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(आभार राजस्थान पत्रिका)

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रवि पुरोहितजी

चन्दालाल चकवाला

छोटक्यां पै टोटक्या
(राजस्थानी व्यंग्य कविता संग्रै)

मंहगाई
देश सोर्यो छै
सारो देश ई रो र्यो छै
बेरोजगारी
छोखी छण री छै
धरम अर राजनीति
गरीबी सूं तरां
छोरा हाला का भाव
लाकड़ी सूं भट्टा तौड़ैगा
रावण खेत पै आ ग्या
बेटी पराई होवे छै
काश्मीर देद्यो
घूघरी
गंगाजी रो री छै
प्यार को राज
फाटा ने काई सी रयो छै
फोज मं भरती
जन्दगाणी सूं मत ऐंठ
सीलिगं की जमीन
तन सूं घटग्यो कपड़ो
छौटक्यां पै टोटक्या
शासण की जेवड़ी
भीखमंगो
घोर होर्यो छै
बाबो गानी कहर्यो छै
जुगत बठाण
म्हाको देश महान
बोलता का बूमला
बाड़ा ढाकैगी
बैंक हो र्या छै बोहरा
परदेशी बूलं
घोड़ा मै एड्स
कोल्हू का बैल होग्या
बैवड़ा की छण री छै
नेता सूं घबरावै छै
करसण भगवान गांव मै
घीसोड़ो होगी जन्दगी
सांवरां थारै कांई चढाऊं
शूल

मंहगाई

मंहगाई, बेलगाम की घोड़ी
ज्ये भागती ई जा री छै
सुख का सिगनल,
तोड़ती ई जा री छै
पण सबकै बत बा'र हो री छै
जाणै कतणआई तो भख ले री छै
नेता अर ब्योपार्या
को तो खजानो खूटग्यो
पण गरीब गरबा को
तो भाग ई फूटग्यो
अर सरकार देखल्यो,
रजाई ओढ र सो री छै
पण गरीब की टापरी तो
च्यारू मेर्या सू ई चौ री छै
अर अस्यांई ज्ये भागती री तो
जाणे कतणाई गरीबां की
सांसा का सिग्नल टूटै'गा
नेता अर बौपारी,
अरे गरीबी हटाबा हालाओ
देखे तो सरी
मंहगांई की धूंध,
छट री छै कै बढ री छै
पण थांकै तो मजो छै
यां ाून अस्यांई बणी रै
ता'कि हाथ न हाथ नै सू'जै
कफन, ताबूत, चारो
कस्यां पचायो,
या गरीब जनता नै पूछै
देश खाओ, मौज मनाओ,
कहबा हाला कै नाथ फोड़ो
लगाम बणाओ,
साता री रोटी खाओ
अर आपणी
सात पीढा तराओ।।

देश सोर्यो छै

यो म्हारो देश सोर्यो छै
कै जागर्यो छै
पतो ई कौनेो लागर्यो
म्हनै तो यो ारम अर
विदशीकरण की आग मांय
बलतो लागर्यो छै
राम सल्याई ठेला माय लादकै
स्वेदशी सन्त
विदेशी गाड़ी मांय भागर्यो छै
सबी आपणा स्वारथ की
खिछडी पकार्या छै
आज तो सााू सन्त बी
सत्ता का'ण ाूणी रमार्या छै
तुलसी की या चौपाई
"परहित सरिस ारम नही भाई"
अब तो चौपट होगी म्हारा भाई
आजकाल्ह तो
अपणी अपणी करो सगाई
अर पड़ौसी की
भल्याई मरो लुगाई
हाली ख्याणी हो री छै
पाड़ौसी सूं रक्सा बी खुद ही करो
येर रक्सा करबा की
हालत मै बी कोईनै
क्यूंकि यां सूं तो
यांकी रक्सा ई नै हो री
यांकी रक्साई कमाण्डो कर र्या छै
देखल्यो ई वजह सूं
काश्मीर मांय हजारू
निरदोस रोजीना मरर्या छै।।

सारो देश ई रो र्यो छै

अजी कै भाई साहब
यो कांई हो र्यो छै
म्हनै क्ही रे भायया
सारो देश ई रो'र्यो छै
फेर भी म्हाको नेतो ताज पहर'र,
नछक नींद में सो रयो छै
अर खाट पै
पड्यो पड्योई कह र्यो छै
अरे म्हारां राम जी
यो कांई हो र्यो छै
जाग्यो जद,
जद देश का टापरा पै
बेर्या नै बम्ब फोड़द्या
फेर बी उंगण नीदं मै
बना मुन्डो धोयाई
बना सतनुना सूं ई कह र्यो छै।
म्हां बी व्हांकै तांई
मुंह तौड़ जवाब देंगां
आज तांई तो मुन्डो कांई
छाती को एक बाल नै टूट्यो
व्हांकै तांई नुतो
दे दे र बुला र्या छै
अर कहता फर र्या छै
"परदशी बालम आओ नी
पधारो म्हांके देश।
बौपारी को भेश बणाके
लूटो जी म्हारो देश"
अरे, थां व्हाके ताँई नुतां दे र
क्यूं बुला र्या छै,
अर ई देश नै
दूजीबार क्यूं लुटा र्या छो
यां कसी क नीति बणाई छै
म्हारा देश में ज्ये घर का
पूत तो रोजी रोटी बना
रंडवा डोल र्या छै अर
परदेस्यांई बुला र
व्हाकां फेरा पाड र्या छै।।

बेरोजगारी

बेरोजगारां की देश मं
हो री छै रेलम पेल
बापडा डिग्राय ले र
गल्यां मं बेच र्या छै तेल
अर ई देश का
नेता सो र्या छै
काना में डाल'र तेल।।
जाणे तो आपणी सरकारी होगी
बिदेस्यां की रखैल
ज्ये व्हांकी धूंस
अर धमक्यां के सामै
खोल री छै नथ अर नकेल
ये नेता बिदेशी डालर का'ण
सुनचडी सा ई देश ई
शिकारयां का जाल मं
क्यूं र्या छै धकेल
कर रय्‌ा छै अपणा
घर ई खुशहाल
अर देश का मोट्यार
पेट भरबा का'ण
भिखारय्‌ा की नाई
गल्या में फर र्या छै।।
देश का नेता या
नौजवानां का हाथ को
निवालो कुसका'र
व्हांकी जान सू
खिलवाड़ क्यूं कर र्या छै
वां कै तांई फांसी का फंदा पै
लटकबा का'ण क्यूं
मजबूर कर र्या छै।।

छोखी छण री छै
एक दन म्हसूं
म्हारो भायलो बोल्यो
अजी कै भाई साहब
म्हारा ब्याव में
छोखी छण री छै नै
म्हंनै क्ही रे भाया
हाल तो थारा भाईजी की कमाई छै
जीसूं छोखी छण री छै।।
काल्ह जद नंगारा
थारां मोरा पै बाजैगा
जद बताउंगो कै छोखी
छण री छैकै, बण री छै।
तीन चार साल बाद मं
जद म्हां मिल्यां तो
म्हंने पूछी रै भायला
कसी क छण री छै।
वूं बोल्यो अजी कै
भआी साहब पूछो ई मती
म्हसूं तो घाडी बण री छै
अर व्हां राण्ड तो
हर साल ई डबल जण री छै
अर ई बात पै
म्हां दोन्यां मै ठण री छै
देश की आबादी तो पहल्याई
सौ करोड कै उपर होगी
अस्या जणैगी तो
आबा हाला पांच सालां मै
कांी भारत कै तांई चीन गणैगी
समय रै'तां थां सबी
सम्भल जाओ भाया
ज्ये नै सम्भल्या तो सबसूं ई
म्हारी नाई, अस्यांई बणैगी।।

धरम अर राजनीति
आजकाल धरम अर राजनीति मं
दंगल मांचर्यो छै।
हर कोई ई की टांगा पकड़ र
आपणा पाला मै खांच र्यो छै
और्यो गेर्यो अर गैलै चालतो बी
फाट्या में पग फांक र्यो छै
अर जाणै तो आपणो भाग
खुलबा को कागद बांछ र्यो छै
धरम का घ मांय
राजनीति असी घुसगी।
जाणे तो
परण्या पताया का घर मं
नातै करी लूगाई धंगसी।।
ज्ये रोज घर मै पंगा कर री छै
धरम अर मजहब का नांव पै
देश मांय दंगा करा री छै
राजनीति धम सूं
कह री छै के
बूढल्या तू ही छै
अब म्हारो आसरो
मन्दर छै म्हारो पीहर
अर मस्जिद छै म्हारो सासरो
म्हूं तो जन्दगी भर
थारी ही छताी पै मूंग दलूंगी
म्हारो कदी नै भरबा हालो पेट
गरीब को कदी नै सरै'गो कारज
म्हूं र्हूंगी ज्यां तांई
अमीर पलै'गो
गरीब अर निरदोस जलै'गो
पहली तो यो सारा देश बलैगो
वूंकै बाद ई म्हूं बलूंगी।।

गरीबी सूं तरां
म्हनै क्ही रै दादा
तू क्यूं दिमाग खपा र्यो छै
म्हसूं हल पै बलद् जुपा र्यो छै
आज जमानो बदल ग्यो छै
आपण बी तो बगत की
लारां लांरा अब तो बदला
क्हौं ताई बलदा की
पुछड्या मरोडैगां
बल्दा सूं खेती
अब होगी घणी पराणी
अब अबतो कुआं अर
तलावां का बी सूखग्या पाणी
जमीनां दन दन ई बट री छै
नपज घट री छै
कस्यां पैट तू पालैगो
कद तांई उधार्या
अर बोहराई टालैगो
अर तू कस्यां ई
भरया पूरा परवार की
मालगाड़ी नै खीछैगो
म्हारी मान अब आपण बी
अब तो गरीबी सू तंरां
नुवा नुवा तरीका सूं खेती बाड़ी करां
ताकि आपणी देख्या देख
सीखज्या करबो सब नुई खेती
अर सबका घरां मं आज्या
सबके ई उपज सायं सेती।।

छोरा हाला का भाव
हजार लड़का पै
आठ सौ छै लडक्यां
फेर बी लोग बागां को
हिरदा की न्हं खुल री खिड़क्या
हाल बी छोरा हाला का
बढता जा र्या छै भाव।
लगार्या छै घणा भाई तो
हाल बी मूछ्या कै ताव।।
सैहर होवै चाह्वे भल्याई गांव
सबका ई पड़र्या छै
उट पटांग पांव
आबा हाला बगत की
कोई नै बी कोई नै सुध
एक दन अस्यो बी आवैगो कै
रेवड्‌या की बी चैतैगी
वूंही दन मूछ्या हालाओ
कांई भाव बिकैगी
थांकी मूछ्या नीची हो जावैगी
आबा हालो बगत
आबो हालो बगत
छोर्या हाला को ई आवैगो
जद तांई छोरा वालो चारी नै देवैगो
तो वूंको छोरो जन्दगी भर
कुवांरो ई रोवैगो
ज्ये रण्डवो रै'वैगो वूंही
कुवांरा की
फौज मं भरती होवैगो।।

लाकड़ी सूं भट्टा तौड़ैगा
21 वी सदी कै बाद
अस्यो बी जमानो आवैगो जीमै
छोरा छोरी लाकड़ी सूं
भट्टा तौड़ैगा
अर ज्यै नै टूट्या तो फेर
मांई बापां का
करमटा ई फौड़ैगा
अर र्छूट्याई गाल्या खाड़ैगा
आज ई अजमा र देख ल्यो
दूध की डेरी पै खंधाओ
काईकिल ले'र जावैगा
दूध कै ताई गैला मै ई
नमटा र
घर नै पाछा आवैगा
अब थांई बताओ सरकार
कस्यां आबा हाली पीढी कै तांई
अपणा पैरा पै खड़ा करेगी
अर कस्यां यां को पैट भरैगी
ज्याकै मान सम्मान की
ठाम पै गुस्सो भर्यो छै
अर कलम की ठाम पै
जेब मांय तमन्चो धर्यो छै
अब बताओ
माई बाप यां ई पढावैगा कै
रोज रोज जेल सूं छूडावैगा
अर कस्यां यांही
पूढापो को सायरो बणावैगा
मार मार थां
यांही ढैगड़ै चढावैगा
तो ये बोर्या
थोड़ी ही उडावैगा।
खेत पै खंधावैगा
तो ख'लाणा मै जावैगा।।
दनभर चाय पान की
दुकानां पै ई भूर्या खावैगा
आढी उंली चीजा खा'र
नुवा नुवा रोग लगावैगा
अर भरी जवानी मै ई
बूढा हों जावैगा
अर घमा भाई तो
बाप कै पहल्याई
जनाजो व्हांका
कान्धा पै घर जावैगा।
अर थांई बताओ
जवान बेटा की
मौत को भारी सदमो
मांई बाप बूढापा मं
कस्यांण झेल पावैगा।।

रावण खेत पै आ ग्या
एक दन, रावण खेत पै आ ग्यो
अर, मुगंफल्या पाड़ र खा ग्यो
अर बोल्यो, ऐ दुष्ट ! रुखाला
जादा चपर चपर मत करज्यै
न्हं तो थारा बी
झरड़ा द्यूगों जाला,
म्हूं तो पेट भरलकै,
मूगंफ्लया खाउगो
अर बचेगी जीने
म्हारी लुगाई
खा'ण बी ले जाउगों
तू म्हारो बाल बी
बांको न्ह कर पावोग
कुणका दम पै तू
लंकापति रावण सूं टकरावैगो।
अर टकरा बी गयो तो
फेर थारा हाड फाला
गणबा कुण आवैगो।।
अरे, थाकां राम जी तो
अजोध्या मं ही
नजर बन्द हो ग्या।
अर मन्दर की आस में
ढैकला पै ई सो ग्या।।
अर व्हांकां नांव सूं
ये नेता अर साधु सन्त
कुरस्यां पै फिट हो ग्या
अरे रुखाला
खास वूं बगत,
रा जी की फौज में होता
ये नेत,ा साधू अर सन्त
तो म्हार ोआज
तांई बी न्हं होतो अन्त।
अर थांका राम जी बी
हो जाता परमानेन्ट सन्त।।

बेटी पराई होवे छै
बेटी तो पराई होवे छै
एक नै एक दन तो
सासरै जावै ई'गी
जीकै बेटो होवे छै वूं कै ई तो
बहू आवै गी
आता ई नुवां नुवां
साबण सूं न्हावैगी
सजबा धज्बा का'ण
ब्टूटी पारलर पै जावैगी,
डायजा मै धन लावैगी
तो धराणी बण जावैगी
कम डायोज लाई तो
नौकराणी बण जावैगी
नुई नुई लराडी नौ दन
बाद पराणी हो जावैगी
अड़ोस पड़ोस की बायरां
लाडी सूं मलबा आवैगी
डायजा का सामान देख र
ऊंची नीची हो जावैगी
कोर कसर रहगी तो
सासू का कान भर जावैगी
मुन्डो दखाई मै मुन्डों मरोड'र
काई नै कांई तो दे र जावैगी
कोई मीठी मीठी बातां कर र
छाने से क कसक जावैगी
जाता जात बहू के तांई
उल्टी सुल्टी पाटी पढा जावैगी
दूधा न्हा ज्ये पूतां फल ज्ये।
लाडी सूं कोराणी बण ज्ये
अर म्हांकी मानै तो लाडो
पैलीबैर तू बेटो ई जण ज्ये।

काश्मीर देद्यो
एक दन भारत अर पाकिस्तान का
नेता के बीच वारता हो री छी
पाकिस्तानी नेतो
भारत का नेता सूं बोल्यो
अगर थां कश्मीर छोड़द्यो तो
म्हां बी थाकै तांई
बहुत कुछ दे सकै छा
भारत को नेता बोल्यो
मियां क्यूं नतकेई म्हाकां
टापरा पै भाटा फांक र्या छै
अर आज म्हांका घ मै ई आ'र
गबूल्यां खांचं र्यो छै
तूं कांई बावुल्यो होर्यो छै कै
क्यूं म्हांकी हत्या
करवाबा लागर्यो छै
तूं कांई सारो
जगत जाणै छै कै म्‌ांने
कश्मीर पै शहीब होबा वाला
शहीदां का कफन ही नै छोड्या
तो कश्मीर कस्या ंछोड़ देगां
फेंर भी थांका ई
प्रस्ताव पै बच्यार करैगां
अर पांच साल तांई
म्हांकी सरकार री
अर हालात अस्यांई
बण्या र्या तो
अबकी बार कै तो
म्हां कश्मीर छोड़ देगां।
नै तो फेर थांका ई बी
म्हांका मांय जोड़ देगां।।

घूघरी
स्कूलां पै पढबा
वाला छोरा, छोरी
अब तो घूघरी खावैगा।
नेता अर सरकारी गधा
गंगा जी न्हावैगा।।
घूघरी की आड़ मैं
बंगला बणावैगा
नेता र अधिकारी,
घूघरी मं चवन्नी डकारै'गा
घूघरी की जगह
बदामा गलै उतारै'गा
घूघरी सूं ई
बुंद्धि को विकास होतो
तो बदामा सूं तो
दूणो विकास होतो
पण नेता की
अकल घांस चरबा'गी
सारी ईमानदारी
अर नैतिकता गर'गी
माट सा'ब आज सूं
थांकी यांई मजूरी छै
पढाबा सूं जादा स्कूल मं
घूघरी बणाबो जरुरी छै।।

गंगाजी रो री छै
लोग बाग कहर्या छै कै
गंगाजी बह री छै
म्ही तो असी लाग री छै कै
गंगा जी रो री छै
अर रोती रोती कह री छै
कहां ताई यां पाप्या का पाप धोऊं
अर यां ही क्हां ताई रोऊं
यांका पाप धोता धोता
यानै तोम ्‌हारी ज्यान ई ले ली
खुद तो होरया छै
बगला की नाई उजला
अर म्हारे थांई सबने ई
कर दी मैली
आधी काछी अर अधजली
मून्डक्या सूं भर दी म्हारी थली
अमीरां नै
फेक्टरयां की बुहा दी राब
बावली होगी यांनै
समझाती समझाती
अर म्हारी पाकगी छाती
ये कोरीबातां करै छै थाथी
अरे थां कहां तांई
गंगा माई का जयकारा लगावैगा।
अर कंहा तांई
झूठी कसमां खावैगा।।
जद थां म्हारा ई सगा नै होर्या
तो फेर कुणका सगा होवैगा
पण थां कान खोल र सूणल्यो
एक दन थां म्हारो नंव ले'र रोवैगा
जद म्हूं ई नै बचूंगी तो फेर
यां सौ करोड ई बचाबा खा'ण
भागीरथ कुण नै
भारत मं ले र आवैगा।।

प्यार को राज
रात मै एक माच्छर
म्हार कान माय आकै बोल्यो
अर प्यार रो राज खोल्यो
अर म्हसूं कहबा लाग्यो
यार म्हारी तो मजबूरी छै
म्हूं तो खूद ही परजीवी छूं
दूसरां को खून पीवूं छूं
्‌र अपणो जीवण जीवूं छूं
लोग म्हनै तो मार देवे छै
पण व्हां मोट्ठा मोट्ठा डासाई
कोई बी नै मारै
ज्ये सबको खून पी र्या छै
अर अपमओ घ भर र्या छै
देश कै ताई बरबाद कर र्या छै
चाल म्हारा यार
आज थारो बी करवा द्यूं प्यार
एक जणी हो री छै त्यार
प्यार ऊंकी मजबूरी छै
क्योकि पी'सा
हाला सूं ऊंकी दूरी छै
पी'सा हाला
का'ण तो वां छूरी छै
अमीरां अर नैता नै ई
ऊंको खानदान
बरबाद करर्यो छै
अर ऊं बच्यारी को
नावं छै गरीबी
तू ही ऊंकी
दरिदरता हटा सके छै
ऊंनै पटाकै घर बसा सके छै
पण एक शरत छै
तू कदी वूं सूं या
नेता की नाई
गरीबी हटाबा को
वादो मत कर ज्ये
नै तो वां
थसूं बी रुस ज्यागी।
अर बच्यारी ई
दुनयि सूं उठ ज्यागी।।

फाटा ने काई सी रयो छै
फाट्या नै कांई सी र्यो छै भाया
थैकलां लगा'र क्हां तांई
र्ढाक लैगो रै तू काया
थंसू कोसा दूर उस्यांई भाग री छै माया
क्यूं न्डोला की जिन्दगी जी रयो छै भाया
बिच्छू बण'र तू बी डंक मा'र
डैहर नै जैहर सू उ'तार
अर ई घीसौड़ा सी जन्दगी नै ता'र
सदा ई नै तो बण्यो रै'गो कं'गाल
सूख्यो ई पड्यो रै गौ थारो माल
पाणी मांगे तो तो गोल्यां मिलैगी।
अर थारा गांव की
गल्यां गल्या मं दारु मिलै'गी।।
सोच ले थारी आवाली
पीढी सूं कांई बणैगी
अस्या ऐन्धो, बहरो अर घूंघो बण्या तो
तू भूखो बासी ई मर ज्यागो
आज थारो झूपडो जल रयो छै
देखतां देखतां अस्यांई
कोई दन तू भी जल ज्यागो
तू जीने सतजूग समझ र चालर्यो छै
सबने सन्त मान रयो छै
या थरी सबसे बडी भूल छै
म्हारा भाई यो कलजूग छै
ज्यां साधू का भेस मं
लूटेरा लूट रया छै
कलजूग मं तो सबनै ई छोड दी पाल
आदमी ही आदमी कांण
बणा रयो छै छल कपट को जाल
कलजूग मं सब कालो ही कालो हो रयो छै
तू क्यूं अब तांई सो रयो छै
अरे कांई थारा जनम करम नै रो रयो छै
इन्दर देवता नै बी छोड दी पाल
ज्ये सावण भाद्या म बाजै छै बाल
अर फागण माय बहरया छै खाल
ई वजह सूं आपणा देश मायं
हर साल पडै छै काल
अरआवै छै भूछाल।

फोज मं भरती
एक दन अखबार मांय
फौज मं भरती होबा को
विज्ञापण पढयो
अर म्हारै बी फौज मं
भरती होबा को नशो चढयो
यार भायला ई म्हनै
अपणओ यो अरमान बतायो
व्हांनै म्हारे तांई समझायो
भाया थारे बी यो कस्यो क
भूत सवार होग्यो
म्हनै क्ही रे भायाओ,
यांह् बी डिग्राय ले र
रोता ई फरैगां
अलया गल्या में घांस चरै'गां
अर कोई दन फुटपात पै
लावारिशा की नाई मरैगा
ईं सूं तो छोखो छे कै
व्हां भारत माता की
रक्सा करता करतां मरैगां
छोखो खावैगा अर
छोखो ई पहरैगां
भारत मां की सेवा करैगा
देश खातर प्राण न्यूछावर कर र
कम सू कम
संहीदां की मोत तो मरैगा
मर्या पाछे बी यां
नेता कै तो काम आवैगां
ये जय जवान का
नारा तो लगावैगां
तहलका मचावेगा
लावारिशा सूं तो छोखा छा
मरयां पाछे बी भारत मां का
शहीद सपूत तो कहलावैगां।।

जन्दगाणी सूं मत ऐंठ
म्हानै क्ही रे भाया
जवानी का जोर पै
जन्दगाणी सूं मत ऐठं
अर कहमओ मान
तू बी लगाले हेलमेट
आजकाल उस्यांई जन्दगाणी की
घटती जा री छै रेट
आधी तो मंहगाई
अर बेकारी नै मार दी
बाकी नशा की
चढती जा री भेट
नशा मांय धूत हो र
मोट्यार पीढी
फूल स्पीड सूं
चला री छै वाहन
अर भरी जवानी मं
मौत की चढता
जार्या छै भेट
सडक्या पै
भेड बकर्या की नाई
कार मोटरां टरक चाल र्या छै
पग पग पै खतरो छै
सडक के च्यारू मेर्या
हर चौराय पै खडा छै
यमराज का दूत खोल र गेट
तू म्हारो ेक ही छै पूत
जल्दी मत कर
चाह्वै हो जावे तू लेट
फेर बी थारै का'ण
खुल्यां तो रै'गा
म्हारा घ का गेट
ऊं देख दा मथरो,
आख्यां सू
भल्याई आन्धो छै
कतणी हुश्यारी सू
सड़क पै चालर्यो छै
अपणी गरहस्ती नै पाल र्यो छै
आदमी भागम भाग की मार्या
आगै पाछै बी नै देखर्यो
खुद ही जीवण
जेवड़ी नै तोड़ र्यो छै
आपणा हाथा सूं
अपणो करम फोड़र्यो छै
भाया बड़ा बूढा की बात नै
तू जन्दगी का तराजू मं तोल
धारो जीवण म्हां सबके
का'ण छै अणमोल
म्हारा भाई
थारी नासमझी को कदी
म्हांनै चुकाणओ पडैगो मोल।।

सीलिगं की जमीन
म्हनै क्ही रे भाया रैबा दे
गीं जीने जाबा दे
अर रही जी नै रै'बा दे
आपणा देश मांय
ओर बी गरीब छै
व्हांनै बी खाबा दै
पण भायो नै मान्यो
जा लड्‌यो केस,
सीलिंग की जमीन को
गैल्या नै पांच साल तांई कमाई
व्हां सारी अदालतां मं ई गुमाई
फेर बी हार पांती आई
ऊं तो भलो होवै अमीन को
ज्ये ले दे र, पांच बीघा
सिवाय चक मं खाडग्यो
पण म्हारो बेटो,
पटवारी ठान्डग्यो
अर पटेला की पोल मैं बैठ'र
संदा खेत मं ईं, गहूं मांडग्यो
म्हनै कही रे, बेटी का बाप
यो काँी हाला बोल हो री छै
क्हां गी थारी अकल
कांई खूंटी ताण सो री छै
तू चणा अर धणा की ठाम पै
गंहू कस्यां मान्डग्यो
पटवारी बोल्यो
म्हूं तो अस्यांई मांडूगो
अर पोपाबाई को राज छै
अस्यांई ठान्डूगो।।

तन सूं घटग्यो कपड़ो
फैशन असी चलागी कै
तण सूं घटतो जार्यो छै कपड़ो
यचे कस्योक होर्यो छै लफड़ो
अब तो साफ सफाई का'ण बी
घरां मांयन ै मिलै
सूत को कपड़ो
अपमा अपणा स्वारथ खातर
आदमीया ई मतना नोचो
बेटी का बापओ अबतो
थोड़ी बहुत
मानवता की बी सोचो
ज्ये होर्यो छै वूंनै रोको
अरे थासूं तो छोखो छै वूं
मेलो कूचैलो कापड़ो
ज्ये आबरू तो ढांख ले छै
अर जद ढाखबा को नै रैं
तो थांका घरां मांय
साफ सफाई सारूं
बण जावै छै पोचो
थां तो पौच सूं बी
गजा गुजर्या छो
ज्ये सरे बजांरा
उगाड़ता फरै छै
अबला की आबरू
पोचो तो मेलो करे छै साफ
तां तिलक छापा
लगा र करो छो जाप
फेर दन भर करो छो पाप
अर फेला र्या छै देश मं
ज्यात पांत की छै राब
जी सूं सारो देश ई
मेलो हार्यो छै बापड़़ो ।।

छौटक्यां पै टोटक्या
म्हनै कही रे छौटक्या
भाया आज कस्यां
खा रयो छै तू झोटक्या
कै कोई नै करद्या थपै टोटक्या
यां फेरतू कर आयो कोई का खोटक्या
छोटक्यो बोलो दादा
म्हूं तो उस्यांई सीदो सादो छूं
काना सूं बहरो अर
आख्यां सू आन्धो छूं
म्हूं कांई भी करबा लाग्यो
कोई खा खोंटक्या
लोग उस्यांई
लड़ा र्या छै गोटक्या
म्हूं तो सुण ल्यूं छू गाल्या,
खाडै तो बी गाल्या सूं
कांई गुमड़ा होता
मीच ल्यूं छूं आख्यां,
खोटा करमा नै देखता होता
फेर बी कोई न्हंजीव नै साता
पड़ौसी करै छै चुगल्यां अर बातां
म्हनै क्ही रै छौटक्या
यां ई तो थंमै कमी छै
जदी पटेलां कै गहणै जमीं छै
उठ हक का'ण लड़बो सीख
थोड़ो तेज तर्रात दीख
फेर देख
कुण देवौग झोटक्यां
तू बी अन्याव कैसामै बोल
कुण आछ्यो छै
अर कुण बरो ऊंनै तोल
अर थारी बंद आख्यां नै खोल
तू बोल्यो'र
सब छानमून हो ज्यागा
हाकम, पटेल
सब घर मं घुस ज्यागा
गरीब को जागबो ई
देश को जागबो छै
ई लेखे छोटक्यां नै जगाओ
अर देश ई आगे बढाओ।।

शासण की जेवड़ी
आज ज्यांका हाथां
मांय छै शासण की जेवड़ी
वो सब अपणा अपणा ई
बांटर्या छै रेवड़ी
चाह्वै मन्त्री होवे या सन्त्री
अफसर होवे चाह्वे ठेकेदार
बरसा सू बणा र्या छै
गरीबां नै बावल्यां
सरकार बी हो री छै
अमीरां की बफादार
गांव अर गरीब की
जीकै कौनी दरकार
पण्डत जी रोज ही
गांव हाला ई बतार्या छै जंत्री
द्खार्या छै
गृहगोचर अर राशिफल
पण भाया गरीबां को तो
सदा ई फूटो भाग रैह्गो
ज्यां तांई ई देश मांय
राज तगड़ा को रैह्गो
व्है क्यूं अपणा पावां मांय
जाणबूझ र फावड़ो बावैगा
अर क्यूं गरीब का छोरा ई
शासण मायं जाबा की
गढार लगावैगा
पो तो पढया लिख्या कै तांई बी
नौकरी के अयोग्य बतावैगा
गरीबां का हक ई नमटावैगा
जदी जा'र तो अपणा
आवारा अर बिगड़ैल बैटा ई
व्हांकी ठाम पै नोकरी लगावैगा।।

भीखमंगो
आबा हाली सदी कै पहल्या ई
आपणो देश जस्याण
हो जावैगो भीखमंगों
अर आदमी बी
अस्यांई फरैगो नंगो
अल्यां गल्या माय होवैगा पंगा
अर ज्‌ात धरम का नावं सूं
नतकेई देश मांय होवेगा दंगा
कुड़सी की आग मांय जाणे
कतणाई निरदोस
जल जल मर जावैगा
गरीबा सूं तो व्हांका
दो टाबर बी नै पल पावैगा
पण देश का नेता तो
सबके तांई
बेवकूफ बणा र खावैगा
कदी राम का नावं पै तो
कदी आरक्षण का नावं पै
लोगांई एक दूसरा सूं लड़ावैगा
ना तो नो मण तेल होवैगो
ना ही राधा नाचैगी
नोकर्या तो छे ई कोई नै
सरकार सौ करोड़ का
बोझ नै कस्यां
लांरा ले'र चालेगी
म्हनै तो असी लाग री छै
कै आबा हाल दना मांय
आपणा देश ममं बी
दन दोपहरा ई पकड़ा धकड़ी,
हत्या अपहरण
डकैत्यां अर समे आम
लूट कसोट माचैगी
अर मौत सडक्यां पै नंगो नाच नाचैगी।।

घोर होर्यो छै
अजी कै भाई साहब
यो कस्योक घोर अंधारो होर्यो छै,
अजी यो आपणा देश को
टापरो तो देखो च्यारू
मेर् सूं ई चौ र्यो छै
म्हनै क्ही रे भाया
तनै तो आपमा
टापरा की पड़ी छै
व्हां देख पैन्टागन
जसी इमारतां को मलबो देख र
राष्टपति बुश अर
सारी अमरीकाई रो री छै
हे म्हारा भगवान
महाशक्ति होर बी
खोजी उपग्रहा मं ई खो री छै
परमाणु बम्ब की
रमजाई ओढ र
पटैलां का डावड़ा की
नाई सो री छै
अब जा'र पतो लाग्यो छै
अर जाग्यो छै जद
माथा पै गड़ा पड़ग्या
अतणा दना सूं तो बैर्या सू
दूसरा का टापरा पै
भाटा फकवार्यो छो
रोज धमाका करवाबा का'ण
सपौलयाई उकसा र्ये छौ
ढाड़ी हाला नाग कै तांई
सोना क कटोरो मांय
दूध पिलार्या छा
पण भाया नाग तो
नाग ई होवै छै
एक नै एक दन तो
बदलो ले'र जावै छै
देख ली नै जी थाली मैं
खायो वूंमै ई छेद करद्यो
अब पतो लाग्यो कै कीचड़ मै
भाटो फांकबा सूं तो
दाग लागै ई छै
अबह कांई होवै छै पछताबा सूं
जद चड्या खेत नै चूगगी
पण रुखालो देखो
खूंटी ताण'र सो र्यो छै।।

बाबो गानी कहर्यो छै
हे राम जी
म्हार दे माय
यो कांई होर्यो छै
सरग मांय पड्यो पड्यो
बाबो गान्धी कहर्यो छै
एक तो काल का साल कै मांय
भूीख अर प्यास की मार्या
जण जण रो र्यो छै
फेर बी म्हारा देश को नेतो
काना माय तेल डाल र
नछक नीन्द सोर्यो छै
अर उठतांई कहर्यो छै कै
आपणा देश मांय ई साल
डान्डया डान्स कस्योक होर्यो छै
अजी डान्डया डान्स कांई
ऊंकी आड मैं रोमान्स होर्यो छै
आबाहाली मोट्यार
पीढी को सत्यानाश होर्यो छै
थां भल्याई मानो या नै मानो
म्हारी नजर मै तो यो
राण्डया डान्स होर्यो छै
ई पै लगाम कसो नै तो
अब तो यो
अश्या आयोजनां की आड ले'र
छोखा मजा को धन्धो होर्यो छै
ई की वजह सूं
देश की सभ्यता अर
संस्करति को दना दन
भाव मन्दो होर्यो छै।।

जुगत बठाण
म्हनै क्ही रै भाया
तू बी जगुत बठाण
अब तो तू बी
मुछ्या हालो होग्यो
सब कै पास धन दौलत
हो री छै बे परमाण
आ र्यो छै जीवन
मांय सब के उठाण
पण आपण तो दन दन ई
आता जार्या छा उठाण
ऊं नै क्ही रे दादा
आपणी तो किस्मत ई फूठी छै
अर लछ्मी आपण सूं रुठी छै
गांठ की पूंजी तो लगाद्या छा
खेती बाडी माय
फसलां घर तांई बी नै पूगै जीकै
पहल्याई परकरति को
परकोप हो ज्यां छै
कदी आग, बैमोसम मावठ अर
गड़ा की मार्या
उठ जावै छै अध बीचां म ई ख'लाण
आपण तो खेतां माय
खून पसीणओ एक करै छा
तो बी फल कांी बी नै मिले
अर देश का नेता ई देख
नुवा नुवा तरीका सूं गराबई
उल्लूबण ा र्या छै
आपमई दुकान चलार्या छै
अर आपण नै ई
लूट लूट र खार्या छै
कोरा सूखा आश्वासना सूं
आपमओ पेट भर र्या छै
कदी मन्दर, कदी मस्जिद का
नावां सूं लोगा ई भरमा र्या छै
जवानां अर करसाण का
नावां का थोथा
नारा लगार्या छै
करसा मजूर्या
भूख मर र्या छै
पण परजातन्तर माय तो
गधेड़ा गुलाब जामुण चर र्या छै।।

म्हाको देश महान
¤êüÜÖÖê ´ÆüÖÛúÖê ¤êü¿Öदेखो म्हाको देश
कतनो महान छै
ज्यां अमीरां का छोरा तो
पाचं सितारा
होयटलां मायं खावै छै
अर तरणतालां मै नहावै छै
पण गरीबा का जाय तो
भूखा बासी
फूटपाथां पै ई सौ जावै छै
कांी बापूं को अस्यांई
राम राज को छो अरमान  ?
कांई यो ही छै
अहिसां, परोपकरा
अर जनकल्याण ?
ज्यां कुत्ता बल्लाय की मौत
मर र्यो छै इन्सान
एक को मन्दर को
छै अरमान तो
दूसरा को जैहाद
को छै फरमान
पण या दो पाटा का
बीच मं फंसैगो अर मरैगा
व्हैं बी तो आखिर छै इन्सान
फेर बी कहता फरर्या छा
देखो म्हाको भारत
कतनो छै महान।।

बोलता का बूमला
बोलतां का बूमला बकै छै
अण बोल्या की
घर रास बी नै बकै
आजकाल टी वी,
अखबारां, सड़क्या पै
विज्ञापण छा र्या छै
बापड़ी जनता नै
बावल्या बणा र्या छै
बूढी घोड़ी कै तांई बी
जवान बछैरी बता र्या छै
कोलगेट सूं दांत चमकार्या छै
लक्स साबण सूं नुवार्या छै
नवरतन तेल रगा र
फूल बणा र्या छै
भल्याई होवे
कतणी बी काली
लगा लगा र
क्रीम पाउडर, सेम्पू, लाली
राजकुमार की
साली बता र्या छै
अर पाचं की चीज
पच्चीस म चपका र्या छै
खराब चीजाई
सबसूं बढ्या बत्ता र्या छै
फैशन अर डुप्लीकेसी का
ई जमाना मै
चमक दमक अर
फेन्सी सामाना की आढी जावै छै
ज्ये आग्या यांका चक्कर मै
व्हासूं तो गाढी बणाज्यां छै
व्हांकी गरस्थी मै
झाग अणाज्यां छै
विज्ञापण तचो
विज्ञापण ई होवे छै भाया
कांई साबण सूं होवे छै
कै कोमल काया
लोग बाग नै समझ पार्या यांकी माया
विज्ञापना मं बालक अर
लूगाया ई जादा आवै छै
व्हांई पतो छै कै बालहट अर
तर्याहट कै सामै
हर कोई पिघल जावै छै
ई वजह सूं हर कम्पनी
अपणी चीजाईं छोखी बतावै छै
बढा बढा पहल्यांई कहग्या छै कै
अपणी माई कै तांई
डाकम कुण बतावै छै।।

बाड़ा ढाकैगी
आजकाल की मोट्यार पीढी
घमई बगा'र री छै सैखी
सस्कंारां अर सस्कंृति की
कर री छै घमी अणदेखी
भजन भाव छोडद्या
इलू इलू गा र्या छै
काण कायदो भूलग्या
नित नया तेवर दिखार्या छै
केरियर डे नै भूल र
बेलेैन्टाइन डे मना र्या छै
सुदेशी नै छोड र
विदेशी नै द्या रया छै
दूथ राबडी नै भूलग्या
फास्ट फूड खा रया छै
मोबाईल सूं
दिल का तार मलार्या छै
इन्टरनेट पै
भायल्या पटार्या छै
ई मेल सूं
बेमेल रिश्तो कर
मां बापाई प्रेशर मं
ला र्या छै कै तो
यानै मन चाह्यो करबाद्यो
वरना आत्महत्या की
धूसं बतार्या छै
अब तांई बताओ
यां 21 वी सदी की
फसल कस्यां पाकैगी
म्हनै तो असी
लागै छै कै यांकी
औलादां तो होता ई
बाड़ा ढाकैगी।

बैंक हो र्या छै बोहरा
आजकाल काश्तकारां कै
बैंक हो र्या छै बोहरा
अर खेता मै तो
डरेना ई हो री छै धोरा
अर गावां मै बी
शहरां की नाई
पढ लिख्या बगड र
तीन कोढी का
हो र्या छै छोरा
अकड़ र होर्या छै अमचूर
देख देख फिल्मी सीड्या
फैशन मायं हो र्या चूर
ज्ये संस्कारां अर मां बापा सूं
होता जा र्या छै दूर
खन्धावै तो खेत मै छै
गल्या मायं जा र्या छै
इश्क मै पागल हो र
म्हसूं शादी करेगी कै
आठो पहर बड़बड़ा रया छै
कदी गाड्या का होरन
कदी मोबाईल की
घन्ट्या बजा र
दन भर छोर्या कै पाछे ई
भूर्या खा र्या छै
मां बापा की उम्मीदा कै
पलीतो लगा र
ई देश को आबा हालो भविष्य बता र्या छै।

परदेशी बूलं
म्हनै क्ही छी
भायाओ मत लगाओ रे
था ये परदेशी बूंल
देखल्यो अब गली गली
अर गांव की पगड्न्डया मैं
थांकै ई घंस र्या छै शूल
पण र्वू बगत म्हांकी नै मान्या
अब भूगतो क्यूं खून का
ासू टपका र्या छै
कहै छा ईसूं जंगल बढैगा
परयावरण सुधरैगो
मोसम को मिजाज बदलैगो
अर जीसूं देश मायं
बरसात को पाणी बरसैगो
कतनो जंगल बढ्यो,
परयावरण कतणो सुधरयो
अर कतणो क बरस्यो पाणी
तीन साल तो पहल्या ई
पड़ ग्यो छै काल
अर खूटो सट्ट
पडयो रहग्यो छो माल
कोई नै बी नै
ली आ र सम्भाल
ई वजह सू अपणा संसाधनाई
जादा अजमाओ अर यां
परदेस्यां पै अतणो
भरोसो मत करो कै ठग्या जाओ
ये तो बौपारी छै
ज्ये कमाबा आवैगा अर
एक दन कमा'र ले ज्यागां
अर थांकै मंहगांई,
बेकारी को घाव कर र,
वूंमै कंगाली को
शूल चुबो जावैगा।

घोड़ा मै एड्स
पहल्यां तो आदमियां के ई होवे छो
पण अबतो घडोा कै बी
एड्स को रोग हो र्यो छै
आदमी यां कह रयो छै कै
माच्छर ईको बीज बो रयो छै
भायो माच्च मांख्या तो
पहल्यां बी
भारत में रह र्या छै
देश मै पहली तो या
बैमारी नै होई
पहली होवे छो
गावां मै अकातरो
एक दन छोढ र
एक दन आवे छो
अर देवी देवता का डर की
मार्या ई जाणे भाग जावै छो
जद सूं विदेशी सामाना की
बैमारी लोंगां मै लागी छै
देश मै जद सूं ई
नूई नूई बैमार्या आ री छै
घोड़ा तो राजा का जमाना मै
घणा जबरा होवै छा
फेर बी अस्याण की
भैमार्य नै होई
ये तो विदेस्यां
कै द्वारा फेलाईगी
अर आपणा देश मं
मंगाई गी छै
ये बिदेस्यां की चालां छै
ज्ये ईदेश ही
बरबाद कर र छोडैगा
ज्ये विदेशी सामानां का
मोहताज रै'गा
व्ही अस्याण की
बैमारया सूं मरता रै'गा।।

कोल्हू का बैल होग्या
आछ्या भला लोग जस्यांण
कोल्हू का बैल होग्या
नगंदड़गं आया छा
क्यू माया मं रोग्या
चेन कोनी खा बा,
पी बा, सोबा की
दन रात आपाधापी
माया कमा बा की
भागम भाग म परेम अर
अपणओ पण गुम होग्यो
भूल ग्या लोग माई बाप,
भाई बहण्या का सगपण नै
रपट र्या छै
माया की रपटण मै
खून ई खून सूं
दगो कर रयो छै
फुरसत कोनै
घड़ी पलकां की बी
उंबो रह र बतलाबा की

बैवड़ा की छण री छै
पहल्या आदमी भल्याई
मांग मांग र खा ले छो चून
पण आजकाल तो
गन्डकड़ाई मा र व्हांको
पी र्यो छै खून
हे भगवान आदमी कै यो
कस्यो क चढयो छै जनून
साधू बजावे छा मन्दरां में
घन्ट्या अर गावै छा राम धुन
पण आजकाल्ह
व्है बी लाग र्या छै
ओर ही धुन पै
अर गा र्या छै
माया का गुण
अब कस्यां यांपै अर
यांका परबचना पै
बस्वास करां
अर कस्यांण
देवता को ध्यान धरां
कस्या गंगाजी की
कसम खावां
अब तो गंगा जी बी
बोतला मै
बन्द हो र बजारां
मायं बिक री छै
आपमै याहुं तो आजकाल्ह
करसाणआ ई पाणी का'ण
गोल्या खाणी पड़ री छै
पण बेवड़ा की तो
छोखी छण री छै
क्यूंकि पोपाबाई का राज मं
दारु की नंद्या बह री छै।।

नेता सूं घबरावै छै
जन्दगी एक नन्दी छै
अर हाथ पावन नाव छै
आज गांव गांव
अर घर घ माय
मंहगाई अर बैकारी को
सबकेई घाव छै
गरीब्या कै तो सदा ई
लूण तेल अर
लाकड़ी को अभाव छै
अर देश का नेता कै
हो र्या छै मालामाल
पण व्हांको अठपहर
झूठ बोलबा को सुभाव छै
सांच बात तो
मरता मरता ई बतावै छै
लोग बाग इनै
आकरी इच्छा बतावै छै
आदमी कै दो हाथ
अर पाव होवे छै
जी सूं एक बुरो
करम करै छै तो
दूसरो पछतावै बी छै
पहल्यां तो लोग
राक्ससा सूं घबरावै छा
आजकाल लोग बाग
पुलिस्या अर यां नेत की
मार्या घबरावै छै
अर दन रात यांकै पाछै
भूरया खावै छै।।

करसण भगवान गांव मै
एक दन करसण भगवान
म्हांका गावं मै
तलाव की पाल पै मिल्या
म्हनै पूछी भगवन
आप यंहां कस्यां
म्हांका करम खोड़ला गांव
मांय कंहा सूं आण फस्यां
यंहा पै तो पराणी गैल्या
अर गाडा की
गडारा बी मटरगी
जद सूं या
नगरपालिका बणी छै
गन्दकी च्यांरू मेर्याई पसरगी
ज्ये पहली सुख सुविधा छी
व्हां बी अब सारी ई नमटगी
व्हे तो नला का
पाणी सूं नहा र्या छै
म्हाकै तो तलाव को
पाणी बी सूखाद्यो
प्रभु अब नै
यहां कम्ब छै नै
कदम्ब की कोई डाली
नै गोप्या छै
ना ही कोयलां काली
तीनम च्यार साल सूं
पडर्यो छै काल
जी की मार सूं
मना नै पार्या म्हां
आछ्या से'क द्वाली
अर गांया की बी
म्हां नै कर पाया रुखाली
बांधण्या हाथ मै ले'र
तिलक लगा'र
व्हासूं बिदा ली
आप ही बताओ
प्रभू टाबरां को ही
पेट नै भर पा र्या
फेर कस्यां'ण
पाला म्हां गऊं काली।।

घीसोड़ो होगी जन्दगी
अब तो घीसौड़ो
होगी जन्दगी
घसीटता घसीटता
घ'स जावै छा
पहल्या घीसौड़ा
अब मंहगाई अर
काल की मारया
टूट गया छै म्हाकां गौडा
पहली धंसै छा सूल
जद जा'र काटै छा र्बूलं
अब काल माय
काटर्या छा बूंल
फेर बी भूखा की मारी
पेट माही धंस र्या छै सूल
अन्न पाणी अर पी'सा बिना
घर माही उडै छै धूल
धूलदाणी अर
शरम सूं होग्या पाणी
कांई कंरा चेहरा की बी
अब तो उतरगी नूराणी
जद सूं आई छै
घर मंं कौराणी
अब तो घरने बेठ्या बेठ्या ई
चुब र्या छै रिश्ता का सूल
लाम्बक बरणा होग्या
खून का रिश्ता
जाणे नमट गया
बोज सो'क लागबा
लाग ग्यो बेटा बहू नै
मांई बाप को बूढापो
अब कूण'का
खेत म जा'र लगावा बाडो
घर माही नै
बच्या बैल'र कूली
अब तो ढुन्ढया
ढुन्ढया बी नै मिले
रास जैवड़ी अर नाडी
जी सूं लगौ सका सूली।।

सांवरां थारै कांई चढाऊं

कांई तो ओढू अर
कांई म्हूं बछाऊं
अरे म्हारा सावंरा
थारै कांई चढाऊं
म्हारी या हालत देख
कूण नै जा'र बताऊं
कंगाली नै
करद्यो आटो गीलो
कस्याण करूगो
छोरी का हाथ पीला
अस्यो ई ब्याई
मलग्यो म्हनै हटीलो
अर जी को छोरो घटीलो
बाप र बेटो दोन्यूं
गणा तेज तर्रार छै
बाप भोटी तलावर छै
तो बेटो छूरी छै
अर डायजा की मार्या
शादी ब्याव का बन्धणा माय
दना दन बढ री दूरी छै
आजकाल रंग रूप सूं कौने
म्हारा बेटा ई
नोटा सूं परेम छै
म्हनै क्ही रे बेटी का बाप हालाओ
यो पीसो टको तो
हाथा को मेल छै
ई पै क्यूं मर र्यो छो
अर डायजा का नावं सू
क्यूं बेट्या पै
अत्याचार कर र्या छो
आज तो छोरो छै
जीसूं भाव बढ र्‌या छै
जी दन छोरी को ब्याव करैगा
ऊं दन पतो लागेगो कै थांकी
तल्लया मायं कतणो तेल छै
भायाओ शादी ब्याव नै
थां सारई मत समझो कै
डायजा को खेल छै
यो तो दो जन्दगाण्यां को
सात जन्मा को पवित्र मेल छै।।

शूल
अजी कै भाई साहब
कांई बताउं थाी
होग्या अब म्हां तों
परदेशी बूंल की नाई
अर लोंगा कै
चुब ग्या शूलं की नांई
या तो उपर हाला अर
परकरती की करपा छै म्हापै
लोग बाग भल्याई
कतनाई कुवाड्या चलाओ
वो जतणा
काटैगा म्हाकां पावं
उतणोई जादा
चालैगो म्हाको नांव
व्है कंहा तांई लोगा की
आख्यां मायं फांकैगा धूल
कंहा तांई बण्या रै'गा
कागजी फूल
बाण्यो तज दे
धरम की थागड़ी
अर लूगाया छोड़ दे
घूंताबो राखड़ी
पण म्हांकी तो बणी रै गी
बचना की पागड़ी
कतणाई चलाता र्हो गोल्या
रोज खेलता र्हो
खून की होल्या
गरीबां की करद्यो
खाली झोल्या
अमीराओ कर ल्यो
काली नै धोली,
म्हां तो काम चला लैंगां
बेच र मो'ली
कतणो ई पड जावै काल
सूखो रै' भल्याई माल
आढा बगत मं तो
माही काम आवैगां
बाड़ बण'र
हरया खेत ई बचावैगां
अर लाकड्‌यां बण र
थांकै आखीर बगत मं भी
म्हांई तो काम आवैगां
अर थानै जला'र
राख बणा जावैगां।

 

 
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