणी होती देवानंदा जेठाणी, त्रिशला देरा रतन दाबीया छाने रतन चुराया, ओ गोतम.....
  11. रात दिवस दोई लड़वा लागी, थें मारा रतन चुराया, जगड़त जगड़त रेण गमाई, हाथए कुछ नहीं आया, ओ गोतम अम्बेरी अम्बाओ गुणधर अम्बेरी अम्बा....
  12. अस्या सरूप दिया देराणी, तुज संतान न होईजो, करम आगे कोई नहीं जित्या, सुर नर इन्द्र धर्या, ओ गोतम अम्बेरी अम्बाओ गुणधर अम्बेरी अम्बा.,...
  13. श्री आदीनाथ जी समोसरण में बैठी परगदा भारी, भरत रायजी प्रश्न पूछे सुर नर इन्द्र जोवे, ओ गोतम अम्बेरी अम्बाओ गुणधर अम्बेरी अम्बा....

सेवरों

आम छायाजी सुख नीच, जांफल छाई आमलीजी, जणी नीचे सूता रामचंद्र सीताओ सीता वीर करे जी, सीता गोरी पूछे राजने वात तिलक अपरे कुणी कीदाजी।
मारे सुभद्रा बाई बेन, तीलक मारे वणा कीदाजी, भाई बैनने तिलक कराई, मोत्यारो छायो सेवरोजी, भाईबेन ने चूंदड़ा ओढाओ, फूलां रो छायो सोरोज (चूड़ला, गेणां, पाईजब, छ़ड़िया, तमण्यो, कालर)

सेवरो 2

दादासारे मेला निचे, मालण उतरी ओ राज, बोलए रजावाड़ी मालण कंई कंई वकरो लाई ओ राज, दाढ़म दाख बिजोरा लाई सेवरो थूंकी लाईओ राज, सेवड़े सोनारी लड़ीयां राय बनासाने सोवेओराज,.

सेवरो 3

सरवरियारे उले पेले पार बनासा तंबूतणिया जी, कीजो बनीरा दादासा ने जाय, गुडलाओ सामा भेज दे, नहीं मारा दादासारी पोशके आप पधारजो, भींजे मारा तंबूडारी डोर फूंदाओ भींजे रेशमी, भींजे मारा जोडीरा सीरदार, जानियां ओ भींजे ढो़ड़से भींजे मारेपगरी पेज्वार, सोनारो भींजे सेवरोो (इसी प्रकार सबका नाम लेना)

कलश रो गीत

मूं अपने पूछूं प्रजापत कलश कदी गड्याजी, फलाणा लालसा, फलाणा लालसा हिलाड्या परण्यां तो कलश जदी गड्याजी, अड़गी पड़गी हिरा जड़ी, कलश रत्ना जड्याजी, लाल गुलाबी कलश, बीजोश मोती जड्याजी,

  1. जमांया की गार्या

पांगा सवा लाख री पेंचा पर दादर मोर रा, कण्ठया सवा लाखरी छोरा पर दादर मोर रा, सुणो रा जमाईसा मारो विनती, माने वेतां आवे लाज, रा माने सुणता आवे लाजरा, मारा बाईसा सू लड़नो छोड़दो, सुणों रा बाईसा मारी विनती माने केता आवे लाज रा माने सुणता आवे लाजरा, मारा नंणदोई सासूं लड़नो छोड़दो, मारा जमाई सासूं (इस प्रकार सब गहना गड़िया, अंगूठी चैनें, आदि)

2

पांगा भेजूं जी दोई चार, जमाईसा बांधो क्यूंनी, शिवजी के मंदिर ऊपर कांच, जमाईसा निरखो क्यूंनी, बाईसा गुलावे रंग मेल में, थे जावो क्यूंनी, बाईसा मंगावे घेवर चार, जमाईसा लावो क्यूंनी, बाईसा जिमावे कवा चार, जमाईसा जितो क्यूंनी, (इसी प्रकार सब कहना, कष्ठया, डोरा, चैना, गडि़या)

3

आच्छी आच्छी पांगा, अणा जमाइसा ने सोवेसा, तो पंचा ऊपर मारा बाई रिजोरा जमाईसा, आप चितारो बाई ने नित आवे हिची, केशरिया रो नाम लेता रही जावे हिचकी, पातलिया रो नाम लेता रही जावे हिचकी, बावा सोना रा छोगा बंद कीदी हिचकी, वावा मोत्यारी माला बंद कीदी हिचकी, (इसी प्रकार कण्डया, चैना, डोरागड़ियां)

4

जैसी राजन पांगा बांधे वैसी नणदोईसा, राजन के भरोसे मैंतो बोल गई नणंदोईसा, सोई गुना माफ करो मैं नहीं जाणी नणंदोईसा, बोलतांरी बोली पिछाणी, जिमतारो कव्वो सा, चालातां री चाल पिछाणीं, जद जाणी नणंदोईसा, अगवाड़ा सूं बाई, आया पिछवाड़ासूं जमाईसा,

5

वणां दिना सूं वाट जोवतां, आया आज जमाईसा, पाट्या ढारूं गिदी बिछाऊं लोट्यो भरू गिलास सा, आवो आवो सखी सहेल्या हेल मिल गावां गीत, सा जमायारा लाड़ा लड़ावा याही पुरानी रीतसा, रस्ते आजो रस्ते जाजो घरे बितजो रात सा, परणी ने तो छेय मत दीजो, पेली पक्ड्यो हाथ सा, भांग तंबाकू मती अरोगो चीलने गिरेट सा, माता पिता का कहना मानो, यही हमारी सीख सा.

6

जमाईसा अपतो पांगा बांधो निहारी, मैं तो पेचा भेजी भेजी हारी, जगाईसा सरिरो पुड़ी तरकारी, जमाईसा, मारा सुसरासा सुनारी, मैं तो पेरी पेरी गेणलाहारी, जमाईसा सिरो पुड़ी तस्कारी, जमाईसा मारा जेठसा पटवारी, मैं तो देई देई कलमाहारी, जमाईसा मारा देवरसा खिलाड़ी, के मैंतो देई देई दड़िया हारी, जमाईसा सिरो- जडमाईसा मारा शायब सा कलाकारी मैंतो निरखी निरखी हारी, जमाईसा सिरो पुड़ी तस्कारी, (सब कहना इन प्रकार)

7

पांगा नहीं तो पेंचा है लाखन की, कण्ठ्या नहीं तो लालां है लाखन की, जमाईसा धीरज धरो तो खीर बनाईवेऊं साबूदाना की, गाय नहीं तो भेंस मंगादूं रूपया साठन की, जमाईसा धीरज धरो तो खीर बनादूं साबूदाना की, लक्ष नहीं तो रेक्सोना मंगादूं रूपया सातन की, जमाईया धीरज धरो तो खीर बना दूं, (इस प्रकार डोरा, छोगा, चैता, गड़िया, अंगूठी)

8

कर कर घर को काम बाईसा, मारा दूबला पड़ गया सा, बाईसा मारा काला पड़ गया सा, जमाईसा ने करदो पुलिस में बंद, ताला तो अंग्रेजी जड़ दोसा, करकर बिजली घर को काम जमाईसा मारा काला पड गया सा.

9

ए उड़ सुआ मोरवण जाय, उड़ सुवा कांकरोली जाय, ए उड़ सुवा उदयपुर जाय, ए जाय ने बैठे ओ जमायां रे गोखड़े जी, ए जमाईसा पुछे सुवाने वात, ए कांई करें से ओ राजीदां री गोरड़ी जी, ए बी बाईसा धान नूं खाय, ए ओर्यूं करे से ओ राजींदा रे जीवरीजी, (इस प्रकार सब जमाई व गांव का नाम लेना)

10

पीरी पीरी चंणा री दाल चांवल रांदू उजरा, जीमे जीमें बाईसा अपरा वीर, वरजे ओलापर नंणदोईसा, मारा माता ने मेंमेंद लाय, रखड़ी, ओ तोरा तीसरी, मारा काना ने जाल गड़ाय, झूमक्याओं तोरा तीसरी, लावे लावे बाईसा अपरा वीर, वरजे ओ लापर नंणदोईसा,

11

ईतो साला वेनाई दोनों साफड़ वाने जाय, जमाईसा साफड़ नूं जाणों वीतो डाबक डूबखा खाय, ईतो साला बेनोई दोनों जीमताने जाय, जमाईसा जिमी नूं जाणे वीतो डाचक डूचा खाय, ईतो साला बेनोई दोनों पाणी पीवा जाय, जमाईसा पीनूं जाणें ईतो णूंजरवा जाय, इतो साला बेनोई दोनों गुमवाने जाय, जमाईसो गूभी नूं जाणे वीतो ठोकर खाता जाय, इतो साला बेनोई दोनों पोड़वा ने जाय, जमाईसा पोढ़ीनूं जाणे वीतो गोट गड़ीदां खाय,

12

नईया डूब रही भारत में, अबतो शाय करो भगवान, दूनियां डूब रही भारत में अबतदो साय करो, भगवान, कागज की तो नाव बनाई छोड़ी जल के मांय, घरमी घरमी पार उतरग्या, पापी जल के मांय पांगा तो अप बंधो जमाईसा कुरीया बोत हजार, दुनियां डूब रही भारत में, अब तो साय करो भगवान,

13

रात रा सपना में जमाईसाने, पांगा बगसा जी राज, उगतड़े परबात जमाईसा, पेंचा, निरखी पधारोजी राज, मारा राज कुंवर बाईरा शायबा, अपने जावा नूं देसाजी राज, जावा नूं देसा आड़ा फरी जासा तो, मारग रोकी ने राकां, जमाईसा अपने जावानुं देसासी राज,

14

जमाईसाने पांगा के पांगा ऊपर पेंचा, के पेंचा ऊपर घड़ीयां के घड़ीयां ऊपर लड़ीयां, जमाईसा अपने चालवानूं देसां, चालवां नूं देसां के आड़ा कर जासां, के गोड़ल, थोबी लेसां जमाईसा अपने चालवानूं देसां, आज सोमवारों के महादेवजी रो वारो, आज मंगलवारो के हनुमानजी रो वारो आज बुधवारों के गजानंद जी रो वारो, आज गुरुवारों के हाजो मादो वारो, आज शुक्रवारों के सूखों पूको वारो, आज शनिवारों के शनिश्वररो वारों, आज दीतवारो के तातो मातो वारो जमाईसा अपनी सीख परी देसां मारग घोड़ी देसां, के पोड़ला घेड़ी देतां, जमाईसा अपने सीख परी देसां, लो सा जमाईसा सीख सोनारो नारीयल चांदी रो रू, आजरी सत खोटो खरो निकले तो आपरी किस्मत री बात,

15

रखड़ी भी लाना टोका भी लाना, जमाईसा बाईना के बंगले आना, बाईसा के बंगले के दस दरवाजा, चार चौक सीधे रस्ते आना, जमाईसा बाईसा के बंगले आना, (इसी प्रकार डबल गहनों, के नाम लेते जाना और कहना)

16

हांजी वाला ऊंची नीची सरवर पार, जमाईसा धोवे धोवत्या जी माराराज, हांजीवाला नाई धोई किया सिनगार कुंणीसा रे आया पामणाजी, मारा राज, हांजी वाला नाई धोई किया सिनगार सुसरासा रे आया पामणां जी मारा राज, साराजी रे आया पामेणांजी मारा राज, हांए दासी उनासा पाणी मेलावो थकारू पांवपकार सी जी मारा राज, हांए दासी ऊनासी भोजन खावो भूखारूं भोजन जिमसी जी मारा राज, हांए दासी, ठंडी जाली भरावो तरसारू जल पीबसीजी मार राज, हांए दासी मेला में चौपड़ ररावो खेलारूं चौपड़ खेलसी जी माराराज, हांए दासी मेलां में ढोल्या ढरावो नींदांरू ढोल्ये पोढसी जीमारा राज, हांए दासी मेंला री खबरां मंगावो, कुण हार्या वण जीतियाजी मारा राज, हां ओ बाईसा हार्या हार्या सई परिवार, रायचां रा बाई जीतिया जी मारा राज हांजी वात लागी लागी जमायाने रीस, बाई पर वायो सोगटो जी मारा रज, हांजी वाला लागी लागी बाईसा ने रीस, ढोल्या सूं निचा उतर्या जी, मारा राज, हांजी वाला खोल्या खोल्या सोला सिंगगार, अधरंगतो ओढ्यो पोमचो जी मारा राज, हांजी वाला मेल सूं निचा उतर्या, आया तो पटसार मेजी मार राज, हांजीवाला घोरे घोड़े असवार जमाईसा मनावा निसर्या जी माराराज, हांजीवाला पकड़ या रंग भर बांय में हार्या ने थे जितियाजी मारा राज,

17

पांगा लाई लाई भेजूंए सैया मारा जमायांरा मेलामें, जमायां रा मेलामें, अंतर की शीशी जेबा मे, मेवारी छाबां हाथा में पानरा बिड़ला मुखड़ामें, रायांरा बाईगोद्या में, अबे परमसुख आयोए, सैया मारा जमायांरा मेला में, कसीक जगमग लागीए सैयांमारा जमायरा मेलामें,

18

आजी उदीयातोपुर ऐ चौवटे, ओजी आईसे वीजणां री जोड़ चतर लाया वीजणों, ओ जो कुंण देख्या ने कुण मोलवे, ओजी कुंमी सा खरचे ला दाम कुंणी सा ले घर आवीया, ओजी काका देख्यचा ने बाबा मोलव्या, ओजी दादासा खरचेला दाम, साराजी लेघर आवीया, ओजी मेल्यो वारी सेंजा परसार चतर लाया वि ओजी आया जमाईसा जिमवा ओजी लेग्यचा विजवारी जोड़, चोरी ने बोरी ने लेईग्या वीजणों, ओजी सैंजां बेठा बाई बेन्या ओरक्यो, ओजी यो वीजणों वीरासारी सेज चोरी ने लेईग्या वीजणों, ओजी थांरा दादासा आगे को मती, ओजी थारां माता बाई आगे को मती, ओजी सुजरा में बोले माने बोल, ओजी भोजन में बोले माने बोल, चोरी ने लेईग्या वीजणों, ओजी थारा वीरासा आगे को मती, ओजी थारां भावज आगे को मती, ओजी थांरी बेन्या आगे को मती, ओजी दोस्ता में बोले माने बोल, ओजी गारह्या में बोले माने बोल,

19

आंजो तो मांजो यूं ही र्यो ढोलां, वासीर्यो रे वणाय, के सूती चांद छतां घर आय,

20

पांगा तो गजराज बांधों, पेंचा अगड़ा ठाठसा, कंठ्या तो गजराज पेरो डोरा अगड़ा ठांठसा, मेड्या बैठा प्यारा लागो हिंचता हिगराट, हो रंग रसिया जमाई अपने गारगासां जी, गारधासां गीत गासां दूना करसां लाड़जी मारा बाई सू टेड़ा बोलो, आपरे आवे रीस हो रंग रसीया जमाई, अपने गार गासांजी, गार तो जमाई ने गांसा, बाई रा करसां लाडसा, मारा बाई सूं टेड़ा बोलो थापर आवे रीस हो, (घड़िया, चैना,अंगूठी बाई तो गजरा जसोवे जोड़ी अगड़ा ठाटसा इसी प्रकार सब कहते जाना)
ओजी पेंचा जमाया री रोज महाराजा पधारिया ओ सारी रेण रम्या,

1

पांगा तो आप बांधो वैवाईसा, हां बांधो वैवाईसा, पेंचा पर जड्या रे जड़ाव, गांधी जी दरसन दे गया, मूल मूल पेरनो छोड़दो वैवाईसा, हां छोड़दो वैवाईसा, खादी को करलो वैपार, गांधी जी दरसन दे गया, चरखों तो अपरो रंगरंगीलों, ताण्या है लाल गुलाल, गांधी जी दरसन दे गया, बहुत दिनों से आपा गांधी जी (दो बार) घर घर में चरखा चलाय....

2

ढमका ढोलक बाजे छे, नवा वैवाईसा आवे छे, आवतां आवतां भूली गयाने, कंदोईरा घर में घुसी गया, ढोली रा घर में घुसी गया, ने ढोल वंजावणों सीखी गया, ने रसोई वणावणों सिखी गया, इसी प्रकार सब कहना, माली, मोटी, खेरोदी, तंबोली,

3

रूपयों जो लेई वैवाईसा कंदोई रे चाल्या, तो मेवा की गढ़ लाया लुगाई, वैवाईसा बोले अमरतवाणी, मेवा की लुगाई ने मेला में सजाई, तो लागी या भुख ने, खाईग्या लुगाई वैवाईसा बोले अमरत वाणी, रूपयों जो लेई वैवाईसा कुमार्या रे चाल्या, तो गारा की गढ़ लाया लुगाई, वैवाईसा बोले अमरत वाणी, गारा की लुगाई ने पाणी भरवा मेली, तो लागो यो छांटो ने अलगी लुगाई, वैवाइसा बोले अमरतवाणी, रूपयों जो लेई वैवाईसा सुथारया रे चाल्या, तो लकड़ा की गढ़ लागा लुगाई, वैवाईसा बोले अमरतवाणी, लकड़ा की लुगाई ने रोट्या करवामेली, तो लागी या आग ने जलगी लुगाई, वैव ईसा बोले अमरतवाणी, रूपयो जो लेई वैवाईसा पत्रकारारे चाल्या, तो कागज की कर लाया लुगाई, कागज की लुगाई ने घूमवाने मेली, तो आयो वाईरो ने उड़गी लुगाई वैवाईसा

गोड़ी

गोड़ी नाचत कूदत नंगर गई, गोड़ी गई रे बजाजी रे हाट, उछेरी आछी लूमरही, बजाजण हेलो पाड दियो, बोंद बुलाय लियो, तुज देऊं रे आछा पड़रा मोलाय, बछेरी आछो लूम रही (इसी प्रकार सब गेणां, कपड़ा, के वास्ते कहना सोनीड़ा, मालीड़ा, कंदोई, मोचीड़ा, तंबोली)

बनासा

बना गया सोनीड़ारी हाट, दूकाना में बैठरक्या, बना गेणाला मोलावे अतरे तार, रूमाला में बांधर्या, बना गया बनीसा रे मेलां, पोलंग पर बैठर्या, बना पूछे बनीसाने बात, बनीसा अपरे क्या दुखे, बना हाथ जो दूखे मेरा पांव, सिरतो मेरा बहुत दुखे, (इसी तरह सबका नाम लेना, कंदोई, मोची, तंबोली, बजाजी,)

गोड़ी

गढ़ सूं तो गोड़ी उतरी, नायकजी री गोड़ी, चांनण स्पट्यो पांव, दारी वणजारी गोड़ी, मेण्यो तो माथो गूंथियो नायकजी री गोड़ी, मुखड़े दादरियातमोर, वारी वणजारी गोड़ी, पूठ पलाणी हीरा जड्यां, नायकजी री गोड़ी, मोत्या जड़ीरे लगाम, (वारी) पांवारा नेवर वाजण्या नायकजी री गोड़ी, ठमकेसुं चाले चाल, (वारी) हाथारी मेंदी राचणीं नायकजी री गोड़ी, चाबे चणांरीया दाल, (वारी) गोड़ी तो मल सींरगारिया नायकजी रो गोड़ी, अबे राईवर सिरंतार (वारी) गोड़ी तो मल सीरंगारिया नायकजी री गोड़ी, अबे राईवर सिरंगार (वारी) सरक सपड़ाया सापड़या, नायकजी री गोड़ी, पेर्यो तेल फुलेल (वारी) पीरां पिताम्बर पेरीयानायक जीरी गोड़ी, माथे मोथर गजपाग, (वारी, ) हरिया नगीना मुंदड़ी नायकजी री गोड़ी, हाथां हरिया रूमाल, सिर पर सोनारो सेवरो नायकजी री गोड़ी, दो वह मरक्या कान, (वारी) पूछ पलाणी चढ़ीगयां नायकजी री गोड़ी, खांदे अंतर वास्यो नाक, (वारी) पंबाई रेशमरी मोचड्या, नायकजी री गोड़ी, हांथ सोनारी कटार, (वारी) राई वरमल सिंरगारिया नायकजी री गोड़ी, अबे जान्या सिरंगार, (वारी) धोबीरा धोया धोवत्या, नायकजी री गोड़ी, माथे कसूंमल पाग, (वारी) हरिया नगीना मूंदड़ी, नायकजी री गोड़ी दोविड़ मरवाया कान, (वारी) जान्या तो भल सिंरगारिया, नायकजी गोड़ी, अबे जानण्यां सिरंगार, (वारी) चरवी तो पाणी उकने, नायकजी री गोड़ी, वाटक तेल फूलेल, (वारी) लीली दराईरो गागरो, नायकजी री गोड़ी, ओढ़ण दखणी रोचीर पेरण कसूंमल कांचली नायकजी री गोड़ी, हिवड़े विराज्यो चंद्रहार (वारी) मेण्यों तो माथो गूंथियों, नायकजी री गोड़ी, मोतीड़ा सूंमांग सवार, (वारी) काजल कोया रेख में, नायकजी री गोड़ी, बिन्दली लागी लालड़ (वारी) देरे नगारो निसरया नायकजी री गोड़ी, उदेपुर वचला सेर, (वारी) कुणीसा रा पोता छगे चढ्या, नायकजी गोड़ी, कुंणी रागन भीम, कुणीसा रा दोहीता छगे चढ़या, नायकजी री गोड़ी, कुंणींरा भाणेज, (वारी) कुंणी राघव छगे चड्या नायकजी री गोड़ी, कुणींरा गजवीर (वारी) कुणीं रा बेनोईसा छगे चड्या, नायकजीरी गोड़ी, कुंणीसा रा, (वारी) दादा रा पोता, नाना रा दोहीत, बापरा, बेटा, मामारा भाणेज, आधी तो नगरी डरे पड़ी, नायकजी री गोड़ी, आधी चढ़ी रे, पुकार, (वारी) थेंक्यूं रे लोगां डरे पड्या, नायकजी री गोड़ी, थेंक्यूं चड्या रे पुकार, (वारी) मारी बनी मैं परसूं नायकजी री गोड़ी, दादासा खरचेला दाम, (वारी) सईवर थारे सासरे नायकजी री, एक उनाडी रीत, (वारी) आमा तो साम ओवरा नायकजी री, एक उनाडी रीत, (वारी आमा तो साम ओवरा नायकजी री गोड़ी गद्या भूंखे वार, (वारी) गोकडे तो गोकडे उंदरा, नायकजी री गोड़ी, जारारी वांदर वार, (वारी) तपेल्या तो काली पड़ी रही, नायकजी री गोड़ी चमचारे गुगर मार, (वारी) परणी तो हरणी उठर्या नायकजी री घोड़ी, जीत्यारा ढोल देवाय, (वारी) कसो एक कीजे सासरो नायकजी गोड़ी, कसीक सारा री याजोड़ (वारी) समन्द्र सरीको सासरो नायकजी री गोड़ी,. सात सारारी या जोड़, (वारी) कसोक कीजे डायचो नायकजी री गोड़ी, कसीके घररी नार (वारी) चरवी ने दुकड्यो डायचो नायकजी री गोड़ी, हिवड़ा समाणी घररी नार, (वारी) लाड़ी जी थांरे सासरे नायकजी री गो़ड़ी, एक राजा शाहीरीत, (वारी) आमा तो सामां ओवरा, नायकजी री गोड़ी, सूरज सामी पोल, हाथी घूमे बार, (वारी) गोकड़े तो गोकड़े लाईटा लगे, नायकजी री गोड़ी, मोत्या री वांदर वार (वारी) तपेल्या तो भलका खाई रही, नायकजी री गोड़ी चमचा देवे उजास, (वारी)

गोड़ी

कुंवर सुताई सुख भर नींद, जगाया जागे नहीं जी, वरस दादासा (पापाजी) जाय जगाय, कुंवर हठ क्यूं रे लागा, दादासा खरचोनी लाख दो लाख, ते जणलावो लीलड़ीजी, गोड़ी ने दाल चंणारी चबावो, बलवंती में बल गणों, जी, गोड़ी ने रूपारी कुंड्या पाणी पावो, रूपारी नें रूप घणोंजी गोड़ी ने नागरवेल रापान चबावो, रसीली में रस घणेंजी, गोड़ी रे रेशम रा पड़दा तणावो, लजारूतो लाजां मरेजी, गोड़ी ने सेलडीरा वाड़ चबावो, रसीली में रस घणोजी, इस प्रकार सब परिवार वालों के नाम लेकर कहना,

घोड़ी

इसी प्रकार सब गहनां कहनां, बखारा करना नानालालजी कुंजो देसांजी रसभर्यो,

1 बुधवार आणों,

कृष्णजी आणो लेवा आया दिनानाथ, आया सुसरासारी पोर, दिनानाथ, राधा प्यारी हो जावोनी तैयार,

    • माथो जो नायो राधा, स्नान जो कीदा, पेर्यो से तेल फुलेल, राधा प्यारी हो जावोजी तैयार
    • लेंगो जो परर्यो राधा, कांचली जो पेरी, ओड्यो से दखणी रो चीर, राधा प्यारी होई जावोजी तैयार,
    • शीश गूंथायो राधा, पट्टियां जो पाड़ी, मोलीयनसूं भरली सारी मांग,...... राधा.....
    • बिंदबली जो दीदी, राधा सूरमों जो सार्यो, हार दियाजी ररकाय, राधा.....
    • मेहंदी जो दीदी, राधा गेणलां जो पेर्या, झटपट हो गया लार, बेटी मारी मती जावोजी..
    • बुधवार, माताजी वरजे, वारां पिताजी वरजे, वरजे वांरो सोई परिवार, बेटी मारी मती जावोजी बुधवार.त...
    • वीरासा वरजे, वारी भावज वरजे, वरजे वारी बेन्या बाईरो साथ बेन्या मारी मति, जावोजी बुधवार....
    • थें क्यूं वरजो वीरासामास, थें क्यूं वरजो भावज मारा, नहीं रे मानेगा दिनानाथ, बेन्या मारी मती जावोजी बुधवार....
    • बीना तीलक रो जोशी जो मिलियो, शुकन हुआ, बशोष, बेटी मारी मति जावोजी बुधवार....
    • खाली हाथ पाणीहारी जो मिली, कालो कलशो वारे हाथ बेटी मारी मती जावोजी बुधवार....
    • वाराजी कोष ऊपर वन आयो, राधाजी नेनिरसां लागी दिनानाथ, गोरी मारी जब जाण्योजी बुधवार....
    • गेरीजो छायां बड़लारी आई, राधाजी तो सूत खूंटी तांण, राधाजी ने डसग्यो कालो नाग, राधा मेतो अब जाण्यो जी बुधवार....
    • कृष्ण कदम चढ़ी चीखजो पाड़ी, गुवाल्या ने लिया है बुलाय, राधा मारी अब जाण्यो जी बुधवार.....
    • चंदन लकड़ी तुरंत कटावो, राधाजी रो दाग कराग, गोरी मारी अब जाण्यो ए बुधवार....
    • घरे जो गया वारी माताजी पूछे, क्यूं नहीं लायो राधानार, बेटा मारा क्यूं लायोजी बुधवार....
    • घर जो लिपिया, मारा आंगणां जो लिपिया, नहीं रे फिरी राधानार, बेटा मारा क्यूं लायोजी बुधवार,
    • लापसी जो रांधी, मेंतो चांवल कीदा, नहीं रे जिमी राधानार, नहीं लागी सासूजी रे पांव, बेटा मारा कटे रे मनाई राधानार बेटा मारा क्यूं.....
    • ऊंचा चढीने देखो मारी माता, स्वर्ग गई राधा नार, माता मारी अब जाण्यो जी बुधवार....
    • कोरो ने कोरो जी कलशों, तुरंत मंगावो, शुद्ध गंगा, जमनाजी रो जल मंगावो, राधाजी रो दो छंटकार करड़ मरड़ राजी उठीया, लागा सासूजी रे पांव,
    • गांव डिडोरा पिटावो मारा काना, सभी रे मानेगा बुधवार, बेटामारा क्यूं लायो जी बुधवार, बेन बेटी ने कोई मती मेलो, बुधवार, माता मारी अब जाण्योजी बुधवार.......

    कॉपी नंबर 4
    पूर्वजारो कमरास

    नानीसी तराई में नीर गणोए मोरी सैंया, सैंया जेठ ओबरा पूर्वज सांपड़ेजी, सांपड्या धुपड़या पूर्वजा ने, दीजो कमरास मोरी सैंया, दीजोरे संतोष मोरी सैंया, तराई रो पाणी ए सैंया अन्तेधणोजी,
    नानासा कण्डया मांय, कपड़ा गणा ए मोरी सैंया,
    नानासा डबा मांय, गणेला गणा ए मोरी सैंया,
    जठेओ बार पूर्वज पेरसीजी, जठेओ बारा पूर्वज ओढ़सीजी, पेरया ओढ़या पूरवजा ने, दीजो रे संतोष, मोरी सैंया, डब्बा रा गेणला सैंया, अन्तेघणोज, नानीसी पींगणी में कंकू घणो ए मोरी सैंया, घी रा घणो ए मोरी सैंया, जठेओ बारा पूर्वज परूजसी जी, पूज्या पात्या पूरवजा ने, बीजो रे संतोष मोरी सैंया, बीजा रे कमलास मोरी सैंया पींगाणी रो कंकू ए, सैंया अन्तघणोजी, नानीसी तुलड़ी मांय, लापसी घणी ए मोरी सैंया जेठओ वारा पूर्वज जीमरो जी, जीम्मा चूत्या पूर्वजा ने...... तुलड़ी री लापसी सैंया अन्तेघणीजी, चुड़ले तो गालो पलाणे, करणसिंहसा ओ, पदोमान साओ तेजसिंहसा ओ, मनोसिंहसा अपरा देवताने पूर पेताय दोजी, पोचायां पूर्वजा ने वीजो रे कम सैंया वीजा रे संतोष मोरी सैंया, वासो ने वराजो मरवे मोगरे जी, सरवर जाय चरू भरयोजी,

    अस्सी नब्बे की डोकरिया लड़ने में तगड़ी तगड़ी

    1. बहु बिचारी चाय बनाए, पीछे पीछे सासु जाए, उसकी दूध में नजरिया, लड़ने में तगड़ी,
    2. बहु बिचारी झाड़ लगाए, पीछे पीछे सासु जाए, उसकी कोने में नजरिया, लड़ने में तगड़ी,
    3. बहु बिचारी खाना बनाए, पीछे पीछे सासु जाए, उसकी घी में नजरिया, लड़ने में तगड़ी,
    4. बहु बिचारी कपड़े धोए, पीछे पीछे सासु जाए, उसकी साबुन में नजरिया, लड़ने में तगड़ी,

    मैं सपूती सतवंती सबा ने लीदा ठकाणे ठकाणे

    1. सुसरासा मारा यु केवे बहु, खाणों बनावो के नही, सा सासूजी मारा यू केवे बहु खाणो बनावो के नहीं सा, सुसरासा ने बांध्या बेलनरे, सासुजी ने बांध्या चकलोटे, सुसरासा नाचे बेतनरे, सासुजी नाचे चकलोटे, मैं सपूती सतवंती.......
    2. जेठ्या मारा यू केवे बहु, पानी भरो के नहींसा, भाभीसा मारा यू केवे बहु पानी भरो के नहीं सा, जेठरा ने बांध्या बाल्टी रे, भाभीसा ने बांध्या बेवड़ा रे, जेठसा नाचे बाल्टी रे भाभीसा नाचे बेवड़ा, रे मैं सपूती सतवंती...
    3. देवरसा मारा यूं कहे भाभी, बाशिन्दो करो के नहीं सा, देराणी मारी यू कहे भाभीसा सफाई करो के, नहीं सा, देवरसा ने बांध्यो टोपला रे, देराणी ने बांध्या झाडू रे, देवरसा नाचे टोपला रे, देराणी नाचे झाडू रे, मैं सपूती सतवंती.....
    4. नंणदोईसा मारा यू कहे के, खाणो परांसो के नहीं सा, बाईसा मार यू कहे के खाणो परोसो के नहीं सा, नंणदोईसा ने बांध्या थाली रे, बाईसाने बांध्या चम्मच रे, नंणदोईसा नाचे थाली रे, बाईसा नाचे चम्मच रे, मैं सपूती सतवंती सबा ने लीदा ठकाणे....

    बेंगन

    उदयजीपुर सु मालण आयी, काला वाला बेंगन लाईसा,
    कोई तोलेवे सेर दुसेरी लालसा लाय पंसेरी सा,
    उस बेंगन को काटन बेठी, लालसातोत तो टेढा टेढा नारेसा,
    उस बेंगन को छमकावन बेठी लालसा कीदी किलकारी सा,
    उदयजीपुर सु मालण....
    पतला जो पतला फूलका पोया बेंगन की तरकारी सा,
    उस बेंगन को परोसन लागी, लालसा को उंगली मरोड़ीसा,
    दोड्या जो दोड़याभाई कबे गया, आपकी लुगाई मन मार्या सा,
    पाछा जो आयआ भाईसाने लाया,
    अब तेरी सीस उतारूंगा,
    पेला जो आपके भाई ने पूछो,
    पछे मारी सीस उतारो सा,

    कालाराजन

    सास हमारो नवंरगी, राजन काला क्यूं जाया जाया,
    मैं अपने पूछओ जी मारी सासूजी, जेठसा बार आपने क्या खाया,
    लड्डू खाके खाया ए लाड़ली, इसलीये जेठसा गोरा है, सास हमारी नवरंगी....
    मैं अपने पूछू ओजी मारा सासूजी, देवरसा की बार अपने क्या खाया,
    पेड़ा खाके जाया ए लाड़ली, इसलिये देवर गोरा है सास हमारी नवरंगी....
    मैं आपने पूछ ओजी मारा सासूजी, बाईसा की बार अपने क्या खाया,
    घेवर खाकर जाया ए लाड़ली, इसलिए बाइसा गोरा है, सास हमारी नवरंगी.....
    मैं अपने पूछु ओजी मारा सासूजी, राजन बार अपने क्या खाया,
    जामून खाके जाया ए लाड़ली, इसलिए राजन काला है,
    सास हमारी नवरंगी राजन काला क्यूं जाया।

    भैंस्या रो दूध

    भूरी भूरी भूरकियां रो, दूध मीठो लागे सा,
    दूध मिनखिया पी गई, भोजाया गारया काठे सा,
    वरजो वरजो वीरा माखड़ी, माने गार्या काढे सा,
    वी लीदो घोषणों, भोजाई लीदो मूसरो सा,
    घर में होई ग्यो घामाधीमो, बारणे मोरया नाचे सा,
    मोर जाणे ढोल गाजे, धीमा धीमा नाचे सा,
    तु तो मांग नंणदल मांग, तेरा दिल चाहे जो मांग,
    कपड़ा तो मत मांग नंणदल, अलमारी श्रृंगार, कपड़ो में से
    ब्लाउज दूंगी, आस्तीन देउंगी निकाल,
    तुं तो मांग नणदल.....
    बर्तन तो मत मांग नंणदल, रसोई रो श्रृंगार, बर्तन में से तपेली
    दूंगी पेंदा लूंगी निकाल,
    तु तो मांग नंणदल....
    भाई तो मती मांग नंणदल, मारो श्रृंगार, भाई में से देवर दूंगी
    आत्मा दूंगी निकाल,
    तु तो मांग नंणदल.....
    तुं तो मांग नंणदल मांग, तेरा दिल चाहे जो मांग,
    सीरक मती मांग नंणदल गादी मती मांग, मारा सेंजा रो श्रृंगार,
    तेरा दील चाहे जो मांग, सेंजा में से तकीया दूगी रूई लूंगी निकाल,
    सुंती मांग नांदल मांग, तेरा दील चाहे जो मांग,

    लड़ोमती सासू

    अपतो लड़ो मती सासू अलग करी दो. 2
    अपरा कपड़ा अर लो, अपरी साड़ीयां अरी लो,
    मेरे बाप का माईरा, मेरे आगे कर दो,
    अपतो लड़ो मती,......
    अपरा बर्तन अरा लो, अपरा भांडा अरा लो,
    मेरे बाप का डायचा, मेरे आगे कर दो,
    अपतो लड़ो मती......
    अपरा बेटा अरा लो, अपनी बेटियां अरी लो,
    मेरे बाप को जवाई, मेरे आगे कर दो,
    अपतो लड़ो मती.....

    बिच्छू ख्याल

    पावां सू चढि़यों मारे, अलल जनावर सा, हो केशरिया दोड़ो रे,
    हां पातलिया दोड़ारे, हां के मूंतो मरूंगी तो करूंगी खराबी रे,
    हां के मूंतो जीवूंगी तो बाटूंगी जलेबी, रे हां के मारे वैधजी ने
    जल्दी बुलाओ रे, पीन्डाय सूं चढ़ियो मारे अलल जनावरस, हां केशरिया......
    सूसरासाने जल्दी बुलावोसा....
    इस प्रकार गुटना जंघा, कमर, हाथ, सिर, तक चढ़कर वापस, सिर, हाथ, कमर, जंघा, गुटना, पिन्डाया, पांव, तक चढ़काकर वापस उतारना जरूरी है।
    इसी प्रकार देवर, नंणदोईसा, शायबशा, को बुलाओ हां केशरिया दोड़ो रे धके पातलिया दोड़ोरे माथा सूं उतर्या मारे अलल जनावरसा नागण हाय रे मारा सुसरासा रे, कुड़े नागण व्यानी, सा हाय रे में तो जसी उठी वसी पाण्यो चालीसा, हाय रे में तो घडलो भरन्ता नागण खादी सा, हाय रे मारा सुसरासा ने जल्दी बुलावोसा, हाय रे मारा सुसरासा रो जाड्यो दुणो चढ़ ग्यो सा,
    हाय मारा जेठसा, देवरसा, नंणदोई सा, को झाड़ये दूंणों चढ़ ग्यो, सा हायरे मारा शायबासा ने जल्दी बुलाओ सा, हायरे मारा शायबसा रो झाड़्यो जल्दी उतर्यो सा,

    खेल रो गीत

    ऊंची सी मेड़ी ओवरा, जठे सांप वलेटा खायरे भई कुण जाय सूवाने, करणसिंहसा वारी लूंटड़ी जी वामस्तानी नार, रा भई वा मस्तानी नार, रे भई वाजा सूवाने, करणसिंहसा लाया भूंगड़ा, कांई लाया मुट्ठी रे मांय, रे भई कीरण जोती, खांई ग्यारे करणसिंहसा लाया लाडू पेड़ा लाया जेबा में गाल रा वी लाया बगल में छिपाय, सुंदर गटकाई गी रे, वांरी गोरी गट कांई गी सां,

    बिच्छू

    कटे सूती ओ, कटे सूती चंदा वरणी नार, कटेओ बिछू खाई गयोसा, 2, मेलां सूती ओ मेलां सूती बाईसारा वीर, गोरवा ओ बिछू खाई ग्योसा, कटे खादो ओ, कटे खादो चंदा वरणी नार, कटे ओ बिछू खाई गयोसा, हां हांरे कटेओ बिछू अंगूली खादो 2 बाईसा रा वीर पूंछा ओ बिछू चढ़ गयोसा, वारे पोंछा ओ बिछू चढ़ी गयो सा, वैद बुलावओ 2 चंदा वरणी नार, गोरी री आशा में करां जीवावारे गोरी री आशा में करारे, रूपया मांगे ओ रूपया मांगे बाईसारा वीर, मोयर मांगे वेदड़ो जी, हां हांरे मोयर मांगे वैधड़ोजी, रूपया देसां ओ, रूपया देसां चंदा वरणी नार, मोयर देसा वैधड़ो जीवावारे मोयर देसां वेधड़ो जी, सराणे बाठा ओ सराणे बैठा बाईसारा वीर, पंगाते बैठो वैधड़ो जी, वावारे पंगाते बैठो वैधड़ा जी, नाड़ी देखे ओ नाड़ी देखे बाईसारा वीर, गौरी की आशा मती करो सा हां हांरे गौरी की आशा मती करो सा, रोवा लागाओ, रोवा लागा बाईसा रा वीर, आंसू के पूछें वैधड़ो जी, हां हांरे आंसू तो पूछे वैधड़ो जी, मती रोवो हो मती रोवो बाईसा रा वीर, मैतो अपसूं छल कीदासा वावारे मैं तो आपसूं छलकीदा

    खेल रो गीत

    आज ओ सासूजी, लीली तरकारी आई, जटसूं सासूजी खोर्या बाजरो लो लीदो तो लीली तरकारी रे भरोसे लायारे धतूरो, तो लाय लवाईने ओ सासू कतर जो लिदो, तो कतर कतराई ने ओ सासू धमकजो दीदो, ओरा ने मेल्या सासू ठंडा ठंडा फूलका, तो बहूवड़ने मेल्या ओ सासू ताजा ताजा फूलका, जीमत जीमत बहूने नींदरा जो आई, तो मेलां जायने पोड़ो अम्बा सजना री लड़की, बारा बारा वरसां से पिऊ कर आया, तो कहे गई ओ अम्बा सजना री लड़की, माता सूं मिनीयो वांरी बेना सूं मिलीयो, तो नहीं दिसेओ अम्बा, सजना री लड़की ऊंची सी मेड़ीने लाल कींवाडी, तो मेलां जाई पोड्या अम्बा सजना री लड़की, जटसूं लाल वीतो मेलां में गया, तो मरी पड़ी अम्बा सजनारी लड़की, चंदन रूक जल्दी कटावो, नारेल सूं दाग करावो अम्बां सजना री लड़की,


    पणिहारीजी

    कुंणीसा खुदाया कुवा वावड़ी पणिहारी जीओ मिरमा नेणी जी 2
    कुनीसा खुदाया, तलाब वालाओ 2
    सुसरासा खुदाया कुवा वावड़ी, पणिहारी जी ओ मिरगा नेणीजी
    ओ राज, जेठसा बंधाया रे तलाव, वाला जो 2
    सात सहेल्या झूमके पणिहारी जी ओ राज, निरगा मेणीजी ओ
    राज बहुवड़ पनिया जाय, पणिहारी
    परंनट पर बेटो परदेशी डावड़ो, पणिहारी जी ओ राज पूछे तो
    मनड़ा रा वात वात्या जी
    सगरी सखिदा रे मेहन्दी राचनी पणिहारी जी मिरगा नेणी जो
    ओ राज, थाणां तो धारो धोरा हाथा, पणिहारी
    सगरी सखीयां रे ओढंण चूंदड़ी, 2 थाणे तो मेला वेश, पणिहारी जी
    सगरी सखियां रा पिबजी घरे वसे पणिहारी जी ओ राज,
    परदेशी जी ओ राज, मारा पिऊ परदेश परदेशीजी,
    सगरी सखिया रे काजल रेख में पणिहारी जी ओ राज, मीरगा
    नेणी जी ओ रांज थाणें तो लूखा लूखा नेण, पणिहारी जी
    सगरी सखिनां रे ललवट टीलड़ी, पणिहारी जी ओ राज,
    मिरगदा नेणीओ ओ राज थाणें तो सूनी ललाड़ पणिहारी जी,
    सगरी सखियां रा पिऊजी घणां वसे परदेशी जी ओ राज,
    मारा पिऊ परदेश परदेशीजी,
    चालो तो लादां ले चलूं पणिहारी जी ओ राज, मिरगा नेणीजी
    ओ राज, राज पणिहारीजी
    लारा चालूं तो लाजे पीयर सासरो, परदेशीजी ओ राज 2
    लाजे मांय मृसांल परदेशीजी, लाजे वो जरणी रो थान,
    धोई जंकोरी मर्यो बवेड़ों पणिहारही जी ओराज, मिरगा नेणीजी
    ओ राज, लीदी या घर री वाट पणिहारी जी,
    बेदड़ो उतार्या चानण चौक में, पणिहारी जी ओ राज, मिरगा
    नैणीजी ओ राज, लागा सासूजी रे पांव, पणिहारीजी,
    सगरी सखीयां तो घरां आई गई, मारा बहूवड़ ओ राज 2,
    था कटे लगाई अतरी देर, पणिहारी जी, (बहूवड़जी)
    परंगट पर बैठो परदेशी डावड़ो, मारा सासूजी ओ राज 2,
    पूछे जिवड़ा री वात, सासूजी

    कुंणी सा सरीख लम्बा पातला, मारा बहूजी ओराज 2,
    कुणीं सा रे उणीहार बहूवड़जी 2,
    जेठसा सरीखा लम्बा पातला, मारा सासूजी ओ राज 2,
    बाईसा रे उणीयार सासूजी 2,
    बितो थारा घर वारा, मारा बहुजी ओराज, मारा बहुजी ओ राज,
    वीतो थारां भरद्वार बहुवड़जी,
    उबा रिजो परदेशी ऊबारिजो, मैं ही आवा थांरे लार, परदेशीजी,
    लारां चालो तो लाजे पीयर सासरो, पणिहारीजी ओराज,
    लाजे मांय मुसार, पणिहारीजी, (लाजे जरणी रो थान),
    हब धाति ऊबके परदेशीजी ओ राज, 2 छूटी आंसूड़ा री धार,
    परदेशीजी, लिदातो हिवड़े लगाय, पणिहारी जी,


    वंदोरो

    बन्दोरो केणो है, ओसा तेजसिंहसा रो घर कटेसा, यो यो है ओसा मूं बीन्दने वन्दोरा दुवाआईसा, बेठो आबो थाणे खाणां में वीन्दरे वाते कई करोगा, एक पूनम रो खाटू, बीजी पूनमरो लापू, ने तेजी पूनम रो चोखूं बेजोड़ रोट्या पोई ने, ऊपर हूंवाली हूंवाली लीलीलीली रेशमी आवेगी, अस्यो तो मारो वीन्दनी खावे, थारो तो वीन्द नखरारो, वाएक, गीत गाई जावो, बनो गावो बनो (जांटण गीत गाती है) ढांगरो बैठती है फिर वनड़ाजी ओ, ऊबी थी हरण्या में, जीव परण्या में जी ओढ़ी, बनड़ा जी ओ माया मैं वतराया, चवर्या में लाल रोया जी ओढी,.....
    ओ बनड़ीजी ओ, लाला किसका रोया जी ओ......ओ बनड़ा जी ओ, लाला हमारा रोया जी ओढ़ी,.......
    पगे लागे तो धमक धमक, नाक लाम्बो घूंघटो राखीने, माण्डावारा रो घर कटेसा, मारे वन्दोरो केंवणों हैं, मारे छोरारा बापू क्यों के वहां हाजी बारे वन्दोरो केनो, है जो थूं जाईने कई आवजे, जो मूं घरनी जाणूं कस्यों, यो, यो, य़ो,


    मालण

    ए मालण तेरे टोपले में क्या क्या लायी, आलू लाई बेंगन लाई है कि नहीं, ए मालन वर्द्धमान जी वारी थारे कई लागे भिन्डी लाई लेना है कि नहीं, थारी कहूं लोग भाभीसा, भाभीसा लागे जेठ की लुगाई लागे, झगलियां टोपी लाई मालूम हावे नहीं, ऐ मालन टोपला......
    ए मालण मनोहरसिंह जी वारी कई लागे देरानी लागे, देराणी लागे, देवर की लुगाई लागे, झगलिया टोपी लाई जिकी मालूम के की नहीं, ए मालण इतनी जोरसूं कांई बोले,


    जापारा गीत
    अजदमों राती डांडीरो

    सुसरासा मारा चतरसुजान, जणा राती डांडीरो अजमों वावीयो, मालीड़ो मारो चतरसुजान, जणा राती डांडीरो अजमो खोदीयो, (नीदीयो, काटीयो,) देवरसा मारा चतरसुजान, जणा छाजेओ बैठ सुखावियो, सासूजी मारा चतुरसुजान, जणा सुपड़े नाखीने अजमो सोरम्यो, भाभीसा मारा चतरसुजान, जणा जणा ऊंखला में गालीने खांडीयो, देराणी मारी चतरसुजान, जणां लछपछ लाडू सांधियां, पेला लाडू मारा दाई माई रो नेक, जणां आदता ओ दीनड़ जेलिया, राजीन्दाओ दूजो लाडू मारा मालीड़ा रोनेक, जगणाराती डांडीरो ठअजमो वावीयो, लाडूमारा देवर सारोनेक जणां राती डांडीरो अजमा लावीया, 4 लाडूमारा बाईसारो नेक, जणां छाजाओ बैठ सुखावियो, राजीन्दाओ 5 लाडू मारा सासूजीरो नेक, जणां सपूड़ा गालीने अजमों सोरमयो, राजीन्दाओ 6 लाडू मारां भाभोसारो नेक जणां मार डमाछम खांडीयो राजीन्दाओ 7 लाडू मारा देराणी रो नेक जणां जटपट लाडू सांधीया राजीन्दाओ 8 लाडू मारो नेक मेतो दोही पीड़ा सूं नंदलाल जाविया राजीन्दाओ खेरोखारो अपरो नेक जणां दोई मील रतन उपजावियो ।


    वड़ी करवा की वरद

    शाय राजा जी तुम चमरा मोलावो, 2 तुम घर वरद उतावलीं, शाय बहु लड्या, तुम वड़ीए देवावो, तुम घर वरद उतावली, वाठको जो लेई बाई भुवासा, आया वेन्या ओ आया, (बेना का नाम लेना,) गालोनी भावज माने सारणों, बड़ी ए बड़ी आपरा भाई जो जीम्या, भतीजा जीम्या, कुंवर जीम्या, जोर जीम्या अपरी कुल वऊ, कुकर धोया तपेला जो धोया, .. मेल्या पटसार मेल्या, धोवण धावण नाली में डालदीयो, त्यूं रे आया ज्यूंही जावजो,
    पन्नाबाई पापड़ बटवा जाय,


    मोरत रा गीत
    मूंग हाथ, वरद


    राजा वरदड़ली रे सवाई ओ लागे, मारे चारी ओ राज बुलावजो, राजा, कोटा बूंदीरा ने उदीयाजोपुर रा, मारे रात राणा ने बुलावजो, राजा चारों ही राजा मारे आंगन ऊबा, तो बरदक दिसे, ररीयामणी, राजा वरदड़ली रे सवाई ओ लागे, मारे चारों ही देवबुलावजो, राजा रिषभदेव, नेमानाथ, मारे महावीर, शान्तीनाथ, बुलावजो, राजा चारों ही देवमारे आंगन ऊबा, तो अबेमारी वरदररीयाणी, राजा वरदड़लीरे साईओ लागे, मारे चारों ही वीर बुलावजो, राजा काका बाबाराने मामा भुवारा, मारे सासूरा जाया बुलावजो, राजा चारों ही वीर  मारे आंगन ऊबा, तो अबे मारी वरदररीया मणी, राजा वरदड़ली रे सवाई ओ लागे, मोर चार ही बेन बुलावजो, राजा काका बाबारी ने मामा भुवारी, मारे सासूरी जाई बुलावजो, राजा चारों ही बेन मारे आंगन ऊबी, तो अबे मारी वरदररीयामणी, राजा वरदड़ली रेसवाई ओ लागे, मारे चारों ही वाजा वजावजो, राजा ढोल नगाराने ओर शरणाई, मारे झालर वेग वजावजो, राजा चारों ही वाजा मारे आंगन वाज्या, तो अबे मारी वरदररीयामाणी, राजा वरदड़ली रे सवाई ओ लागे, मारे चारों ही वेश रंगावजो, राजा लाडू पेड़ा ने, सरस जलेबी, मारे बोरा ओ रसरी लापसी, राजा चारों ही भात मारे आंगन जीम्या, तो अबे मारी वरद ररीयामणी, राजा वरदड़ली रे सवाई जो लागे, मारे चारों ही जमाई बुलाब जो, राजा सगा सोई रा ने, व्याई सगारा मारे जमाया का नाम लेना, राजा भान्ड भवाई ने करेरे वड़ाई, मारे भान्डाने बचको भांगरो,
    वरद, रणतभमर
    एक रणतभमर सूं, आवो वन्यायक, करो अणं चीन्तीवरदड़ी, एक ओरांरी वरज जण जावो वन्याक, फलाणा लालसारी वरद उतावरी, यहां अपने घरवालों के नाम लेना है। एक ओर वन्यायक पारा नूं चाले, गाड़ी गोड़ा री अड़ करे, एक ओर वन्याकलूको नीजीमें घी गडूला री अड़ करे, एक ओर वन्यायक फीकोनू जीमें गुड़ शक्कर री अड़ करे, ओर वन्यायक आंगने नी बैठे पाटोल्या री अड़ करे, एक ओर वन्यायक आंगने नी पोड़े ढोल्या सीरख री अड़ करे, एक ओर वन्यायक कुंवारा जी रेवे, लाड़लड़ीरी अड़ करे, एक एक कोतलड़ी जस देवो वन्यायक का लाड़ला रा बापने, एक जीभड़लि जस देवो वन्यायक लाड़ली री मांय ने, एक डूंज वाईरा ने पवन पाणी इतरी तो रक्षा गणपत थे करो, एक वधजो ओ लाड़ी चीर तुमारो, एक पीयर दूजो सासरो, एक वधजो ओ लाड़ा गोत तुम्हारी दूजो राईवररो सेवरो, एक पापड़ वधजो जेठा ओ जेठा, वडी़ओ वदजो मोकरी, एक मूंग वदजो कटा ओ कटा चांवल वधजो मोकला, एक गुड़ जो वधजो भेल्या ओ भेल्या, शक्कर वधजो बोरीयां, एक घीय वधजो डाब्बा ओ डाब्बां तेल, वधजो सिधाड़ा, एक खाजा री खड़क वधावो वन्यायक, दाल वधजो मोकरी, एक लाडू ओ वधजो टोपला ओ टोपला, पूरीया ओ वधजो मोकरी, एक सेव वधजो टपारा ओ टपारा, पतासी वधजो मोकरी, एक पेलो ने वासो वसे कांकड़, कांकड़ में खरीया जुकाविया, दूजो ने वासो वसे ओ वागा, मालीड़ो फूल वंदावसी, तीजो तो वासो वसे ओ गोईरे, गवार्या रो नेक चूकावसी, पांचमों तो वासो वसे ओ सेर्या, सहेल्या वीन्द वकाणसी, छठो तो वासो वसे ओ समेरे, समेरारी सोपारी वंटावजो, सातमों तो वासो वसे ओ तोरण, तोरीडो तोरण वंदावसी, आठमों तो वासो वसे ओ चवर्या, चवर्या में चंवर ढोरावसी, नमो तो वासो वसे ओ माया, माया में मंगल गवावसी, एक बेन बंदेई ने वेग बुलावो, बोरोसो रंग वंटावजो, एक भाणियो जो गणियो जोशी बुलावो, हरखूसूं हथलेवा जोड़ावजो, एक पेलो ने फेरो फर्यो वन्यायक, दादासा हाथ छोड़ावसी, इसी प्रकार सात फेरा में परिवार वालों के नाम लेना।

    कामण 1

    अरगज कांकण, अरगज मोती, सोनो गढ़ेरे सूरज जीरी जोड़ी, अतरो तो पेरी लाड़ी, चोक जो बैठी, हरता जो फरता बाईरा सूसरासा बोल्या, थांणी रा दादासा दियेड़ी तुमारी, पछेराया कुल वऊं हुई रे हमारी, थाणी काका भतीजा, थाणी फोफासा भतीजी, थांणी मामासा भाणेजा, तुम्हारी पछेरा या भाणेजाबहू काक्या बहू, भतीता बहू, साला बहू हुई रे हमारी, इसी प्रकार घरवालों के नाम लेना है, सुसराल वालों की बहू कहना है। गीत को बढ़ाना है,

    कामण सुहाग 2

    लाड़ी दादासारी पोर्या, सुवाग मांगन चाली, दादीसा दोनी सुवाग, काजल टीली रो सुहाग, मेन्दी लच्छारों सुहाग, इन्दली बींदली रो सुहाग, चुड़ला चुंदड़रो सुहाग, ए मां मैं क्या जानू कामण ऐसा गोल गोल,

    कामण 3

    दादासारा ऊंचा नीचा मेल, पाना ओ फूलां छाईरया जी, लाओ लाओ थाली भरी मोती, पसेभर लालारी जी, ओजी दीजो अणा राईवर रे हाथ, छोड़े ओ मारो बारणों जी, काई करां थाली भर्या मोती, पसे भरलाललारी जी, ओ जी जी परणां पापाजी री दीयड्या, जदी ओ घोड़ा बारणों जी, ओजी परणां मामासा री भाणेजा, वीरासा री बेन्या, ओजी परणा बेनोईसारी साल्या, जदी ओ छोड़ा बारणों, जी (इसी प्रकार सबका नाम लेना, परिवार वालों का)

    कामण 4

    जब राई वर जब काकड़ आया, कांई काकड़ राजा कांकड़, कामण कणी कीया, मारा जोड़ी रा बनड़ा पर कामण काणी कीया, मारा रेशम रा रेजा पर कामण कणीं कीया, बरछी रा फूंदा पर कामण कणीं कीया, जब राई वर जब धोई रे पदार्या, वागा पदार्या, परंगट पदार्या, सेरर्या पदार्या, तोरण पदार्या, माया पदार्या, चवरे पदार्या, उसी प्रकार ऊपर का कड़ावा वापस बोलते जाना,

    कामण 5

    लाड़ी री माता दाल दले से उड़दारी, लाड़ी री काक्या दाल दले से उड़दारी, थे उड़द मूंग सब दरलो, सुहाग कामण करलो, ई कामण लागा टले, सुहाग लागा पल्ले, (इसी प्रकार परिवारवालों को कहना)

    कामण 6

    पाव की पंसेरी वनादूं, कागज का दोई चेरासा, मंडप निचे तोल कराई दूं, जान्या ने तुलवा दूंसा, बनी रा सुसरासाने तोल्या 80 मण उतर्यासा, बेनीरा जेठसाने तोल्या 90 मणरा उतर्यासा, बनीरा देवरसाने तोल्या 70 मणरा उतर्यासा, जानक जान्या ने तोल्या, सौ सौमण रा उतर्यासा, बनीरा बनासाने तोल्या फूल बराबर उतर्यासा।

     

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